हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में सोमवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। भारतीय चिकित्सा संघ के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। आज भी मरीजो को अस्पतालों में इलाज नहीं मिलेगा। शनिवार से शुरू हुई हड़ताल रविवार को छुट्टी होने के कारण आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गई है। ऐसे में आज भी मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ेगी। रेजिडेंट डॉक्टर के बाद हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) भी हड़ताल पर है। जिससे प्रदेश में इससे स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई है। अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं चालू रही। पश्चिम बंगाल की घटना पर भड़के डॉक्टर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में देशभर के डॉक्टर भड़क उठे हैं। इसी कड़ी में हिमाचल में भी रेजिडेंट डॉक्टर 14 अगस्त से हड़ताल पर है, और शनिवार से इसमें सीनियर डॉक्टर भी समर्थन में हड़ताल में उतर आए हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गाड़ी पटरी से उतर गई है। हिमाचल प्रदेश में अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में उपचार को पहुंचते है। इसी तरह प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आते है। जिन्हें डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। ओपीडी में इलाज, ऑपरेशन, सर्जरी कुछ नहीं होगा आज शनिवार को ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं बैठने से मरीजों को बिना उपचार के लिए वापस लौटना पड़ा। आज भी डॉक्टर ओपीडी में नही बैठेंगे। डॉक्टरों की चल रही हड़ताल के कारण मरीजों का ओपीडी में नहीं इलाज होगा और नियमित ऑपरेशन भी नहीं होंगे। आपातकालीन सेवाओं को छोड़ कर बाकी सब सेवाएं ठप रहेगी। डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी वहीं डॉक्टरों ने अलग-अलग जिलों और अस्पतालों में प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों हॉस्पिटल में आज भी डॉक्टर इलाज नही करेंगे। यदि मरीज दूरदराज क्षेत्रों से हॉस्पिटल पहुंचे तो शनिवार की तरह ही बिना इलाज के वापस लौटना पड़ सकता है। IMA का रेजिडेंट डॉक्टरों को समर्थन IMA के राष्ट्रीय इकाई के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन के ऐलान के बाद हिमाचल डॉक्टर एसोसिएशन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FOAIA) ने सोमवार को भी हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। 14 अगस्त से हड़ताल पर रेजिडेंट डॉक्टर हिमाचल में 14 अगस्त रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से केवल मेडिकल कॉलेज में ही स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा था, क्योंकि 4 दिन तक रेजिडेंट डॉक्टरों ही हड़ताल पर थे। मगर शनिवार से कंसल्टेंट डॉक्टर भी हड़ताल कर रहे हैं। इससे मेडिकल कालेज के साथ साथ प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं चरमाई है। कल रविवार होने के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिला और आज डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है, तो आज भी मरीजों को इलाज नहीं मिलेगा। हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में सोमवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। भारतीय चिकित्सा संघ के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। आज भी मरीजो को अस्पतालों में इलाज नहीं मिलेगा। शनिवार से शुरू हुई हड़ताल रविवार को छुट्टी होने के कारण आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गई है। ऐसे में आज भी मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ेगी। रेजिडेंट डॉक्टर के बाद हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) भी हड़ताल पर है। जिससे प्रदेश में इससे स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई है। अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं चालू रही। पश्चिम बंगाल की घटना पर भड़के डॉक्टर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में देशभर के डॉक्टर भड़क उठे हैं। इसी कड़ी में हिमाचल में भी रेजिडेंट डॉक्टर 14 अगस्त से हड़ताल पर है, और शनिवार से इसमें सीनियर डॉक्टर भी समर्थन में हड़ताल में उतर आए हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गाड़ी पटरी से उतर गई है। हिमाचल प्रदेश में अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में उपचार को पहुंचते है। इसी तरह प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आते है। जिन्हें डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। ओपीडी में इलाज, ऑपरेशन, सर्जरी कुछ नहीं होगा आज शनिवार को ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं बैठने से मरीजों को बिना उपचार के लिए वापस लौटना पड़ा। आज भी डॉक्टर ओपीडी में नही बैठेंगे। डॉक्टरों की चल रही हड़ताल के कारण मरीजों का ओपीडी में नहीं इलाज होगा और नियमित ऑपरेशन भी नहीं होंगे। आपातकालीन सेवाओं को छोड़ कर बाकी सब सेवाएं ठप रहेगी। डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी वहीं डॉक्टरों ने अलग-अलग जिलों और अस्पतालों में प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों हॉस्पिटल में आज भी डॉक्टर इलाज नही करेंगे। यदि मरीज दूरदराज क्षेत्रों से हॉस्पिटल पहुंचे तो शनिवार की तरह ही बिना इलाज के वापस लौटना पड़ सकता है। IMA का रेजिडेंट डॉक्टरों को समर्थन IMA के राष्ट्रीय इकाई के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन के ऐलान के बाद हिमाचल डॉक्टर एसोसिएशन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FOAIA) ने सोमवार को भी हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। 