फतेहाबाद के टोहाना में देर शाम निजी बस के नीचे आने से स्कूटी सवार युवक की मौत हो गई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए टोहाना अस्पताल लाया गया है। ग्राम शकरपुर के ग्रामीणों ने बताया कि शाम को गांव में बरसात हो रही थी। इसी दौरान गांव का 16 साल का साहिल किसी परिचित को ढाणी में छोड़ने के लिए स्कूटी पर गया था और वापस गांव लौट रहा था। उन्होंने बताया कि गांव की तरफ आ रही निजी बस के सामने अचानक साहिल की स्कूटी बरसात के पानी के कारण फिसल गई और साहिल बस के नीचे आ गया। गांव का ही रहने वाला एक टैक्सी चालक मौके पर पीछे-पीछे चल रहा था, उसने तुरंत साहिल को उठाकर टोहाना अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फतेहाबाद के टोहाना में देर शाम निजी बस के नीचे आने से स्कूटी सवार युवक की मौत हो गई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए टोहाना अस्पताल लाया गया है। ग्राम शकरपुर के ग्रामीणों ने बताया कि शाम को गांव में बरसात हो रही थी। इसी दौरान गांव का 16 साल का साहिल किसी परिचित को ढाणी में छोड़ने के लिए स्कूटी पर गया था और वापस गांव लौट रहा था। उन्होंने बताया कि गांव की तरफ आ रही निजी बस के सामने अचानक साहिल की स्कूटी बरसात के पानी के कारण फिसल गई और साहिल बस के नीचे आ गया। गांव का ही रहने वाला एक टैक्सी चालक मौके पर पीछे-पीछे चल रहा था, उसने तुरंत साहिल को उठाकर टोहाना अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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यूपी में पानीपत और हिसार के कांवड़ियों में टकराव:झांकी वाली कांवड़ पर वाहन की टक्कर से विवाद; होमगार्ड के साथ भी धक्का-मुक्की उत्तर प्रदेश के शामली शहर में शिव चौक पर हरियाणा के पानीपत और हिसार के कांवड़ियों के बीच टकराव हो गया। यहां रेहड़ी पर झांकी वाली कांवड़ में कांवड़ियों के वाहन की टक्कर लगने से दो पक्षों में विवाद गहरा गया। मौके पर पुलिस की भी मौजूदगी थी। बीच-बचाव में आए होमगार्ड के जवान के साथ भी धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद मौके पर पुलिस दलबल पहुंचा। किसी तरह दोनों पक्षों में बीच-बचाव किया गया। इतना ही नहीं, पुलिस दोनों पक्षों के साथ-साथ चली और यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर छोड़ कर वापस लौटी। पिकअप चालक की पानीपत के कांवड़ियों ने की थी पिटाई मामला बुधवार का है। जहां शहर के शिव चौक पर हिसार जिले के कांवड़िए पिकअप वाहन से जा रहे थे। उनके आगे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर पानीपत के कांवड़िए चल रहे थे। कांवड़िए रेहड़े में झांकी वाली कांवड़ लेकर जा रहे थे। शहर के शिव चौक के पास पिकअप का पहिया कांवड़ की झांकी वाले रेहड़े से टकरा गया। इस पर पानीपत के कांवड़ियों ने पिकअप चालक की पिटाई कर दी। यह देख हिसार के युवक भड़क गए और दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। बाद में पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन युवकों ने हंगामा कर दिया। एक होमगार्ड के साथ धक्का-मुक्की की गई। मामले की सूचना पर शामली पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया। इसके बाद पुलिस की निगरानी में दोनों पक्षों को यूपी की सीमा से बाहर ले जाया गया। एएसपी संतोष कुमार का कहना है कि मारपीट के बाद कांवड़ियों को समझाकर भेज दिया गया है। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
तिगांव से कांग्रेस प्रत्याशी का मामा ने किया विरोध:अर्धनग्न होकर गांव में किया प्रचार; बोले- बेईमानों को वोट न दें, सावधान रहने की अपील
तिगांव से कांग्रेस प्रत्याशी का मामा ने किया विरोध:अर्धनग्न होकर गांव में किया प्रचार; बोले- बेईमानों को वोट न दें, सावधान रहने की अपील फरीदाबाद जिले के तिगांव विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रोहित नागर के मामा मनीराम भरना खुद गांव जाकर रोहित नागर और उनके पिता यशपाल नागर को बेईमान बताया है। उन्हें वोट न देने के साथ साथ सावधान रहने की अपील की। बाइक पर सवार मनीराम अर्धनग्न होकर रोहित नागर के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। मनीराम भड़ाना ने कहा कि रोहित नागर के पिता यशपाल नागर उनके सगे बहनोई हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्होंने उनके साथ 60 लख रुपए की बेईमानी की और प्रॉपर्टी में भी उनके साथ धोखाधड़ी की। जिसकी शिकायत में 2009 से करते आ रहे हैं। लघु सचिवालय पर 1 साल से धरने पर मनीराम भड़ाना ने बताया की यशपाल नागर ने उन्हें कई बार कभी घर तो कभी ऑफिस बुलाया। लेकिन उनके रुपए नहीं दिए। पुलिस से साथ गांठ कर उनके केस को दबा दिया। जिसके चलते पिछले लगभग 1 साल से फरीदाबाद के लघु सचिवालय के बाहर ही अर्धनग्न अवस्था में धरने पर बैठे हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्हें अभी तक कहीं से न्याय मिलता नजर नहीं आ रहा इसलिए वह चाहते हैं कि ऐसे बेईमानों को वोट न दी जाए, जो लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। रोहित नागर का कांग्रेसियों ने भी किया था विरोध गौरतलब है कि रोहित नागर ने कभी पार्षद का भी चुनाव तक नहीं लड़ा है। लेकिन पार्टी ने युवा रोहित नागर पर विश्वास जताया और पूर्व में कांग्रेस की सरकार में विधायक रहे ललित नागर की टिकट काट दी। जिसके चलते ललित नागर समेत अन्य कांग्रेसी रोहित नागर को टिकट दिए जाने का विरोध करते नजर आए।
हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा
हिसार में आदमपुर का नगरपालिका दर्जा होगा समाप्त:कुलदीप खेमे ने सर्वे को औपचारिक बताया, बोले- सिसाय गांव का भी इसी तरह हटा हिसार की आदमपुर नगर पालिका के दर्जे को लेकर विरोधियों ने कुलदीप बिश्नोई को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं, कुलदीप के बचाव में उनके समर्थक खड़े हो गए हैं। कुलदीप के खेमे का कहना है कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने के लिए ही सर्वे करवाया जा रहा है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका पालन सभी को करना होता है। आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे में भी 5000 से ज्यादा लोगों की राय ली जाएगी। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया जाएगा। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया जाता है। ऐसे खत्म हुआ सिसई गांव का दर्जा सिसई गांव में दो पंचायतें हैं। एक पंचायत को सिसई कालीरामण और दूसरी पंचायत को सिसई बोलान के नाम से जाना जाता है। लंबे समय से गांव का एक पक्ष सिसई को नगर पालिका बनाने के पक्ष में था, जबकि दूसरा पक्ष नगर पालिका के विरोध में था। जिसके चलते विभाग की ओर से गांव का सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान लोगों के सुझावों की रिपोर्ट को मिलाकर डीसी को दिया गया। यह रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। सर्वे के दौरान 5011 लोगों के सुझाव लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर लोगों ने सिसई को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी। भाजपा सरकार के दौरान 20 फरवरी 2019 को सिसई को नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी की गई।
इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है। सिसाय की तरह आदमपुर का दर्जा भी खत्म हो जाएगा दरअसल, आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इस दौरान सर्वे में लोगों ने नगर पालिका के लिए सहमति जताई थी। लेकिन जब लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स और नक्शे के अनुसार मकान न बनाने के नोटिस मिलने लगे तो धीरे-धीरे विरोध बढ़ने लगा। इसके बाद करीब 40 दिन तक विरोध जारी रहा। कुलदीप बिश्नोई धरने पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाया जाएगा। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले और मामले को जल्द सुलझाने को कहा। इसके बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए फाइल को आगे बढ़ाया। ऐसे होगा सर्वे ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल को लेकर जनता की राय जानने के लिए सर्वे कराया जाता है। डीसी ने एसडीएम हिसार को सर्वे के आदेश दिए हैं। एसडीएम अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर जिम्मेदारी सौंपेंगे। आदमपुर नगर पालिका के प्रत्येक वार्ड में एक सर्वे टीम भेजी जाएगी जो घर-घर जाकर लोगों की इस संबंध में राय लेगी। सर्वे की निगरानी के लिए सर्वे टीम में एक पर्यवेक्षक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। सर्वे 5 दिन में पूरा कर लिया जाएगा और सर्वे की संकलित रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी। इसके बाद डीसी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे। फिर सरकार नगर पालिका का दर्जा खत्म करने की घोषणा करेगी। जल्दबाजी दिखाने पर घिरे कुलदीप बिश्नोई दरअसल, जब सरकार द्वारा नगर पालिका को हटाने से संबंधित फाइल डीसी कार्यालय पहुंची तो कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर यह बात फैला दी कि सरकार ने आदमपुर नगर पालिका का दर्जा हटाने की फाइल पास करके डीसी को भेज दी है और अब नगर पालिका का दर्जा हटा दिया जाएगा। इसके बाद आदमपुर नगर पालिका को हटाने के लिए संघर्ष कर रही कमेटी को डीसी से मिलने के लिए भेजा गया, लेकिन जब डीसी ने बताया कि अभी दर्जा नहीं हटाया गया है, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती न दी जा सके। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद विरोधियों ने कुलदीप को घेरना शुरू कर दिया।