प्रयागराज में सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज के रिश्वत लेने का वीडियो सामने आया है। इसमें वो एक गड्डी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसे एक युवक सफेद कागज में लपेट कर दे रहा है। वो कह रहे-मैं क्या करुं यार। हमारे ऊपर के अधिकारियों के पास पार्टी लाख 50 हजार रुपए लेकर पहुंच जाती है, तो वो लोग दबाव बनाते हैं। ये वीडियो गुरुवार देर शाम(29 अगस्त) का है। दरअसल, एक वैद्य ने रिश्वत दी। बाद में जब उसको पुलिस उसे परेशान करने लगी, तो उसने खुद ही वीडियो वायरल कर दिया। पुलिस कमिश्नर ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लेकर दरोगा अभय चंद को सस्पेंड कर दिया गया। वैद्य पर खुद पर लगे मुकदमे हटवाना चाहता था राज किशोर प्रयागराज के वैद्य हैं। उन्होंने सिविल कोर्ट में 2019 में मुकदमा किया था। कि उनकी जमीन कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। 2020 में विपक्षियों को कोर्ट ने नोटिस भेज कर जानकारी दी। इसके बाद 2021 में विपक्षियों ने उल्टा राज किशोर पर FIR दर्ज करा दी। राज किशोर को पता लगा कि उनके ऊपर संगीन धाराओं में रिपोर्ट हो गई है। वो पुलिस अफसरों से मिले। इसके बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी। आरोप है कि विवेचक अभय चंद ने उनसे कहा कि तुम्हारा मुकदमा हल्का करा देंगे, कुछ रिश्वत दे दो। हम पूरा मामला मैनेज कर देंगे। इसके लिए उन्होंने कई 10-10 हजार रुपए दिए हैं। लेकिन, उसके बाद भी पुलिस ने उनका काम नहीं किया। न ही उन पर दर्ज मुकदमा वापस लिया। राजस्व निरीक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने पकड़ा था प्रयागराज में 1 अगस्त को राजस्व निरीक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। विजिलेंस टीम ने सदर तहसील के राजस्व निरीक्षक रामकृष्ण मिश्र को रंगे हाथ पकड़ा था। एक महिला की शिकायत पर पहले उसे टीम ने ट्रैप किया। फिर सुभाष चौराहे के पास से खींचकर ले गई। असल में धूमनगंज के ग्यासउद्दीनपुर की रहने वाली सुमन देवी शिकायत किया था कि उनकी पुश्तैनी जमीन शाहा उर्फ पीपल गांव तहसील सदर प्रयागराज में है। सुमन देवी ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद नाम दर्ज हो चुका है। जमीन पर दबंग लोग कब्जा करना चाहते हैं, जिसकी धारा-24 के अन्तर्गत पैमाइश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। सुमन देवी का आरोप था कि वह मनोज कुमार के साथ मिलकर राजस्व निरीक्षक रामकृष्ण मिश्रा से मिलने गईं, तो 10,000 रुपए रिश्वत मांगी गई। एंटी करप्शन टीम ने इंस्पेक्टर को 40 हजार रिश्वत लेते पकड़ा था प्रयागराज के नवाबगंज थाने में तैनात सेकेंड अफसर इंस्पेक्टर रमेश चंद्र को 28 जुलाई को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने 40 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। एसीबी की प्रयागराज यूनिट ने शाम को पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर को डिजिटल लाइब्रेरी, जायसवाल मार्केट के बगल के एक कमरे में ट्रैप किया। मो. सलीम ने जैसे ही 40 हजार रुपए नवाबगंज थाने के सेकेंड अफसर को दिए, एसीबी की टीम ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर रमेश चंद्र के खिलाफ फाफामऊ थाने में रिश्वतखोरी का केस दर्ज कराया गया है। यह रिश्वत एक मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगाने के लिए ली जा रही थी। यह भी पढ़ें : मथुरा में ED के फर्जी अफसरों ने मारा छापा: सर्राफा कारोबारी को सर्च वारंट दिखाया, कॉलर और बाल पकड़कर खींचा, कहा- तस्करी करते हो यूपी के मथुरा में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की एक फर्जी टीम शुक्रवार को सर्राफा कारोबारी के घर छापा मारने पहुंच गई। टीम में तीन पुरुष और एक महिला शामिल थी। एक व्यक्ति ने दरोगा की वर्दी पहन रखी थी। टीम की अगुआई कर रहे व्यक्ति ने कारोबारी को सर्च वारंट दिखाया और अपने काम में लग गए। तभी कारोबारी ने दरोगा से पूछा- किस थाने से हो, तो वह गलत जवाब दे गया। कारोबारी को दाल में कुछ काला लगा। तभी एक व्यक्ति ने रौब गांठते हुए कारोबारी को उसकी टीशर्ट खींचकर कुर्सी से उठाया और घर के भीतर ले गए। पढ़िए पूरी खबर.. प्रयागराज में सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज के रिश्वत लेने का वीडियो सामने आया है। इसमें वो एक गड्डी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसे एक युवक सफेद कागज में लपेट कर दे रहा है। वो कह रहे-मैं क्या करुं यार। हमारे ऊपर के अधिकारियों के पास पार्टी लाख 50 हजार रुपए लेकर पहुंच जाती है, तो वो लोग दबाव बनाते हैं। ये वीडियो गुरुवार देर शाम(29 अगस्त) का है। दरअसल, एक वैद्य ने रिश्वत दी। बाद में जब उसको पुलिस उसे परेशान करने लगी, तो उसने खुद ही वीडियो वायरल कर दिया। पुलिस कमिश्नर ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लेकर दरोगा अभय चंद को सस्पेंड कर दिया गया। वैद्य पर खुद पर लगे मुकदमे हटवाना चाहता था राज किशोर प्रयागराज के वैद्य हैं। उन्होंने सिविल कोर्ट में 2019 में मुकदमा किया था। कि उनकी जमीन कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। 