जालंधर कैंट स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक की पहचान मोहल्ला कोट रामदास के रहने वाले अरविंदर सिंह पुत्र स्व. कृष्ण सिंह के रूप में हुई है। थाना जालंधर जीआरपी की टीम को मृतक का शव जालंधर कैंट, रामामंडी ओवरब्रिज के पास से बरामद हुआ था। जिसके कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल में भेज दिया था। अरविंदर ने सुसाइड किया या फिर ये हादसा था, इस पर पुलिस की जांच जारी है। मृतक के पास से नहीं मिला कोई पहचान पत्र जालंधर जीआरपी की चौकी जालंधर कैंट के इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली थी उक्त जगह पर एक व्यक्ति का कटा हुआ शव मिला है। जिसके बाद तुरंत टीम के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंच गए थे। मृतक की उम्र करीब 35 से 40 साल लग रही थी। जांच के दौरान मृतक के पास से कोई भी पहचान पत्र या फिर अन्य दस्तावेज नहीं मिला। फोटो सर्कुलेट करने पर हुई पहचान जालंधर कैंट जीआरपी चौकी इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि मृतक की पहचान के लिए पुलिस पार्टी द्वारा उसका फोटो सर्कुलेट किया गया था। जिसके बाद शाम के वक्त उक्त व्यक्ति की पहचान हो गई। परिवार को तुरंत मामले के बारे में बताया गया। पुलिस ने देर शाम पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिवार के हवाले कर दिया था। जालंधर कैंट स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक की पहचान मोहल्ला कोट रामदास के रहने वाले अरविंदर सिंह पुत्र स्व. कृष्ण सिंह के रूप में हुई है। थाना जालंधर जीआरपी की टीम को मृतक का शव जालंधर कैंट, रामामंडी ओवरब्रिज के पास से बरामद हुआ था। जिसके कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल में भेज दिया था। अरविंदर ने सुसाइड किया या फिर ये हादसा था, इस पर पुलिस की जांच जारी है। मृतक के पास से नहीं मिला कोई पहचान पत्र जालंधर जीआरपी की चौकी जालंधर कैंट के इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली थी उक्त जगह पर एक व्यक्ति का कटा हुआ शव मिला है। जिसके बाद तुरंत टीम के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंच गए थे। मृतक की उम्र करीब 35 से 40 साल लग रही थी। जांच के दौरान मृतक के पास से कोई भी पहचान पत्र या फिर अन्य दस्तावेज नहीं मिला। फोटो सर्कुलेट करने पर हुई पहचान जालंधर कैंट जीआरपी चौकी इंचार्ज अशोक कुमार ने बताया कि मृतक की पहचान के लिए पुलिस पार्टी द्वारा उसका फोटो सर्कुलेट किया गया था। जिसके बाद शाम के वक्त उक्त व्यक्ति की पहचान हो गई। परिवार को तुरंत मामले के बारे में बताया गया। पुलिस ने देर शाम पोस्टमार्टम होने के बाद शव को परिवार के हवाले कर दिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के 5 जिलों में AQI 400 पार:कई शहर ग्रेप-1 श्रेणी में, पराली के बाद पटाखों से हुआ हवा जहरीला, आज हालात और बिगड़ने के आसार दिवाली की रात पंजाब में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। ज्यादातर शहरों में प्रदूषण ऑरेंज अलर्ट पर पहुंच गया है, यानी यहां ग्रेप-1 की स्थिति लागू हो गई है। रात को जब पटाखे जलने शुरू हुए तो AQI 500 के पार पहुंच गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के चिंताजनक स्तर पर पहुंचने पर लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। पंजाब सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से दिवाली के दौरान पटाखे जलाने का समय सीमित कर दिया है। सरकारी निर्देशों के अनुसार दिवाली पर पटाखे जलाने का समय रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। लेकिन, इसके बावजूद शाम से शुरू हुआ पटाखे देर रात तक चलते रहे। जिसके बाद अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 400 से 500 के बीच दर्ज किया गया। इतना ही नहीं, इन शहरों का औसत AQI भी 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है। जानें अपने शहर की स्थिति प्रमुख शहरों में AQI खतरनाक स्तर पर लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, और पटियाला जैसे शहरों में AQI खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया। पटाखों के कारण उत्सर्जित हानिकारक गैसों और धूल के कणों ने वायु की गुणवत्ता को काफी खराब कर दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषकों का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक हो गया, जिससे सांस, अस्थमा और हृदय रोग जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। प्रतिबंधों के बावजूद प्रदूषण में बढ़ोतरी पंजाब सरकार और पर्यावरण विभाग द्वारा पटाखों पर लगाए गए आंशिक प्रतिबंधों के बावजूद लोगों ने भारी मात्रा में पटाखे जलाए। नियमों की अनदेखी और देर रात तक पटाखों के फूटने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया। प्रशासन ने जनता से अपील की थी कि वह पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाते हुए कम प्रदूषण वाले पटाखों का उपयोग करें, लेकिन इसके बावजूद पटाखों की आवाज और धुआं शहरों में व्यापक रूप से फैला रहा। स्वास्थ्य पर प्रभाव प्रदूषण के कारण बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर खासा असर पड़ा है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ, एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायतों के मामलों में वृद्धि देखी गई है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, घर के अंदर रहने, और खासकर सुबह और रात में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। विशेषज्ञों की चेतावनी और उपाय पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पटाखों के उपयोग को सख्ती से नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सरकार और प्रशासन को प्रदूषण के प्रति सख्त रवैया अपनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन मिल सके।
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अकाल तख्त पहुंचे अमृतपाल के पिता:जत्थेदार से की मांग- 30 अगस्त की बैठक में ऐसा फैसला लें, जो कौम को हो मंजूर खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह मंगलवार श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और ज्ञापन सौंपा है। तरसेम सिंह ने मीडिया को बताया कि वे 30 अगस्त को 5 तख्तों के जत्थेदारों की बैठक के संबंध में मिलने पहुंचे थे। इसके साथ ही उन्होंने अकाली दल की अंतर-कलह को लेकर सुखबीर बादल पर भी तंज कसा है। तरसेम सिंह ने बताया कि 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक होने वाली है। अकाली दल में सुखबीर बादल की तरफ से की गई गलतियों को उनके ध्यान में लाया गया है। इसके साथ ही उन्हें आग्रह किया गया है कि वे फैसला कौम को लेकर करें। तख्त की मर्यादा को देखते हुए ऐसा फैसला लें जो कौम को मंजूर हो। 30 अगस्त को ऐसा फैसला लें कि वे पंथ के लिए मिसाल बने। हमने कौम और जनता के विचार श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में लाए हैं। ये तख्त गुरुसाहिबों का दिया हुआ है। इस तख्त की मर्यादा व जत्थेदार की पदवी को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लेना चाहिए। इस बार पहले की तरह फैसले नहीं होने चाहिए, जो कौम का परवान ना हों। सुखबीर बादल को कौम ने नकारा तरसेम सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल ने गलतियां ही इतनी बड़ी की हैं, अब कौम उन्हें नकार चुकी है। अब वे हाथ पैर मार रहे हैं, गलत बयानबाजियां कर रहे हैं। ऐसा करके वे कौम का जनाजा निकाल रहे हैं। अकाली दल के पास जब सरकार थी, तब उन्होंने कुछ किया नहीं। अब अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए ये सब कर रहे हैं। अभी भी वे केंद्र से लड़ने की जगह अमृतपाल सिंह पर बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा में अगर अनख बची है तो कंगना को बाहर करना चाहिए अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि कंगना पहले भी किसानों व सिखों को लेकर गलत बयानबाजी करती रही है। अगर भाजपा में अभी भी अनख बची है तो ऐसे लीडरों को उन्हें बाहर करना चाहिए। ऐसा करके आपसी भाईचारे में नफरत पैदा हो रही है। कंगना की जो फिल्म आ रही है, उसका भी विरोध उनकी तरफ से किया जा रहा है। वे फिल्म भी बैन करनी चाहिए।