उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय है। कुछ क्षेत्रों में हल्की तो कुछ इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है। 19 अगस्त तक 53 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं 22 जिलों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने 23 अगस्त तक का पूर्वानुमान जारी किया है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना है। अभी तक हुई बारिश की बात की जाए तो पूरे प्रदेश में सामान्य से 10% कम बारिश हुई है। पूरे प्रदेश में मानसून की क्या स्थिति है? आगे क्या होगा? किन जिलों में बाढ़ के हालात है … इन सवालों के जवाब पढ़िए इस रिपोर्ट में – 3-4 दिन में कमजोर हो जाएगा मानसून BHU के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव ने बताया- प्रदेश अब तक 460.3 MM बारिश हुई है। जो कि औसत से सिर्फ 10% कम है। आगे 2 से 3 दिन अच्छी बारिश के संकेत हैं। इसके बाद मानसून कमजोर पड़ सकता है। मानसून ट्रफ लाइन खिसककर फिर से मध्य प्रदेश की ओर से गुजर रही है, इसलिए बारिश अब यूपी के दक्षिण में हो रही है। इस हफ्ते के बाद बारिश में कमी आएगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में से 36 में औसत से कम बारिश मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी यूपी के 42 जिलों में से 36 जिलों में अब तक औसत से 12 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इन जिलों में सबसे कम बारिश फतेहपुर में हुई। यहां औसत से 61 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। कम बारिश वाले जिलों में कानपुर देहात, कानपुर शहर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, जौनपुर सहित अन्य जिले हैं। कानपुर देहात में जहां औसत से 43 फीसदी कम बारिश हुई है, वहीं कानपुर शहर में औसत से 36 फीसदी कम, लखनऊ में औसत से 9 फीसदी कम, प्रयागराज में 23 फीसदी कम और गोरखपुर में 7 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बारिश बलरामपुर जिले में हुई है। यहां अब तक औसत से 65 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 33 में से 22 जिलों में औसत से कम बारिश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 22 जिलों में अब तक औसत से कम बारिश हुई है। इसमें भी सबसे कम बारिश शामली में दर्ज की गई है। यहां अब तक औसत से 80 फीसदी कम बारिश हुई है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश वाला जिला है औरैया। यहां अब तक औसत से 98 फीसदी अधिक बारिश हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कम बारिश वाले जिलों में गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, हापुड़, अलीगढ़ सहित कई जिले हैं। 75 में से 53 जिलों में औसत से कम बारिश मानसून सीजन के दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। अब तक हुई बारिश के आंकड़ों को देखें तो यूपी के 75 में से 53 जिलों में बारिश का औसत माइनस में है। इसमें भी सबसे कम बारिश शामली जिले में हुई है। यहां 365 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए थी, लेकिन 19 अगस्त तक सिर्फ 78.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। उत्तर प्रदेश में अब तक औसत 513 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए, लेकिन 460 मिलीमीटर बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अगर एक बार फिर टर्फ में शिफ्टिंग होती है तो कमी की भरपाई हो सकती है। यूपी में बदलता मानसून का पैटर्न; 5 साल में 2022 में सबसे कम बारिश IMD के आंकड़े बताते हैं- 2001 से यूपी में सामान्य मानसून की बारिश नहीं हो रही। साल दर साल इसमें कमी आ रही। यूपी में सामान्य बारिश तब मानी जाती है, जब यह 823 से 860 मिलीमीटर के बीच हो। 5 साल के आंकड़ों को देखने पर साफ हो जाता है कि कैसे प्रदेश में मानसून की बारिश में कमी आई। इस कमी का सीधा असर यहां के ग्राउंड वाटर लेवल पर पड़ा है। इन 5 साल में सबसे कम बारिश 2022 में हुई। यह नॉर्मल से करीब 36% तक कम थी। IMD के मुताबिक, 2019 में जून से सितंबर के बीच प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी। अलीगढ़, हापुड़, इटावा, बागपत , संभल, अमरोहा, बदांयू जैसे जिलों में 60 से 80 फीसदी तक कम बारिश हुई थी। प्रदेश में अब तक 35 जिले बाढ़ से प्रभावित, 17 की मौत उत्तर प्रदेश में अब तक 35 जिले बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। 