हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव बसई में रात को घर में सो रहे परिवार के सदस्यों को, किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा घर में आग लगाने का मामला प्रकाश में आया है। आरोपी दीवार फांदकर घर में घुसा। पीड़ित महिला की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लगी है। गांव बसई निवासी सीमा देवी ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि उसका पति विदेश में नौकरी करता है। घर पर वह उसकी सास व उसके दो बच्चे रहते हैं। 12-13 अगस्त की रात को वह, उसकी सास व उसके दोनों बच्चे अपने बेडरूम में सो रहे थे। बेडरूम की खिड़की खुली हुई थी। अचानक से हमारे बैड-रूम में धुआं उठा तो हमने देखा की पर्दों में आग लगी हुई थी। उसने बताया कि आग की वजह से AC भी जल रहा था। यह घटना रात लगभग 2 बजे की है। हमने बाहर निकाल कर देखा तो कोई अज्ञात व्यक्ति दीवार कूद कर भाग गया। फिर हमने शोर मचाया तो पड़ोसियों ने आकर आग को बुझाया। हमने आग लगने वाले व्यक्ति को अपने लेवल पर काफी तलाश किया लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव बसई में रात को घर में सो रहे परिवार के सदस्यों को, किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा घर में आग लगाने का मामला प्रकाश में आया है। आरोपी दीवार फांदकर घर में घुसा। पीड़ित महिला की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लगी है। गांव बसई निवासी सीमा देवी ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि उसका पति विदेश में नौकरी करता है। घर पर वह उसकी सास व उसके दो बच्चे रहते हैं। 12-13 अगस्त की रात को वह, उसकी सास व उसके दोनों बच्चे अपने बेडरूम में सो रहे थे। बेडरूम की खिड़की खुली हुई थी। अचानक से हमारे बैड-रूम में धुआं उठा तो हमने देखा की पर्दों में आग लगी हुई थी। उसने बताया कि आग की वजह से AC भी जल रहा था। यह घटना रात लगभग 2 बजे की है। हमने बाहर निकाल कर देखा तो कोई अज्ञात व्यक्ति दीवार कूद कर भाग गया। फिर हमने शोर मचाया तो पड़ोसियों ने आकर आग को बुझाया। हमने आग लगने वाले व्यक्ति को अपने लेवल पर काफी तलाश किया लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर हरियाणा के हिसार मे इसे संयोग कहा जाए या वर्करों-नेताओं की उदासीनता, जिसके चलते उन विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को हुई मतदान में मतदान प्रतिशत घट गया, जिन हलकों के नेताओं को पार्टियों ने टिकट नहीं दी। इसमें आदमपुर, उचाना और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन तीनों क्षेत्रों से कई बड़े नेता अपनी पार्टियों में टिकट के दावेदारों में थे। आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई और नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं उचाना से बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए हिसार से टिकट मांग रहे थे। मगर इन तीनों को ही कांग्रेस और भाजपा ने टिकट न देकर बाहर से उम्मीदवार लाकर उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि तीनों ही अपनी पार्टियों से नाराज होकर प्रचार से दूर हो गए। हालांकि भाजपा अपने नेताओं को मनाने में कामयाब रही, मगर बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई। बीरेंद्र और बृजेंद्र सिंह दोनों ही कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश के प्रचार से दूर ही रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। बाहरी उम्मीदवार से जनता नाराज दिखी
आपको बता दें कि हिसार में सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहर से कैंडिडेट लाकर मैदान में उतारे। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया। रणजीत चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं और सिरसा की रानियां सीट से विधायक थे। इन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया। जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा से आते हैं और यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार जजपा ने नैना को मैदान में उतारा जो सिरसा डबवाली की रहने वाली हैं। वहीं सुनैना चौटाला भी डबवाली से हैं। हालांकि नैना आदमपुर की दड़ौली और सुनैना दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। मगर लोगों में इसकी नाराजगी दिखी की चारों प्रमुख पार्टियों ने बाहरी लोगों को मैदान में उतारा। पहली बार चुनाव से दूर रहा बिश्नोई परिवार
हिसार लोकसभा में 2009 से लगातार बिश्नोई परिवार चुनाव लड़ता आया है। स्व. भजनलाल ने 2009 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई 2011 में हिसार से सांसद चुने गए। 2014 में कुलदीप ने फिर हिसार से चुनाव लड़ा मगर हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य को मैदान में उतारा मगर वह हार गए। मगर इस बार बिश्नोई परिवार चुनाव से दूर रहा। इसका असर भी वोटिंग में देखने को मिला। कुलदीप समर्थकों में उत्साह कम देखने को मिला। आदमपुर में 2019 के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला। आदमपुर में 2019 में पिछली बार लोकसभा में सबसे अधिक 77.74 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2024 में यह आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया है। वहीं अगर इससे पहले भी देखा जाए तो 2014 में आदमपुर में 78.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार दूर रहा
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार के चुनाव से दूर रहने और मौजूदा विधायक दुष्यंत चौटाला से हलका वासियों की नाराजगी का असर भी उचाना में देखने को मिला। बीरेंद्र सिंह उचाना से ही बसरों से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने इस बार भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बेटे के लिए हिसार से टिकट चाहते थे मगर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस में बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने से नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए और सिरसा में ही पिता-पुत्र प्रचार करते दिखे। इसका असर उचाना में वोटिंग पैटर्न पर भी पड़ा। उचाना में 2019 के मुकाबले 7.21 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में उचाना में 72.62 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं 2024 में 65.41 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं। उकलाना में सैलजा और नारनौंद में कैप्टन की बेरुखी रही
मूलत उकलाना के गांव प्रभुवाला की रहने वाली सैलजा हिसार के चुनाव से दूर रही। वह हिसार से अपने पसंदीदा कैंडिडेट को टिकट दिलाना चाहती थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सैलजा को खुद सिरसा से लड़ना पड़ा और हिसार से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जयप्रकाश जेपी को टिकट मिला। इसके कारण सैलजा व उसके समर्थक चुनाव से दूर रहे। वहीं नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से टिकट मांग रहे थे मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण कैप्टन कई दिनों तक प्रचार से दूर रहे। यहां तक की उनके समर्थक भी लगातार चुनाव प्रचार से दूर रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। उकलाना और नारनौंद में भी पिछली बार की तुलना में मतदान में गिरावट देखने को मिली। देखें हिसार लोकसभा में चार साल में मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में कहां कितना घटा मतदान हिसार लोकसभा में 2024 और 2019 का वोटिंग प्रतिशत
करनाल में पिछड़ा वर्ग की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित:हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस से 15 टिकटों की मांग, नेता प्रतिपक्ष को सौपेंगे ज्ञापन
करनाल में पिछड़ा वर्ग की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित:हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस से 15 टिकटों की मांग, नेता प्रतिपक्ष को सौपेंगे ज्ञापन हरियाणा में करनाल के जाट भवन में पिछड़ा वर्ग के कांग्रेस नेताओं की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग के नेताओं ने विधानसभा चुनाव से पहले बैठक कर अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए आवाज उठाई। बैठक में मौजूद कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग के नेताओं ने कहा कि हरियाणा की आबादी में उनकी हिस्सेदारी 32 फीसदी है। जनसंख्या के आधार पर उनके वर्ग को पार्टी में पूरा सम्मान मिलना चाहिए। बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि उनके वर्ग की 18 मांगें हैं। वे जल्द ही इन 18 मांगों को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सौंपेंगे। पिछड़ा वर्ग के कांग्रेस नेता इंद्रजीत ने कहा कि पिछड़ा वर्ग की 32 फीसदी आबादी के अलावा मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राजनीति में 16 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। उसके अनुसार पूरे हरियाणा में 15 टिकट पिछड़ा वर्ग के लिए हैं। अगर हरियाणा में पिछड़ा वर्ग की बात करें तो पूरे प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के नेता काफी मेहनत करते हैं। हरियाणा में 15 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जहां से अति पिछड़ा वर्ग के हमारे नेता जीत सकते हैं। पिछली बार दिए गए थे 6 टिकट पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा के कार्यकाल में छह टिकट दिए गए थे, दावे तो हर पार्टी करती है लेकिन दावे हकीकत से कोसों दूर होते हैं, इस सवाल के जवाब में इंद्रजीत ने कहा कि पिछली बार भी प्रस्ताव रखा गया था और चाहे कोई भी पार्टी हो, वह टिकट देते समय सभी तरह के समीकरण देखती है और हमारा मानना है कि पिछली बार कांग्रेस पार्टी ने जो छह टिकट दिए थे, वह बिल्कुल सही थे, क्योंकि हमारे जीतने वाले उम्मीदवार भी छह थे। अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी से मिलेंगे इंद्रजीत ने कहा कि आज सभी ने प्रस्ताव पारित किया है कि जल्द ही एक बड़ी जनसभा होगी, जिसमें अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, दीपक बाबरिया, कुमारी शैलजा, भूपेंद्र हुड्डा और अन्य सभी नेताओं को बुलाया जाएगा और उनके सामने अपनी मांगें रखी जाएंगी। संगठन में भी आरक्षण दिया जाए कांग्रेस नेता राजीव सैन ने कहा कि हमारी मांग है कि कांग्रेस हमें 16 प्रतिशत आरक्षण दे। हरियाणा में हमारी 15 सीटें हैं। इन 16 प्रतिशत टिकटों में ही नहीं, बल्कि कांग्रेस का जो संगठन बनेगा, उसमें भी पिछड़े वर्ग को जगह दी जाए। पिछड़े वर्ग की यह मांग आज से नहीं बल्कि पिछले 70 सालों से है और यह हक मिलना चाहिए। जब तक सीटें आरक्षित नहीं होंगी, तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
हिसार में रेप के दोषी को 20 साल की सजा:छात्रा को शराब पिलाकर 5 दिनों तक किया बलात्कार, 1 लाख का जुर्माना
हिसार में रेप के दोषी को 20 साल की सजा:छात्रा को शराब पिलाकर 5 दिनों तक किया बलात्कार, 1 लाख का जुर्माना हरियाणा के हिसार जिला में छात्रा से रेप करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक सिंगल की अदालत ने युवक को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। वही अदालत ने दोषी को 1 लाख का जुर्माना लगाया है। दोषी ने खुद को टीचर बताया था। वह छात्रा को लुधियाना ले गया, जहां होटल में ले जाकर रेप किया। मामले में पीड़िता की मां के बयान पर उकलाना थाना पुलिस ने 3 जनवरी 2021 को केस दर्ज किया था। शराब पिलाकर रेप उकलाना थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाली छात्रा स्कूल गई थी। इस दौरान स्कूल के गेट पर उसे एक युवक मिला। जिसने खुद को टीचर बताया और वह छात्र को उकलाना से लुधियाना ले गया। युवक ने एक होटल में ले जाकर छात्रा को शराब पिलाई और आरोपी ने लगातार 5 दिनों तक रेप किया। इसके बाद आरोपी छात्र को उकलाना में छोड़कर भाग गया। छात्रा ने परिजनों को बताई आपबीती पुलिस को दी शिकायत के अनुसार छात्रा ने घर पहुंच कर परिवार वालों को सारी घटनाओं से अवगत करवाया। इसके बाद पीड़िता की मां अपनी बेटी को उकलाना थाना ले गई। पुलिस ने पीड़िता की मां के बयान के आधार पर धारा 376, 365, 506, पोक्सो सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।