अयोध्या में बाढ़ प्रभावित कैथी माझा गांव में बीती रात अपनी मां के साथ तख्त पर सो रहा 6 माह बच्चा चौकी से गिर कर बाढ़ के पानी डूब गया।इसकी जानकारी परिजनों को सुबह 4 बजे हुई।तलाश करने पर बच्चे का शव बाढ़ के जल से बरामद हुआ।बाढ़ के कारण पीड़ित के घर के चारो ओर पानी भरा हुआ था। हालांकि घटना के बाद जल स्तर घटने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं।शनिवार को सरयू खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थीं। घटना की सूचना पर चौकी प्रभारी शुजागंज ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। कोतवाली रुदौली का कहना है कि कैथी माझा गांव बाढ़ प्रभावित है।शनिवार की रात कैथी माझा गांव के अमर सिंह का 6 माह का पुत्र अजीत अपनी मां के साथ तख्त पर सो रहा था।परिजनों के मुताबिक तख्त के नीचे बाढ़ का पानी था। सोते समय बाढ़ के पानी बच्चे के गिर जाने की जानकारी परिजनों को नही हो सकी। मृतक बालक तीन बच्चों में सबसे छोटा था सुबह बच्चा नही मिलने पर घर में कोहराम मच गया। बच्चे को तलाशने पर बच्चा तख्त के नीचे पानी में मिला। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। मां का बुरा हाल है। पीड़ित पिता अमर सिंह ने बताया कि मृतक बालक तीन बच्चों में सबसे छोटा था सबसे बड़ी एक लड़की व एक लड़का है। बाढ़ का पानी अधिक होने से कही सुरक्षित स्थान नहीं जा सके। पीड़ित परिवार नहीं पूरे इलाके का दर्द बनकर सामने आई घटना उन्होंने बताया कि यहां रहना हम सब की मजूबरी है।ऐसा इसलिए कि हम सब के पास बाढ़ में रहने के लिए भी और कोई ठिकाना है ही नहीं।कुल मिलाकर बाढ़ की विभीषिका,खुद की बेबसी और आंगन में मातम का दर्द पूरे पीड़ित परिवार नहीं पूरे इलाके का दर्द बनकर सामने आया है। बाढ़ पीड़ित 100 परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर मकान की सुविधा के लिए प्रयास कोतवाल संजय मौर्य ने बताया शव का पंचनामा किया गया है।घटना की जानकारी पर विधायक रामचंद्र यादव ने नाव द्वारा पीड़ित परिवार के घर पहुँचकर ढाढ़स बंधाया तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित 100 परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर मकान की सुविधा के लिए प्रयास किया जा रहा है। अयोध्या में बाढ़ प्रभावित कैथी माझा गांव में बीती रात अपनी मां के साथ तख्त पर सो रहा 6 माह बच्चा चौकी से गिर कर बाढ़ के पानी डूब गया।इसकी जानकारी परिजनों को सुबह 4 बजे हुई।तलाश करने पर बच्चे का शव बाढ़ के जल से बरामद हुआ।बाढ़ के कारण पीड़ित के घर के चारो ओर पानी भरा हुआ था। हालांकि घटना के बाद जल स्तर घटने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं।शनिवार को सरयू खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थीं। घटना की सूचना पर चौकी प्रभारी शुजागंज ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। कोतवाली रुदौली का कहना है कि कैथी माझा गांव बाढ़ प्रभावित है।शनिवार की रात कैथी माझा गांव के अमर सिंह का 6 माह का पुत्र अजीत अपनी मां के साथ तख्त पर सो रहा था।परिजनों के मुताबिक तख्त के नीचे बाढ़ का पानी था। सोते समय बाढ़ के पानी बच्चे के गिर जाने की जानकारी परिजनों को नही हो सकी। मृतक बालक तीन बच्चों में सबसे छोटा था सुबह बच्चा नही मिलने पर घर में कोहराम मच गया। बच्चे को तलाशने पर बच्चा तख्त के नीचे पानी में मिला। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। मां का बुरा हाल है। पीड़ित पिता अमर सिंह ने बताया कि मृतक बालक तीन बच्चों में सबसे छोटा था सबसे बड़ी एक लड़की व एक लड़का है। बाढ़ का पानी अधिक होने से कही सुरक्षित स्थान नहीं जा सके। पीड़ित परिवार नहीं पूरे इलाके का दर्द बनकर सामने आई घटना उन्होंने बताया कि यहां रहना हम सब की मजूबरी है।ऐसा इसलिए कि हम सब के पास बाढ़ में रहने के लिए भी और कोई ठिकाना है ही नहीं।कुल मिलाकर बाढ़ की विभीषिका,खुद की बेबसी और आंगन में मातम का दर्द पूरे पीड़ित परिवार नहीं पूरे इलाके का दर्द बनकर सामने आया है। बाढ़ पीड़ित 100 परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर मकान की सुविधा के लिए प्रयास कोतवाल संजय मौर्य ने बताया शव का पंचनामा किया गया है।घटना की जानकारी पर विधायक रामचंद्र यादव ने नाव द्वारा पीड़ित परिवार के घर पहुँचकर ढाढ़स बंधाया तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित 100 परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर मकान की सुविधा के लिए प्रयास किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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क्या सच में शिमला के रिज मैदान पर आ गई दरारें, जानें क्यों परेशानी में है नगर निगम?
क्या सच में शिमला के रिज मैदान पर आ गई दरारें, जानें क्यों परेशानी में है नगर निगम? <p style=”text-align: justify;”><strong>Ridge Maidan Shimla News:</strong> ऐतिहासिक रिज मैदान शिमला शहर की पहचान है. यह मैदान न सिर्फ ऐतिहासिक महत्वता रखता है, बल्कि इससे लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी है. शिमला घूमने के लिए आने वाले सैलानी भी सबसे पहले रिज मैदान पर ही घूमने के लिए पहुंचते हैं. अब रिज मैदान पर दरार की खबरें सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खूब चर्चा है. शहर में अफवाहों का बाजार भी गर्म है. रिज मैदान पर मंडरा रहे खतरे ने नगर निगम शिमला के साथ यहां के लोगों की चिंता भी बढ़ा दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, यह दरारें शिमला के रिज मैदान पर नहीं बल्कि इसके साथ लगते हिस्से में आई हैं. शिमला में घुड़सवारी के लिए जहां सैलानी घोड़ा स्टैंड पर पहुंचते हैं, उसके ठीक नीचे दुकानें भी बनी हैं. इन्हीं दुकानों के नजदीक दरारें देखी गई हैं. इसी से रिज मैदान को भी खतरा पैदा होने की संभावना है. इसी गंभीर खतरे को देखते हुए नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने गुरुवार को मौके का जायजा लेकर खुद इस इलाके का निरीक्षण किया है. उनके साथ नगर निगम शिमला के अधिकारी भी मौजूद रहे.<br /> <br /><strong>नगर निगम शिमला भी नजर आ रहा गंभीर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि रिज मैदान के नजदीक दरार आना बेहद गंभीर विषय है. नगर निगम शिमला इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है. दुकान मालिकों को जगह खाली करने के नोटिस नगर निगम प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है. इस स्थान को सुरक्षित रखने के लिए नगर निगम शिमला जरूरी कदम उठा रहा है. यहां भविष्य में जियोलॉजिकल सर्वे भी कराया