16 अगस्त को शासन की ओर से जारी सूची में 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रदेश में बाढ़ की चपेट में आने से अब तक17 लोगों की मौत हो चुकी है। 2434 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बाढ़ प्रभावित कई इलाकों से ऐसी तस्वीरें भी आईं जहां लोग अपने घरों के खिड़की और दरवाजें निकाल कर ले गए है। प्रदेश में गंगा, घाघरा, शारदा, गण्डक, और कुआनों नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर से फर्रुखाबाद, वाराणसी, कानपुर, हापुड़ और बिजनौर जिले प्रभावित हैं। वाराणसी में अब तक कुल 40 घाट गंगा नदी में समा चुके हैं। इसी तरह घाघरा नदी में बाढ़ की वजह से गोंडा, आजमगढ़, बलिया, बस्ती और सीतापुर जिले में लोग प्रभावित हुए हैं। शारदा नदी में बढ़े पानी की वजह से लखीमपुर खीरी में हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां करीब 250 गावों में पानी भर गया है। बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित जिलों के हाल कानपुर: यहां गंगा उफान पर हैं। खतरे के निशान से सिर्फ 1 मीटर नीचे बह रही गंगा का पानी शुक्लागंज, बक्सर और फतेहपुर चौरासी इलाके के 15 किमी. दायरे में फैल चुका है। 3 हजार घरों की कनेक्टिविटी कट चुकी है। 50 हजार लोगों को राशन-दवा और सब्जी नहीं मिल पा रही है। अकेले शुक्लागंज में करीब 1300 घर बाढ़ के पानी में घिर चुके हैं। मोहम्मदनगर इलाके का भी हाल कुछ ऐसा ही है। कॉलोनियों में नाव चल रही हैं। उन्नाव: उन्नाव में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई हैं। कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। लोगों के लिए 6 से ज्यादा नावें लगाई गई हैं। कई जगह बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई है। लखीमपुर खीरी: 250 गांवों में शारदा नदी का पानी भर चुका है। यहां बिजुआ इलाके में बुधवार को रपटा पुल ही शारदा नदी में डूब गया। इससे 3 गांवों का संपर्क कट चुका है। वाराणसी: वाराणसी में पिछले 8 दिनों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 4 मीटर तक नीचे आ गया है। इसके बावजूद अभी से ही 40 घाट गंगा में डूब चुके हैं। अस्सी घाट और सुबह ए बनारस मंच के अलावा, कई घाटों पर बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। दशाश्वमेध घाट पर पानी 7 सीढ़ी नीचे चला गया है। यहां चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय है। कुछ क्षेत्रों में हल्की तो कुछ इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है। 19 अगस्त तक 53 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं 22 जिलों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने 23 अगस्त तक का पूर्वानुमान जारी किया है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना है। अभी तक हुई बारिश की बात की जाए तो पूरे प्रदेश में सामान्य से 10% कम बारिश हुई है। पूरे प्रदेश में मानसून की क्या स्थिति है? आगे क्या होगा? किन जिलों में बाढ़ के हालात है … इन सवालों के जवाब पढ़िए इस रिपोर्ट में – 3-4 दिन में कमजोर हो जाएगा मानसून BHU के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव ने बताया- प्रदेश अब तक 460.3 MM बारिश हुई है। जो कि औसत से सिर्फ 10% कम है। आगे 2 से 3 दिन अच्छी बारिश के संकेत हैं। इसके बाद मानसून कमजोर पड़ सकता है। मानसून ट्रफ लाइन खिसककर फिर से मध्य प्रदेश की ओर से गुजर रही है, इसलिए बारिश अब यूपी के दक्षिण में हो रही है। इस हफ्ते के बाद बारिश में कमी आएगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में से 36 में औसत से कम बारिश मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी यूपी के 42 जिलों में से 36 जिलों में अब तक औसत से 12 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इन जिलों में सबसे कम बारिश फतेहपुर में हुई। यहां औसत से 61 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। कम बारिश वाले जिलों में कानपुर देहात, कानपुर शहर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, जौनपुर सहित अन्य जिले हैं। कानपुर देहात में जहां औसत से 43 फीसदी कम बारिश हुई है, वहीं कानपुर शहर में औसत से 36 फीसदी कम, लखनऊ में औसत से 9 फीसदी कम, प्रयागराज में 23 फीसदी कम और गोरखपुर में 7 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बारिश बलरामपुर जिले में हुई है। यहां अब तक औसत से 65 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 33 में से 22 जिलों में औसत से कम बारिश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 22 जिलों में अब तक औसत से कम बारिश हुई है। इसमें भी सबसे कम बारिश शामली में दर्ज की गई है। यहां अब तक औसत से 80 फीसदी कम बारिश हुई है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश वाला जिला है औरैया। यहां अब तक औसत से 98 फीसदी अधिक बारिश हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कम बारिश वाले जिलों में गौतमबुद्ध नगर, अमरोहा, हापुड़, अलीगढ़ सहित कई जिले हैं। 75 में से 53 जिलों में औसत से कम बारिश मानसून सीजन के दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। अब तक हुई बारिश के आंकड़ों को देखें तो यूपी के 75 में से 53 जिलों में बारिश का औसत माइनस में है। इसमें भी सबसे कम बारिश शामली जिले में हुई है। यहां 365 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए थी, लेकिन 19 अगस्त तक सिर्फ 78.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। उत्तर प्रदेश में अब तक औसत 513 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए, लेकिन 460 मिलीमीटर बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अगर एक बार फिर टर्फ में शिफ्टिंग होती है तो कमी की भरपाई हो सकती है। यूपी में बदलता मानसून का पैटर्न; 5 साल में 2022 में सबसे कम बारिश IMD के आंकड़े बताते हैं- 2001 से यूपी में सामान्य मानसून की बारिश नहीं हो रही। साल दर साल इसमें कमी आ रही। यूपी में सामान्य बारिश तब मानी जाती है, जब यह 823 से 860 मिलीमीटर के बीच हो। 5 साल के आंकड़ों को देखने पर साफ हो जाता है कि कैसे प्रदेश में मानसून की बारिश में कमी आई। इस कमी का सीधा असर यहां के ग्राउंड वाटर लेवल पर पड़ा है। इन 5 साल में सबसे कम बारिश 2022 में हुई। यह नॉर्मल से करीब 36% तक कम थी। IMD के मुताबिक, 2019 में जून से सितंबर के बीच प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी। अलीगढ़, हापुड़, इटावा, बागपत , संभल, अमरोहा, बदांयू जैसे जिलों में 60 से 80 फीसदी तक कम बारिश हुई थी। प्रदेश में अब तक 35 जिले बाढ़ से प्रभावित, 17 की मौत उत्तर प्रदेश में अब तक 35 जिले बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। 16 अगस्त को शासन की ओर से जारी सूची में 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रदेश में बाढ़ की चपेट में आने से अब तक17 लोगों की मौत हो चुकी है। 2434 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बाढ़ प्रभावित कई इलाकों से ऐसी तस्वीरें भी आईं जहां लोग अपने घरों के खिड़की और दरवाजें निकाल कर ले गए है। प्रदेश में गंगा, घाघरा, शारदा, गण्डक, और कुआनों नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर से फर्रुखाबाद, वाराणसी, कानपुर, हापुड़ और बिजनौर जिले प्रभावित हैं। वाराणसी में अब तक कुल 40 घाट गंगा नदी में समा चुके हैं। इसी तरह घाघरा नदी में बाढ़ की वजह से गोंडा, आजमगढ़, बलिया, बस्ती और सीतापुर जिले में लोग प्रभावित हुए हैं। शारदा नदी में बढ़े पानी की वजह से लखीमपुर खीरी में हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां करीब 250 गावों में पानी भर गया है। बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित जिलों के हाल कानपुर: यहां गंगा उफान पर हैं। खतरे के निशान से सिर्फ 1 मीटर नीचे बह रही गंगा का पानी शुक्लागंज, बक्सर और फतेहपुर चौरासी इलाके के 15 किमी. दायरे में फैल चुका है। 3 हजार घरों की कनेक्टिविटी कट चुकी है। 