2020 में विपक्षियों को कोर्ट ने नोटिस भेज कर जानकारी दी। इसके बाद 2021 में विपक्षियों ने उल्टा राज किशोर पर FIR दर्ज करा दी। राज किशोर को पता लगा कि उनके ऊपर संगीन धाराओं में रिपोर्ट हो गई है। वो पुलिस अफसरों से मिले। इसके बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी। आरोप है कि विवेचक अभय चंद ने उनसे कहा कि तुम्हारा मुकदमा हल्का करा देंगे, कुछ रिश्वत दे दो। हम पूरा मामला मैनेज कर देंगे। इसके लिए उन्होंने कई 10-10 हजार रुपए दिए हैं। लेकिन, उसके बाद भी पुलिस ने उनका काम नहीं किया। न ही उन पर दर्ज मुकदमा वापस लिया। राजस्व निरीक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने पकड़ा था प्रयागराज में 1 अगस्त को राजस्व निरीक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। विजिलेंस टीम ने सदर तहसील के राजस्व निरीक्षक रामकृष्ण मिश्र को रंगे हाथ पकड़ा था। एक महिला की शिकायत पर पहले उसे टीम ने ट्रैप किया। फिर सुभाष चौराहे के पास से खींचकर ले गई। असल में धूमनगंज के ग्यासउद्दीनपुर की रहने वाली सुमन देवी शिकायत किया था कि उनकी पुश्तैनी जमीन शाहा उर्फ पीपल गांव तहसील सदर प्रयागराज में है। सुमन देवी ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद नाम दर्ज हो चुका है। जमीन पर दबंग लोग कब्जा करना चाहते हैं, जिसकी धारा-24 के अन्तर्गत पैमाइश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। सुमन देवी का आरोप था कि वह मनोज कुमार के साथ मिलकर राजस्व निरीक्षक रामकृष्ण मिश्रा से मिलने गईं, तो 10,000 रुपए रिश्वत मांगी गई। एंटी करप्शन टीम ने इंस्पेक्टर को 40 हजार रिश्वत लेते पकड़ा था प्रयागराज के नवाबगंज थाने में तैनात सेकेंड अफसर इंस्पेक्टर रमेश चंद्र को 28 जुलाई को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने 40 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। एसीबी की प्रयागराज यूनिट ने शाम को पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर को डिजिटल लाइब्रेरी, जायसवाल मार्केट के बगल के एक कमरे में ट्रैप किया। मो. सलीम ने जैसे ही 40 हजार रुपए नवाबगंज थाने के सेकेंड अफसर को दिए, एसीबी की टीम ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर रमेश चंद्र के खिलाफ फाफामऊ थाने में रिश्वतखोरी का केस दर्ज कराया गया है। यह रिश्वत एक मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगाने के लिए ली जा रही थी। यह भी पढ़ें : मथुरा में ED के फर्जी अफसरों ने मारा छापा: सर्राफा कारोबारी को सर्च वारंट दिखाया, कॉलर और बाल पकड़कर खींचा, कहा- तस्करी करते हो यूपी के मथुरा में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की एक फर्जी टीम शुक्रवार को सर्राफा कारोबारी के घर छापा मारने पहुंच गई। टीम में तीन पुरुष और एक महिला शामिल थी। एक व्यक्ति ने दरोगा की वर्दी पहन रखी थी। टीम की अगुआई कर रहे व्यक्ति ने कारोबारी को सर्च वारंट दिखाया और अपने काम में लग गए। तभी कारोबारी ने दरोगा से पूछा- किस थाने से हो, तो वह गलत जवाब दे गया। कारोबारी को दाल में कुछ काला लगा। तभी एक व्यक्ति ने रौब गांठते हुए कारोबारी को उसकी टीशर्ट खींचकर कुर्सी से उठाया और घर के भीतर ले गए। पढ़िए पूरी खबर.. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Mahakumbh 2025: जमकर मारपीट करने के बाद अखाड़ों के दो गुटों में बनी सहमति, दोनों ने कार्रवाई नहीं करने का लिया फैसला
Mahakumbh 2025: जमकर मारपीट करने के बाद अखाड़ों के दो गुटों में बनी सहमति, दोनों ने कार्रवाई नहीं करने का लिया फैसला <p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News:</strong> प्रयागराज में कुछ दिन पहले दो गुटों के बीच मारपीट की हुई थी.अब मारपीट से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है.मारपीट के मामले में दोनों गुट नरम पड़ गए है.बता दें कि 24 घंटे के अंदर दोनों गुटों के बीच सहमति बन गई है.एक दूसरे के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किए जाने की कार्रवाई के लिए दिया गया प्रार्थना पत्र वापस लेने की सहमति बन गई है.दोनों गुटों ने मेलाधिकारी महाकुंभ को लिखित पत्र सौंपा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र में कार्रवाई करने के लिए दिया गया प्रार्थना पत्र वापस लेने और कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की मांग भी की गई है.एडीएम महाकुंभ विवेक चतुर्वेदी के मुताबिक मारपीट का विवाद अब शांत हो गया है.दोनों पक्ष अब एक दूसरे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं.संत महात्माओं ने अखाड़े की मर्यादा और सनातन धर्म की परंपरा को देखते हुए एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’यह घर का मामला है'</strong><br />दोनों गुट इस बात पर सहमत हुए हैं कि 2025 का महाकुंभ एक साथ मिलकर दिव्यता और भव्यता के साथ करेंगे.अखाड़ा परिषद के दूसरे गुट के महामंत्री और निर्मोही अनि अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने भी विवाद खत्म होने की बात कही है.जबकि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि यह घर का मामला है.जहां छोटे बड़े संत रहते हैं वहां छोटे-बड़े विवाद हो जाते हैं.इसलिए इस मुद्दे को ज्यादा तूल देना उचित नहीं है</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हमारा आपस में समझौता हो गया’ </strong><br />उन्होंने यह भी कहा कि हमारा आपस में समझौता हो गया है. महाकुंभ अच्छे से हो सभी संत महात्मा यही चाहते हैं. सभी संत महात्मा एकजुट थे एकजुट हैं और एकजुट रहेंगे.वहीं अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने मीडिया पर विवाद को तूल देने का ठीकरा फोड़ा है. कोई ऐसी लड़ाई संतों के बीच नहीं हुई थी कि किसी का सिर फट जाए हाथ टूट जाए.मीडिया के पास कोई बड़ी खबर नहीं थी इसलिए इस मामले को तूल दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> सभागार जंग का मैदान बन गया था</strong><br />मेला प्राधिकरण ने गुरुवार को अखाड़ा परिषद के दोनों गुटों को बैठक के लिए बुलाया था.इसी बैठक में एक गुट के महामंत्री महंत राजेंद्र दास और दूसरे गुटके अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी, महामंत्री हरि गिरी और जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि के बीच विवाद हो गया था.देखते ही देखे मेला प्राधिकरण का सभागार जंग का मैदान बन गया था.मेलाअधिकारी विजय किरन आनंद और मेला पुलिस को बीच बचाव करना पड़ा था.इसके बाद दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवेदन दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखाड़ों के दोनों गुट अभी अलग-अलग</strong><br /> मेला प्रशासन की सूझबूझ और मध्यस्थता के चलते अब पूरा विवाद खत्म होता दिख रहा है.हालांकि अखाड़ों के दोनों गुट अभी अलग-अलग हैं. दोनों गुटों में फिलहाल एकता की कोई गुंजाइश भी नजर नहीं आ रही है.मेला प्रशासन की पहल से सिर्फ मारपीट के मामले में एक दूसरे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं करने की सहमति बनी है. इसी सहमति के तहत दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई का प्रार्थना पत्र वापस लेने का फैसला किया है. परिषद के एक गुट में सात अखाड़े हैं दूसरे गुट में 6 अखाड़े हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-muslim-university-students-celebrated-after-supreme-court-restores-amu-minority-status-ann-2819407″>सुप्रीम कोर्ट ने किया AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल, छात्रों ने तिरंगे के साथ मनाया जश्न</a></strong></p>
डेरा मुखी राम रहीम की मुश्किलें बढ़ीं:सरकार ने बेअदबी मामलों में केस चलाने की मंजूरी दी, SC ने चार दिन पहले हटाई थी स्टे
डेरा मुखी राम रहीम की मुश्किलें बढ़ीं:सरकार ने बेअदबी मामलों में केस चलाने की मंजूरी दी, SC ने चार दिन पहले हटाई थी स्टे डेरामुखी गुरमीत सिंह राम रहीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पंजाब सरकार ने बेअदबी से जुड़े तीन मामलों में उन पर केस चलाने को मंजूरी दे दी है। वहीं, अब फरीदकोट की अदालत में उन पर ट्रायल चलेगा। भविष्य में जरूरत पड़ी तो उससे पूछताछ भी की जा सकती है। सरकार ने यह फैसला उस समय लिया है, जब करीब चार दिन पहले पंजाब सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी से जुड़े मामलों की सुनवाई से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगाई स्टे हटा दी थी। साथ ही इस मामले में डेरा प्रमुख को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया था। नौ साल पुराना है मामला यह सारा मामला जून 2015 में फ़रीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ़ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई, इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी।