हरियाणा के करनाल में बाल दिवस के मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने करनाल स्थित श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र का दौरा किया। राज्यपाल का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर से हुआ। उनके आगमन पर कार्यक्रम में विशेष उत्साह देखा गया। इस दौरान केंद्र के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनका राज्यपाल और अन्य अतिथियों ने भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम में बच्चों की कला और उत्साह की सराहना करते हुए राज्यपाल ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। बाल दिवस पर पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाल दिवस, पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में मनाया जाता है, जो बच्चों से बेहद प्यार करते थे। इस दिन का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों और उनकी विशेषताओं को सम्मान देना है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए बाल दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। मूक-बधिर बच्चों के लिए कौशल विकास राज्यपाल ने श्रवण एवं वाणी निशक्तजन केंद्र में मूक-बधिर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रशिक्षण बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक होगा, जिससे वे समाज का एक अहम हिस्सा बन सकें। सांकेतिक भाषा पहल की सराहना हरियाणा में सांकेतिक भाषा के विकास की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में हरियाणा ने अहम कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई शिक्षा नीति में सांकेतिक भाषा को मान्यता देने की सराहना करते हुए उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि हर किसी को सांकेतिक भाषा को सीखना चाहिए ताकि मूक-बधिर समाज के साथ हमारी बेहतर संवाद स्थापित हो सके। दिव्यांगों के लिए राज्य सरकार का विशेष सहयोग राज्यपाल ने हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए किए जा रहे कार्यों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 18 वर्ष से अधिक उम्र के मूक-बधिर लोगों को 2500 रुपए मासिक पेंशन प्रदान कर रही है और उनके रोजगार के लिए भी प्रयासरत है। सरकार के इन प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे दिव्यांगजन आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे। सामाजिक संस्थाओं से अपील राज्यपाल ने अपने संबोधन में सामाजिक संस्थाओं से दिव्यांगजन केंद्रों को प्रोत्साहन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को दिव्यांगजनों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर जीवन और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें। भाजपा सरकार के जनादेश का प्रतिरूप अंत में राज्यपाल ने विधानसभा में अपने भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जनता द्वारा भाजपा सरकार को दिए गए जनादेश का प्रतिरूप है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़े वर्गों, एससी/एसटी, महिलाओं और किसानों के हित में कार्य कर रही है और ‘हरियाणा एक- हरियाणवी एक’ की भावना को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। हरियाणा के करनाल में बाल दिवस के मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने करनाल स्थित श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र का दौरा किया। राज्यपाल का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर से हुआ। उनके आगमन पर कार्यक्रम में विशेष उत्साह देखा गया। इस दौरान केंद्र के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनका राज्यपाल और अन्य अतिथियों ने भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम में बच्चों की कला और उत्साह की सराहना करते हुए राज्यपाल ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। बाल दिवस पर पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाल दिवस, पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में मनाया जाता है, जो बच्चों से बेहद प्यार करते थे। इस दिन का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों और उनकी विशेषताओं को सम्मान देना है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए बाल दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। मूक-बधिर बच्चों के लिए कौशल विकास राज्यपाल ने श्रवण एवं वाणी निशक्तजन केंद्र में मूक-बधिर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रशिक्षण बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक होगा, जिससे वे समाज का एक अहम हिस्सा बन सकें। सांकेतिक भाषा पहल की सराहना हरियाणा में सांकेतिक भाषा के विकास की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में हरियाणा ने अहम कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई शिक्षा नीति में सांकेतिक भाषा को मान्यता देने की सराहना करते हुए उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि हर किसी को सांकेतिक भाषा को सीखना चाहिए ताकि मूक-बधिर समाज के साथ हमारी बेहतर संवाद स्थापित हो सके। दिव्यांगों के लिए राज्य सरकार का विशेष सहयोग राज्यपाल ने हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए किए जा रहे कार्यों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 18 वर्ष से अधिक उम्र के मूक-बधिर लोगों को 2500 रुपए मासिक पेंशन प्रदान कर रही है और उनके रोजगार के लिए भी प्रयासरत है। सरकार के इन प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे दिव्यांगजन आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे। सामाजिक संस्थाओं से अपील राज्यपाल ने अपने संबोधन में सामाजिक संस्थाओं से दिव्यांगजन केंद्रों को प्रोत्साहन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को दिव्यांगजनों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर जीवन और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें। भाजपा सरकार के जनादेश का प्रतिरूप अंत में राज्यपाल ने विधानसभा में अपने भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जनता द्वारा भाजपा सरकार को दिए गए जनादेश का प्रतिरूप है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़े वर्गों, एससी/एसटी, महिलाओं और किसानों के हित में कार्य कर रही है और ‘हरियाणा एक- हरियाणवी एक’ की भावना को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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