हिमाचल सरकार साधन संपन्न लोगों की मुफ्त बिजली, पानी और हिम केयर योजना बंद कर चुकी है। अब महिलाओं के सरकारी बसों के किराए में 50 प्रतिशत छूट को समाप्त करने की तैयारी है। भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। मगर बीजेपी के शीर्ष नेता कांग्रेस सरकार के मुफ्त रेवड़ियां बांटने के निर्णय की सराहना कर रहे हैं। खजाना खाली होने से सुक्खू सरकार एक के बाद एक सख्त निर्णय ले रही है। सूत्रों की माने तो 3 दिन पहले संपन्न मंत्रिमंडल मीटिंग में बस किराए में महिलाओं को मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) को अगली कैबिनेट तक प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि सरकार इस छूट को खत्म या फिर 25 प्रतिशत कर सकती है। प्रदेश में मुफ्त सेवाओं पर छिड़ी नई बहस राज्य सरकार द्वारा एक-एक कर मुफ्त सेवाएं बंद करने के फैसले के बाद प्रदेश में नई बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग मुफ्त सेवाओं को बंद करने को सही ठहरा रहे हैं तो विपक्ष के साथ कुछ इसे जनता से धोखा बता रहे हैं। शांता कुमार ने कांग्रेस के निर्णय को सराहा पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा, मुफ्त रेवड़ियां बांटना सही नहीं है। अमीर लोगों की मुफ्त बिजली और पानी बंद करना सही फैसला है। उन्होंने कहा, सरकार को अंतोदय की भावना के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, कि गरीब को हर प्रकार की मदद मिलनी चाहिए। मिडिल क्लास को थोड़ी बहुत स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त मिलनी चाहिए। अमीर को कुछ नहीं मिलना चाहिए। अमीरों का बिंजली-पानी बंद करना सही फैसला: शास्त्री बीजेपी के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा रमण शास्त्री ने कहा, मुफ्त बिजली-पानी बंद करने का निर्णय सही है। हिमाचल को आर्थिक संकट से बाहर लाने के लिए सरकार को व्यावहारिक होना पड़ेगा। बिजली-पानी में गरीबों को छूट मिलनी चाहिए। जो लोग बिल दे सकते हैं, उन्हें बिल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कंट्रीब्यूट करेंगे तभी साधन बनेगे। पूर्व सरकार ने चुनावी साल में दी थी छूट पूर्व जयराम सरकार ने चुनावी साल में महिलाओं को बस किराए में 50 प्रतिशत छूट का निर्णय लिया था। इसी तरह 125 यूनिट मुफ्त बिजली और ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी का निर्णय भी पूर्व सरकार ने लिया था। हालांकि तब पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी, क्योंकि दूसरे बीजेपी शासित राज्यों में भी मुफ्त सेवाओं के लिए भाजपा सरकार पर दबाव पड़ रहा था। हिमाचल की सुक्खू सरकार का तर्क है कि इन निर्णय से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ा है और साधन संपन्न लोगों को रेवड़ियां बांटी गई है। सरकार ने डेढ़ साल से सिर्फ़ छीनने का काम किया: जयराम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, सरकार प्रदेशवासी को मिला हर हक छीनना चाहती है। ज्यादातर हक जो पूर्व की सरकार ने दिए थे, सब छीन लिए गए हैं। सरकार का यह शर्मनाक कृत्य है। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन गारंटियों का झूठ बोल कर सत्ता में थी, उन्हें एक एक कर बंद किया जा रहा है। यह प्रदेश के लोगों के साथ भी धोखा है। खजाना खाली करके गई बीजेपी: CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार खजाना खाली करके गई है। चुनावी साल में चुनाव जीतने के लिए जयराम सरकार ने अमीरों की मुफ्त बिजली और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े बड़े होटेलियर को मुफ्त पानी दिया है। कांग्रेस सरकार ने अमीरों की मुफ्त बिजली-पानी बंद किया है। गरीबों को पहले की तरह ये सुविधाएं मिलती रहेगी। कांग्रेस ने भी मुफ्त रेवड़ियों का किया था ऐलान हालांकि यह भी सच्चाई है कि कांग्रेस ने भी सत्ता हथियाने के लिए कई मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा की। कांग्रेस ने 18 साल से ज्यादा उम्र की सभी महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने की गारंटी दी। इसी तरह कांग्रेस ने चुनाव में कई ऐसी घोषणाएं की थी जो आज आर्थिक बदहाली के कारण सरकार के गले का फांस बन गई है। हिमाचल सरकार साधन संपन्न लोगों की मुफ्त बिजली, पानी