कुरूक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद में अपनी ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे व्यक्ति से बाइक सवार दो बदमाशों ने देसी कट्टा दिखा कर उसकी बाइक छीनकर फरार होने का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर थाना इस्माईलाबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कर लिया है। फिलहाल पुलिस अज्ञात बदमाशों की तलाश में जुट गई है। देसी कट्टे की नोंक पर लूट शिकायतकर्ता गुरमीत सिंह पुत्र बनारसी दास ने बताया कि वह गांव जलबेहडा का रहने वाला हैं। गत दिवस वह अपनी ड्यूटी पूरी करके मलिकपुर से अपने घर जा रहा था। शाम के करीब 7:00 बजे के आसपास जब वह जलबेहडा पुल के पास पहुंचा। तब दो बाइक सवार बदमाश पिहोवा की तरफ से आए और उसे देसी कट्टा दिखाया। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने देसी कट्टे की नोंक पर उससे उसकी बाइक छीन ली। पीड़ित ने भागकर बचाई जान पीड़ित ने बताया कि जैसे ही बदमाशों ने मेरी बाइक छीनी तो मै डर गया। आनन-फानन में फोन करने की कोशिश करने लगा। उन्होंने दोबारा से मुझे देसी कट्टा दिखाया और मुझे डराने लगे। डर के मारे मैने वही सड़क से नीचे छलांग लगाई और वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। पुलिस ने शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धारा 309(4) BNS के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू करती है। कुरूक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद में अपनी ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे व्यक्ति से बाइक सवार दो बदमाशों ने देसी कट्टा दिखा कर उसकी बाइक छीनकर फरार होने का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर थाना इस्माईलाबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कर लिया है। फिलहाल पुलिस अज्ञात बदमाशों की तलाश में जुट गई है। देसी कट्टे की नोंक पर लूट शिकायतकर्ता गुरमीत सिंह पुत्र बनारसी दास ने बताया कि वह गांव जलबेहडा का रहने वाला हैं। गत दिवस वह अपनी ड्यूटी पूरी करके मलिकपुर से अपने घर जा रहा था। शाम के करीब 7:00 बजे के आसपास जब वह जलबेहडा पुल के पास पहुंचा। तब दो बाइक सवार बदमाश पिहोवा की तरफ से आए और उसे देसी कट्टा दिखाया। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने देसी कट्टे की नोंक पर उससे उसकी बाइक छीन ली। पीड़ित ने भागकर बचाई जान पीड़ित ने बताया कि जैसे ही बदमाशों ने मेरी बाइक छीनी तो मै डर गया। आनन-फानन में फोन करने की कोशिश करने लगा। उन्होंने दोबारा से मुझे देसी कट्टा दिखाया और मुझे डराने लगे। डर के मारे मैने वही सड़क से नीचे छलांग लगाई और वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। पुलिस ने शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धारा 309(4) BNS के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू करती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग हरियाणा के लाडवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की राह में अब बगावत के बादल छा गए हैं। भाजपा नेता संदीप गर्ग टिकट न मिलने से नाराज चल रहे है। उन्होंने बुधवार (कल) को लाडवा की मंडी में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में संदीप गर्ग आजाद उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ सकते है। बता दें कि लाडवा की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय गर्ग का यहां अच्छा-खासा रुतबा है और उनकी बगावत से भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पार्टी से नारज चल रहे संदीप गर्ग को खुद सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके निवास पर भी पहुंचे थे। इसके अलाव भी उनको पार्टी से किरण चौधरी ने भी उन्हें कॉल करके समझाने का प्रयास किया, लेकिन संदीप गर्ग यह फैसला कल होने वाली समाज की मीटिंग पर छोड़ा है। कौन हैं संदीप गर्ग? संदीप गर्ग भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका अग्रवाल समाज में अच्छा खासा प्रभाव है। इस सीट पर करीब 12 हजार वोट इस समुदाय के है। इस बार वह लाडवा से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मिल गई। इसके बाद से ही गर्ग नाराज चल रहे हैं। संदीप गर्ग ने समाज सेवा में अपनी अलग पहचान बनाई है। अन्नपूर्णा रसोई, जो 5 रुपए में भरपेट खाना देती है, उनकी एक प्रमुख पहल है। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गर्ग के मामा मदन मोहन मित्तल पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री और भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। लाडवा: सैनी बाहुल्य सीट लाडवा विधानसभा सीट को सैनी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो खुद सैनी समुदाय से आते हैं, यहां चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले करनाल विधानसभा सीट पर पंजाबी समाज के विरोधी स्वर सुनाई दे रहे थे। इसलिए भाजपा ने लाडवा को चुना, जहां सैनी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस सीट पर लगभग 1 लाख 95 हजार 816 मतदाताओं में से 20 प्रतिशत से अधिक सैनी बिरादरी के हैं। इसके अलावा यहां 18 प्रतिशत जाट और 11 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता भी हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाडवा में जीत के लिए इन 3 प्रमुख जातियों का समर्थन जरूरी है।
हरियाणा में भजनलाल परिवार ने खट्टर से बनाई दूरी:100 रुपए रिश्वत वाले किस्से से रिश्तों में आई खटास, इस बार जन्माष्टमी पर निमंत्रण नहीं
हरियाणा में भजनलाल परिवार ने खट्टर से बनाई दूरी:100 रुपए रिश्वत वाले किस्से से रिश्तों में आई खटास, इस बार जन्माष्टमी पर निमंत्रण नहीं हरियाणा में भजनलाल परिवार ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से किनारा कर लिया है। एक साल पहले जहां खट्टर को जन्माष्टमी कार्यक्रम में बुलाया गया था, वहीं इस बार उन्हें दरकिनार कर दिया गया है। पिछली बार मनोहर लाल जन्माष्टमी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। लेकिन इस बार उनकी जगह मौजूदा सीएम नायब सैनी को बुलाया गया है। हिसार के बिश्नोई मंदिर में 26 अगस्त को गुरु जम्भेश्वर भगवान की 574वीं जयंती और जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर बिश्नोई समाज ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार भी कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई करेंगे। इस बार खट्टर का कार्यक्रम से नदारद रहना चर्चा का विषय बन गया है। बताया जा रहा है कि बिश्नोई परिवार खट्टर के हिसार में चौधरी भजनलाल पर दिए गए बयान से असहज है। इस बयान का असर यह हुआ कि बिश्नोई समाज के इलाकों में भाजपा बुरी तरह हारी। यहां तक कि बिश्नोई परिवार के गढ़ आदमपुर में भी भाजपा पिछड़ गई। रणजीत चौटाला की सभा में खट्टर ने सुनाया था किस्सा वरिष्ठ भाजपा नेता, केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर 10 अप्रैल 2024 को भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने हिसार आए थे। कैमरी गांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मनोहर लाल ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े थे। मनोहर लाल ने कहा- मैं आपको एक पुराना किस्सा बता रहा हूं। हालांकि, मैं इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा। उसी इलाके (हिसार जिले) का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में उनके नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी ने फर्द (भूमि रिकॉर्ड की नकल) जारी करने के लिए उससे 100 रुपये की रिश्वत ली है। मनोहर लाल के मुताबिक, इस पर नेता ने उस व्यक्ति से पूछा कि चंडीगढ़ आने में आपका कितना खर्च हुआ? तो उसने कहा कि चंडीगढ़ आने में उसे 200 रुपये खर्च हुए और 2 दिन भी बर्बाद हुए। यह सुनने के बाद नेता ने उस व्यक्ति को डांटते हुए कहा कि जब उसने कम पैसे देकर अपना काम करवा लिया तो चंडीगढ़ आने के लिए 200 रुपये क्यों बर्बाद किए? इस कहानी को पूरा करते हुए खट्टर ने आगे कहा कि पहले हरियाणा के नेताओं की मानसिकता ऐसी ही थी। बिश्नोई परिवार का मानना है कि जिस नेता की कहानी खट्टर ने सुनाई वह पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल थे। इसी बात को लेकर बिश्नोई परिवार नाराज है। आदमपुर में पिछड़ी भाजपा 56 साल से भजनलाल परिवार का अभेद किला कहे जाने वाले आदमपुर में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भजनलाल 1968 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में भजनलाल परिवार आदमपुर से जीतता आया है। स्वर्गीय भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 में भाजपा के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए। हालांकि, इस बार भजनलाल परिवार का कोई सदस्य इस सीट से उम्मीदवार नहीं था, लेकिन भाजपा के समर्थन में वोट देने की अपील की गई थी। इसके बाद भी हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में सिर्फ 53156 वोट मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। इस तरह जयप्रकाश जेपी ने आदमपुर में 6384 वोटों से बढ़त हासिल की। 28 साल बाद कोई सीएम बिश्नोई मंदिर पहुंचा था मनोहर लाल खट्टर पिछले साल जन्माष्टमी पर हिसार के बिश्नोई मंदिर में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। भजन लाल के बाद मनोहर लाल दूसरे सीएम थे जो बिश्नोई मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मनोहर लाल ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। खट्टर ने तब कहा था कि रेलवे स्टेशन का नाम भी पूर्व सीएम भजन लाल के नाम पर रखा जाएगा और इसके लिए वे रेलवे विभाग को पत्र लिखेंगे। इसके अलावा हिसार में मटका चौक का नाम चौधरी भजन लाल के नाम पर रखने की घोषणा की थी। लेकिन ये दोनों घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हो सकीं।
हरियाणा में गौमांस खाने के शक में युवक की हत्या:गोरक्षक घर से बुलाकर ले गए, डंडे बरसाए; CM बोले- गोमाता से लोगों की भावाएं जुड़ी हैं
हरियाणा में गौमांस खाने के शक में युवक की हत्या:गोरक्षक घर से बुलाकर ले गए, डंडे बरसाए; CM बोले- गोमाता से लोगों की भावाएं जुड़ी हैं हरियाणा के चरखी दादरी में 27 अगस्त को गौ मांस खाने के शक में गौरक्षकों ने युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। युवक से मारपीट का अब वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ लोग युवकों को लाठी और डंडों से बेरहमी से पीट रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में 29 अगस्त को 7 युवकों को गिरफ्तार किया। विस्तार से समझिए पूरा मामला… घर में बर्तनों में मिला मांस
पुलिस के मुताबिक गौमांस खाने को लेकर 27 अगस्त को बाढड़ा के हंसावास खुर्द गांव में विवाद हुआ था। यहां पर असम के कुछ परिवार झुग्गियां बना कर रह रहे हैं। गौरक्षा दल से जुड़े वर्कर यहां पहुंचे और झुग्गियों की तलाशी ली। इस दौरान वहां कुछ बर्तनों में मांस मिला। इसके बाद वहां मौजूद युवक सबरुद्दीन वहां से भागकर दूसरी झुग्गियों की तरफ चला गया। इसके बाद गौरक्षकों ने सबरूद्दीन को पकड़ लिया और उसे झुग्गी में लेकर आए। पूछताछ करने पर सबरुद्दीन ने बताया कि वह 2 महीने से यहां रह रहा है। 2 महीने में 2 बार गौमांस पकाया है। गौरक्षकों ने वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया तो सबरुद्दीन ने कहा कि यह भैंस का मांस है। साथियों ने गौ मांस की बात कबूली उसके बाद सबरुद्दीन से मारपीट की तो वह भाग निकला। गौरक्षकों ने उसे 100 मीटर दौड़ाकर दोबारा पकड़ा। इसके बाद उसके साथियों को भी वहां लेकर आए। उन्होंने कैमरे के सामने स्वीकार कर लिया कि यह गाय का मांस है। यह मांस चरखी दादरी से अब्बदुला से लेकर आए थे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। बाढड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मांस और यहां रहने वाले लोगों को अपने साथ थाने ले गई। गौरक्षा दल के लोग भी वहां पहुंच गए और इनके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद लिखित में शिकायत दी गई। पुलिस ने डॉक्टर को बुलाकर सैंपल लिए। कबाड़ के बहाने दूसरे युवक को बुलाकर ले गए
इसके बाद कुछ लोग थाने से निकलकर जुई रोड पर बनी झुग्गियों में चले गए। वहां से उन्होंने पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के रहने वाले साबिर मलिक काे कबाड़ देने के बहाने बुलाया। साबिर मलिक और असम के युवक को बाढड़ा बस स्टैंड के पास लेकर जाकर मारपीट की गई। वहां आसपास के लोगों ने उन्हें छुड़ा दिया। इसके बाद मारपीट करने वाले लोगों ने साबिर मलिक और दूसरे युवक को थाने ले जाने की बात कहकर बाइक पर बैठा कर वहां से चले गए। रात को साबिर मलिक का शव भांडवा गांव के पास मिला। बाढड़ा थाना पुलिस ने 28 अगस्त को साबिर मलिक के साले सुजाउद्दीन सरदर की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने इस मामले में अभिषेक उर्फ शाका, रविंद्र उर्फ कालिया, मोहित, कमलजीत और साहिल उर्फ पप्पी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में 2 नाबालिग हैं इन्हें फरीदाबाद सुधार गृह भेजा गया है। घटना पर किसने क्या कहा.. ममता बनर्जी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने नेताओं से कहा है कि वे पीड़ित परिवार से जाकर मुलाकात करें। साथ ही परिवार की जिम्मेदारी लेते हुए आर्थिक मदद का आश्वासन भी दिया। नायब सैनी : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि चरखी दादरी में हुई मॉब लिंचिंग की घटना नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमने गौ माता के संरक्षण के लिए विधानसभा के अंदर भी कड़ा कानून बनाया है। गौ माता के लिए कोई समझौता नहीं है।