लुधियाना के ग्यासपुरा के शांति नगर में 20 से 25 बदमाशों ने मोहल्ले में घुसकर लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया। बदमाशों ने मोहल्ले में तलवारों से जमकर उत्पात मचाया। मोहल्ले में लगे बिजली के मीटर और वाहनों को भी तोड़ डाला। घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, 20 से 25 बदमाशों ने मोहल्ले में घुसते ही एक परिवार पर जानलेवा हमला बोल दिया। तलवारों से तीन लोगों पर हमला बोल दिया। मोहल्ले के रहने वाले सोनू ने बताया कि उन्होंने किसी तरह करके भागकर जान बचाई तो बदमाशों ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। मोहल्ले के लोगों ने इकट्ठा होकर उत्पात मचाने वाले बदमाशों में से दो को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जिसमें एक का नाम रितिक और दूसरे का नाम मनि है। लुधियाना के ग्यासपुरा के शांति नगर में 20 से 25 बदमाशों ने मोहल्ले में घुसकर लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया। बदमाशों ने मोहल्ले में तलवारों से जमकर उत्पात मचाया। मोहल्ले में लगे बिजली के मीटर और वाहनों को भी तोड़ डाला। घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, 20 से 25 बदमाशों ने मोहल्ले में घुसते ही एक परिवार पर जानलेवा हमला बोल दिया। तलवारों से तीन लोगों पर हमला बोल दिया। मोहल्ले के रहने वाले सोनू ने बताया कि उन्होंने किसी तरह करके भागकर जान बचाई तो बदमाशों ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। मोहल्ले के लोगों ने इकट्ठा होकर उत्पात मचाने वाले बदमाशों में से दो को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जिसमें एक का नाम रितिक और दूसरे का नाम मनि है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब की 24 वर्षीय युवती की कनाडा में मौत:4 साल से नोवा-स्कोटिया में थी, इलाज दौरान दम तोड़ा; सरकार से मदद की गुहार
पंजाब की 24 वर्षीय युवती की कनाडा में मौत:4 साल से नोवा-स्कोटिया में थी, इलाज दौरान दम तोड़ा; सरकार से मदद की गुहार पंजाब के संगरूर के रहने वाली एक 24 साल की युवती की कनाडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका की पहचान 24 साल के अनु मलरा निवासी गांव मानकी (संगरूर) के तौर पर हुई है। अनु कनाडा में वर्क परमिट पर काम कर रही थी। अनु के पिता गुरप्रीत सिंह ने कहा- उनकी बेटी अनु मलरा करीब चार साल पहले पढ़ाई के लिए कनाडा गई थी और अब वहां वर्क परमिट पर काम कर रही थी। बीते दिन दोपहर में उन्हें अनु के किसी जानकारी फोन कर बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। कुछ देर बाद पता चला कि अनु की मौत हो गई है। परिवार के अनुसार अनु पिछले काफी समय से बीमार चल रही थी। परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई पीड़ित परिवार ने केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। जिससे अनु का शव भारत लाया जा सके। परिवार ने कहा- उनकी बेटी कनाडा के नोवा स्कोटिया प्रांच में रह रही थी। नोवा स्कोटिया के कुछ भारतीय स्टूडेंट मिलकर शव पंजाब लाने में मदद कर रहे हैं। मगर सरकार की मदद से हम अपनी बच्ची के शव को भारत ला सकते हैं।
पाकिस्तान से गायब हुआ बच्चा पंजाब में मिला:जेल से परिवार को वॉट्सऐप कॉल की; पिता बोले- सरहद पार क्यों गया, पता नहीं
पाकिस्तान से गायब हुआ बच्चा पंजाब में मिला:जेल से परिवार को वॉट्सऐप कॉल की; पिता बोले- सरहद पार क्यों गया, पता नहीं पंजाब की लुधियाना जेल में पाकिस्तान का बच्चा पिछले एक साल से बंद है। पाकिस्तान के एबटाबाद के रहने वाले मोहम्मद अली को अमृतसर में BSF ने सीमा पार करते हुए पकड़ा था। तभी से वह शिमलापुरी स्थित बाल सुधार घर में है। अली का परिवार ह्यूमन राइट्स से मदद की गुहार लगा चुका है। यहां तक की पाकिस्तानी सरकार भी भारत सरकार के आगे इस बच्चे की पैरवी कर चुकी है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से बच्चे की रिहाई के लिए भारत के गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। मोहम्मद अली अपने परिवार का इकलौता बेटा है, लेकिन आखिर क्यों वह सरहद पार करने का प्रयास कर रहा था? इस सवाल का जवाब उसके परिवार के पास भी नहीं है। सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरी घटना.. रावलपिंडी के लिए निकला, भारत पहुंचा
पूरा मामला जानने के लिए दैनिक भास्कर ने मोहम्मद अली के पिता मोहम्मद बनारस से बात की। मोहम्मद बनारस ने बताया कि वह रावलपिंडी में एक प्रिंटिंग प्रेस का काम करते हैं। 7 अगस्त 2023 को अली एबटाबाद से रावलपिंडी उनसे ही मिलने आने वाला था, लेकिन वह रावलपिंडी नहीं पहुंचा। कुछ समय बाद जब बेटे के लापता होने की खबर मिली तो उन्होंने पूरा इलाका छान मारा, लेकिन एबटाबाद के बस अड्डे के बाद से उसकी कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। किसी को भी पता नहीं था कि आखिर अली एबटाबाद बस अड्डे से कहां गायब हो गया। लुधियाना जेल से आई बेटे की कॉल
अली के गुमशुदा होने पर परिवार ने संबंधित थाने में भी शिकायत दी थी, लेकिन उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका। परिवार भी सारी उम्मीदें छोड़ चुका था, लेकिन तभी करीब 2 महीने बाद एक दिन अचानक अली की वॉट्सऐप कॉल आई। मोहम्मद बनारस अपने बेटे से बात करके खुश तो थे, लेकिन साथ ही उनकी टेंशन तब बढ़ गई जब उन्हें पता लगा की उनका बेटा अब पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत की एक जेल में पहुंच गया है। तब परिवार को कुछ समझ नहीं आ रहा था। घर से सरहद बहुत दूर, भारत सरकार को भेजा लेटर
मोहम्मद बनारस ने बताया कि उनके घर एबटाबाद से सरहद बहुत दूर है। आज तक उन्होंने खुद कभी सरहद का एरिया नहीं देखा। 9वीं क्लास में पढ़ने वाले उनके बेटे को कौन सरहद पार ले गया, आज तक ये सवाल उनके दिमाग में घूमता रहता है। बेटे की रिहाई को लेकर वह भारत सरकार को भी कई पत्र भेज भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक सारे प्रयास असफल ही साबित हुए हैं। परिवार का इकलौता बेटा, भाई की मौत हो चुकी
मोहम्मद बनारस ने कहा कि भारत सरकार से उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द उनके बेटे अली को वह रिहा कर देंगे। अली परिवार का इकलौता बेटा है। उसके भाई उसनेव की मौत हो चुकी है। उसकी 2 बहनें भी हैं, जिनका नाम नबीला और सबा है। अली के लापता होने के बाद उसके घर पर मातम जैसा माहौल रहता है। परिवार को शक है कि उनका बेटा मानव तस्करों के हाथ लग गया होगा, जिसकी वजह से ही वह भारत पहुंच गया। परिवार को भारत सरकार से उम्मीद
अली की दादी मतलूबा बीबी ने कहा कि उन्हें पता चला कि अली भारत चला गया है। हालांकि उन्हें ये नहीं पता है कि वो किसी गाड़ी में बैठकर भारत गया है या फिर किसी के साथ गया है। मतलूबा बीबी ने बताया की पहले तो वह अली को लापता मान रहे थे, लेकिन जब भारत से कॉल आई तब पता चला की अली तो भारत पहुंच गया है। हम अली को वापस घर लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। नजीर बोले- गलती से सरहद पार गया
गरामड़ी गांव निवासी नजीर मोहम्मद ने बताया कि पहले सुनते रहते थे कि बॉर्डर के नजदीक रहने वाले लोग कई बार गलती से सरहद पार चले जाते हैं, लेकिन उनके गांव का ये पहला किस्सा है। पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हारून तनौली ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार और भारत सरकार को विदेश नीति के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन के नियमों को ध्यान में रखते हुए बच्चे को रिहा कर देना चाहिए। गृह मंत्रालय के संज्ञान में मामला
लुधियाना बाल सुधार घर के एक अधिकारी से बात की गई, लेकिन वह इस मामले पर कुछ भी कहने से बचते नज़र आए। हालांकि उन्होंने बताया कि बच्चा जेल में है और सुरक्षित है। उसके बारे में वह ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। बच्चे की काउंसलिंग की गई है और ये पूरा मामला अब गृह मंत्रालय के संज्ञान में है।
पंजाब में ट्रिपल मर्डर के हत्यारे को 70 साल कैद:पत्नी,भाभी और भतीजे की कुल्हाड़ी से की थी हत्या,वाइफ पर करता था शक
पंजाब में ट्रिपल मर्डर के हत्यारे को 70 साल कैद:पत्नी,भाभी और भतीजे की कुल्हाड़ी से की थी हत्या,वाइफ पर करता था शक पंजाब के मोरिंडा में एक ट्रिपल मर्डर के हत्यारोपी आलम को अदालत ने 70 साल की कैद सुनाई है। हत्यारोपी ने अपनी पत्नी, भाभी पत्नी के भतीजे को कुल्हाड़ी से काट दिया था। वार्ड नंबर 1, शुगर मिल रोड, मोरिंडा के निवासी आलम (28) को अपनी पत्नी, भाभी और पत्नी के भतीजे की हत्या करने और एक अन्य भतीजे को घायल करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आ 3 जून 2020 रात को किया था ट्रिपल मडर्र आरोपी को कुल 70 साल जेल में काटने होंगे। 3 जून, 2020 की रात को, आलम ने अपनी पत्नी काजल, भाभी जसप्रीत कौर और उसके बेटे साहिल की सोते समय कुल्हाड़ी से हत्या कर दी और अपनी भाभी के दूसरे बेटे बॉबी की भी हत्या करने का प्रयास किया, जो मोरिंडा में अपनी पत्नी के पैतृक घर में रह रहे थे।
वकील रमेश कुमारी की दलील से सहमत होते हुए, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रूपनगर ने आलम को दोषी ठहराया और आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या और धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया। अदालत ने मामले में आईपीसी की धारा 57 लागू की, जिसमें 20 साल की आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इस धारा के आधार पर, आलम 60 साल तक जेल में रहेगा, यानी आईपीसी की धारा 302 (तीन अपराधों के लिए) के तहत 20-20 साल, और धारा 307 के तहत अपराध के लिए 10 साल और जेल में रहेगा। कुल्हाड़ी से किया था हमला मोरिंडा के SHO सुनील कुमार ने मीडिया को बताया कि आरोपी नकोदर का रहने वाला है। जांच में पता चला कि उसे अपनी पत्नी पर कोविड काल में अवैध संबंधों का शक था। मामले में शिकायतकर्ता सास खुद को एक कमरे में बंद करके भाग गई। जब उसने अपनी पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमला किया तो उसका नौ महीने का बेटा उसके पास सो रहा था। उसने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। वह अपनी भाभी, उसके बेटे को मारने और एक अन्य बच्चे को घायल करने के लिए आगे बढ़ा। घटना के बाद उसने जहरीला पदार्थ खा लिया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।