मंगलवार की दोपहर फिरोजपुर शहर के अकालगढ़ गुरुद्वारा साहिब के नजदीक सरेआम फायरिंग कर दी गई। बाइक सवार हमलावरों ने कार सवार एक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग की इस वारदात में 3 लोग घायल हो गए हैं। जिनमें से दो की हालत बेहद नाजुक बनी है। बताया जा रहा है कि घटना गैंगवार का परिणाम है। मृतक लड़की की पहचान फिरोजपुर शहर के कंबोज नगर निवासी जसप्रीत कौर पुत्री आकाशदीप सिंह के रुप में हुई है, जबकि लड़की के पिता आकाशदीप, भाई दिलप्रीत सिंह और अनमोल सिंह गोली लगने से गंभीर रुप से घायल हो गए। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल अनमोल सिंह कार चला रहा था। एक महीने बाद होनी थी लड़की की शादी घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मृतक लड़की जसप्रीत कौर की एक महीने बाद शादी थी। उक्त शादी के लिए परिवार खरीदारी करने के लिए निकला था। गोली लगने से मौके पर ही लड़की की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और नाकाबंदी कर हमलवारों की तलाश की जा रही है। हमलावरों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। मंगलवार की दोपहर फिरोजपुर शहर के अकालगढ़ गुरुद्वारा साहिब के नजदीक सरेआम फायरिंग कर दी गई। बाइक सवार हमलावरों ने कार सवार एक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग की इस वारदात में 3 लोग घायल हो गए हैं। जिनमें से दो की हालत बेहद नाजुक बनी है। बताया जा रहा है कि घटना गैंगवार का परिणाम है। मृतक लड़की की पहचान फिरोजपुर शहर के कंबोज नगर निवासी जसप्रीत कौर पुत्री आकाशदीप सिंह के रुप में हुई है, जबकि लड़की के पिता आकाशदीप, भाई दिलप्रीत सिंह और अनमोल सिंह गोली लगने से गंभीर रुप से घायल हो गए। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल अनमोल सिंह कार चला रहा था। एक महीने बाद होनी थी लड़की की शादी घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मृतक लड़की जसप्रीत कौर की एक महीने बाद शादी थी। उक्त शादी के लिए परिवार खरीदारी करने के लिए निकला था। गोली लगने से मौके पर ही लड़की की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और नाकाबंदी कर हमलवारों की तलाश की जा रही है। हमलावरों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अमरनाथजी गुफा में 5 लाइनों का ढांचा तैयार:लुधियाना के आर्किटेक्ट ने किया निर्माण, एक बार में 125 श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन अमरनाथ यात्रा में इस बार श्रद्धालु बिना किसी भीड़ और धक्का-मुक्की के बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। पहले जहां 50 से 60 श्रद्धालु ही कतार में खड़े होकर दर्शन कर पाते थे, वहीं बाकी श्रद्धालु बाबा बर्फानी की एक झलक पाने के लिए गुफा में आपस में ही झगड़ते रहते थे। लेकिन अब श्राइन बोर्ड ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है। लुधियाना के आर्किटेक्ट नवल ने तैयार की 5 लाइनों की स्ट्रक्चर लुधियाना के आर्किटेक्ट नवल ने बताया कि उन्हें बाबा की गुफा में सेवा करने का मौका मिला है। आर्किटेक्ट होने के नाते गुफा में कुछ बदलाव किए गए हैं। पहले श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के लिए अस्थायी लाइनों में खड़े होते थे, जिससे गुफा में माहौल खराब होने का डर रहता था और लोग दर्शन करते समय आपस में बहस करने लगते थे। अब गुफा में 5 विशेष लाइनें बनाई गई हैं। ये लाइनें बाबा भोले शंकर के शिवलिंग से काफी दूरी पर बनाई गई हैं, ताकि एक बार में 100 से ज्यादा श्रद्धालु आसानी से बाबा के दर्शन कर सकें। गुफा में गर्मी न लगे, इसके लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। आज साइबो के पदाधिकारियों ने श्रद्धालुओं को डिजिटल तरीके से स्क्रीन पर नई गुफा के दर्शन भी करवाए। कुछ और छोटे-मोटे बदलाव भी हैं, जो हर साल होते रहते हैं। आज लुधियाना में भारत की उन सभी भंडारा जत्थेबंदियों को बुलाया गया, जो श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर भंडारा आयोजित करती हैं। साइबो के पदाधिकारियों ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की है। श्री अमरनाथ भंडारा संगठन साइबो के अध्यक्ष बोले- तैयारियां आज से शुरू जानकारी देते हुए श्री अमरनाथ भंडारा संगठन साइबो के अध्यक्ष राजन कपूर ने बताया कि यात्रा की तैयारियां आज से शुरू हो गई हैं। आज 150 से अधिक भंडारा आयोजक आए हैं। कुछ भंडारा आयोजक प्रयागराज गए हैं। 1 या 2 दिन में सभी भंडारा संचालकों के पास श्राइन बोर्ड की ओर से आमंत्रण पत्र पहुंच जाएंगे। भंडारा आयोजकों की कई प्रमुख मांगें हैं, जिनमें से कई का समाधान हो चुका है और कई बाकी हैं। अगले महीने श्राइन बोर्ड के साथ साइबो की बैठक है, जिसमें कई अहम फैसले लिए जाएंगे। अभी तक सबसे अहम मांग पुलिस वेरिफिकेशन और मेडिकल की है। सभी डॉक्टरों को मेडिकल करने की अनुमति दी जाए, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु भोले बाबा के दर्शन करने आएं। श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सेवादारों के लिए पुलिस सत्यापन बड़ी बाधा पुलिस सत्यापन की समस्या सेवादारों की है। श्राइन बोर्ड को समझना चाहिए कि अगर साइबो ने लिखकर दिया है कि हम अपने सेवादारों को अपनी जिम्मेदारी पर ला रहे हैं। सेवादारों का पूरा रिकॉर्ड हमारे पास रहेगा, लेकिन फिर भी हमें सत्यापन के झंझट से गुजरना पड़ रहा है। यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। श्राइन बोर्ड से कहा गया है कि बैंकों में पंजीकरण प्रक्रिया बहुत ढीली है, इसलिए अधिक से अधिक ऑनलाइन पंजीकरण खोले जाएं। हालांकि मौके पर पंजीकरण शुरू हो गया है, लेकिन फिर भी तीर्थयात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चेयरमैन राजन कपूर ने कहा कि इस बार गुफा में बदलाव किया गया है, जो अच्छा भी है। पहले गुफा में दो लाइन होती थीं। लेकिन अब तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए श्राइन बोर्ड ने स्थायी रूप से 5 लाइन तैयार कर दी हैं, ताकि अगर तीर्थयात्रियों की संख्या अचानक 4 से 5 हजार बढ़ भी जाए, तो गुफा में भीड़ या भगदड़ न मचे। श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य के.के शर्मा बोले… श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य के.के शर्मा ने कहा कि अमरनाथ यात्रा दौरान बेहतर सुविधाएं यात्रियों को दी जाएगी। कश्मीर के राज्यपाल का पूरा साथ मिल रहा है। रोजाना यात्रा को लेकर अधिकारियों की बैठकें भी चल रही है। गुफा में बदलाव करना अच्छा कदम है। गुफा नजदीक सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। के.के शर्मा ने कहा कि किसी समय मुझे गुफा को फूलों से सजानी की सेवा मिली थी उस समय मैं अपने घोड़े पर एक जनरेटर और एक बल्ब को रखकर लेकर गया था। पूरा रात एक बल्ब के साथ हमने गुफा को फूलों से सजाया था। गुफा में जो भी प्रेक्टिकल दिक्कतें आती है उसे तुरंत हल किया जा रहा है। 13 से 70 साल तक यात्रा करने की आयु सरकारी आदेश के मुताबिक 13 से 70 साल की उम्र तक के भारतीय नागरिक अमरनाथ यात्रा कर सकते हैं। यात्रा के लिए जरूरी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया चलती है। रजिस्ट्रेशन कैसे होगा-ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। मोबाइल एप्लिकेशन से रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो श्री अमरनाथजी यात्रा ऐप डाउनलोड करना होगा। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, यस बैंक और जम्मू-कश्मीर बैंक से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। कैसे पहुंचे:
यात्रा के लिए दो रूट पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है। तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है। बालटाल रूट:
वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं। 7 लाख यात्रियों के हिसाब से हो रही है तैयारी
पिछली बार करीब 5 लाख से अधिक श्रद्धालु आए थे। इस बार 7 लाख यात्रियों के आने की संभावना है। यात्रा को लेकर इंतजाम भी काफी किए जा रहे है। पूरे रूट पर खानपान, रुकने और हेल्थ चेकअप के लिए व्यवस्था होगी। ऑक्सीजन बूथ, आइसीयू बेड, एक्स रे, सोनोग्राफी मशीन और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से लैस कैंप पहले की तरह ही बनेगे। किन बातों का ध्यान रखें
यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी (RFID) कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बेग अपने साथ रखें। क्या है अमरनाथ धाम और उसका महत्व? अमरनाथ धाम जम्मू-कश्मीर में हिमालय की गोद में स्थित एक पवित्र गुफा है, जो हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल है। कहां स्थित है अमरनाथ की पवित्र गुफा? अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में 17 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले अमरनाथ पर्वत पर स्थित है। अमरनाथ गुफा श्रीनगर से 141 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर में है। यह गुफा लिद्दर घाटी के सुदूर छोर पर एक संकरी घाटी में स्थित है। ये पहलगाम से 46-48 किमोमीटर और बालटाल से 14-16 किलोमीटर दूर है। गुफा समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां केवल पैदल या टट्टू द्वारा ही पहुंचा जा सकता है। तीर्थयात्री पहलगाम से 46-48 किलोमीटर या बालटाल से 14-16 किलोमीटर की दूरी की खड़ी, घुमावदार पहाड़ी रास्ते से गुजरने हुए यहां पहुंचते हैं। क्या हैं अमरनाथ गुफा से जुड़ी कथाएं? कब बना श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड लंबे समय तक बूटा मलिक के परिजन, दशनामी अखाड़ा के पंडित और पुरोहित सभा मट्टन इस तीर्थस्थल के पारंपरिक सरंक्षक रहे। 2000 में जम्मू कश्मीर की फारूख अब्दुल्ला सरकार ने यात्रा की सुविधा को बढ़ाने के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड का गठन किया, जिसका मुखिया राज्यपाल को बनाया गया। श्राइन बोर्ड से मलिक के परिवार और हिंदू संगठनों को हटा दिया गया। कब होती है अमरनाथ यात्रा अमरनाथ यात्रा आमतौर पर जुलाई-अगस्त के दौरान होती है, जब हिंदुओं का पवित्र महीना सावन पड़ता है। शुरू में तीर्थयात्रा 15 दिन या एक महीने के लिए आयोजित होती थी। 2004 में, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रा को लगभग 2 महीनों तक आयोजित करने का फैसला किया। उदाहरण के लिए 1995 में अमरनाथ यात्रा 20 दिनों तक चली थी। 2004 से 2009 के दौरान यात्रा 60 दिनों तक चली थी। इसके बाद के वर्षों में यात्रा 40 से 60 दिन तक चली थी। 2019 में ये यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन आर्टिकल- 370 हटाए जाने से कुछ दिनों पहले सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दी गई थी। पिछले कुछ वर्षों में अमरनाथ तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती गई है। 1990 के दशक में हजारों की संख्या से अगले कुछ वर्षों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा पर गए। 2011 में रिकॉर्ड 6.34 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ के दर्शन किए थे। क्या है अमरनाथ यात्रा का पुराना और नया रास्ता? अमरनाथ यात्रा का मार्ग समय के साथ बदलता रहा है। इस इलाके में सड़कों के निर्माण के साथ ही यात्रा मार्ग में भी बदलाव हुआ है। अब अमरनाथ की यात्रा के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता पहलगाम से शुरू होता है, जो करीब 46-48 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते से यात्रा करने में 5 दिन का समय लगता है। वहीं दूसरा रास्ता बालटाल से शुरू होता है, जहां से गुफा की दूरी 14-16 किलोमीटर है, लेकिन खड़ी चढ़ाई की वजह से इससे जा पाना सबके लिए संभव नहीं होता, इस रास्ते से यात्रा में 1-2 दिन का समय लगता है अमरनाथ यात्रा पर हुए हैं 36 आतंकी हमले
कपूरथला में कैंसर पीड़िता से 7.95 लाख की धोखाधड़ी:साइबर ठगों ने बैंक खाते से निकाले रुपए, बैंक ने एकाउंट किया फ्रिज
कपूरथला में कैंसर पीड़िता से 7.95 लाख की धोखाधड़ी:साइबर ठगों ने बैंक खाते से निकाले रुपए, बैंक ने एकाउंट किया फ्रिज कपूरथला की सब-डिवीजन सुलतानपुर लोधी के गांव सद्दूवाल निवासी कैंसर पीड़ित एक महिला के बैंक खाते से साइबर ठग ने 7.95 लाख रुपए गायब कर दिए। पीड़िता ने बताया कि साइबर ठग ने बिना ओटीपी लिए ही उसके खाते से पैसे निकाले हैं। हालांकि बैंक को शिकायत देने के बाद बैंक कर्मियों ने खाता फ्रिज कर दिया। जिसके बाद 1 लाख 95 हज़ार वापस भी आ गए। वहीं महिला की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। कई बार में निकाले गए रुपए गांव सद्दूवाल निवासी महिला लवप्रीत कौर के पति जगजीत सिंह सोनी (पूर्व मेंबर पंचायत) ने बताया कि उसकी पत्नी लवप्रीत कौर कैंसर की मरीज है। जिसका उपचार फरीदकोट से चल रहा है। दोनों के जॉइंट खाते में उन्होंने उसके उपचार के लिए पैसे रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि 9 तारीख को सुबह लगभग 10 बजे उसके मोबाइल पर बैंक खाते से 2 लाख रूपए निकलने का मैसेज आया। इसके बाद एक और मैसेज 2 लाख निकलने का आया। ऐसे कई मैसेज आते गए। उसने देखा कि उनके खाते से 7 लाख 95 हज़ार रूपए किसी ने निकाल लिए हैं। खाते से इतनी बड़ी रकम कैसे निकल गई तो उसको चिंता हुई और उसने तुरंत बैंक में जाकर कर्मियों से बात की तो लगा किसी ने उनका बैंक खाता हैक कर लिया है। बैंक अधिकारियों ने खाता कराया फ्रिज जगजीत सिंह की शिकायत पर बैंक अधिकारिओ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खाते को फ्रिज करवाया और 1.95 लाख रूपए जो कि अभी तक प्रोसेस में थे, वह वापस आ गए। पीड़ित ने यह भी बताया कि उसके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन को लेकर कोई ओटीपी भी नहीं आया। फिर भी उसके खाते से पैसे निकल गए। बैंक कर्मियों ने बताया कि खाताधारक ने ठग द्वारा कोई भेजा गया लिंक क्लिक किया होगा। जिस कारण उनके खाते से पैसे निकले हैं। लेकिन शिकायतकर्ता किसी भी लिंक के आने की पुष्टि नहीं कर रहा है। साइबर थाना SHO मनदीप कौर ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद बैंक खाते की स्टेटमेंट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही साइबर ठग को काबू कर लिया जाएगा।
कनाडा की मोस्ट वांटेड लिस्ट से गोल्डी बराड़ बाहर:पूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा ने दी जानकारी; कहा- स्थानीय सरकार अपराधियों को दे रही पनाह
कनाडा की मोस्ट वांटेड लिस्ट से गोल्डी बराड़ बाहर:पूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा ने दी जानकारी; कहा- स्थानीय सरकार अपराधियों को दे रही पनाह कनाडा सरकार ने भारत द्वारा वांटेड घोषित गैंगस्टर गोल्डी बरार का नाम अपनी ‘मोस्ट वांटेड’ सूची से हटा दिया है। कनाडा सरकार के इस फैसले की वजह भारत और कनाडा के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में विवाद माना जा रहा है। कनाडा में छिपे गोल्डी बरार पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप है और भारत सरकार ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस भी जारी किया था। कनाडा में भारत के पूर्व उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने एनआईए को दिए इंटरव्यू में बताया कि कनाडा सरकार ने अप्रत्याशित रूप से कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बरार का नाम अपनी वांछित सूची से हटा दिया है। उन्होंने कहा कि कनाडा ऐसे अपराधियों और चरमपंथियों को पनाह दे रहा है जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। कनाडा में बरार का नाम हटाने का फैसला दोनों देशों के बीच चल रहे कूटनीतिक मुद्दों का हिस्सा है। कनाडा का यह रवैया चरमपंथ के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग की कमी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने कनाडा को गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई सहित कुछ गैंगस्टरों के नाम प्रदान किए थे ताकि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके। इसके बावजूद, गोल्डी बराड़ का नाम हटाने के निर्णय से भारत में सुरक्षा और न्याय से जुड़े सवाल खड़े हो गए हैं। मूसेवाला की हत्या के बाद ली थी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ का आपराधिक इतिहास और भारत में उसके खिलाफ कार्रवाईयों की लंबी सूची है। गोल्डी बराड़ को भारतीय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुख्य आरोपी माना गया है। मई 2022 में, जब मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब गोल्डी ने सोशल मीडिया पर इस हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि यह उनकी गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का संयुक्त प्रतिशोध था। भारत सरकार ने उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रयास किए, जिसमें इंटरपोल का रेड नोटिस भी शामिल था। भारत सरकार कर चुकी आतंकी घोषित इसके अतिरिक्त, गोल्डी बराड़ पंजाब में कई अन्य आपराधिक मामलों में भी आरोपी है। उस पर हथियारों की तस्करी, हत्या, और धमकी देने जैसे अपराधों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। बराड़ की गतिविधियों को देखते हुए, भारत सरकार ने उसे आतंकवादी भी घोषित कर दिया है और उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना है।