जाएगा, ताकि इस इलाके को सुरक्षित रखा जा सके. नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि रिज मैदान पर पानी का टैंक भी है. यहां पानी के टैंक में रिसाव न हो, यह भी नगर निगम शिमला सुनिश्चित करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिज मैदान को सुरक्षित रखना जरूरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि रिज मैदान के दाएं तरफ का इलाका सिंकिंग जोन में आता है. इससे पहले भी यहां बने तिब्बती मार्केट का कुछ हिस्सा शिफ्ट किया जा चुका है. शिमला के रिज मैदान के साथ पदमदेव परिसर के नजदीक ही खतरा बना हुआ था. यहां भी सुरक्षा दीवार लगाने का काम लंबे वक्त से चल रहा है. रिज मैदान शिमला का एक ऐतिहासिक स्थान है. ऐसे में इसे सुरक्षित रखने के लिए नगर निगम शिमला भरपूर कोशिश कर रहा है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Chamba Landslide: हिमाचल में आफत बना मानसून, मणिमहेश्वर जाने वाले रास्ते में भारी लैंडस्लाइड, सामने आई भयावह तस्वीर” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/chamba-landslide-occurs-due-to-rain-enroute-manimahesh-2735200″ target=”_blank” rel=”noopener”>Chamba Landslide: हिमाचल में आफत बना मानसून, मणिमहेश्वर जाने वाले रास्ते में भारी लैंडस्लाइड, सामने आई भयावह तस्वीर</a></strong></p>
कानपुर सीट पर मोदी के रोड शो से निकली जीत:3 बड़े मुद्दों को भी नहीं भुना सकी कांग्रेस-सपा; अकबरपुर सीट पर योगी-मोदी चेहरा कामयाब रहा
कानपुर सीट पर मोदी के रोड शो से निकली जीत:3 बड़े मुद्दों को भी नहीं भुना सकी कांग्रेस-सपा; अकबरपुर सीट पर योगी-मोदी चेहरा कामयाब रहा कानपुर और अकबरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। कानपुर नगर सीट पर विपक्ष से कांग्रेस मजबूत दौड़ में थी, जबकि अकबरपुर में पहली बार सपा ने मजबूत बढ़त बनाई, लेकिन अंत में हार का सामना करना पड़ा। कानपुर सीट से पहली बार बने सांसद
कानपुर नगर सीट पर भाजपा से रमेश अवस्थी को कुल 443055 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस से आलोक मिश्रा को 422087 वोट हासिल हुए। बसपा से कुलदीप भदौरिया अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। भाजपा प्रत्याशी ने 20,968 वोटों से जीत दर्ज की। रमेश अवस्थी का ये पहला लोकसभा चुनाव था और पहली बार वे सांसद चुने गए हैं। अकबरपुर सीट पर तीसरी बार जीता विश्वास
वहीं अकबरपुर सीट की बात करें तो भाजपा से देवेंद्र सिंह भोले ने तीसरी बार जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे। उन्हें कुल 517423 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंदी सपा से राजा राम पाल को 473078 वोटर हासिल हुए। इस सीट पर भी बसपा से राजेश द्विवेदी अपनी जमानत नहीं बचा सके। अब बात करते हैं कानपुर सीट पर कांग्रेस के हार के कारणों की… कानपुर नगर सीट पर इस बार कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी रहे आलोक मिश्रा ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी। 26 राउंड की गिनती में वे 11 राउंड में आगे रहे, लेकिन भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। भाजपा सीट पर शुरू में भाजपा कैंडिडेट को लेकर खासी नाराजगी थी, लेकिन कांग्रेस उस मुद्दे को भुना नहीं सकी। जबकि कांग्रेस और सपा संगठन भी चुनाव लड़ने में बेहद कमजोर साबित हुआ। वरिष्ठ कांग्रेसियों ने चुनाव से पहले बदला पाला
चुनाव एलान से पहले ही कानपुर की कांग्रेस का मजबूत नाम रहे अजय कपूर ने पार्टी का दामन छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। किदवई नगर में उनका अच्छा प्रभाव है। कांग्रेस अगर यहां से मजबूत होती तो कांग्रेस जीत सकती थी। जबकि आर्य नगर, कैंट और सीसामऊ विधानसभा भाजपा बुरी तरह हार गई। गोविंद नगर और किदवई नगर से ही भाजपा को लीड मिली और जीत का बड़ा कारण बनी। मोदी के रोडशो में बढ़ाया उत्साह
रमेश अवस्थी को लेकर भाजपा के अंदरखाने और लोगों में भी काफी नाराजगी थी। लेकिन अमित शाह की बैठक, मोदी का रोड शो और अंत में योगी की जनसभा ने भाजपा के पक्ष में माहौल खड़ा कर दिया। अंतरकलह को अमित शाह जहां पूरी तरह खत्म करने में कामयाब रहे, वहीं योगी-मोदी के चेहरे ने कानपुर में मजबूती दे दी। हालांकि राहुल और अखिलेश की जनसभा कोई खास माहौल नहीं खड़ा की सकी। कांग्रेस भुना नहीं सके मुद्दे
कानपुर में भाजपा प्रत्याशी के बाहरी होने का मुद्दा बड़ी प्रमुखता से छाया रहा। लोगों में भी इसकी खासी चर्चा रही। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को पूरी तरह नहीं भुना सकी। इसके उलट भाजपा आलोक मिश्रा को शिक्षा माफिया की छवि गढ़ने में कामयाब रही। गोविंद नगर और किदवई नगर में कांग्रेस संगठन की कमजोरी भी हार का बड़ा कारण बनी। कानपुर में कांग्रेस की हार की 5 बड़े कारण
1. वरिष्ठ कांग्रेसियों ने छोड़ दिया साथ
2. ब्राह्मणों ने आलोक मिश्रा का साथ नहीं दिया
3. भाजपा शिक्षा माफिया की छवि रचने में कामयाब रही
4. कांग्रेस और सपा का कमजोर संगठन
5. गोविंद नगर और किदवई नगर विधानसभा में कमजोर पकड़ अब बात अकबरपुर सीट की करते हैं… अकबरपुर सीट पर पहली बार सपा फाइट में नजर आई। वर्ष-2019 के चुनाव में बसपा यहां दूसरे नंबर पर थी, वहीं सपा ने इस बार मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में झंडे गाड़ दिए। हालांकि राजाराम पाल को यहां हार का मुंह देखना पड़ा और भाजपा से देवेंद्र सिंह भोले तीसरी बार जीतने में कामयाब रहे। कांग्रेस की कमजोरी सपा को ले डूबी
अकबरपुर सीट पर सपा और राजा राम पाल ने बेहद मजबूत संगठन खड़ा किया, जबकि उनके मुकाबले कांग्रेस बेहद कमजोर रही। यही कारण रहा कि सपा को इस सीट पर कांग्रेस के वोटबैंक से कोई खास बढ़त नहीं मिली। लेकिन पिछली बार जहां भाजपा प्रत्याशी करीब डेढ़ लाख वोट से जीते थे, लेकिन ये जीत इस बार 44345 वोट पर ही सिमट कर रह गई। बसपा को साधने में रह गए पीछे
वर्ष-2019 के चुनाव में बसपा यहां दूसरे नंबर पर थी। ऐसे में बसपा के वोट बैंक और कुर्मी जाति को साधने में सपा पीछे रह गई। इस सीट पर पीडीए फैक्टर के हिसाब से सभी जातियां थी, लेकिन पीडीए फैक्टर पर भी इस सीट पर कुछ खास काम नहीं किया। जबकि राजाराम ने पीडीए फैक्टर के इस सीट पर काम करने के बड़े दावे किए थे। योगी-मोदी चेहरा रहा कामयाब
भाजपा प्रत्याशी को लेकर लोगों के बीच शुरुआत में नाराजगी काफी थी। लेकिन योगी-मोदी का चेहरा इस सीट पर भी काम कर गया। बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा की नाराजगी भी जगजाहिर थी, लेकिन बावजूद इसे सपा भुनाने में कामयाब नहीं रही। अकबरपुर सीट पर सपा की हार के 5 बड़े कारण
1. सपा के लिए कांग्रेस वोटबैंक कुछ खास मजबूती नहीं दे सका
2. बसपा के वोटर्स को साधने में कामयाब नहीं रही सपा
3. सपा, कांग्रेस का कमजोर संगठन हार की बड़ी वजह बना
4. योगी-मोदी का चेहरा अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा
5. पीडीए फैक्टर को जनता ने पूरी तरह नकार दिया
पंजाब में 40 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी हवाएं:येलो अलर्ट जारी; 25 जून के बाद आएगा मानसून, गर्मी से भी हलकी राहत मिलेगी
पंजाब में 40 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी हवाएं:येलो अलर्ट जारी; 25 जून के बाद आएगा मानसून, गर्मी से भी हलकी राहत मिलेगी पंजाब में अब ऊमस भरी गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। नमी बढ़ने के साथ न्यूनतम तापमान में 1.2 डिग्री की कमी देखने को मिली है, लेकिन अभी भी पंजाब का तापमान 5.3 डिग्री अधिक दर्ज किया जा रहा है। आज मौसम विभाग ने आंधी व तेज हवाएं चलने का यलो अलर्ट जारी किया है। पंजाब में आज लू को लेकर अलर्ट जारी नहीं किया गया है। लेकिन सुबह से ही पंजाब में हवा ना चलने से वैक्यूअम बनता जा रहा है। स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने आज राज्य भर में येलो अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि वैक्यूअम की स्थिति के बीच तेज हवाएं चलेंगी। जिनकी रफ्तार 40 किमी तक पहुंच सकती है। ये स्थिति अगले दिन यानी कि गुरुवार तक रहने का अनुमान है। अगर तेज हवाएं चलती हैं या बारिश होती है तो पंजाब के लिए ये गर्मी से बढ़ी राहत होगी। तापमान में भी गिरावट आएगी और गर्मी से भी हलकी राहत मिलेगी। 21 से सामान्य होगी स्थिति 20 जून को भी पंजाब में तेज हवाएं चलने का येलो अलर्ट जारी है। लेकिन 21 जून से पंजाब में हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। लू से भी राहत मिलेगी, वहीं तापमान भी 40 डिग्री या उससे नीचे पहुंच सकता है। 25 जून के बाद पंजाब पहुंचेगा मानसून मौसम विभाग के अनुसार पंजाब में मानसून 25 से 30 जून के बीच दस्तक दे सकता है। मध्य भारत गुजरात की तरफ मानसून सामान्य स्थिति से बढ़ रहा है, लेकिन मध्य व नार्थ-ईस्ट राज्यों की बात करें तो वहां मानसून की रफ्तार काफी धीमी है। आने वाले समय में मानसून अपनी सामान्य स्थिति में आता है तो पंजाब में 25 से 30 जून के बीच दस्तक दे सकता है। जाने पंजाब के शहरों का तापमान अमृतसर- बीते मंगलवार शाम अमृतसर का अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.2 डिग्री अधिक है। वहीं आज न्यूनतम तापमान 31 डिग्री दर्ज किया गया। जालंधर- बीती शाम शहर का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो बीते दिन से 1.1 डिग्री कम था। लुधियाना- शहर का बीते दिन अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री दर्ज किया गया। हो सामान्य से 6.1 डिग्री अधिक आंका गया गया। न्यूनतम तापमान 30.1 डिग्री दर्ज किया गया। पटियाला- शहर का अधिकतम तापमान बीते दिन 43.8 डिग्री आंका गया, जो सामान्य से 6.2 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 31.4 डिग्री दर्ज किया गया। मोहाली- शहर का अधिकतम तापमान बीते दिन 42.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 32.7 डिग्री दर्ज किया गया।