बॉलीवुड फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने विवादित दृश्यों के साथ फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज करने के आरोप लगाते हुए अब जी-स्टूडियो को कानूनी नोटिस भेज दिया है। इतना ही नहीं, ब्रॉडकास्ट मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को लेटर लिख स्क्रिप्ट की जांच करने की मांग रखी गई है। एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान जानकारी दी है कि फिल्म विवादों से भरी है। इसकी मुख्य अदाकार कंगना रनोट शुरू से ही पंजाब, सिख और किसानों के लिए विवादित बयान देती आई है। इमरजेंसी को खत्म करने के लिए पंजाब और अकाली दल के योगदान के बारे में तो कुछ नहीं बताया गया, लेकिन जरनैल सिंह भिंडरांवाले की गलत छवि को पेश किया गया है। जिसके बाद ही एसजीपीसी की तरफ से ब्रॉडकास्ट मंत्री अश्वनी वैष्णव और सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन प्रसुन जोशी को पत्र भेजा गया है। जिसमें एसजीपीसी ने मांग उठाई है कि फिल्म की रिलीज को रोका जाए और इसकी पूरी स्क्रिप्ट एसजीपीसी के साथ सांझी की जाए। ताकि इस फिल्म के बारे में अपनी और सिख समुदाय की भावनाओं को बताया जा सके। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। कंगना के खिलाफ एफआईआर की कर चुके मांग इससे पहले एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ एफआईआर की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। बॉलीवुड फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने विवादित दृश्यों के साथ फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज करने के आरोप लगाते हुए अब जी-स्टूडियो को कानूनी नोटिस भेज दिया है। इतना ही नहीं, ब्रॉडकास्ट मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को लेटर लिख स्क्रिप्ट की जांच करने की मांग रखी गई है। एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान जानकारी दी है कि फिल्म विवादों से भरी है। इसकी मुख्य अदाकार कंगना रनोट शुरू से ही पंजाब, सिख और किसानों के लिए विवादित बयान देती आई है। इमरजेंसी को खत्म करने के लिए पंजाब और अकाली दल के योगदान के बारे में तो कुछ नहीं बताया गया, लेकिन जरनैल सिंह भिंडरांवाले की गलत छवि को पेश किया गया है। जिसके बाद ही एसजीपीसी की तरफ से ब्रॉडकास्ट मंत्री अश्वनी वैष्णव और सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन प्रसुन जोशी को पत्र भेजा गया है। जिसमें एसजीपीसी ने मांग उठाई है कि फिल्म की रिलीज को रोका जाए और इसकी पूरी स्क्रिप्ट एसजीपीसी के साथ सांझी की जाए। ताकि इस फिल्म के बारे में अपनी और सिख समुदाय की भावनाओं को बताया जा सके। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। कंगना के खिलाफ एफआईआर की कर चुके मांग इससे पहले एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ एफआईआर की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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