14 अगस्त से हड़ताल पर रेजिडेंट डॉक्टर हिमाचल में 14 अगस्त रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से केवल मेडिकल कॉलेज में ही स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा था, क्योंकि 4 दिन तक रेजिडेंट डॉक्टरों ही हड़ताल पर थे। मगर शनिवार से कंसल्टेंट डॉक्टर भी हड़ताल कर रहे हैं। इससे मेडिकल कालेज के साथ साथ प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं चरमाई है। कल रविवार होने के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिला और आज डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है, तो आज भी मरीजों को इलाज नहीं मिलेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में बोले सीएम सुखविंद्र:हिमाचल में नहीं कोई आर्थिक संकट, अर्थव्यवस्था में हो रहा सुधार, विपक्ष पढ़कर करे बयानबाजी हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। विपक्ष सरकार पर लगातार फिजूल खर्ची के आरोप लगा रहा है और प्रदेश में जल्द दिवालियापन जैसी स्थिति पैदा होने की बात कर रहा है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के आर्थिक संकट को सिरे से नकार दिया है। 2027 में हिमाचल को बनाएंगे आत्म निर्भर सीएम सुक्खू ने रविवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, उन्होंने पहले दिन से हिमाचल को 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की बात कही है। प्रदेश सरकार के कुछ सख्त फैसलों से अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि, ये कहा जा रहा है कि प्रदेश में फाइनेंशियल मेस हो गया है, यह बिल्कुल गलत है। यदि हमने दो वेतन भत्तों को विलंबित किया है तो अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा है। सीएम सुक्खू ने कहा कि सभी को अनुशासित होने की जरूरत, सांकेतिक रूप से किए वेतन भत्ते विलंबित किए हैं। भाजपा ने छोड़ी 85 हजार करोड़ की देनदारियां उन्होंने कहा कि भाजपा कर्ज की बात कर रही है, वही पूर्व भाजपा सरकार प्रदेश पर 85 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़कर गई है। सरकार ने सत्ता में आते ही 7% कर्मचारियों को DA दिया। प्रदेश में 14 प्रकार की सब्सिडी दी जा रही, जिनको आवश्यकता नहीं उन्हें भी मिल रही है। हजारों लोग सब्सिडी छोड़ने की बात कह रहे हैं। हजारों लोगों ने बिजली-पानी की सब्सिडी छोड़ने की बात कही। प्रदेश में चरमराई स्वास्थ्य व शिक्षा व्यवस्था उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाए सिर्फ 19 महीने हुए। पूर्व सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है । वर्तमान सरकार इसमें सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सेलरी समय पर मिलेगी और पेंशन दी जाएगी। 28000 परिवारों को एरिया दे दिया है केंद्र सरकार से तो अधिकार है 9200 करोड रुपए एमपीएस का है 93 00 करोड़ पीडीएन का मिलना है। बीबीएमबी 43 सौ करोड़ शेयर है इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश भी दिए हैं। प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर राजनीति करने के आरोप लगाए और कहा कि भाजपा नेता बिना तैयारी के बयानबाज़ी कर रहे हैं भाजपा के नेता कभी ड्रोन से जासूसी बात करते है वहीं कभी फाइनेंशियल मेस की बात कर रहे है। विपक्ष के नेताओं को पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को पढ़ाई करके आना चाहिए।
हिमाचल CM ने 16 को बुलाई कैबिनेट मीटिंग:शीतकालीन सत्र को लेकर हो सकती है चर्चा, विभागीय सचिवों को एजेंडा भेजने के निर्देश
हिमाचल CM ने 16 को बुलाई कैबिनेट मीटिंग:शीतकालीन सत्र को लेकर हो सकती है चर्चा, विभागीय सचिवों को एजेंडा भेजने के निर्देश हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने 16 नवंबर को कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इसके बाद मुख्य सचिव ने सभी विभागीय सचिवों को कैबिनेट मीटिंग के लिए एजेंडा भेजने के निर्देश दे दिए है। कैबिनेट मीटिंग में विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तिथि तय हो सकती है। हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र होना तय है। इसकी तिथि कैबिनेट मीटिंग में तय की जा सकती है। सरकार के दो साल पूरा करने को लेकर हो सकती है चर्चा इसी तरह कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार के 2 साल पूरा करने को लेकर भी चर्चा हो सकती है। इसमें सरकार दो साल पूरा करने पर जश्न मनाने को लेकर फैसला ले सकती है। कैबिनेट मीटिंग में विभिन्न विभागों में पदों को भरने का भी फैसला हो सकता है।