छत्तीसगढ़ में ‘द बस्तर मड़ई कॉन्सेप्ट’ की शुरुआत, ट्राइबल कल्चर और प्राकृतिक सौंदर्य को मिलेगी नई पहचान

छत्तीसगढ़ में ‘द बस्तर मड़ई कॉन्सेप्ट’ की शुरुआत, ट्राइबल कल्चर और प्राकृतिक सौंदर्य को मिलेगी नई पहचान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ के बस्तर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. चारों तरफ पहाड़ियों से घिरे बस्तर में वॉटरफॉल्स, घने जंगल, नैसर्गिक सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को खींचते हैं. बस्तर के आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा भी काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि प्रशासन बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. कलेक्टर विजय दयाराम ने ‘द बस्तर मड़ई’ कॉन्सेप्ट की शुरुआत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉन्सेप्ट का प्रचार करने के लिए विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने बस्तर में दो दिनों तक भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने ट्राइबल कल्चर, गौर नाचा और परब नाचा का लुत्फ उठाने के साथ पर्यटन स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारा. कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए द बस्तर मड़ई में बस्तर की सांस्कृतिक विरासत, नैसर्गिक सौंदर्य, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों को शामिल किया गया है. द बस्तर मड़ई कॉन्सेप्ट के तहत हाल ही में बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप और थीम म्यूजिकल का भी विमोचन किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए द बस्तर मड़ई का शुभारंभ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व के दौरान निभाई जाने वाली 12 से भी अधिक अद्भुत रस्मों को समझने का अवसर मिलेगा. बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप में जिले के 42 पर्यटन स्थलों का इतिहास और रूट की जानकारी दी गयी है. बस्तर पहुंचने के लिए कनेक्टिविटी को भी बताया गया है. देश के विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन स्थलों को देखने समझने के लिए अपार उत्साह दिखाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने दो दिनों तक किया भ्रमण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने दो दिनों तक भ्रमण कर बस्तर की खूबसूरती का यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रचार भी किया. इस दौरान बादल (बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लिटरेचर) में बस्तर की लोक संस्कृति की छठा भी देखने को मिली. लोक कलाकारों का पारंपरिक गौर नाचा, धुरवा लोक नृत्य, डंडारी लोक नृत्य और परब नाचा देखकर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मंत्रमुग्ध हो गए. उन्होंने बस्तर पर भ्रमण पर अपने अनुभव साझा किये और द बस्तर मड़ई को प्रमोट करने की बात कही. सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स में मुख्य रूप से तीखी मिर्ची, शिवा टेल्स, फ़ूड ब्लॉगर के यूट्यूबर्स भी बस्तर पहुंचे हुए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Chhattisgarh Naxal Encounter: दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 9 नक्सली ढेर” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/naxal-encounter-on-dantewada-bijapur-border-many-naxalites-killed-by-chhattisgarh-police-2775209″ target=”_self”>Chhattisgarh Naxal Encounter: दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 9 नक्सली ढेर</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ के बस्तर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. चारों तरफ पहाड़ियों से घिरे बस्तर में वॉटरफॉल्स, घने जंगल, नैसर्गिक सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को खींचते हैं. बस्तर के आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा भी काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि प्रशासन बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. कलेक्टर विजय दयाराम ने ‘द बस्तर मड़ई’ कॉन्सेप्ट की शुरुआत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कॉन्सेप्ट का प्रचार करने के लिए विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने बस्तर में दो दिनों तक भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने ट्राइबल कल्चर, गौर नाचा और परब नाचा का लुत्फ उठाने के साथ पर्यटन स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारा. कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए द बस्तर मड़ई में बस्तर की सांस्कृतिक विरासत, नैसर्गिक सौंदर्य, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों को शामिल किया गया है. द बस्तर मड़ई कॉन्सेप्ट के तहत हाल ही में बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप और थीम म्यूजिकल का भी विमोचन किया गया.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व के दौरान निभाई जाने वाली 12 से भी अधिक अद्भुत रस्मों को समझने का अवसर मिलेगा. बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप में जिले के 42 पर्यटन स्थलों का इतिहास और रूट की जानकारी दी गयी है. बस्तर पहुंचने के लिए कनेक्टिविटी को भी बताया गया है. देश के विभिन्न हिस्सों से आए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन स्थलों को देखने समझने के लिए अपार उत्साह दिखाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने दो दिनों तक किया भ्रमण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने दो दिनों तक भ्रमण कर बस्तर की खूबसूरती का यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रचार भी किया. इस दौरान बादल (बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लिटरेचर) में बस्तर की लोक संस्कृति की छठा भी देखने को मिली. लोक कलाकारों का पारंपरिक गौर नाचा, धुरवा लोक नृत्य, डंडारी लोक नृत्य और परब नाचा देखकर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मंत्रमुग्ध हो गए. उन्होंने बस्तर पर भ्रमण पर अपने अनुभव साझा किये और द बस्तर मड़ई को प्रमोट करने की बात कही. सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स में मुख्य रूप से तीखी मिर्ची, शिवा टेल्स, फ़ूड ब्लॉगर के यूट्यूबर्स भी बस्तर पहुंचे हुए थे.</p>
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