आगरा में बच्चों को पहनाई कान्हा की ड्रेस:परिजन बोले- हमारे यहां राधा-कृष्ण आए;डॉक्टर बोले-आज रात तक 250 डिलीवर हो सकती

आगरा में बच्चों को पहनाई कान्हा की ड्रेस:परिजन बोले- हमारे यहां राधा-कृष्ण आए;डॉक्टर बोले-आज रात तक 250 डिलीवर हो सकती

आगरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घर में नए मेहमान के लाने के लिए दंपतियों ने पूरी प्लानिंग की। हॉस्पिटल्स पर एडवांस बुकिंग कराई गई। जन्माष्टमी पर ​ही डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया। आगरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घर में नए मेहमान के लाने के लिए दंपतियों ने पूरी प्लानिंग की। हॉस्पिटल्स पर एडवांस बुकिंग कराई गई। जन्माष्टमी पर ​ही डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया। रोहिणी नक्षत्र में सिजेरियन डिलीवरी की चाहत रखने वाले दंपतियों की संख्या ज्यादा है। आगरा में एक अनुमान के मुताबिक जन्माष्टमी पर लगभग 250 बच्चे पैदा होंगे। 9 महीने पहले बना था जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान आगरा में रहने वाले आशीष गर्ग की पत्नी विदुषी ने बेटे को जन्म दिया। विदुषी कहती हैं कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर डिलीवरी को लेकर इतनी इमोशनल थी कि सुबह 6 बजे ही अस्पताल आ गई। हमारा प्लान तो गर्भ के साथ ही तय हो गया था। जन्माष्टमी पर डिलीवरी कराने की खुशी पूरे परिवार को है। जैसे-जैसे जन्माष्टमी नजदीक आ रही थी, मैं भी काफी उत्साहित हो रही थी। आज फाइनली मेरे घर स्वयं कृष्ण आ गए। रोहिणी नक्षत्र के लिए है ज्यादा जोर
गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि आज जिनकी डिलीवरी ड्यू है, वे शाम चार बजे के बाद का नक्षत्र देख डिलीवरी कराना चाहते हैं। हमारे यहां दिन में दो बच्चे पैदा हो चुके हैं। शाम के लिए कई बुकिंग हैं। जनमाष्टमी का एक अलग ही महत्व है। जिसमें हर साल बच्चे पैदा होने की संख्या ज्यादा ही रहती है। लेडी लायल हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. रचना गुप्ता ने बताया कि उनके यहां सुबह से अब तक 18 बच्चे पैदा हो चुके हैं। कुछ गर्भवतियों ने खास इच्छा जाहिर की थी। ज्यादातर गर्भवतियों की नॉर्मल डिलीवरी ही कराई जाती है। आगरा में जन्माष्टमी पर 250 से ज्यादा बच्चे पैदा होंगे
आगरा में सैकड़ों प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम हैं। इसके अलावा सरकारी हॉस्पिटल में लेडी लायल, एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल है। देहात में स्वास्थ्य केंद्र हैं। हर दिन शहर में 100 से 150 बच्चे पैदा होते हैं। जन्माष्टमी पर सिजेरियन कराने वाली गर्भवतियों की संख्या बढ़ जाती है। इससे इस बार 250 बच्चे पैदा होने का अनुमान है। लोग अपने घर में कान्हा या राधा के रूप को लाना चाहते हैं। बच्चों को कान्हा और राधा की ड्रेस पहनाकर स्टेटस भी अपलोड कर रहे हैं। आगरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घर में नए मेहमान के लाने के लिए दंपतियों ने पूरी प्लानिंग की। हॉस्पिटल्स पर एडवांस बुकिंग कराई गई। जन्माष्टमी पर ​ही डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया। आगरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर घर में नए मेहमान के लाने के लिए दंपतियों ने पूरी प्लानिंग की। हॉस्पिटल्स पर एडवांस बुकिंग कराई गई। जन्माष्टमी पर ​ही डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया। रोहिणी नक्षत्र में सिजेरियन डिलीवरी की चाहत रखने वाले दंपतियों की संख्या ज्यादा है। आगरा में एक अनुमान के मुताबिक जन्माष्टमी पर लगभग 250 बच्चे पैदा होंगे। 9 महीने पहले बना था जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान आगरा में रहने वाले आशीष गर्ग की पत्नी विदुषी ने बेटे को जन्म दिया। विदुषी कहती हैं कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर डिलीवरी को लेकर इतनी इमोशनल थी कि सुबह 6 बजे ही अस्पताल आ गई। हमारा प्लान तो गर्भ के साथ ही तय हो गया था। जन्माष्टमी पर डिलीवरी कराने की खुशी पूरे परिवार को है। जैसे-जैसे जन्माष्टमी नजदीक आ रही थी, मैं भी काफी उत्साहित हो रही थी। आज फाइनली मेरे घर स्वयं कृष्ण आ गए। रोहिणी नक्षत्र के लिए है ज्यादा जोर
गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि आज जिनकी डिलीवरी ड्यू है, वे शाम चार बजे के बाद का नक्षत्र देख डिलीवरी कराना चाहते हैं। हमारे यहां दिन में दो बच्चे पैदा हो चुके हैं। शाम के लिए कई बुकिंग हैं। जनमाष्टमी का एक अलग ही महत्व है। जिसमें हर साल बच्चे पैदा होने की संख्या ज्यादा ही रहती है। लेडी लायल हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. रचना गुप्ता ने बताया कि उनके यहां सुबह से अब तक 18 बच्चे पैदा हो चुके हैं। कुछ गर्भवतियों ने खास इच्छा जाहिर की थी। ज्यादातर गर्भवतियों की नॉर्मल डिलीवरी ही कराई जाती है। आगरा में जन्माष्टमी पर 250 से ज्यादा बच्चे पैदा होंगे
आगरा में सैकड़ों प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम हैं। इसके अलावा सरकारी हॉस्पिटल में लेडी लायल, एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल है। देहात में स्वास्थ्य केंद्र हैं। हर दिन शहर में 100 से 150 बच्चे पैदा होते हैं। जन्माष्टमी पर सिजेरियन कराने वाली गर्भवतियों की संख्या बढ़ जाती है। इससे इस बार 250 बच्चे पैदा होने का अनुमान है। लोग अपने घर में कान्हा या राधा के रूप को लाना चाहते हैं। बच्चों को कान्हा और राधा की ड्रेस पहनाकर स्टेटस भी अपलोड कर रहे हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर