यूपी में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आज 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 50 जिले में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। गुरुवार को 54 जिलों में 6.1 मिमी बारिश हुई, जो नॉर्मल से 17 फीसदी कम है। वाराणसी में गुरुवार शाम से शुरू हुई बारिश देर रात तक होती रही। मथुरा में भी देर रात बरसात हुई। लखनऊ-गोरखपुर समेत पूर्वांचल और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुबह से ही बादल छाए हैं। तेज हवाएं चल रही हैं। बाढ़-बारिश की 3 तस्वीरें… वाराणसी में अभी भी छत पर हो रही गंगा आरती
प्रदेश के 10 जिले के 80 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बलिया में गंगा, बाराबंकी में घाघरा, सिद्धार्थनगर में राप्ती और गोंडा में क्वनो नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इधर, वाराणसी में गंगा अभी स्थिर है। जलस्तर 67 मीटर पर है, जो कि खतरे के निशान से 3 मीटर नीचे है। नमो घाट, अस्सी घाट गंगा में डूबे हैं। गंगा आरती अभी भी छत पर हो रही है। जल पुलिस और NDRF की निगरानी में लोग गंगा स्नान कर रहे हैं। 3 दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने बताया- अगले 24 घंटे में तापमान में गिरावट दर्ज होगी। अगले 3 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। गुरुवार को मेरठ सबसे गर्म जिला रहा। यहां तापमान 36.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। अब तक 10% कम बारिश
प्रदेश में 22 अगस्त तक 53 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, 22 जिलों में सामान्य और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। 1 जुलाई से अब तक 477.8 MM बारिश हुई है। जो कि नॉर्मल 533 MM से 10 प्रतिशत कम है। यूपी में बदलता मानसून का पैटर्न; 5 साल में 2022 में सबसे कम बारिश
IMD के आंकड़े बताते हैं- 2001 से यूपी में सामान्य मानसून की बारिश नहीं हो रही। साल दर साल इसमें कमी आ रही। यूपी में सामान्य बारिश तब मानी जाती है, जब यह 823 से 860 मिलीमीटर के बीच हो। 5 साल के आंकड़ों को देखने पर साफ हो जाता है कि कैसे प्रदेश में मानसून की बारिश में कमी आई। इस कमी का सीधा असर यहां के ग्राउंड वाटर लेवल पर पड़ा है। इन 5 साल में सबसे कम बारिश 2022 में हुई। यह नॉर्मल से करीब 36% तक कम थी। IMD के मुताबिक, 2019 में जून से सितंबर के बीच प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी। अलीगढ़, हापुड़, इटावा, बागपत, संभल, अमरोहा, बदांयू जैसे जिलों में 60 से 80 फीसदी तक कम बारिश हुई थी। ये भी पढ़ें:
जातिवाद को मुद्दा नहीं बनने देगी भाजपा..अग्रेसिव हिंदुत्व पर चलेगी:सपा को मथुरा कृष्ण जन्मभूमि विवाद और अयोध्या रेप कांड से घेरेगी; संघ देगा साथ ‘जो बांग्लादेश में हो रहा है… वहां 90 फीसदी जो हिंदू बचा है, वह दलित समुदाय से है। इस मामले में जिनके मुंह सिले हुए हैं, इसलिए सिले हुए हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि बांग्लादेश का हिंदू उनके लिए वोटर नहीं होगा। उनकी रक्षा करना हम सभी का दायित्व है।’ सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 अगस्त को यह बात कही थी। उन्होंने जता दिया था, भाजपा अग्रेसिव हिंदुत्व पर ही चलेगी…(पढ़ें पूरी खबर) यूपी में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आज 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 50 जिले में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। गुरुवार को 54 जिलों में 6.1 मिमी बारिश हुई, जो नॉर्मल से 17 फीसदी कम है। वाराणसी में गुरुवार शाम से शुरू हुई बारिश देर रात तक होती रही। मथुरा में भी देर रात बरसात हुई। लखनऊ-गोरखपुर समेत पूर्वांचल और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुबह से ही बादल छाए हैं। तेज हवाएं चल रही हैं। बाढ़-बारिश की 3 तस्वीरें… वाराणसी में अभी भी छत पर हो रही गंगा आरती
प्रदेश के 10 जिले के 80 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बलिया में गंगा, बाराबंकी में घाघरा, सिद्धार्थनगर में राप्ती और गोंडा में क्वनो नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इधर, वाराणसी में गंगा अभी स्थिर है। जलस्तर 67 मीटर पर है, जो कि खतरे के निशान से 3 मीटर नीचे है। नमो घाट, अस्सी घाट गंगा में डूबे हैं। गंगा आरती अभी भी छत पर हो रही है। जल पुलिस और NDRF की निगरानी में लोग गंगा स्नान कर रहे हैं। 3 दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने बताया- अगले 24 घंटे में तापमान में गिरावट दर्ज होगी। अगले 3 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। गुरुवार को मेरठ सबसे गर्म जिला रहा। यहां तापमान 36.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। अब तक 10% कम बारिश
प्रदेश में 22 अगस्त तक 53 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, 22 जिलों में सामान्य और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। 1 जुलाई से अब तक 477.8 MM बारिश हुई है। जो कि नॉर्मल 533 MM से 10 प्रतिशत कम है। यूपी में बदलता मानसून का पैटर्न; 5 साल में 2022 में सबसे कम बारिश
IMD के आंकड़े बताते हैं- 2001 से यूपी में सामान्य मानसून की बारिश नहीं हो रही। साल दर साल इसमें कमी आ रही। यूपी में सामान्य बारिश तब मानी जाती है, जब यह 823 से 860 मिलीमीटर के बीच हो। 5 साल के आंकड़ों को देखने पर साफ हो जाता है कि कैसे प्रदेश में मानसून की बारिश में कमी आई। इस कमी का सीधा असर यहां के ग्राउंड वाटर लेवल पर पड़ा है। इन 5 साल में सबसे कम बारिश 2022 में हुई। यह नॉर्मल से करीब 36% तक कम थी। IMD के मुताबिक, 2019 में जून से सितंबर के बीच प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी। अलीगढ़, हापुड़, इटावा, बागपत, संभल, अमरोहा, बदांयू जैसे जिलों में 60 से 80 फीसदी तक कम बारिश हुई थी। ये भी पढ़ें:
जातिवाद को मुद्दा नहीं बनने देगी भाजपा..अग्रेसिव हिंदुत्व पर चलेगी:सपा को मथुरा कृष्ण जन्मभूमि विवाद और अयोध्या रेप कांड से घेरेगी; संघ देगा साथ ‘जो बांग्लादेश में हो रहा है… वहां 90 फीसदी जो हिंदू बचा है, वह दलित समुदाय से है। इस मामले में जिनके मुंह सिले हुए हैं, इसलिए सिले हुए हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि बांग्लादेश का हिंदू उनके लिए वोटर नहीं होगा। उनकी रक्षा करना हम सभी का दायित्व है।’ सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 अगस्त को यह बात कही थी। उन्होंने जता दिया था, भाजपा अग्रेसिव हिंदुत्व पर ही चलेगी…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर