मंडी शहर के महिला पुलिस थाना भ्युली के समीप हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में तेंदुआ दिखने से लोगों में हड़कंप मच गया है। तेंदुआ का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। जो सोशल मीडिया पर अब तेजी के साथ वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी कैमरे में यह घटना 25 अगस्त रात 12ः37 मिनट ने रिकॉर्ड हुई जिस पर साफ दिख रहा है कि तेंदुआ महिला पुलिस थाने से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की तरफ जाने वाली सड़क पर टहल रहा है। इस विडियो आज सामने आया है। स्थानीय निवासी गुरचरण व अन्य लोगों की मानें तो उन्होंने भी कई बार लोगों से तेंदुआ के यहां देखने के बारे में सुना है। जिसको लेकर उन्होंने वन विभाग से यहां पर विजिट करने का आग्रह किया है ताकि तेंदुआ किसी को कोई नुकसान ना पहुंचाए। महापौर ने वन विभाग से किया आग्रह नगर निगम के महापौर वीरेन्द्र भट्ट शर्मा ने कहा लोगों द्वारा उन्हें भी तेंदुआ का वीडियो शेयर किया है।जिसको लेकर उन्होंने वन विभाग से इस ओर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।उन्होंने कहा कि लोगों के घरों के आसपास तेंदुआ का दिखना चिंताजनक है, जहां तेंदुआ दिखा है वह लोगों का आम रास्ता है और यहां से लोग दिन-रात सफर करते है। इसको लेकर वन विभाग से आग्रह किया है कि दोबारा तेंदुआ दिखता है तो उस स्थान पर पिंजरा लगाया जाए। मंडी शहर के महिला पुलिस थाना भ्युली के समीप हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में तेंदुआ दिखने से लोगों में हड़कंप मच गया है। तेंदुआ का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। जो सोशल मीडिया पर अब तेजी के साथ वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी कैमरे में यह घटना 25 अगस्त रात 12ः37 मिनट ने रिकॉर्ड हुई जिस पर साफ दिख रहा है कि तेंदुआ महिला पुलिस थाने से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की तरफ जाने वाली सड़क पर टहल रहा है। इस विडियो आज सामने आया है। स्थानीय निवासी गुरचरण व अन्य लोगों की मानें तो उन्होंने भी कई बार लोगों से तेंदुआ के यहां देखने के बारे में सुना है। जिसको लेकर उन्होंने वन विभाग से यहां पर विजिट करने का आग्रह किया है ताकि तेंदुआ किसी को कोई नुकसान ना पहुंचाए। महापौर ने वन विभाग से किया आग्रह नगर निगम के महापौर वीरेन्द्र भट्ट शर्मा ने कहा लोगों द्वारा उन्हें भी तेंदुआ का वीडियो शेयर किया है।जिसको लेकर उन्होंने वन विभाग से इस ओर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।उन्होंने कहा कि लोगों के घरों के आसपास तेंदुआ का दिखना चिंताजनक है, जहां तेंदुआ दिखा है वह लोगों का आम रास्ता है और यहां से लोग दिन-रात सफर करते है। इसको लेकर वन विभाग से आग्रह किया है कि दोबारा तेंदुआ दिखता है तो उस स्थान पर पिंजरा लगाया जाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मुफ्त की योजनाएं बंद करने पर घमासान:बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरा; शांता कुमार-राधा रमण बोले- रेवड़ियां बंद करने का फैसला सराहनीय
हिमाचल में मुफ्त की योजनाएं बंद करने पर घमासान:बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरा; शांता कुमार-राधा रमण बोले- रेवड़ियां बंद करने का फैसला सराहनीय हिमाचल सरकार साधन संपन्न लोगों की मुफ्त बिजली, पानी और हिम केयर योजना बंद कर चुकी है। अब महिलाओं के सरकारी बसों के किराए में 50 प्रतिशत छूट को समाप्त करने की तैयारी है। भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। मगर बीजेपी के शीर्ष नेता कांग्रेस सरकार के मुफ्त रेवड़ियां बांटने के निर्णय की सराहना कर रहे हैं। खजाना खाली होने से सुक्खू सरकार एक के बाद एक सख्त निर्णय ले रही है। सूत्रों की माने तो 3 दिन पहले संपन्न मंत्रिमंडल मीटिंग में बस किराए में महिलाओं को मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) को अगली कैबिनेट तक प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि सरकार इस छूट को खत्म या फिर 25 प्रतिशत कर सकती है। प्रदेश में मुफ्त सेवाओं पर छिड़ी नई बहस राज्य सरकार द्वारा एक-एक कर मुफ्त सेवाएं बंद करने के फैसले के बाद प्रदेश में नई बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग मुफ्त सेवाओं को बंद करने को सही ठहरा रहे हैं तो विपक्ष के साथ कुछ इसे जनता से धोखा बता रहे हैं। शांता कुमार ने कांग्रेस के निर्णय को सराहा पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा, मुफ्त रेवड़ियां बांटना सही नहीं है। अमीर लोगों की मुफ्त बिजली और पानी बंद करना सही फैसला है। उन्होंने कहा, सरकार को अंतोदय की भावना के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, कि गरीब को हर प्रकार की मदद मिलनी चाहिए। मिडिल क्लास को थोड़ी बहुत स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त मिलनी चाहिए। अमीर को कुछ नहीं मिलना चाहिए। अमीरों का बिंजली-पानी बंद करना सही फैसला: शास्त्री बीजेपी के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा रमण शास्त्री ने कहा, मुफ्त बिजली-पानी बंद करने का निर्णय सही है। हिमाचल को आर्थिक संकट से बाहर लाने के लिए सरकार को व्यावहारिक होना पड़ेगा। बिजली-पानी में गरीबों को छूट मिलनी चाहिए। जो लोग बिल दे सकते हैं, उन्हें बिल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कंट्रीब्यूट करेंगे तभी साधन बनेगे। पूर्व सरकार ने चुनावी साल में दी थी छूट पूर्व जयराम सरकार ने चुनावी साल में महिलाओं को बस किराए में 50 प्रतिशत छूट का निर्णय लिया था। इसी तरह 125 यूनिट मुफ्त बिजली और ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी का निर्णय भी पूर्व सरकार ने लिया था। हालांकि तब पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी, क्योंकि दूसरे बीजेपी शासित राज्यों में भी मुफ्त सेवाओं के लिए भाजपा सरकार पर दबाव पड़ रहा था। हिमाचल की सुक्खू सरकार का तर्क है कि इन निर्णय से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ा है और साधन संपन्न लोगों को रेवड़ियां बांटी गई है। सरकार ने डेढ़ साल से सिर्फ़ छीनने का काम किया: जयराम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, सरकार प्रदेशवासी को मिला हर हक छीनना चाहती है। ज्यादातर हक जो पूर्व की सरकार ने दिए थे, सब छीन लिए गए हैं। सरकार का यह शर्मनाक कृत्य है। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन गारंटियों का झूठ बोल कर सत्ता में थी, उन्हें एक एक कर बंद किया जा रहा है। यह प्रदेश के लोगों के साथ भी धोखा है। खजाना खाली करके गई बीजेपी: CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार खजाना खाली करके गई है। चुनावी साल में चुनाव जीतने के लिए जयराम सरकार ने अमीरों की मुफ्त बिजली और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े बड़े होटेलियर को मुफ्त पानी दिया है। कांग्रेस सरकार ने अमीरों की मुफ्त बिजली-पानी बंद किया है। गरीबों को पहले की तरह ये सुविधाएं मिलती रहेगी। कांग्रेस ने भी मुफ्त रेवड़ियों का किया था ऐलान हालांकि यह भी सच्चाई है कि कांग्रेस ने भी सत्ता हथियाने के लिए कई मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा की। कांग्रेस ने 18 साल से ज्यादा उम्र की सभी महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने की गारंटी दी। इसी तरह कांग्रेस ने चुनाव में कई ऐसी घोषणाएं की थी जो आज आर्थिक बदहाली के कारण सरकार के गले का फांस बन गई है।
चंबा में स्वस्थ्य विभाग का छापा:दवाइयों का रिकॉर्ड नहीं देने पर मेडिकल स्टोर सील; विभाग ने तीन दिन में मांगा जवाब
चंबा में स्वस्थ्य विभाग का छापा:दवाइयों का रिकॉर्ड नहीं देने पर मेडिकल स्टोर सील; विभाग ने तीन दिन में मांगा जवाब चंबा जिले में स्वस्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरोल में एक मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है। इस कार्रवाई को असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर की अगुआई में अंजाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक सरोल पंचायत में मौजूद एक दवा की दुकान का निरीक्षण करने के दौरान वहां मौजूद नारकोटिक्स पदार्थों का रिकॉर्ड मांगा गया तो दुकानदार उसे पेश नहीं कर पाया। विभाग ने तीन दिन में मांगा जबाब दुकानदार द्वारा स्वस्थ्य विभाग को न तो यह रिकॉर्ड पेश कर पाया कि उसके पास कुल कितने पदार्थ थे और बिके कितने। जबकि इस प्रकार का रिकॉर्ड रखना नियमानुसार जरूरी है। दवा विक्रेता की इस लापरवाही व गैर जिम्मेदारी का रवैया देखकर विभाग को यह कड़ा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। विभाग ने सम्बन्धित दुकानदार से इस बारे में अगले दो-तीन दिनों के भीतर लिखित में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि चंबा में प्रतिबंधित दवाइयों की अवैध तरीके से तस्करी करने के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में लोगों द्वारा समय-समय पर स्वस्थ्य विभाग से ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जाती है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए जिला स्वस्थ्य विभाग चंबा इस मामले के बीते कुछ समय से गम्भीरतापूर्वक सक्रिय है। जिसके प्रमाण बीते दिनों चुराह व भरमौर में ऐसी दुकानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के रूप में देखे जा चुके हैं।
हिमाचल के वीरों ने दिखाया था ‘पहाड़’ जैसा शौर्य:कारगिल युद्ध में 52 ने दी थी शहादत; आज पूरा देश कर रहा नमन; जगह-जगह कार्यक्रम
हिमाचल के वीरों ने दिखाया था ‘पहाड़’ जैसा शौर्य:कारगिल युद्ध में 52 ने दी थी शहादत; आज पूरा देश कर रहा नमन; जगह-जगह कार्यक्रम देश के साथ हिमाचल प्रदेश में भी कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश के 527 वीर सपूतों में 52 देवभूमि हिमाचल प्रदेश के थे। इसी वजह से हिमाचल को देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि कहा जाता है। 25 मई से 26 जुलाई 1999 के बीच पाकिस्तान के साथ चली जंग में बलिदान देने वाले इन वीरभूमि के इन सपूतों को आज प्रदेश में याद किया जा रहा है और श्रद्धांजलि दी जा रही है। कारगिल युद्ध में सेना के सर्वोच्च सम्मान 2 परमवीर चक्र समेत अनेकों चक्र हिमाचल के वीरों के कंधे पर सुसज्जित हैं। कैप्टन विक्रम बतरा को (मरणोपरांत) और राइफलमैन संजय कुमार को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस युद्ध में शहादत पाने वालों में कांगड़ा जिले के 15 जवान, मंडी के 10, हमीरपुर के 8, बिलासपुर 7, शिमला 4, ऊना, सोलन व सिरमौर के 2-2 तथा चंबा व कुल्लू जिले से 1-1 जवान शामिल थे। बतरा ने 5140 चोटी से कहा, यह दिल मांगे मोर इस युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बतरा की गर्जन से दहशत में आ जाती थी। पहली जून 1999 को उनकी टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया। हम्प व रॉकी नाब स्थानों को जीतने के बाद उसी समय विक्रम को कैप्टन बना दिया गया। इसके बाद श्रीनगर-लेह मार्ग की सबसे महत्वपूर्ण 5140 चोटी को पाक सेना से मुक्त करवाने की जिम्मेदीरी कैप्टन विक्रम बतरा को सौंपी गई। दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद विक्रम बतरा अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 की सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर 5140 चोटी को अपने कब्जे में ले लिया। विक्रम बतरा ने जब इस चोटी से रेडियो के जरिए अपना विजय उद्घोष यह दिल मांगे मोर कहा तो सेना ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में उनका नाम छा गया। देवभूमि के इस सपूत को 15 दिन बंधी बनाकर दी अमानवीय यातनाएं कारगिल युद्ध में पालमपुर के कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तानी सैनिकों ने 15 दिनों तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उन्हें कई अमानवीय यातनाएं दी गईं और वह अपनी पहली सैलरी लेने से पहले शहीद हो गए थे। शहादत के वक्त उनकी उम्र मात्र 22 साल थी। आज पूरा देश उन्हें इस शहादत के लिए याद कर रहा है। वीर सपूतों की कहानी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (युद्ध सेवा मेडल) सेवानिवृत कारगिल हीरो ने बताया कि उनके पास 18 ग्रेनेडियर की कमान थी। हमारी युद्ध यूनिट ने तोलोलिंग की पहाड़ी और करगिल की पहाड़ी टाइगर हिल पर विजय पताका फहराई थी। 18 ग्रेनेडियर की इस यूनिट को 52 वीरता पुरस्कार मिले थे, जो अब तक का मिलिट्री इतिहास है। जब तोलोलिंग पर दुश्मन के साथ संघर्ष चल रहा था तो हमारे उपकमान अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल आर विश्वनाथन मेरी ही गोद में वीरगति को प्राप्त हुए। उस दृश्य को याद करता हूं तो सिहर उठता हूं। करगिल का युद्ध इतना कठिन था कि वहां छिपने के लिए खाली व सूखी पहाड़ियों के अलावा तिनका तक भी नहीं था। तोलोलिंग की लड़ाई हमने 22 दिन तक लड़ी। उसके बाद यूनिट ने द्रास सेक्टर की सबसे मुश्किल और मशहूर चोटी टाइगर हिल्स फतह की। करगिल की लड़ाई में मेरी यूनिट 18 ग्रेनेडियर को 52 वीरता पुरस्कार दिए गए। उन्होंने बताया कि आज भी उस घटनाक्रम को याद करता हूं तो रोमांच व साहस से भर जाता हूं। कारगिल युद्ध में शहादत पाने वाले 52 जवान… पहाड़ सा शौर्य, फिर भी अपनी रेजिमेंट नहीं हिमाचल का यह दुर्भाग्य है कि सेना के पहले परमवीर चक्र विजेता राज्य को आजादी के 77 साल बाद भी सेना की रेजिमेंट नहीं मिल पाई। कांगड़ा के मेजर सोमनाथ शर्मा ने पहला परमवीर चक्र मेडल हासिल कर हिमाचल के साहस की पहचान को शिखर पर पहुंचाया था। मेजर सोमनाथ के अलावा पालमपुर के कैप्टन विक्रम बतरा, धर्मशाला के लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस थापा और बिलासपुर के राइफलमैन संजय कुमार ने परमवीर चक्र हासिल कर अदम्य साहस की परंपरा को आगे बढ़ाया। इसी तरह 1200 से ज्यादा गैलेंटरी अवार्ड और तमाम अवार्ड हिमाचल के रणबांकुरों के नाम हैं। फिर भी राज्य की अपनी रेंजिमेंट की कमी आज भी खल रही है।