2025 के चुनाव से पहले पुष्पम प्रिया चौधरी एक्टिव, बिहार के नाम चिट्ठी लिखी, कहा- ‘मुझे मुख्यमंत्री…’

2025 के चुनाव से पहले पुष्पम प्रिया चौधरी एक्टिव, बिहार के नाम चिट्ठी लिखी, कहा- ‘मुझे मुख्यमंत्री…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Pushpam Priya Choudhary Letter:</strong> 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दमखम से मुख्यमंत्री पद के लिए मैदान में उतरने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी फिर एक्टिव हो गई हैं. 2025 के चुनाव में थोड़ा समय जरूर है लेकिन उन्होंने ‘एक चिट्ठी बिहार के नाम’ लिखी है और प्रदेश की सियासत पर जमकर हमला किया है. यह चिट्ठी हजार शब्दों से ऊपर की है जिसे पुष्पम प्रिया चौधरी ने बीते सोमवार (26 अगस्त) को अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक्स पर पोस्ट चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, “पिछले कुछ दिनों से कई बार मैंने आप सब को ये चिट्ठी लिखने का सोचा. 8 मार्च 2020 को जब आपने मेरा नाम पहली बार सुना था तब भी विरोधियों के शब्दों में उस &ldquo;करोड़ों के विज्ञापन&rdquo; का ध्येय मात्र एक ही था. शहरों एवं दूर गांव में बैठे आप तक, देश-विदेश में काम कर रहे अपने बिहारी भाई-बहनों तक, अपने हाथ से लिखी अपनी बात पहुंचाना. आज उस दिन को चार साल हुए. राजनीति में यह एक छोटा समय है. इन चार सालों में मेरे जीवन में और आपके जीवन में भी कई बदलाव आए होंगे लेकिन दो चीजें जो नहीं बदली वो हैं बिहार की आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था और इस व्यवस्था को बदलने का मेरा संकल्प.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”zxx”><a href=”https://t.co/3heNAh0Kus”>https://t.co/3heNAh0Kus</a></p>
&mdash; Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) <a href=”https://twitter.com/pushpampc13/status/1828074472886153460?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 26, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’…तो चलो बाप की राजनीति वाला धंधा कर लेते हैं'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे लिखती हैं, “साल 2019 में मैंने एक ऐसा निर्णय लिया था जिसने मेरा जीवन हमेशा के लिए बदल दिया. बिहार की कभी नहीं बदलने वाली सड़ी व्यवस्था को हमेशा के लिए बदलने के लिए अपना सब कुछ छोड़ना. इस देश की राजनीति के गटर में घुसने के लिए व्यक्तिगत जीवन की तिलांजलि, औरों की तरह बिहार और राजनीति मेरे लिए कोई बैक-अप प्लान बी न था और न है. बनना कुछ और हो, नहीं बन पाए तो चलो बाप की राजनीति वाला धंधा कर लेते हैं या कहीं से टिकट खरीद के फिट हो जाते हैं. या किसी पार्टी में पट नहीं रहा &lsquo;गोटी सेट नहीं हो पा रहा&rsquo; तो चलो बिहार के लोगों को गांधी और अंबेडकर का पोस्टर लगा कर झांसा देते हैं, बिहार के लोग तो &ldquo;झांसे में आते ही हैं&rdquo;. मेरे लिए राजनीति झांसा देने वाला जाल नहीं, आदर्शों के लिए है आइडियोलॉजी.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुष्पम प्रिया ने पत्र के जरिए कहा, “मुझे मुख्यमंत्री का पद भगवान का पद नहीं लगता, मात्र एक पद है, हां एक शक्तिशाली पद है जिस पर इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए बैठना जरूरी है. और उस पद पर उसे ही बैठना चाहिए जिसे इंस्टीट्यूशन बदलने आता हो, उसकी समझ हो, पढ़ाई हो. जैसे इलाज उसी को करना चाहिए जो डॉक्टर हो. एक्टर एक्टिंग कर सकता है, क्रिकेटर क्रिकेट खेल सकता है और फ्रॉड ड्रामा कर सकता है पर व्यवस्था वही बदल सकता है जिसके पास व्यवस्था बनाने का स्किल-सेट हो. संविधान वही बना सकता है जो संविधान बनाने की समझ रखता हो, सबसे बड़ी बात “नीति और नीयत” हो.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी तरह पुष्पम प्रिया चौधरी ने पत्र में आगे और भी बहुत कुछ लिखा है. बता दें कि प्लूरल्स पार्टी की संस्थापक हैं. 2020 के चुनाव में अपनी किस्मत को आजमाया लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2020 में प्लूरल्स पार्टी ने बिहार की 243 में से करीब 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था. एक भी सीट पार्टी नहीं जीती थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/unified-pension-scheme-will-be-implemented-in-bihar-know-about-cm-nitish-kumar-party-jdu-stand-ann-2769344″>Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में लागू होगा UPS? जानिए नीतीश कुमार की पार्टी का जवाब</a><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Pushpam Priya Choudhary Letter:</strong> 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दमखम से मुख्यमंत्री पद के लिए मैदान में उतरने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी फिर एक्टिव हो गई हैं. 2025 के चुनाव में थोड़ा समय जरूर है लेकिन उन्होंने ‘एक चिट्ठी बिहार के नाम’ लिखी है और प्रदेश की सियासत पर जमकर हमला किया है. यह चिट्ठी हजार शब्दों से ऊपर की है जिसे पुष्पम प्रिया चौधरी ने बीते सोमवार (26 अगस्त) को अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक्स पर पोस्ट चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, “पिछले कुछ दिनों से कई बार मैंने आप सब को ये चिट्ठी लिखने का सोचा. 8 मार्च 2020 को जब आपने मेरा नाम पहली बार सुना था तब भी विरोधियों के शब्दों में उस &ldquo;करोड़ों के विज्ञापन&rdquo; का ध्येय मात्र एक ही था. शहरों एवं दूर गांव में बैठे आप तक, देश-विदेश में काम कर रहे अपने बिहारी भाई-बहनों तक, अपने हाथ से लिखी अपनी बात पहुंचाना. आज उस दिन को चार साल हुए. राजनीति में यह एक छोटा समय है. इन चार सालों में मेरे जीवन में और आपके जीवन में भी कई बदलाव आए होंगे लेकिन दो चीजें जो नहीं बदली वो हैं बिहार की आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था और इस व्यवस्था को बदलने का मेरा संकल्प.”</p>
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<p dir=”ltr” lang=”zxx”><a href=”https://t.co/3heNAh0Kus”>https://t.co/3heNAh0Kus</a></p>
&mdash; Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) <a href=”https://twitter.com/pushpampc13/status/1828074472886153460?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 26, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>’…तो चलो बाप की राजनीति वाला धंधा कर लेते हैं'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे लिखती हैं, “साल 2019 में मैंने एक ऐसा निर्णय लिया था जिसने मेरा जीवन हमेशा के लिए बदल दिया. बिहार की कभी नहीं बदलने वाली सड़ी व्यवस्था को हमेशा के लिए बदलने के लिए अपना सब कुछ छोड़ना. इस देश की राजनीति के गटर में घुसने के लिए व्यक्तिगत जीवन की तिलांजलि, औरों की तरह बिहार और राजनीति मेरे लिए कोई बैक-अप प्लान बी न था और न है. बनना कुछ और हो, नहीं बन पाए तो चलो बाप की राजनीति वाला धंधा कर लेते हैं या कहीं से टिकट खरीद के फिट हो जाते हैं. या किसी पार्टी में पट नहीं रहा &lsquo;गोटी सेट नहीं हो पा रहा&rsquo; तो चलो बिहार के लोगों को गांधी और अंबेडकर का पोस्टर लगा कर झांसा देते हैं, बिहार के लोग तो &ldquo;झांसे में आते ही हैं&rdquo;. मेरे लिए राजनीति झांसा देने वाला जाल नहीं, आदर्शों के लिए है आइडियोलॉजी.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुष्पम प्रिया ने पत्र के जरिए कहा, “मुझे मुख्यमंत्री का पद भगवान का पद नहीं लगता, मात्र एक पद है, हां एक शक्तिशाली पद है जिस पर इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए बैठना जरूरी है. और उस पद पर उसे ही बैठना चाहिए जिसे इंस्टीट्यूशन बदलने आता हो, उसकी समझ हो, पढ़ाई हो. जैसे इलाज उसी को करना चाहिए जो डॉक्टर हो. एक्टर एक्टिंग कर सकता है, क्रिकेटर क्रिकेट खेल सकता है और फ्रॉड ड्रामा कर सकता है पर व्यवस्था वही बदल सकता है जिसके पास व्यवस्था बनाने का स्किल-सेट हो. संविधान वही बना सकता है जो संविधान बनाने की समझ रखता हो, सबसे बड़ी बात “नीति और नीयत” हो.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी तरह पुष्पम प्रिया चौधरी ने पत्र में आगे और भी बहुत कुछ लिखा है. बता दें कि प्लूरल्स पार्टी की संस्थापक हैं. 2020 के चुनाव में अपनी किस्मत को आजमाया लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2020 में प्लूरल्स पार्टी ने बिहार की 243 में से करीब 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था. एक भी सीट पार्टी नहीं जीती थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/unified-pension-scheme-will-be-implemented-in-bihar-know-about-cm-nitish-kumar-party-jdu-stand-ann-2769344″>Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में लागू होगा UPS? जानिए नीतीश कुमार की पार्टी का जवाब</a><br /></strong></p>  बिहार Bihar News: शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की को छपरा से ले गया MP, पुलिस ने सिंगरौली से पकड़ा तो उड़ गए होश