हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सांसद कंगना रनोट द्वारा किसानों को लेकर दिया गया बयान सदन में गूंजा। संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा कि कंगना रनोट ने किसानों-बागवानों को अपमान किया है। उन्होंने इस पर सदन में चर्चा की मांग करते निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग मांगी। हर्ष वर्धन चौहान ने कहा, कंगना रनोट हमेशा कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करती हैं। कंगना ने कहा, सभी ने देखा है कि किसान आंदोलन में क्या हुआ। रेप हो रहे थे, प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाई गई। लोगों को मार कर लटकाया जा रहा था। उन्होंने इस बयान की निंदा की। हर्ष वर्धन चौहान ने कहा, बीजेपी नेतृत्व ने स्पष्ट किया, कंगना इस तरह के बयान के लिए अधिकृत नहीं है। सांसद द्वारा देश के किसानों को हत्यारा-बलात्कारी बोलना दुखद है। उन्होंने कहा, कंगना कहती हैं कि अमेरिका और चीन देश में अस्थिरता फैला रहे। यानी केंद्र सरकार की विदेश नीति इतनी कमजोर हो गई कि चीन-अमेरिका यहां अस्थिरता फैला रहे हैं। हर्ष वर्धन चौहान ने सदन में निंदा प्रस्ताव पास करने का आग्रह किया। हमेशा उट-पटांग बोलती हैं कंगना: राठौर सदन में ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा, कंगना के बयान से किसान-बागवान आहत है। वैसे तो कंगना को हमेशा उट-पटांग बोलने की आदत हैं। वह पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के क्षेत्र से आती हैं। 700 किसान शहीद हुए। किसानों को बलात्कारी कहना सही नहीं है। जैसे ही राठौर ने बोलना शुरू किया, विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी की। इसके बाद स्पीकर ने सदन में आसन पर खड़े होकर कहा, कंगना के बयान से भाजपा हाईकमान भी पल्ला झाड़ चुका है। इसलिए इस पर वोट की जरूरत नहीं है। जयराम बोले- पहले स्पष्ट किया जा चुका, यह पार्टी का मत नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, जो सदस्य इस सदन में नहीं है। उस पर चर्चा करने की इस सदन की परंपरा नहीं है। पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह पार्टी का मत नहीं है। यह उनका निजी मत हो सकता है। जब पार्टी ने खंडन कर दिया है। ऐसे में सदन में लाने की क्या जरूरत है। कंगना के बयान से बीजेपी हाईकमान पल्ला झाड़ चुका बता दें कि कंगना ने किसानों को लेकर बीते सप्ताह विवादित बयान दिया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक मीडिया बयान जारी कर कंगना के बयान से पल्ला झाड़ दिया था। कंगना के बयान का कई राज्यों में किसान विरोध कर रहे हैं। लिहाजा यह मामला आज हिमाचल विधानसभा में गूंजा। विक्रमादित्य बोले- चीन-अमेरिका का हाथ होने की बात कहना दुर्भाग्यपूर्ण PWD मंत्री विक्रमादित्य ने कहा, मंडी की सांसद द्वारा चीन और अमेरिका का हाथ होने की बात कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। वह मजाक का केंद्र बनकर रह गया है। उन्होंने कहा, मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को स्पष्ट करना चाहिए कि हमारे इंटरनल मैटर में चीन और अमेरिका हस्तक्षेप कर रहा है। क्या हमारी विदेश नीति इतनी कमजोर हो गई है कि आंतरिक मामलों में चीन-अमेरिका हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने कंगना को सोच समझकर बयानबाजी करने की नसीहत दी। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सांसद कंगना रनोट द्वारा किसानों को लेकर दिया गया बयान सदन में गूंजा। संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा कि कंगना रनोट ने किसानों-बागवानों को अपमान किया है। उन्होंने इस पर सदन में चर्चा की मांग करते निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग मांगी। हर्ष वर्धन चौहान ने कहा, कंगना रनोट हमेशा कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करती हैं। कंगना ने कहा, सभी ने देखा है कि किसान आंदोलन में क्या हुआ। रेप हो रहे थे, प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाई गई। लोगों को मार कर लटकाया जा रहा था। उन्होंने इस बयान की निंदा की। हर्ष वर्धन चौहान ने कहा, बीजेपी नेतृत्व ने स्पष्ट किया, कंगना इस तरह के बयान के लिए अधिकृत नहीं है। सांसद द्वारा देश के किसानों को हत्यारा-बलात्कारी बोलना दुखद है। उन्होंने कहा, कंगना कहती हैं कि अमेरिका और चीन देश में अस्थिरता फैला रहे। यानी केंद्र सरकार की विदेश नीति इतनी कमजोर हो गई कि चीन-अमेरिका यहां अस्थिरता फैला रहे हैं। हर्ष वर्धन चौहान ने सदन में निंदा प्रस्ताव पास करने का आग्रह किया। हमेशा उट-पटांग बोलती हैं कंगना: राठौर सदन में ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा, कंगना के बयान से किसान-बागवान आहत है। वैसे तो कंगना को हमेशा उट-पटांग बोलने की आदत हैं। वह पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के क्षेत्र से आती हैं। 700 किसान शहीद हुए। किसानों को बलात्कारी कहना सही नहीं है। जैसे ही राठौर ने बोलना शुरू किया, विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी की। इसके बाद स्पीकर ने सदन में आसन पर खड़े होकर कहा, कंगना के बयान से भाजपा हाईकमान भी पल्ला झाड़ चुका है। इसलिए इस पर वोट की जरूरत नहीं है। जयराम बोले- पहले स्पष्ट किया जा चुका, यह पार्टी का मत नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, जो सदस्य इस सदन में नहीं है। उस पर चर्चा करने की इस सदन की परंपरा नहीं है। पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह पार्टी का मत नहीं है। यह उनका निजी मत हो सकता है। जब पार्टी ने खंडन कर दिया है। ऐसे में सदन में लाने की क्या जरूरत है। कंगना के बयान से बीजेपी हाईकमान पल्ला झाड़ चुका बता दें कि कंगना ने किसानों को लेकर बीते सप्ताह विवादित बयान दिया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक मीडिया बयान जारी कर कंगना के बयान से पल्ला झाड़ दिया था। कंगना के बयान का कई राज्यों में किसान विरोध कर रहे हैं। लिहाजा यह मामला आज हिमाचल विधानसभा में गूंजा। विक्रमादित्य बोले- चीन-अमेरिका का हाथ होने की बात कहना दुर्भाग्यपूर्ण PWD मंत्री विक्रमादित्य ने कहा, मंडी की सांसद द्वारा चीन और अमेरिका का हाथ होने की बात कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। वह मजाक का केंद्र बनकर रह गया है। उन्होंने कहा, मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को स्पष्ट करना चाहिए कि हमारे इंटरनल मैटर में चीन और अमेरिका हस्तक्षेप कर रहा है। क्या हमारी विदेश नीति इतनी कमजोर हो गई है कि आंतरिक मामलों में चीन-अमेरिका हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने कंगना को सोच समझकर बयानबाजी करने की नसीहत दी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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SP बद्दी इल्मा सुबह-सुबह पुलिस मुख्यालय शिमला पहुंचीं:आला अफसरों से मुलाकात; छुट्टी खत्म होने से 2 दिन पहले जाइनिंग, एक-दो दिन में बद्दी जाएंगी हिमाचल प्रदेश के पुलिस जिला बद्दी की SP इल्मा अफरोज आज सुबह-सुबह तड़के पुलिस मुख्यालय (PHQ) शिमला पहुंचीं। वह सोमवार शाम के वक्त बद्दी और देर रात तक शिमला पहुंचीं। PHQ में इल्मा ने आज कई अधिकारियों से मुलाकात की। इल्मा अफरोज एक-दो दिन में बद्दी SP का कार्यभार संभाल लेगी। बता दें कि स्थानीय विधायक राम कुमार चौधरी से विवाद के बाद इल्मा 42 दिन की लंबी छुट्टी पर थीं। उनकी छुट्टी 18 दिसंबर को समाप्त होने वाली थी। मगर वह दो दिन पहले ही काम पर लौट आईं हैं। DC-SP मीटिंग को शिमला आने के बाद छुट्टी पर गई इल्मा बीते 6 नवंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में DC-SP की कॉफ्रेंस के लिए शिमला आई थी। शिमला से लौटने के बाद इल्मा रातोरात बद्दी लौट गईं और अपनी मां के साथ सामान समेट कर वापस उत्तर प्रदेश के कुंदरकी गांव लौट गईं। वह मूल रूप से फिरोजपुर की रहने वाली हैं। पहले इल्मा ने 7 से 22 नवंबर तक छुट्टी ली। इसके बाद उन्होंने चार बार छुट्टियां बढ़ाई। छुट्टी पर जाने के बाद चर्चा में आईं इल्मा इल्मा छुट्टी पर जाने के बाद खूब चर्चा में आईं और इसे लेकर राजनीति भी हुई। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी कई बार सीएम सुखविंदर सुक्खू को इल्मा के बहाने निशाने पर लिया। फिलहाल इल्मा के छुट्टी पर जाने के बाद सरकार ने विनोद कुमार को एसपी बद्दी लगा रखा है। विधायक से विवाद की वजह इल्मा ने 7 जनवरी, 2024 को बद्दी SP का कार्यभार संभाला। अगस्त, 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अगस्त महीने में पहले हफ्ते में विधायक की पत्नी का अवैध माइनिंग पर चालान काटा। पत्नी की गाड़ियों के चालान काटने से विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा मानसून सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। यही नहीं राम कुमार चौधरी ने SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलावाया। गोलीकांड भी बना विवाद की वजह इस बीच, बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेटप्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गई थीं। जांच में पता चला कि राम किशन ने ही खुद पर गोलियां चलाईं। इसका खुलासा इल्मा ने खुद प्रेस कान्फ्रेस में किया। राम किशन पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था। लेकिन, पिछला रिकॉर्ड देखते हुए इसे मंजूरी नहीं दी गई। पुलिस ने राम किशन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। व्यापारी किसी कांग्रेसी नेता का करीबी बताया जा रहा था। हालांकि, इल्मा अफरोज उसके दबाव के आगे नहीं झुकीं। हाईकोर्ट की वजह से ट्रांसफर नहीं कर पाए विधायक से विवाद के बीच इल्मा को ट्रांसफर करने की चर्चाएं शुरू हुई। मगर, नालागढ़ के यौन शोषण केस की वजह से सरकार इल्मा को ट्रांसफर नहीं कर पाई। कोर्ट ने इल्मा को यौन शोषण केस की जांच के आदेश दे रखे है।
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हिमाचल में मणिमहेश यात्रा, श्रद्धालुओं की आवाजाही:झील में कर रहे स्नान, गर्मी के चलते आ रहे यात्री, कार्तिक स्वामी मंदिर बर्फ से ढका हिमाचल प्रदेश के भरमौर में गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही पवित्र एवं ऐतिहासिक मणिमहेश डल झील की तरफ श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। यहां पर करीब ढाई से तीन फीट बर्फ होने के बावजूद अब तक सैकड़ों श्रद्धालु बर्फ से ढकी झील में स्नान कर चुके हैं। आपको बता दें कि हर साल कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाअष्टमी तक पवित्र मणिमहेश यात्रा चलती है। लेकिन इससे पहले ही इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया है। मणिमहेश यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वो श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश डल झील में शाही स्नान करते हैं। लेकिन निचले क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी व हीटवेव बढ़ जाने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं का एकाएक आना-जाना बढ़ गया है। हर रोज पहुंच रहे दर्जनों श्रद्धालु निचले क्षेत्रों में तापमान में एकाएक बढ़ोतरी होने पर्यटकों के साथ-साथ हर रोज दर्जनों श्रद्धालु मणिमहेश की पवित्र डल झील की तरफ रख करके स्नान कर रहे हैं। हालांकि यहां पर अभी तक आधिकारिक रूप से इस यात्रा की घोषणा नहीं हुई है। बावजूद इसके स्थानीय लोगों द्वारा हडसर से लेकर मणिमहेश तक रहने व खाने-पीने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जिसके लिए स्थानीय लोगों द्वारा रास्ते में टैंट लगाकर रहने की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। लिहाजा यहां पर पर्यटक व श्रद्धालु गाइड के सहारे पहुंच कर पवित्र मणिमहेश के दर्शन कर रहे हैं और यहां बर्फ से जमी झील में स्नान कर रहे हैं। कार्तिक स्वामी का मंदिर बर्फ से ढका यहां पर स्थित कार्तिक स्वामी और भगवान भोलेनाथ का मंदिर बर्फ के बीच में ही ढके हुए हैं। बावजूद इसके अब तक यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु पवित्र मणिमहेश के दर्शन करके इस पवित्र डल झील में स्नान करके वापस लौटे रहे हैं। यहां पहुंचने से परहेज करें यात्री : एसडीएम एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा है कि प्रशासन की ओर से यहां पर यात्रा करने की पूरी तरह से पाबंदी है। उन्होंने कहा है गर्मियों का सीजन होने के चलते यहां पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। लिहाजा यहां पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लगातार खतरा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक प्रशासन की ओर से यहां पर आने-जाने के लिए पूरी तरह से व्यवस्था नहीं कर दी जाती है तब तक यहां पर यात्रा से परहेज किया जाए।
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हिमाचल के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा:DA-एरियर नहीं मिलने पर सचिवालय में प्रदर्शन-नारेबाजी; सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी हिमाचल प्रदेश में स्वतंत्रता दिवस पर महंगाई भत्ते (DA) व एरियर की घोषणा न होने पर कर्मचारियों में रोष पनप रहा है। इसकी शुरुआत बुधवार को प्रदेश सचिवालय शिमला से शुरू हो गई है। सचिवालय कर्मचारियों ने लंच के समय सचिवालय परिसर में विशाल प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार और अफसरशाही पर तीखे हमले किए। कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार पर करोड़ों रुपए फिजूलखर्ची करने और कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का आरोप लगाया है। कर्मचारी नेताओं ने यहां तक कह डाला कि अफसरों को महंगी लग्जरी गाड़ियों पर करोड़ों की फिजूलखर्ची की जा रही है। अफसरों को कई कई गाड़ियां दी गई, एक गाड़ी बेटे को लेने एडवर्ड स्कूल जाती है तो दूसरी गाड़ी बेटी को लेने चैल्सी स्कूल, तीसरी गाड़ी बीवी को लेने तथा चौथी गाड़ी सब्जी लेने मंडी जाती है। कर्मचारियों के अनुसार, घाटे की सबसे बड़ी यही वजह है। इस वजह से कर्मचारियों के वित्तीय लाभ रोकना सही नहीं है। सामूहिक अवकाश पर जाएंगे सचिवालय कर्मचारी: संजीव हिमाचल सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस पर उम्मीद थी, कि सरकार DA व एरियर का भुगतान करेगी। मगर ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, सरकार के पास कल तक का वक्त है। अगर सरकार बातचीत को बुलाती है तो सरकार के सामने मंच पर आकर मांग रखी जाएगी। अगर नहीं बुलाया गया तो शुक्रवार को फिर जनरल हाउस बुलाया जाएगा। इसमें 10 सितंबर तक आंदोलन को स्थगित किया जाएगा, क्योंकि 27 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र है। मानसून सत्र खत्म होते ही बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि यदि सरकार DA व एरियर का भुगतान नहीं करती तो प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। CM दफ्तर पर 19 करोड़ किए जा रहे खर्च: संजीव संजीव शर्मा ने कहा, कुछ दिन पहले बनी बिल्डिंग में 2 मंत्री बैठ रहे हैं। इन्होंने लगभग 1 करोड़ रुपए नई बनी बिल्डिंग की रैनोवेशन में लगा दिए। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के लिए भी कार्यालय बनाया जा रहा है। इस पर 19.72 करोड़ रुपए खर्च को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल दे दी गई है। इसी तरह स्पीकर दफ्तर पर लगभग 2 करोड़ खर्च कर दिए गए है। इसके लिए सरकार के पास पैसा है। कर्मचारियों को डीए-एरियर नहीं दिया जा रहा है। पूर्व जयराम सरकार भी नहीं दिया एरियर बता दें कि पूर्व जय राम सरकार ने 2021-22 में अपने सभी कर्मचारी और पेंशनर को एक जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए, लेकिन एरियर का भुगतान नहीं किया। इस वक्त कर्मचारियों के लगभग 10 हजार करोड़ रुपए सरकार के पास बकाया है। कर्मचारी स्वतंत्रता दिवस पर एरियर व DA मिलने की आस लगाए बैठे थे। मगर सीएम सुक्खू ने केवल 75 साल से अधिक आयु वर्ग के पेंशनर का ही एकमुश्त एरियर देने का ऐलान किया है। इससे दूसरे कर्मचारी भड़क उठे हैं। मगर कांग्रेस सरकार आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए एरियर व डीए के भुगतान को टाल रही है।