बाबा विश्वनाथ की सीट पर मोदी को सबसे कम वोट:दक्षिणी सीट पर मोदी को 1 लाख वोट भी नहीं मिले; यही से घटा PM का सबसे ज्यादा मार्जिन काशी में पीएम मोदी की जीत की चर्चा सबसे ज्यादा है। 10 लाख वोट का दावा जमीन पर नहीं उतर सका। पीएम मोदी सिर्फ 1.52 लाख वोट से जीत सके। मोदी की जीत का मार्जिन कम करने में सबसे ज्यादा भूमिका दक्षिणी विधानसभा के वोटर्स ने निभाई। ये वही सीट है, जहां बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर आता है। गदौलिया, दशाश्वमेध, काल भैरव से लेकर गंगा नदी के 20 से ज्यादा घाट आते हैं। 1 हजार से ज्यादा मंदिर और 30 हजार हिंदू परिवार रहते हैं। मगर यहां लोगों ने पीएम मोदी को सबसे कम वोट दिए हैं। वोट का आंकड़ा 1 लाख भी नहीं पहुंच सका। यहां INDI ब्लॉक से भाजपा को सिर्फ 16 हजार वोट ज्यादा मिले। इस सीट पर 3.17 लाख वोटर हैं। 1.95 लाख वोट पड़े हैं। पीएम मोदी को 97,878 वोट मिले हैं। सियासी तस्वीर बदलने में रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के लोग भी पीछे नहीं रहे। यह सीटें भी भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती हैं। मगर यहां भी वोटर INDI गठबंधन की तरफ शिफ्ट हुआ है। यही वजह है कि काशी में 72 साल में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 40.74% वोट मिले। इसकी वजह तलाशने दैनिक भास्कर शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट… लोग बोले- कॉरिडोर बनाकर पाबंदियां बढ़ाई, इससे हम परेशान हम पहले बांसफाटक की विश्वनाथ गली पहुंचे। यहां दुकानदार भुवन नारायण सिंह कहते हैं- पहले मैं चांदी का सामान बेचता था। मगर कॉरिडोर बनने के बाद ग्राहक कम हो गए। आवाजाही पर इतनी पाबंदियां लगा दी गईं कि दुकान तक लोग नहीं आ पाते। इसलिए अब मैं पूजा का फैंसी सामान बेचने लगा। दरअसल, जो श्रद्धालु लाइन लगाकर मंदिर में दर्शन करने जाते हैं, वो फिर गलियों में नहीं आ सकते। यहां तक कि लोकल लोग भी गलियों में नहीं जा सकते। काफी दिनों तक विरोध-प्रदर्शन के बाद गलियों में आने की अनुमति दी गई। हमारा धंधा चौपट हो गया। एक और समस्या भी है कि मैदागिन से गोदौलिया तक कार नहीं जाने से मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में दिक्कत आती है। VIP की गाड़ियां मंदिर में जाती हैं, आम लोग पैदल पहुंचे, क्या ये ठीक है काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के 2 से 3 किलोमीटर के घेरे में रहने वाले 2 लाख से ज्यादा लोग VVIP कल्चर से परेशान हैं। मंदिर जाने वाले आम लोग पैदल ही जाते हैं, जबकि VIP की कार मंदिर के 4 नंबर गेट या अंदर तक चली जाती है। हर कोई छोटा बड़ा मंत्री बाबा विश्वनाथ के दरबार तक खाली रास्तों से पहुंच जाता है। यहां पर 25-30 हजार घरों के परिवारों के साथ ये समस्याएं हैं। ये समस्या कॉरिडोर बनने के बाद ही हुई। उसके पहले स्कूल बसें आती थीं और हमारी कार भी आती थीं। लेकिन, अब श्रद्धालु और पर्यटक इतने आ रहे हैं कि रास्ता ही नो व्हीकल जोन में कन्वर्ट हो जाता है। अब, जैसे कोई VIP दौरा होता है सारे रास्ते बंद कर दिए जाते हैं। गली के लोग गली में और सड़क के लोग सड़क पर घंटों खड़े कर दिए जाते हैं। पुलिस से कई बार रिक्वेस्ट करने पर दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ता है। अपने ही घरों और गलियों में नजरबंद होकर रहना पड़ता है। काशी विश्वनाथ गली का इलेक्ट्रिक मार्केट शिफ्ट
काशी विश्वनाथ गली का फेमस इलेक्ट्रिक मार्केट टूट गया है। इन लोगों ने अब फूल माला की दुकान खोल ली हैं। इसके पीछे वजह दर्शनार्थियों की बढ़ी भीड़ और VIP कल्चर है। जब दर्शन-पूजन होता है तो इन्हीं भक्तों और लोकल ग्राहकों को गलियों में आने पर रोक लगा दी जाती है। दुकान तक पहुंचना असंभव हो जाता था। ऐसे में उन दुकानदारों ने धंधा ही चेंज कर दिया। धाम से कारोबार बढ़ा, लेकिन लोगों ने महंगाई पर वोट दिया
फूल-माला के दुकान पर काम करने वाले विवेक यादव ने कहा- मोदीजी ने यहां की सड़के चौड़ी करवा दी हैं। बाबा विश्वनाथ का भव्य धाम बना दिया, इससे ज्यादा खुशी की बात क्या होगी? लेकिन इस बार जनता का मूड बदला हुआ था। इसलिए ये बदलाव दिखा है। भव्य धाम में एक भी पार्किंग नहीं
विश्वनाथ धाम के गेट नंबर – 3 पर स्थित रुद्रेश्वर मंदिर के अर्चक वीर चंद्र मिश्रा ने कहा- इस इलाके का सुंदरीकरण तो हुआ, लेकिन VIP बनने के बाद आम लोगों का जीवन प्रभावित हो गया। मंदिर तो भव्य बन गया, लेकिन एक भी पार्किंग नहीं बनाई गईं। सारी गाड़ियां गलियों और छोटे मंदिरों के गेट पर खड़ी कर दी जाती हैं। लोकल लोग पर्यटकों या दर्शनार्थियों से नहीं, बल्कि अव्यवस्था से परेशान हैं। नियमित श्रद्धालु अब महामृत्युंजय मंदिर जाने लगे
काशीवासी जो नियमित तौर पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए जाते हैं, उनके लिए अलग व्यवस्था करनी चाहिए। हर वक्त मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश भी नहीं हो पाता। जब लोग शयन आरती में आसानी से नहीं पहुंच पाते तो काफी लोग अब महामृत्युंजय मंदिर में जाने लगे। वहां लोग नियमित पूजा करते हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जब पुलिस-प्रशासन से बहस न हो
मोदी को कम वोट मिलने के पीछे कुछ न कुछ वजह ऐसी हैं जो ग्राउंड पर आकर सोचने वाली है। हमारा काेई दिन ऐसा नहीं होता कि जब पुलिस-प्रशासन के साथ बहस न होता हो। मंदिर प्रशासन को कई बार लिखित में दिया कि छोटे मंदिरों या घर के बाहर बाइक न लगाई जाए, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब स्थानीय लोगों के दरवाजे पर गाड़ियां खड़ी होंगी तो वो कैसे घर से बाहर जाएगा या अंदर आएगा।