50 हजार लोगों को राशन-दवा और सब्जी नहीं मिल पा रही है। अकेले शुक्लागंज में करीब 1300 घर बाढ़ के पानी में घिर चुके हैं। मोहम्मदनगर इलाके का भी हाल कुछ ऐसा ही है। कॉलोनियों में नाव चल रही हैं। उन्नाव: उन्नाव में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई हैं। कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। लोगों के लिए 6 से ज्यादा नावें लगाई गई हैं। कई जगह बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई है। लखीमपुर खीरी: 250 गांवों में शारदा नदी का पानी भर चुका है। यहां बिजुआ इलाके में बुधवार को रपटा पुल ही शारदा नदी में डूब गया। इससे 3 गांवों का संपर्क कट चुका है। वाराणसी: वाराणसी में पिछले 8 दिनों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 4 मीटर तक नीचे आ गया है। इसके बावजूद अभी से ही 40 घाट गंगा में डूब चुके हैं। अस्सी घाट और सुबह ए बनारस मंच के अलावा, कई घाटों पर बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। दशाश्वमेध घाट पर पानी 7 सीढ़ी नीचे चला गया है। यहां चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Siwan News: कार्बाइन, रिवॉल्वर, जिंदा गोली… सीवान में हथियार का जखीरा देख हैरान रह गई पुलिस
Siwan News: कार्बाइन, रिवॉल्वर, जिंदा गोली… सीवान में हथियार का जखीरा देख हैरान रह गई पुलिस <p style=”text-align: justify;”><strong>Siwan News:</strong> बिहार के सीवान में पुलिस को भारी मात्रा में हथियार मिला है. मामला नगर थाना इलाके के आदर्श नगर मोहल्ले का है. पुलिस ने बीते गुरुवार (28 नवंबर) बड़ी कार्रवाई करते हुए वीरेश तिवारी के घर पर छापेमारी की. यहां से कार्बाइन, दोनाली बंदूक, रिवॉल्वर, करीब डेढ़ दर्जन जिंदा गोली और कार्बाइन की मैगजीन को जब्त किया गया है. इस मामले का आरोपी निर्गुण तिवारी का पुत्र वीरेश तिवारी और उसका सहयोगी दोनों पुलिस के डर से फरार हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारी मात्रा में हथियार मिलने के बाद जांच में जुटी पुलिस</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह बड़ी कार्रवाई सीवान के एसपी अमितेश कुमार के निर्देश पर नगर थाना इंस्पेक्टर राजू कुमार की ओर से की गई है. भारी मात्रा में हथियार बरामद होने के बाद इस पूरे मामले की छानबीन में पुलिस जुट गई है. छापेमारी में पुलिस ने एक कार्बाइन, एक रिवॉल्वर, 2 दोनाली बंदूक, कार्बाइन के 2 मैगजीन, 12 बोर की 12 जिंदा गोली, 315 बोर की 2 जिंदा गोली और 9 एमएम की 2 जिंदा गोली को जब्त किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच के बाद पता चलेगा कहां से आए हथियार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी वीरेश तिवारी और उसके सहयोगी के पकड़े जाने के बाद पता चलेगा कि इतने सारे हथियार उनके पास कहां से आए हैं. पुलिस का कहना है कि जल्द इनकी गिरफ्तारी की जाएगी. भारी मात्रा में हथियार मिलने के बाद पुलिस भी हैरान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राथमिकी दर्ज कर की जा रही आगे की कार्रवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस पूरे मामले में नगर थाने के इंस्पेक्टर राजू कुमार का कहना है कि वीरेश तिवारी के घर पर छापेमारी की गई जहां से ये सारे हथियार बरामद किए गए हैं. प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में शामिल निर्गुण तिवारी का पुत्र वीरेश तिवारी और उसका सहयोगी दोनों पुलिस के डर से फरार हैं. जल्द उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी.</p>
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अंबाला में कार ने बुजुर्ग को कुचला:सब्जी खरीदने जा रहा था साइकिल पर, मौके से ड्राइवर फरार, अस्पताल में मौत
अंबाला में कार ने बुजुर्ग को कुचला:सब्जी खरीदने जा रहा था साइकिल पर, मौके से ड्राइवर फरार, अस्पताल में मौत हरियाणा के अंबाला कैंट में सब्जी लेने निकला बुजुर्ग को गाड़ी ने कुचल दिया। हादसा पंजोखरा थाना के अंतर्गत आने वाले डिफेंस कॉलोनी में हुआ। मृतक की शिनाख्त बिहार के गांव समदा (पुर्णिया) निवासी रामदेव महतो (61) के रूप में हुई है, जो डिफेंस कॉलोनी में प्रॉपर्टी डीलर के फॉर्म हाउस पर काम करता था। पुलिस ने अज्ञात गाड़ी चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अंबाला कैंट की डिफेंस कॉलोनी सेक्टर-65 निवासी विशाल राणा ने बताया कि वह प्रॉपर्टी डीलर है। उसने अपने फार्म हाउस पर एक गाय रखी हुई है, जिसकी देखभाल के लिए बिहार के गांव समदा (पुर्णिया) निवासी रामदेव महतो (61) को रखा हुआ था। रामदेव को यही खाने के साथ रहने की व्यवस्था की हुई थी। रामदेव 