लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग

लाड़वा में भाजपा नेता ने बढ़ाई सीएम की मुश्किलें:नायब सैनी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं संदीप गर्ग, कल बुलाई कार्यकर्ताओं की मीटिंग

हरियाणा के लाडवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की राह में अब बगावत के बादल छा गए हैं। भाजपा नेता संदीप गर्ग टिकट न मिलने से नाराज चल रहे है। उन्होंने बुधवार (कल) को लाडवा की मंडी में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में संदीप गर्ग आजाद उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ सकते है। बता दें कि लाडवा की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय गर्ग का यहां अच्छा-खासा रुतबा है और उनकी बगावत से भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पार्टी से नारज चल रहे संदीप गर्ग को खुद सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके निवास पर भी पहुंचे थे। इसके अलाव भी उनको पार्टी से किरण चौधरी ने भी उन्हें कॉल करके समझाने का प्रयास किया, लेकिन संदीप गर्ग यह फैसला कल होने वाली समाज की मीटिंग पर छोड़ा है। कौन हैं संदीप गर्ग? संदीप गर्ग भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका अग्रवाल समाज में अच्छा खासा प्रभाव है। इस सीट पर करीब 12 हजार वोट इस समुदाय के है। इस बार वह लाडवा से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मिल गई। इसके बाद से ही गर्ग नाराज चल रहे हैं। संदीप गर्ग ने समाज सेवा में अपनी अलग पहचान बनाई है। अन्नपूर्णा रसोई, जो 5 रुपए में भरपेट खाना देती है, उनकी एक प्रमुख पहल है। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गर्ग के मामा मदन मोहन मित्तल पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री और भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। लाडवा: सैनी बाहुल्य सीट लाडवा विधानसभा सीट को सैनी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो खुद सैनी समुदाय से आते हैं, यहां चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले करनाल विधानसभा सीट पर पंजाबी समाज के विरोधी स्वर सुनाई दे रहे थे। इसलिए भाजपा ने लाडवा को चुना, जहां सैनी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस सीट पर लगभग 1 लाख 95 हजार 816 मतदाताओं में से 20 प्रतिशत से अधिक सैनी बिरादरी के हैं। इसके अलावा यहां 18 प्रतिशत जाट और 11 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता भी हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाडवा में जीत के लिए इन 3 प्रमुख जातियों का समर्थन जरूरी है। हरियाणा के लाडवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की राह में अब बगावत के बादल छा गए हैं। भाजपा नेता संदीप गर्ग टिकट न मिलने से नाराज चल रहे है। उन्होंने बुधवार (कल) को लाडवा की मंडी में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में संदीप गर्ग आजाद उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ सकते है। बता दें कि लाडवा की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय गर्ग का यहां अच्छा-खासा रुतबा है और उनकी बगावत से भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पार्टी से नारज चल रहे संदीप गर्ग को खुद सीएम नायब सैनी मनाने के लिए उनके निवास पर भी पहुंचे थे। इसके अलाव भी उनको पार्टी से किरण चौधरी ने भी उन्हें कॉल करके समझाने का प्रयास किया, लेकिन संदीप गर्ग यह फैसला कल होने वाली समाज की मीटिंग पर छोड़ा है। कौन हैं संदीप गर्ग? संदीप गर्ग भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका अग्रवाल समाज में अच्छा खासा प्रभाव है। इस सीट पर करीब 12 हजार वोट इस समुदाय के है। इस बार वह लाडवा से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मिल गई। इसके बाद से ही गर्ग नाराज चल रहे हैं। संदीप गर्ग ने समाज सेवा में अपनी अलग पहचान बनाई है। अन्नपूर्णा रसोई, जो 5 रुपए में भरपेट खाना देती है, उनकी एक प्रमुख पहल है। इसके अलावा, उन्होंने सामाजिक संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गर्ग के मामा मदन मोहन मित्तल पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री और भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। लाडवा: सैनी बाहुल्य सीट लाडवा विधानसभा सीट को सैनी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो खुद सैनी समुदाय से आते हैं, यहां चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले करनाल विधानसभा सीट पर पंजाबी समाज के विरोधी स्वर सुनाई दे रहे थे। इसलिए भाजपा ने लाडवा को चुना, जहां सैनी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इस सीट पर लगभग 1 लाख 95 हजार 816 मतदाताओं में से 20 प्रतिशत से अधिक सैनी बिरादरी के हैं। इसके अलावा यहां 18 प्रतिशत जाट और 11 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता भी हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाडवा में जीत के लिए इन 3 प्रमुख जातियों का समर्थन जरूरी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर