पंजाब के बठिंडा शहर के श्री गुरु गोबिंद सिंह नगर में चोरों ने दिन-दिहाड़े चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। चोरों ने एक घर से काफी कीमती सामान चोरी करके ले गए। जिसकी कीमत करीब 4 लाख रुपये बताई जा रही है। चोरों ने सोने, चांदी के जेवर सहित नगदी रुपए पर भी अपना हाथ साफ किया है। घटना की CCTV वीडियो भी सामने आई है। दो चोरों ने दिया वारदात को अंजाम घनी आबादी वाले इस घर में चोर करीब डेढ़ घंटे तक रहे और बेखौफ होकर अपनी वारदात को अंजाम दिया। चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोरों की की संख्या दो बताई जा रही है, जिनकी तस्वीरें घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई हैं। वहीं थाना थर्मल की पुलिस मामले की जांच कर रही है। चोरों ने अंदर से बंद कर लिया था गेट घर के मालिक राकेश कुमार ने बताया कि वह श्री गुरु गोबिंद सिंह नगर गली नंबर 12/4 का स्थायी निवासी है। बच्चे हमेशा की तरह उनके साथ शहर के सिविल लाइन क्लब में बैडमिंटन प्रैक्टिस के लिए गए हुए थे। बाद में उस दिन वह अपनी मां को भी अपने साथ ले गए थे। राकेश कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी, एक सरकारी शिक्षिका को बस स्टाप से लाने सहित सभी काम पूरे कर लिए थे, जब वह शाम पौने पांच बजे घर लौटे, तो चोरों ने अंदर के गेट को बंद कर दिया था। सोने-चांदी के जेवर और नगदी भी उड़ा ले गए चोरी के वारदात के समय ही जब वे आ पहुंचे तो चोरों ने दो लिफाफों में सामान लेकर घर के पीछे खाली प्लॉट की दीवार फांद ली और अपने साथ लाई तलवारें फेंककर भाग गए। राकेश कुमार के मुताबिक करीब 5 तोला सोना, 80 हजार रुपये की चांदी चोरी हुई है। पीड़ित ने घटना के बाद तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पंजाब के बठिंडा शहर के श्री गुरु गोबिंद सिंह नगर में चोरों ने दिन-दिहाड़े चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। चोरों ने एक घर से काफी कीमती सामान चोरी करके ले गए। जिसकी कीमत करीब 4 लाख रुपये बताई जा रही है। चोरों ने सोने, चांदी के जेवर सहित नगदी रुपए पर भी अपना हाथ साफ किया है। घटना की CCTV वीडियो भी सामने आई है। दो चोरों ने दिया वारदात को अंजाम घनी आबादी वाले इस घर में चोर करीब डेढ़ घंटे तक रहे और बेखौफ होकर अपनी वारदात को अंजाम दिया। चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोरों की की संख्या दो बताई जा रही है, जिनकी तस्वीरें घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई हैं। वहीं थाना थर्मल की पुलिस मामले की जांच कर रही है। चोरों ने अंदर से बंद कर लिया था गेट घर के मालिक राकेश कुमार ने बताया कि वह श्री गुरु गोबिंद सिंह नगर गली नंबर 12/4 का स्थायी निवासी है। बच्चे हमेशा की तरह उनके साथ शहर के सिविल लाइन क्लब में बैडमिंटन प्रैक्टिस के लिए गए हुए थे। बाद में उस दिन वह अपनी मां को भी अपने साथ ले गए थे। राकेश कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी, एक सरकारी शिक्षिका को बस स्टाप से लाने सहित सभी काम पूरे कर लिए थे, जब वह शाम पौने पांच बजे घर लौटे, तो चोरों ने अंदर के गेट को बंद कर दिया था। सोने-चांदी के जेवर और नगदी भी उड़ा ले गए चोरी के वारदात के समय ही जब वे आ पहुंचे तो चोरों ने दो लिफाफों में सामान लेकर घर के पीछे खाली प्लॉट की दीवार फांद ली और अपने साथ लाई तलवारें फेंककर भाग गए। राकेश कुमार के मुताबिक करीब 5 तोला सोना, 80 हजार रुपये की चांदी चोरी हुई है। पीड़ित ने घटना के बाद तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नवंबर तक चलती रहेंगी 17 नई ट्रेन, 5 का लुधियाना व 8 का ढंडारी स्टेशन पर स्टॉपेज लुधियाना| त्योहारी सीजन को लेकर फिरोजपुर मंडल से अब तक 17 नई ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है। इन नई ट्रेनों की आवाजाही एक अक्टूबर से लेकर नवंबर के अंत तक रहेगी। इन सभी 17 ट्रेनों में से पांच ट्रेनों का स्टॉपेज लुधियाना रेलवे स्टेशन पर दिया गया है तो 8 ट्रेनों को ढंडारी रेलवे स्टेशन पर रोका जाएगा। इसके अलावा बाकी की 4 ट्रेनों को लुधियाना में ढंडारी रेलवे स्टेशन को रोकने की बजाय रन थ्रू ही चलाया जाएगा। यानी ये 4 ट्रेन ढंडारी रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। ट्रेन संख्या कहां से कहां स्टॉपेज
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं पंजाब में पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के बेटे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बड़ी बगावत हो गई है। अकाली दल का बागी गुट सोमवार को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें 4 पॉइंट पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इस दौरान बागी गुट ने तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों को बैठकर इसका हल निकालने के लिए कहा। वहीं बागी गुट का अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधान बनाने के लिए किसी ने पहुंच नहीं की है। अगर समूची पार्टी उन्हें इस पद के लिए चुनेगी तो वे इस पर विचार करेंगे। अन्यथा गुटबाजी का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। अकाल तख्त पर पेश होने के बाद बागी गुट के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- ”आज हम सिर्फ हाजिरी देकर व माफी लेने आए हैं। पार्टी से जो गलतियां हुई हैं, लिखित में उसके लिए माफी मांगने आए हैं। अकाली दल को जो तगड़ा करने के लिए काम कर सकता है, उस तक एप्रोच किया गया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह तक भी जाएंगे। श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगना और गुरु साहिब के आगे पार्टी को मजबूत करने के लिए अरदास करना बागीपन नहीं है। सुखबीर बादल के अकाल तख्त साहिब पर माफी मांगने के लिए आने की बात पर चंदूमाजरा ने कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने आए हैं। उन्होंने माफी मांगनी है या नहीं, ये उन पर डिपेंड करता है। हमसे से माफी मांगने में जो देरी हुई, उसके लिए ही माफी मांगने आए हैं। वहीं, बीबी जगीर कौर ने कहा कि हम जल्द ही सब कुछ बताएंगे। एक बार श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हो जाएं। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट
सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। जाने क्या लिखा था झूंदा रिपोर्ट में
झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा
शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। जाने कब बना अकाली दल
14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह 4 साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4 हजार लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। ज्यादातर नेता सुखबीर बादल के साथ अकाली दल में एक तरफ बगावत तेज हो रही है तो दूसरी तरफ सुखबीर भी अपने ग्रुप को मजबूत करने में जुटे हैं। फिलहाल पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं।
प्राइवेट अस्पतालों में घट गए 80% मरीज, ये सरकारी में भी नहीं जा रहे
प्राइवेट अस्पतालों में घट गए 80% मरीज, ये सरकारी में भी नहीं जा रहे आयुष्मान स्कीम के तहत इलाज पिछले लगभग एक महीने से प्राइवेट हॉस्पिटल्स में नहीं मिल रहा है। इसके कारण जहां सरकारी में भी मरीज इलाज के लिए नहीं पहुंच रहे हैं और प्राइवेट हॉस्पिटल में भी स्कीम के तहत इलाज करवाने वाले मरीज 80 फीसदी तक कम हो गए हैं। हॉस्पिटलों द्वारा इलाज के लिए मना करने के कारण लोग अब खुद भी हॉस्पिटलों में नहीं आ रहे हैं और इलाज की शुरुआत होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सरकारी हॉस्पिटल में आयुष्मान स्कीम में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या उतनी है जितनी आम दिनों में रहती है। जिले के 17 सरकारी और 76 प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज मिलता है, लेकिन इन 76 प्राइवेट हॉस्पिटल में सिर्फ डायलिसिस के मरीजों और कीमोथैरेपी के मरीजों को ही इलाज दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य मरीज नहीं दाखिल किए जा रहे। सरकारी हॉस्पिटल में हर महीने 1600-1700 के तकरीबन मरीज इलाज हासिल करते हैं। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में हर महीने 3300-3400 मरीज इलाज हासिल करते थे। सिविल हॉस्पिटल में एक्सीडेंटल केस के तहत दाखिल मरीज के परिजन ने बताया कि पिछले दिनों उनके भाई का एक्सीडेंट हुआ था। खन्ना के प्राइवेट हॉस्पिटल में उन्हें फर्स्ट एड के बाद सिविल हॉस्पिटल में दाखिल कर दिया गया। इस हफ्ते ऑपरेशन की बात कही गई है, जिसमें घुटने से नीचे की टांग की सर्जरी होगी। जगराओं के एक मरीज ने बताया कि उनके बेटे का फ्रेक्चर हुआ था, जिसके लिए वो प्राइवेट हॉस्पिटल में गए तो पता चला कि कार्ड नहीं चलेगा। इस पर उन्होंने पहले पैसे जुटाना सही समझा, जिससे कि प्राइवेट में इलाज मिल सके। उन्होंने बताया कि वो प्राइवेट में ही इलाज करवाना चाहते हैं, जिससे कि उन्हें भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम एसोसिएशन के सेक्रेटरी दिव्यांशु ने बताया कि अब तक 30 फीसदी ही पेमेंट हासिल हुई है। जो अदायगी हो रही है, वो बहुत ही कम है और गति भी धीमी है। हमें अब तक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट हल नहीं मिला है। एक महीना होने को है, लेकिन क्लेम के लिए अब भी बस इंतजार ही करना पड़ रहा है। डिप्टी मेडिकल कमिशनर डॉ. रीमा गोगिया ने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स की पेमेंट धीरे-धीरे क्लियर की जा रही है। सरकारी हॉस्पिटल्स में जो भी मरीज आ रहा है उसे आयुष्मान के तहत हम इलाज उपलब्ध करवा रहे हैं। सेहत विभाग द्वारा पेमेंट जल्द अदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सिविल हॉस्पिटल में हर महीने 20 से ज्यादा मेजर सर्जरी सिविल हॉस्पिटल में हर महीने 20 से ज्यादा मरीजों की मेजर सर्जरी होती है। जबकि ऑर्थोपेडिक्स में भी एक हफ्ते में 1-4 तक ऑपरेशन होते हैं। सब डिविजनल हॉस्पिटल की बात की जाए तो यहां भी 10-12 मरीजों के मेजर ऑपरेशन होते हैं। सोमवार को सिविल हॉस्पिटल में 1300 के तकरीबन मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। इनमें 300 के तकरीबन मरीज मेडिसिन, 100 से ज्यादा ऑर्थो के और सर्जरी के 70 के तकरीबन मरीज रहे।