और हिम केयर योजना बंद कर चुकी है। अब महिलाओं के सरकारी बसों के किराए में 50 प्रतिशत छूट को समाप्त करने की तैयारी है। भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। मगर बीजेपी के शीर्ष नेता कांग्रेस सरकार के मुफ्त रेवड़ियां बांटने के निर्णय की सराहना कर रहे हैं। खजाना खाली होने से सुक्खू सरकार एक के बाद एक सख्त निर्णय ले रही है। सूत्रों की माने तो 3 दिन पहले संपन्न मंत्रिमंडल मीटिंग में बस किराए में महिलाओं को मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) को अगली कैबिनेट तक प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि सरकार इस छूट को खत्म या फिर 25 प्रतिशत कर सकती है। प्रदेश में मुफ्त सेवाओं पर छिड़ी नई बहस राज्य सरकार द्वारा एक-एक कर मुफ्त सेवाएं बंद करने के फैसले के बाद प्रदेश में नई बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग मुफ्त सेवाओं को बंद करने को सही ठहरा रहे हैं तो विपक्ष के साथ कुछ इसे जनता से धोखा बता रहे हैं। शांता कुमार ने कांग्रेस के निर्णय को सराहा पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा, मुफ्त रेवड़ियां बांटना सही नहीं है। अमीर लोगों की मुफ्त बिजली और पानी बंद करना सही फैसला है। उन्होंने कहा, सरकार को अंतोदय की भावना के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, कि गरीब को हर प्रकार की मदद मिलनी चाहिए। मिडिल क्लास को थोड़ी बहुत स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त मिलनी चाहिए। अमीर को कुछ नहीं मिलना चाहिए। अमीरों का बिंजली-पानी बंद करना सही फैसला: शास्त्री बीजेपी के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा रमण शास्त्री ने कहा, मुफ्त बिजली-पानी बंद करने का निर्णय सही है। हिमाचल को आर्थिक संकट से बाहर लाने के लिए सरकार को व्यावहारिक होना पड़ेगा। बिजली-पानी में गरीबों को छूट मिलनी चाहिए। जो लोग बिल दे सकते हैं, उन्हें बिल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कंट्रीब्यूट करेंगे तभी साधन बनेगे। पूर्व सरकार ने चुनावी साल में दी थी छूट पूर्व जयराम सरकार ने चुनावी साल में महिलाओं को बस किराए में 50 प्रतिशत छूट का निर्णय लिया था। इसी तरह 125 यूनिट मुफ्त बिजली और ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी का निर्णय भी पूर्व सरकार ने लिया था। हालांकि तब पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी, क्योंकि दूसरे बीजेपी शासित राज्यों में भी मुफ्त सेवाओं के लिए भाजपा सरकार पर दबाव पड़ रहा था। हिमाचल की सुक्खू सरकार का तर्क है कि इन निर्णय से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ा है और साधन संपन्न लोगों को रेवड़ियां बांटी गई है। सरकार ने डेढ़ साल से सिर्फ़ छीनने का काम किया: जयराम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, सरकार प्रदेशवासी को मिला हर हक छीनना चाहती है। ज्यादातर हक जो पूर्व की सरकार ने दिए थे, सब छीन लिए गए हैं। सरकार का यह शर्मनाक कृत्य है। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन गारंटियों का झूठ बोल कर सत्ता में थी, उन्हें एक एक कर बंद किया जा रहा है। यह प्रदेश के लोगों के साथ भी धोखा है। खजाना खाली करके गई बीजेपी: CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार खजाना खाली करके गई है। चुनावी साल में चुनाव जीतने के लिए जयराम सरकार ने अमीरों की मुफ्त बिजली और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े बड़े होटेलियर को मुफ्त पानी दिया है। कांग्रेस सरकार ने अमीरों की मुफ्त बिजली-पानी बंद किया है। गरीबों को पहले की तरह ये सुविधाएं मिलती रहेगी। कांग्रेस ने भी मुफ्त रेवड़ियों का किया था ऐलान हालांकि यह भी सच्चाई है कि कांग्रेस ने भी सत्ता हथियाने के लिए कई मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा की। कांग्रेस ने 18 साल से ज्यादा उम्र की सभी महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने की गारंटी दी। इसी तरह कांग्रेस ने चुनाव में कई ऐसी घोषणाएं की थी जो आज आर्थिक बदहाली के कारण सरकार के गले का फांस बन गई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के कबड्डी खिलाड़ी फूट फूट कर रोए:महाराष्ट्र में चल रही चैम्पियनशिप से बाहर; आयोजक पर पक्षपात के आरोप
हिमाचल के कबड्डी खिलाड़ी फूट फूट कर रोए:महाराष्ट्र में चल रही चैम्पियनशिप से बाहर; आयोजक पर पक्षपात के आरोप महाराष्ट्र के अमरावती में चल रही U-14 आयु वर्ग के 68वें राष्ट्रीय स्कूल गेम्स ( NSG) विवादों में आ गए है। इसमें निर्णायक मंडल पर हिमाचल प्रदेश के साथ पक्षपात करने आरोप लगे है। आरोप है कि NSG के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में निर्णायक मंडल ने गलत तरीके आयोजक स्टेट महाराष्ट्र को 15 से 20 पॉइंट्स दिए हैं जिसका विरोध जताने पर हिमाचल प्रदेश की टीम को नियमों को ताक पर रख कर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के टीम प्रबंधन ने इसको लेकर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( SGFI) को शिकायत दे दी है और मामले में हस्तक्षेप कर जांच करने की मांग की है। निर्णायक मंडल पर हेरा-फेरी का आरोप
हिमाचल प्रदेश कबड्डी टीम के हेड कोच सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरी प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश की टीम का प्रदर्शन अद्भुत था। हिमाचल प्रदेश ने प्रतियोगिता के शुरुआती मुकाबले एक तरफा जीते थे। जिसके बाद बुधवार को देर शाम हिमाचल प्रदेश का क्वार्टर फाइनल मुकाबला आयोजक राज्य महाराष्ट्र के साथ हुआ। इस मुकाबले में पूरा निर्णायक मंडल आयोजक स्टेट महाराष्ट्र से ही सबंध रखता था। हिमाचल प्रदेश की टीम शुरू से ही महाराष्ट्र की टीम पर हावी चल रही थी कि तभी निर्णायक मंडल ने हेरा-फेरी करनी शुरू कर दी। खिलाड़ियों पर बनाया बेवजह दबाव
शर्मा ने बताया कि निर्णायक मंडल ने मैच के दौरान पक्षपात करते हुए महाराष्ट्र की टीम को बोनस पॉइंट दिए। जबकि हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को बोनस के पॉइंट नहीं दिए गए। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को सीन कार्ड बिना किसी गलती के दिखा दिए और बार बार हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों पर अनावश्यक रूप से दवाब बनाया गया। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडल ने खेल की सारी हद्दे उस समय पार कर दी जब पक्षपात के बावजूद भी हिमाचल को जीतता देख बिना किसी गलती के हिमाचल प्रदेश की कप्तान को येल्लो कार्ड दिखा दिया और उसे गेम से बाहर करने का प्रयास किया गया। सुरेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश टीम के प्रबंधन के विरोध के बाद मैच दोबारा शुरू हुआ । लेकिन खेल के अंतिम 3 मिनट से पहले निर्णायक मंडल से नियमों की सारी सीमाएं लांघ दी। जिसके बाद बाद हिमाचल प्रदेश की टीम निर्णयों के खिलाफ कोर्ट में विरोध करने बैठ गई। इसी दौरान कोर्ट की लाइट बन्द कर दी गयी और उन्हें जबरदस्ती बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि निर्णायक मंडल ने टीम के मैनेजर के साथ भी दुर्व्यवहार किया और उन्हें धमकियां भी दी। SGFI महासचिव को भी लिखा पत्र
हिमाचल प्रदेश टीम कौच ने बताया कि उन्होंने इस सबंध में SGPI को शिकायत दी है । जिसमे उन्होंने बताया कि मैच के लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है । शिकायत में उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच की जाएं और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएं। खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होंगे देंगे
सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दुर्गम क्षेत्रों में संसाधनों के अभाव के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत ने खेल के क्षेत्र में भविष्य देखते है। लेकिन यदि उनके साथ इस तरह से अन्याय होगा उन्हें खेलने से रोका जाएगा तो वह उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे । इसके लिए वह हर तरह की लड़ाई लड़ने को तैयार है। 9 से 12 दिसंबर तक हुई प्रतियोगिता
बता दें कि महाराष्ट्र के अमरावती में 9 से 12 दिसंबर तक कबड्डी में अंडर- 14 आयु वर्ग में गर्ल्स एंड बॉयज दोनों वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का 13 दिसंबर को समापन होना है लेकिन अब यह विवादों में आ गयी है।
मंडी पहुंचे खेल एवं कानून मंत्री गामा:कर्मचारी संघ के स्थापना दिवस में की शिरकत, यादविंदर बोले- सुक्खू सरकार ने प्रदान की आर्थिक सुरक्षा