5-6 माह में अपने घर चक्कर लगाता था। सब्जी लेने जा रहा था रामदेव विशाल ने बताया कि कल शनिवार की शाम को अंधेरा हो चुका था। रामदेव महतो अपनी साइकिल पर फार्म हाउस से सब्जी लेने के लिए पंजोखरा बस स्टैंड के लिए जा रहा था। वह अपने फॉर्म हाउस के गेट पर खड़ा था। रामदेव महतो करीब 100 कदम की दूरी पर था, जो उसके देखते-देखते एक कार चालक ने अपनी गाड़ी की टक्कर रामदेव महतो की साइकिल में मारी। मौके से भागा कार ड्राइवर टक्कर लगते ही रामदेव महतो सड़क पर जा गिरा। साइकिल काफी दूर जाकर गिरा। गाड़ी चालक रामदेव को कुचलते हुए फरार हो गया। उसने तुरंत रामदेव को संभाला और डायल-112 को कॉल करके इसकी सूचना दी। रामदेव महतो के मुंह, छाती व सिर पर काफी चोटें लगी थी। वह अपनी गाड़ी में रामदेव महतो को इलाज के लिए सिविल अस्पताल अंबाला सिटी लेकर पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पंजोखरा थाने की पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात गाड़ी चालक के खिलाफ धारा 279 व 304-A के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Lucknow News: BR हुंडई के सेल्स हेड ने की खुदकुशी, कंपनी के मालिक और ऑडिटर पर केस दर्ज
Lucknow News: BR हुंडई के सेल्स हेड ने की खुदकुशी, कंपनी के मालिक और ऑडिटर पर केस दर्ज <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> लखनऊ में कार शोरूम के सेल्स हेड की आत्म हत्या से सनसनी फैल गई. बीआर हुंडई के सेल्स हेड विजय बिष्ट ने सुसाइड कर ली है. विजय बिस्ट ने कंपनी के मालिक,ऑडिटर पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. विजय सिंह बिष्ट ने पड़ोसी को व्हाट्सएप पर मैसेज भी भेजा था, जिसके आधार पर गुंडबा थाने बीआर हुंडई शोरूम के मालिकान और ऑडिटर पर एफआईआर दर्ज की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने सुरेश अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, महेश अग्रवाल पर केस दर्ज किया है. इनके अलावा संजय अग्रवाल और कंपनी के ऑडिटर जितेंद्र पर भी एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि मालिक जालसाजी के दस्तावेजों पर साइन कराना चाहते थे, मना करने पर 35 लाख के गबन में जेल भेजने की धमकी दी. विजय सिंह बिस्ट ने गुडंबा स्थित अपने घर में फांसी लगाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतक के पिता ने की कार्रवाई की मांग</strong><br />मृतक के पिता ने कहा कि, मेरे दो लड़के हैं. कोई परेशानी नहीं थी, करीबन 20 साल से काम कर रहे. एक बार जॉब छोड़ने के बाद दोबारा ज्वाइन किया. अपने फायदे के लिए सीतापुर में पोस्टिंग करी. डिप्रेशन में आज उसने ये कदम उठाया. उन्होंने इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है और कहा कि, छोटे बच्चे हैं जब तक वो बालिग नहीं हो जाते तब तक खर्चा उठाना चाहिए. कंपनी को आधी सैलरी उसकी वाइफ को देना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतक के पडोशी प्रदीप सिंह बिस्ट ने कहा कि, ‘मै मोहल्ले में कुछ दूर पर रहता हूं, एक ही गांव के रिश्तेदार हैं. सुबह मॉर्निंग में मुझे कॉल आया था कि घर आ जाओ परेशान हूं वाइफ को भी बताया पैसे को लेकर परेशान थे. गोल्ड लोन लिया. पैसा जमा करने भाभी ऑफिस चली गई. इन्होंने दो बजे के आसपास मुझे कॉल किया तुम्हे एक मैसेज भेज रहा हूं अगर कुछ होता है तो सबको दिखा देना, मेरी वाइफ को इनके घर पर भेजा.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>पड़ोसी के मुताबिक, ‘छोटे बेटा ने कहा पापा लटके हैं. जब मेन गेट खुला तो पता चला कि वो लटके हुए थे. हॉस्पिटल ले गए तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. सात लाख का अरेंजमेंट कर दिया था. जितेंद्र ऑडिट करते थे, वो लगातार कॉल कर रहे थे. दो चार अग्रवाल करके हैं उन सबके नाम है. कंपनी की तरफ से प्रेशर बहुत ज्यादा था. घर पर एक बेटी और बेटा और वाइफ है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sambhal-violence-samajwadi-party-zia-ur-rahman-barq-father-says-atmosphere-will-not-improve-if-police-action-stop-2841993″><strong>संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क के पिता बोले- ‘पुलिस के गिरफ्तारियां नहीं रोकने तक माहौल नहीं सुधरेगा'</strong></a></p>