पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या में इस्तेमाल किए गए अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख आरोपी को लुधियाना से अरेस्ट कर लिया गया। रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के साथ संयुक्त अभियान में ये सफलता हासिल की। आरोपी की पहचान धर्मिंदर कुमार उर्फ कुणाल के तौर पर हुई है। 13 अप्रैल 2024 को विकास बग्गा की हत्या के बाद 9 मई 2024 को ये मामला एनआईए ने अपने हाथों में ले लिया। जिसके बाद एनआईए की तरफ से आरसी-06/2024 एनआईए डीएलआई केस तैयार किया गया था। रविवार सुबह एनआईए और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों ने पंजाब के लुधियाना में रेड कर धर्मिंदर कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसे IPC के UAPA और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है। जांच में खालिस्तान लिंक आया था सामने इसी साल विकास बग्गा की 13 अप्रैल 2024 को पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल में गोलियां मार हत्या कर दी गई थी। विकास बग्गा विश्व हिंदू परिषद के नंगल के जिला अध्यक्ष थे। जिस समय उन्हें गोलियां मारी गई, वे अपनी हलवाई की दुकान में बैठे हुए थे। 9 मई 2024 को मामला एनआईए ने अपने हाथों में लिया और घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साथ मिलकर लगातार काम कर रही थी। जांच में पता चला था कि विदेश में बैठे खालिस्तानी आतंकियों ने इस घटना को प्लान किया था। मध्य-प्रदेश से खरीदे गए थे अवैध हथियार एनआईए जांच में पता चला था कि आरोपी धर्मिंदर ने मध्य प्रदेश से अवैध हथियार और गोला-बारूद खरीदा था। विदेश में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर कुमार उर्फ सोनू के निर्देश पर हथियार शूटरों को सप्लाई किए गए थे। शूटरों की पहचान मंदीप कुमार उर्फ मंगली और सुरिंदर कुमार उर्फ रीका के रूप में हुई है, जो दोनों पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर के निवासी हैं। उन्हें 16 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। बीकेआई के दो गुर्गों की तलाश जारी वहीं, दो अन्य आरोपियों बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के गुर्गों हरजीत सिंह उर्फ लाधी निवासी नवांशहर पंजाब और कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू निवासी यमुना नगर हरियाणा की तलाश जारी है। एनआईए की तरफ से इन दोनों गुर्गों के लिए 10-10 लाख रुपये का नकद इनाम भी जारी किया गया है। पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या में इस्तेमाल किए गए अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख आरोपी को लुधियाना से अरेस्ट कर लिया गया। रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के साथ संयुक्त अभियान में ये सफलता हासिल की। आरोपी की पहचान धर्मिंदर कुमार उर्फ कुणाल के तौर पर हुई है। 13 अप्रैल 2024 को विकास बग्गा की हत्या के बाद 9 मई 2024 को ये मामला एनआईए ने अपने हाथों में ले लिया। जिसके बाद एनआईए की तरफ से आरसी-06/2024 एनआईए डीएलआई केस तैयार किया गया था। रविवार सुबह एनआईए और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों ने पंजाब के लुधियाना में रेड कर धर्मिंदर कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसे IPC के UAPA और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है। जांच में खालिस्तान लिंक आया था सामने इसी साल विकास बग्गा की 13 अप्रैल 2024 को पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल में गोलियां मार हत्या कर दी गई थी। विकास बग्गा विश्व हिंदू परिषद के नंगल के जिला अध्यक्ष थे। जिस समय उन्हें गोलियां मारी गई, वे अपनी हलवाई की दुकान में बैठे हुए थे। 9 मई 2024 को मामला एनआईए ने अपने हाथों में लिया और घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साथ मिलकर लगातार काम कर रही थी। जांच में पता चला था कि विदेश में बैठे खालिस्तानी आतंकियों ने इस घटना को प्लान किया था। मध्य-प्रदेश से खरीदे गए थे अवैध हथियार एनआईए जांच में पता चला था कि आरोपी धर्मिंदर ने मध्य प्रदेश से अवैध हथियार और गोला-बारूद खरीदा था। विदेश में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर कुमार उर्फ सोनू के निर्देश पर हथियार शूटरों को सप्लाई किए गए थे। शूटरों की पहचान मंदीप कुमार उर्फ मंगली और सुरिंदर कुमार उर्फ रीका के रूप में हुई है, जो दोनों पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर के निवासी हैं। उन्हें 16 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। बीकेआई के दो गुर्गों की तलाश जारी वहीं, दो अन्य आरोपियों बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के गुर्गों हरजीत सिंह उर्फ लाधी निवासी नवांशहर पंजाब और कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू निवासी यमुना नगर हरियाणा की तलाश जारी है। एनआईए की तरफ से इन दोनों गुर्गों के लिए 10-10 लाख रुपये का नकद इनाम भी जारी किया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। वकील बोले- पंजाब पुलिस में काली भेड़ें इस बारे में इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा था सुनवाई में साफ हो गया गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े हैं। जिन्होंने यह इंटरव्यू करवाया था। यह किसी आम आदमी का यह काम नहीं है। हालांकि इसे शुरू से ही दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि अदालत ने तय किया है कि जो भी इस मामले शामिल होंगे, उन पर सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, इस मामले में जो भी सुपरवाइजर होंगे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले में डीजीपी एफिडेविट फाइल करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नौ को तय की गई। फिलहाल गुजरात जेल में बंद है लॉरेंस गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुडे़ केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी। आतंकी गैंग की तरह लॉरेंस का स्लीपर सेल आतंकियों की तर्ज पर लॉरेंस गैंग ने अपना ‘स्लीपर सेल’ तैयार कर लिया है। स्लीपर सेल से जुड़े गुर्गे आम लोगों की तरह हमारे बीच में रहते हैं। ये पेशेवर अपराधी नहीं हैं, लेकिन आका (लॉरेंस) का इशारा मिलते ही टारगेट किलिंग करने से भी नहीं चूकते। लॉरेंस गैंग ने ब्रेन वॉश कर स्लीपर सेल में कई नाबालिगों को भी शामिल कर रखा है। ये नाबालिग हथियार सप्लाई, टारगेट किलिंग से लेकर हवाला के जरिए पैसा ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं। इस तथ्य का खुलासा लॉरेंस गैंग के गुर्गों द्वारा राजस्थान में अंजाम दी गई विभिन्न वारदात से जुड़ी जांच और अदालत में दाखिल चार्जशीट में हुआ है। पहली बार बाकायदा ‘स्लीपर सेल’ शब्द का इस्तेमाल किया गया। स्लीपर सेल से जुड़े गुर्गे पुलिस और जांच एजेंसियों से बचने के लिए बॉक्स कॉल के जरिए संपर्क में रहते हैं। बॉक्स कॉल करने के लिए मोबाइल से सिग्नल ऐप कॉल करने के बाद स्पीकर ऑन- हैंड्स फ्री कर बात की जाती है। बॉक्स कॉल करने से कॉल इंटरसेप्ट नहीं की जा सकती है, और ना ही कॉल लोकेट हो पाती है। सलमान खान के पीछे पड़ा गैंगस्टर लॉरेंस लॉरेंस इस वक्त सलमान खान के पीछे पड़ा है। सलमान पर आरोप है कि 1998 में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान राजस्थान के जंगलों में काले हिरण का शिकार किया था। सलमान के अलावा सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम कोठारी पर भी आरोप लगे थे। बिश्नोई समाज ने तब सलमान के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। सलमान को इसके लिए जोधपुर कोर्ट ने पांच साल की सजा भी सुनाई थी, हालांकि बाद में उन्हें इस मामले में बेल मिल गई। इसी के चलते गैंगस्टर लॉरेंस सलमान खान को मारना चाहता है। वह कोर्ट में पेशी के दौरान इसकी धमकी तक दे चुका है। सलमान खान पर हमले की प्लानिंग में लॉरेंस के कई गुर्गों को दिल्ली और मुंबई पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। मगर फिर भी लॉरेंस अपने गैंगस्टर के गुर्गों को सलमान खाने के पीछे लगाए हुए हैं। कुछ दिन पहले ही मुंबई में सलमान खान के घर पर फायरिंग की जा चुकी है।
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