मंडी पहुंचे खेल एवं कानून मंत्री गामा:कर्मचारी संघ के स्थापना दिवस में की शिरकत, यादविंदर बोले- सुक्खू सरकार ने प्रदान की आर्थिक सुरक्षा हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस आज मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल तथा कानून मंत्री यादविंदर गोमा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार भी कर्मचारी हितैषी होने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए प्राथमिकता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सभी वर्गों का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दुख-दर्द भली भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां एक लाख 36 हजार से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है, वहीं उनको आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। 1000 करोड़ की अतिरिक्त राशि जारी की उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर इस वर्ष एक हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की करीब 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियों को लंबित रखा, जिसमें वेतन आयोग का एरियर व लंबित डीए शामिल है। वर्तमान प्रदेश सरकार इन देनदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रही है। दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया गया तथा 75 साल अधिक आयु के पेंशनरों को बकाया एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार रुपए भी जारी किए गए हैं। पेंशनरों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति निपटारे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री समय-समय पर कर्मचारियों के देय लाभ जारी कर रहे हैं। ओपीएस देने वाला हिमाचल पहला राज्य उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो एनपीएस के बाद ओपीएस दे रहा है। यह ओपीएस अब भाजपा सरकार के राज्यों के लिए गले की फांस बन रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने ओपीएस बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित किया तथा विधानसभा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर लाठियों तथा वाटर कैनन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब भी प्रदेश के बाहर जाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं तथा ओपीएस बहाली पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि उनको शोभा नहीं देता।उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी तथा जो भी मांगें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा रखी गई हैं उन सभी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की।
हिमाचल में प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त:10 यात्री घायल; संसारपुर टैरेस से ज्वाली जा रही थी, गंभीर घायल एक यात्री को टांडा किया रेफर
हिमाचल में प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त:10 यात्री घायल; संसारपुर टैरेस से ज्वाली जा रही थी, गंभीर घायल एक यात्री को टांडा किया रेफर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आज दोपहर करीब एक बजे प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 10 यात्रियों को चोट आई है। घायलों का ज्वाली अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, निजी बस संसारपुर टैरेस से ज्वाली जा रही थी। इस दौरान यह बस राजा का तालाब-ज्वाली मार्ग पर समलना में बियर बार फैक्ट्री के पास बेकाबू हो गई और फैक्ट्री की दीवार से टकरा गई। इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गंभीर घायलों को किया रेफर हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग घटना स्थल को भागे और सभी घायलों को पहले सड़क पर पहुंचाया। इसके बाद एम्बुलेंस से उपचार के लिए ज्वाली अस्पताल ले जाया गया। गंभीर रूप से घायल राकेश कुमार को टांडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर किया गया है। प्रारंभिक सूचना के अनुसार बस का स्टीयरिंग लॉक होने की वजह से यह हादसा हुआ है। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है और पता लगाया जा रहा है कि किस वजह से हादसा हुआ।