जींद में स्कूली बच्चे को कमरे में रोकने का मामला:बाल कल्याण संरक्षण समिति ने शिक्षा विभाग और पुलिस से मांगा जवाब

जींद में स्कूली बच्चे को कमरे में रोकने का मामला:बाल कल्याण संरक्षण समिति ने शिक्षा विभाग और पुलिस से मांगा जवाब

हरियाणा के जींद जिले के नरवाना क्षेत्र के एसडी कन्या महाविद्यालय में पहली कक्षा के बच्चे को कमरे में बंद करने के मामले को जिला बाल कल्याण समिति ने गंभीरता से लिया है। इसे लेकर बाल कल्याण समिति ने शिक्षा विभाग और पुलिस को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है। शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग से जवाब आने के बाद ही समिति द्वारा आगे कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि 20 जनवरी को नरवाना के एसडी कन्या महाविद्यालय में पहली कक्षा का एक बच्चा कमरे में बंद कर दिया था। नरवाना के आजाद नगर निवासी ईश्वर सिंह ने पुलिस व नरवाना एसडीएम को शिकायत देकर कहा था कि उसका बेटा एसडी कन्या महाविद्यालय में पहली कक्षा में पढ़ता है। सोमवार को छुट्टी के बाद उसका भाई नरेश बच्चे को लेने स्कूल गया था। कुछ देर तक जब बच्चा स्कूल के गेट पर नहीं आया तो उसने स्कूल के कर्मचारियों ने बात की। स्कूल कर्मचारियों ने कहा कि बच्चे को कोई घर ले गया। हालांकि बच्चे को लेने नरेश ही घर से आए थे। इससे वे चिंतित हुए। स्कूल कर्मचारियों ने भी यहां-वहां बच्चे को तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद वह स्वयं स्कूल स्टाफ के बाद ऊपर के कमरे गया और बच्चे को आवाज लगाई तो बच्चा कमरे के अंदर से बोला। नरेश ने कहा कि बच्चा बुरी तरह डरा व सहमा हुआ था। इस पर जब स्कूल प्रबंधन से बात की गई तो बताया कि गलती से बच्चा स्कूल के अंदर रह गया था। नरेश ने बताया कि उन्होंने सोमवार को नरवाना शहर थाना पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने दो दिन का समय देते हुए बाद में कार्रवाई की बात कही है। जिला बाल कल्याण समिति ने इस मामले को गंभीर माना है और शिक्षा विभाग से भी पूछा है कि इस मामले में विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई। जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। दोनों विभागों से जवाब मांगा गया है। वहीं नरवाना शहर थाना के जांच अधिकारी गुरमीत सिंह ने कहा कि दोनों पक्ष पुलिस थाना आए थे और उनके बीच समझौता हो गया है। छुट्टी के बाद बच्चे के परिजन उसे लेने नहीं आए तो क्लास टीचर ने परिजनों को फोन किया था। इसके बाद क्लास टीचर दूसरे बच्चों को छोड़ने के लिए चली गई और उस बच्चे को कमरे में ही बैठे रहने के लिए कहा। इसी बीच स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने कमरे को बंद कर दिया। बच्चे के परिजनों व एसडी कन्या महाविद्यालय प्रबंधन के बीच समझौता हो गया है। हरियाणा के जींद जिले के नरवाना क्षेत्र के एसडी कन्या महाविद्यालय में पहली कक्षा के बच्चे को कमरे में बंद करने के मामले को जिला बाल कल्याण समिति ने गंभीरता से लिया है। इसे लेकर बाल कल्याण समिति ने शिक्षा विभाग और पुलिस को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है। शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग से जवाब आने के बाद ही समिति द्वारा आगे कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि 20 जनवरी को नरवाना के एसडी कन्या महाविद्यालय में पहली कक्षा का एक बच्चा कमरे में बंद कर दिया था। नरवाना के आजाद नगर निवासी ईश्वर सिंह ने पुलिस व नरवाना एसडीएम को शिकायत देकर कहा था कि उसका बेटा एसडी कन्या महाविद्यालय में पहली कक्षा में पढ़ता है। सोमवार को छुट्टी के बाद उसका भाई नरेश बच्चे को लेने स्कूल गया था। कुछ देर तक जब बच्चा स्कूल के गेट पर नहीं आया तो उसने स्कूल के कर्मचारियों ने बात की। स्कूल कर्मचारियों ने कहा कि बच्चे को कोई घर ले गया। हालांकि बच्चे को लेने नरेश ही घर से आए थे। इससे वे चिंतित हुए। स्कूल कर्मचारियों ने भी यहां-वहां बच्चे को तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद वह स्वयं स्कूल स्टाफ के बाद ऊपर के कमरे गया और बच्चे को आवाज लगाई तो बच्चा कमरे के अंदर से बोला। नरेश ने कहा कि बच्चा बुरी तरह डरा व सहमा हुआ था। इस पर जब स्कूल प्रबंधन से बात की गई तो बताया कि गलती से बच्चा स्कूल के अंदर रह गया था। नरेश ने बताया कि उन्होंने सोमवार को नरवाना शहर थाना पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने दो दिन का समय देते हुए बाद में कार्रवाई की बात कही है। जिला बाल कल्याण समिति ने इस मामले को गंभीर माना है और शिक्षा विभाग से भी पूछा है कि इस मामले में विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई। जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। दोनों विभागों से जवाब मांगा गया है। वहीं नरवाना शहर थाना के जांच अधिकारी गुरमीत सिंह ने कहा कि दोनों पक्ष पुलिस थाना आए थे और उनके बीच समझौता हो गया है। छुट्टी के बाद बच्चे के परिजन उसे लेने नहीं आए तो क्लास टीचर ने परिजनों को फोन किया था। इसके बाद क्लास टीचर दूसरे बच्चों को छोड़ने के लिए चली गई और उस बच्चे को कमरे में ही बैठे रहने के लिए कहा। इसी बीच स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने कमरे को बंद कर दिया। बच्चे के परिजनों व एसडी कन्या महाविद्यालय प्रबंधन के बीच समझौता हो गया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर