भाई बहन के अटूट संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर फरीदकोट जेल प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए, ताकि बहनें अपने भाइयों से मिलकर उनका हाल-चाल जानने के साथ ही उनकी कलाइ पर राखी बांध सके। जेल प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधन के साथ 10-10 के ग्रुप में जेल में बंद हवालाती व कैदियों को अपनी बहनों के साथ मिलने का मौका दिया। इस दौरान जेल के अंदर जहां पर बहने अपने भाइयों से मिल रही थी वहां का माहौल पूरी तरह से भावुक दिखाई दिया। कई बहन भाइयों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, यह दृश्य देखकर कोई भावुक दिखाई दिया। आसपास के राज्यों से पहुंची बहनें फरीदकोट जेल में 2000 से ज्यादा कैदी व हवालाती बंद है जिनकी बहनें रक्षाबंधन के पर्व पर मिलने के लिए आई थी। बड़ी संख्या में पंजाबी ही नहीं आसपास के राज्यों से बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए पहुंची थी, जिससे जेल की बाहर मेला जैसा माहौल दिखाई दे रहा था। फरीदकोट सेंट्रल जेल के अधीक्षक राजीव ने बताया कि जेल प्रशासन द्वारा रक्षाबंधन को देखते व्यापक स्तर पर तैयारी की गई थी। 10-10 के ग्रुपों में जेल में बंद कैदी व हवालाती अपनी बहनों के साथ मिल रहे थे। बहन-भाइयों की कलाइयों पर राखियां बांध रही थी। जेल प्रशासन द्वारा मिठाई का प्रबंध किया गया था। जिन बहनों ने राखियां नहीं लाई थी,उनके लिए अलग से भी प्रबंध किया गया था। भाई बहन के अटूट संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर फरीदकोट जेल प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए, ताकि बहनें अपने भाइयों से मिलकर उनका हाल-चाल जानने के साथ ही उनकी कलाइ पर राखी बांध सके। जेल प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधन के साथ 10-10 के ग्रुप में जेल में बंद हवालाती व कैदियों को अपनी बहनों के साथ मिलने का मौका दिया। इस दौरान जेल के अंदर जहां पर बहने अपने भाइयों से मिल रही थी वहां का माहौल पूरी तरह से भावुक दिखाई दिया। कई बहन भाइयों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, यह दृश्य देखकर कोई भावुक दिखाई दिया। आसपास के राज्यों से पहुंची बहनें फरीदकोट जेल में 2000 से ज्यादा कैदी व हवालाती बंद है जिनकी बहनें रक्षाबंधन के पर्व पर मिलने के लिए आई थी। बड़ी संख्या में पंजाबी ही नहीं आसपास के राज्यों से बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए पहुंची थी, जिससे जेल की बाहर मेला जैसा माहौल दिखाई दे रहा था। फरीदकोट सेंट्रल जेल के अधीक्षक राजीव ने बताया कि जेल प्रशासन द्वारा रक्षाबंधन को देखते व्यापक स्तर पर तैयारी की गई थी। 10-10 के ग्रुपों में जेल में बंद कैदी व हवालाती अपनी बहनों के साथ मिल रहे थे। बहन-भाइयों की कलाइयों पर राखियां बांध रही थी। जेल प्रशासन द्वारा मिठाई का प्रबंध किया गया था। जिन बहनों ने राखियां नहीं लाई थी,उनके लिए अलग से भी प्रबंध किया गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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