अगर मैं कहूं कि आप पूरे पाकिस्तान में भी भारत की खोज बहुत आसानी से कर सकते हैं तो क्या आप यकीन करेंगे? आइए जानते हैं। दिल्ली भारत की राजधानी है, लेकिन आपको कराची में ‘दिल्ली कॉलोनी’ मिल जाएगी। यहां बिहार कॉलोनी भी है तो ग्वालियर सोसाइटी, लखनऊ सोसाइटी, भोपाल हाउस, बनारस टाउन और हिंदू जिमखाना भी है। दिल्ली के लाल किले में अगर लाहौरी गेट है तो लाहौर में दिल्ली गेट को देख सकते हैं। दिल्ली के चांदनी चौक के पास अनारकली बाजार है। लेकिन, एक अनारकली बाजार हमारे लाहौर में भी है। इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है, जिसका निर्माण 1960 में हुआ था। लेकिन, सिंध सूबे में इस्लामकोट नाम से एक पुराना शहर है, जहां नौ हिंदू मंदिर हैं। इस शहर का नाम ‘इस्लामकोट’ है, मगर अधिकांश आबादी हिंदू है। यह जानकर आपको और भी ताज्जुब होगा कि कुछ पाकिस्तानी शहरों में एक भी हिंदू नहीं मिलेगा, लेकिन उन शहरों के नाम हिंदुओं के नाम पर हैं। पाकिस्तानी पंजाब में एक पुराना शहर है। नाम है- कोटा राधा किशन। हालांकि यहां एक भी हिंदू नहीं है। 1947 में यहां की हिंदू आबादी हिंदुस्तान चली गई थी। इसका नाम बदलने की काफी कोशिश भी की गई, लेकिन स्थानीय मुस्लिमों ने इससे साफ इनकार कर दिया। बंटवारे के समय ही एक मुसलमान अमृतसर से कोट राधा किशन आया। उसने यहां मिठाइयों का कारोबार शुरू किया। नाम रखा- अमृतसर स्वीट्स। इसी तरह कराची में दिल्ली स्वीट्स और इस्लामाबाद में अंबाला बेकर्स के नाम से मिठाई की दुकानें हैं। पाकिस्तानी शहरों, कस्बों और गांवों के हिंदू और सिख नाम हमारे साझा इतिहास का हिस्सा हैं। बेशक, बंटवारे के बाद दोनों देशों में कई नाम बदले गए, लेकिन नए नाम पुराने इतिहास को खत्म नहीं कर सकते। पंजाब भारत का एक सूबा (राज्य) है और पंजाब पाकिस्तान के एक सूबे का भी नाम है। गुजरात भारत का एक सूबा है और पाकिस्तान के एक शहर का नाम गुजरात है। हैदराबाद नाम से भारत में भी शहर है तो पाकिस्तान में भी। पाकिस्तानी हैदराबाद में ‘बॉम्बे बेकरी’ के केक पूरे पाकिस्तान में मशहूर हैं तो वहीं भारत के हैदराबाद स्थित ‘कराची बेकरी’ एक जाना-माना नाम है। हिंदू देवी मां सीता के नाम पर आपको पाकिस्तान में शहर व कस्बे मिल जाएंगे। पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब सूबे में स्थित एक कस्बा है ‘सीतापुर’ (इसे पंजाबी टोन के कारण कुछ लोग ‘सीतपुर’ भी कहते हैं)। एक दूसरे सूबे सिंध में भी एक शहर का नाम ‘सीता गोठ’ है। गंगा भारत की एक पवित्र नदी है, लेकिन आपको पाकिस्तानी पंजाब में गंगापुर नाम से एक शहर मिल जाएगा। खैबर पख्तूनख्वा सूबे में गंगानगर नाम का भी एक शहर है। सर गंगाराम ने बंटवारे से पहले लाहौर में गंगाराम हॉस्पिटल बनवाया था। इसी नाम से एक और हॉस्पिटल उनके परिवार ने दिल्ली में बनवाया था। इस तरह सरहद के दोनों तरफ एक ही नाम से दो अस्पताल हैं, जिनका इतिहास भी साझा है। ननकाना साहिब गुरु नानकदेव का जन्म स्थान है। यह शहर पाकिस्तानी पंजाब में स्थित है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की वजह से करतारपुर पाकिस्तान में सिखों का एक और धार्मिक स्थल है। जालंधर के करीब भारत में करतारपुर नाम का एक शहर स्थित है। जालंधर भारत का एक शहर है, जो पंजाब में है। लेकिन, इस नाम से एक शहर पाकिस्तानी पंजाब में भी मौजूद है। भारतीय पंजाब में शहीद भगत सिंह नगर एक जिला है, जबकि भगत सिंह का जन्मस्थल पाकिस्तानी पंजाब के जरानवाला शहर के पास ‘विलेज भगत सिंह’ कहलाता है। कराची में मोहनदास करमचंद गांधी स्ट्रीट है। स्थानीय लोगों में यह अब भी मोहन रोड के नाम से मशहूर है। भारत के आगरा शहर से सभी परिचित हैं, लेकिन पाकिस्तान के साहीवाल जिले में भी आगरा नाम का एक छोटा-सा कस्बा है। पाकिस्तान में कसूर के पास एक छोटा-सा इलाहाबाद भी है। भारत के नागपुर के पास एक गोपालनगर है और इसी गोपालनगर नाम से लाहौर के पास भी एक कस्बा है। पाकिस्तानी पंजाब में चकवाल के पास हिंदुओं के लिए कटास राज एक बेहद मशहूर और पवित्र स्थल है। कटास में विष्णु, शिव, गणेश, शिवलिंग, काली माता, पार्वती और लक्ष्मी के नाम से एक परिसर में एक-दूसरे से जुड़े सात हिंदू मंदिर हैं। इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में एक पुराना राम मंदिर है, जिसे राम कुंड मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हिंदुओं का मानना है कि वनवास के दौरान राम इस क्षेत्र में भी रहे थे। 1947 के बाद भारत और पाकिस्तान अलग-अलग मुल्क बन गए, लेकिन हकीकत तो यह है कि हम अपने अतीत को नहीं बदल सकते। ऊपर तो केवल चंद मिसालें भर हैं। आपको न जाने कितनी ऐसी मिसालें और भी मिल जाएंगी। तो आप चाहें तो पाकिस्तान में भारत की खोज कर सकते हैं। अगर मैं कहूं कि आप पूरे पाकिस्तान में भी भारत की खोज बहुत आसानी से कर सकते हैं तो क्या आप यकीन करेंगे? आइए जानते हैं। दिल्ली भारत की राजधानी है, लेकिन आपको कराची में ‘दिल्ली कॉलोनी’ मिल जाएगी। यहां बिहार कॉलोनी भी है तो ग्वालियर सोसाइटी, लखनऊ सोसाइटी, भोपाल हाउस, बनारस टाउन और हिंदू जिमखाना भी है। दिल्ली के लाल किले में अगर लाहौरी गेट है तो लाहौर में दिल्ली गेट को देख सकते हैं। दिल्ली के चांदनी चौक के पास अनारकली बाजार है। लेकिन, एक अनारकली बाजार हमारे लाहौर में भी है। इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है, जिसका निर्माण 1960 में हुआ था। लेकिन, सिंध सूबे में इस्लामकोट नाम से एक पुराना शहर है, जहां नौ हिंदू मंदिर हैं। इस शहर का नाम ‘इस्लामकोट’ है, मगर अधिकांश आबादी हिंदू है। यह जानकर आपको और भी ताज्जुब होगा कि कुछ पाकिस्तानी शहरों में एक भी हिंदू नहीं मिलेगा, लेकिन उन शहरों के नाम हिंदुओं के नाम पर हैं। पाकिस्तानी पंजाब में एक पुराना शहर है। नाम है- कोटा राधा किशन। हालांकि यहां एक भी हिंदू नहीं है। 1947 में यहां की हिंदू आबादी हिंदुस्तान चली गई थी। इसका नाम बदलने की काफी कोशिश भी की गई, लेकिन स्थानीय मुस्लिमों ने इससे साफ इनकार कर दिया। बंटवारे के समय ही एक मुसलमान अमृतसर से कोट राधा किशन आया। उसने यहां मिठाइयों का कारोबार शुरू किया। नाम रखा- अमृतसर स्वीट्स। इसी तरह कराची में दिल्ली स्वीट्स और इस्लामाबाद में अंबाला बेकर्स के नाम से मिठाई की दुकानें हैं। पाकिस्तानी शहरों, कस्बों और गांवों के हिंदू और सिख नाम हमारे साझा इतिहास का हिस्सा हैं। बेशक, बंटवारे के बाद दोनों देशों में कई नाम बदले गए, लेकिन नए नाम पुराने इतिहास को खत्म नहीं कर सकते। पंजाब भारत का एक सूबा (राज्य) है और पंजाब पाकिस्तान के एक सूबे का भी नाम है। गुजरात भारत का एक सूबा है और पाकिस्तान के एक शहर का नाम गुजरात है। हैदराबाद नाम से भारत में भी शहर है तो पाकिस्तान में भी। पाकिस्तानी हैदराबाद में ‘बॉम्बे बेकरी’ के केक पूरे पाकिस्तान में मशहूर हैं तो वहीं भारत के हैदराबाद स्थित ‘कराची बेकरी’ एक जाना-माना नाम है। हिंदू देवी मां सीता के नाम पर आपको पाकिस्तान में शहर व कस्बे मिल जाएंगे। पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब सूबे में स्थित एक कस्बा है ‘सीतापुर’ (इसे पंजाबी टोन के कारण कुछ लोग ‘सीतपुर’ भी कहते हैं)। एक दूसरे सूबे सिंध में भी एक शहर का नाम ‘सीता गोठ’ है। गंगा भारत की एक पवित्र नदी है, लेकिन आपको पाकिस्तानी पंजाब में गंगापुर नाम से एक शहर मिल जाएगा। खैबर पख्तूनख्वा सूबे में गंगानगर नाम का भी एक शहर है। सर गंगाराम ने बंटवारे से पहले लाहौर में गंगाराम हॉस्पिटल बनवाया था। इसी नाम से एक और हॉस्पिटल उनके परिवार ने दिल्ली में बनवाया था। इस तरह सरहद के दोनों तरफ एक ही नाम से दो अस्पताल हैं, जिनका इतिहास भी साझा है। ननकाना साहिब गुरु नानकदेव का जन्म स्थान है। यह शहर पाकिस्तानी पंजाब में स्थित है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की वजह से करतारपुर पाकिस्तान में सिखों का एक और धार्मिक स्थल है। जालंधर के करीब भारत में करतारपुर नाम का एक शहर स्थित है। जालंधर भारत का एक शहर है, जो पंजाब में है। लेकिन, इस नाम से एक शहर पाकिस्तानी पंजाब में भी मौजूद है। भारतीय पंजाब में शहीद भगत सिंह नगर एक जिला है, जबकि भगत सिंह का जन्मस्थल पाकिस्तानी पंजाब के जरानवाला शहर के पास ‘विलेज भगत सिंह’ कहलाता है। कराची में मोहनदास करमचंद गांधी स्ट्रीट है। स्थानीय लोगों में यह अब भी मोहन रोड के नाम से मशहूर है। भारत के आगरा शहर से सभी परिचित हैं, लेकिन पाकिस्तान के साहीवाल जिले में भी आगरा नाम का एक छोटा-सा कस्बा है। पाकिस्तान में कसूर के पास एक छोटा-सा इलाहाबाद भी है। भारत के नागपुर के पास एक गोपालनगर है और इसी गोपालनगर नाम से लाहौर के पास भी एक कस्बा है। पाकिस्तानी पंजाब में चकवाल के पास हिंदुओं के लिए कटास राज एक बेहद मशहूर और पवित्र स्थल है। कटास में विष्णु, शिव, गणेश, शिवलिंग, काली माता, पार्वती और लक्ष्मी के नाम से एक परिसर में एक-दूसरे से जुड़े सात हिंदू मंदिर हैं। इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में एक पुराना राम मंदिर है, जिसे राम कुंड मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हिंदुओं का मानना है कि वनवास के दौरान राम इस क्षेत्र में भी रहे थे। 1947 के बाद भारत और पाकिस्तान अलग-अलग मुल्क बन गए, लेकिन हकीकत तो यह है कि हम अपने अतीत को नहीं बदल सकते। ऊपर तो केवल चंद मिसालें भर हैं। आपको न जाने कितनी ऐसी मिसालें और भी मिल जाएंगी। तो आप चाहें तो पाकिस्तान में भारत की खोज कर सकते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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