छतरपुर में पथराव के आरोपी शहजाद अली की बेटी ने खोले कई राज? कहा- ‘जबसे होश संभाला है पापा…’

छतरपुर में पथराव के आरोपी शहजाद अली की बेटी ने खोले कई राज? कहा- ‘जबसे होश संभाला है पापा…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhatarpur Stone Pelting News:</strong> छतरपुर में सिटी कोतवाली पर पथराव के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उससे पहले प्रशासन की तरफ से शहजाद अली की हवेली तोड़ी गई थी. शहजाद अली के जेल जाने के बाद पहली बार उसकी बेटी फातिमा खातून की प्रतिक्रिया आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बेटी फातिमा खातून ने कहा कि हवेली का काम सात साल से चल रहा था. फातिमा ने बताया कि रिमांड के दौरान जब उनके पिता घर आए तो बताया कि 21 अगस्त को वे जावेद अली के कहने पर कोतवाली रिपोर्ट दर्ज करवाने गए थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>फातिमा खातून ने टीवी-9 से बातचीत में बताया कि जब वहां लोग काबू में नहीं आ रहे थे, तब एसपी के कहने पर उनके पिता ने लोगों को रोकने की कोशिश की. लेकिन लोगों की भीड़ में से किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. जब से मैंने होश संभाला है पापा को समाज सेवा करते देखा है. उनके होते हुए पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ है. उनको साजिश के तहत प्रशासन और उनके आकाओं ने फंसाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फातिमा का कहना है कि उनके पिता से कोई रंजिश निकाली गई है. वो तो हर इंसान की मदद करने वाले हैं. वहीं, फातिमा खातून से पूछा गया कि उनके पिता शहजाद अली एक खानका भी चलाते थे, जिसमें वो जज बनकर फैसला सुनाते थे. इसपर उन्होंने कहा कि वहां वो कोई फैसला नहीं सुनाते थे बल्कि लोग उनसे मदद लेने के लिए आते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब लोग उनसे मदद लेने आते थे तो वे उनकी मदद करते थे. आप चाहें तो पूरे शहर में जाकर पता कर लीजिए, क्या हाजी शहजाद अली समाज सेवा करते हैं या गुंडे मवाली का काम करते हैं? आपको लोग खुद बता देंगे कि वो समाज सेवा करते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>&lsquo;हवेली तोड़ने से पहले नहीं मिला नोटिस&rsquo;</strong><br />वहीं, फातिमा से पूछा गया कि क्या हवेली तोड़ने से पहले उनको नोटिस दिया गया था? इसपर उन्होंने कहा कि परिवार को कोई नोटिस नहीं दिया गया. मकान तोड़ने से एक घंटे पहले दो पुलिसकर्मी आए थे. एक सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी और एक लेडी कांस्टेबल थीं, जो उनके घर आए और उनसे पूछा कि मकान कहां बन रहा है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>मकान पर गए तो वे मोबाइल से वीडियो बनाने लगे और वो वीडियो उन्होंने अपने किसी आका को भेज दिए. वीडियो बनाते हुए वो कह रहे थे कि अब आएगा असली मजा, अब बनेगी असली न्यूज. क्योंकि उन्हें पता था कि अब साजिश के तहत और अच्छे से उन्हें (शहजाद अली को) फंसा दिया जाएगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”पांढुर्ना में ‘खूनी’ खेल गोटमार, पत्थरों की बौछार में 250 से ज्यादा लोग घायल, 300 साल पुरानी है परंपरा” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/pandhurna-gotmar-mela-more-than-250-people-injured-in-stone-pelting-in-madhya-pradesh-2775723″ target=”_blank” rel=”noopener”>पांढुर्ना में ‘खूनी’ खेल गोटमार, पत्थरों की बौछार में 250 से ज्यादा लोग घायल, 300 साल पुरानी है परंपरा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhatarpur Stone Pelting News:</strong> छतरपुर में सिटी कोतवाली पर पथराव के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उससे पहले प्रशासन की तरफ से शहजाद अली की हवेली तोड़ी गई थी. शहजाद अली के जेल जाने के बाद पहली बार उसकी बेटी फातिमा खातून की प्रतिक्रिया आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बेटी फातिमा खातून ने कहा कि हवेली का काम सात साल से चल रहा था. फातिमा ने बताया कि रिमांड के दौरान जब उनके पिता घर आए तो बताया कि 21 अगस्त को वे जावेद अली के कहने पर कोतवाली रिपोर्ट दर्ज करवाने गए थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>फातिमा खातून ने टीवी-9 से बातचीत में बताया कि जब वहां लोग काबू में नहीं आ रहे थे, तब एसपी के कहने पर उनके पिता ने लोगों को रोकने की कोशिश की. लेकिन लोगों की भीड़ में से किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. जब से मैंने होश संभाला है पापा को समाज सेवा करते देखा है. उनके होते हुए पहले ऐसा कुछ नहीं हुआ है. उनको साजिश के तहत प्रशासन और उनके आकाओं ने फंसाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फातिमा का कहना है कि उनके पिता से कोई रंजिश निकाली गई है. वो तो हर इंसान की मदद करने वाले हैं. वहीं, फातिमा खातून से पूछा गया कि उनके पिता शहजाद अली एक खानका भी चलाते थे, जिसमें वो जज बनकर फैसला सुनाते थे. इसपर उन्होंने कहा कि वहां वो कोई फैसला नहीं सुनाते थे बल्कि लोग उनसे मदद लेने के लिए आते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब लोग उनसे मदद लेने आते थे तो वे उनकी मदद करते थे. आप चाहें तो पूरे शहर में जाकर पता कर लीजिए, क्या हाजी शहजाद अली समाज सेवा करते हैं या गुंडे मवाली का काम करते हैं? आपको लोग खुद बता देंगे कि वो समाज सेवा करते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>&lsquo;हवेली तोड़ने से पहले नहीं मिला नोटिस&rsquo;</strong><br />वहीं, फातिमा से पूछा गया कि क्या हवेली तोड़ने से पहले उनको नोटिस दिया गया था? इसपर उन्होंने कहा कि परिवार को कोई नोटिस नहीं दिया गया. मकान तोड़ने से एक घंटे पहले दो पुलिसकर्मी आए थे. एक सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी और एक लेडी कांस्टेबल थीं, जो उनके घर आए और उनसे पूछा कि मकान कहां बन रहा है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>मकान पर गए तो वे मोबाइल से वीडियो बनाने लगे और वो वीडियो उन्होंने अपने किसी आका को भेज दिए. वीडियो बनाते हुए वो कह रहे थे कि अब आएगा असली मजा, अब बनेगी असली न्यूज. क्योंकि उन्हें पता था कि अब साजिश के तहत और अच्छे से उन्हें (शहजाद अली को) फंसा दिया जाएगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”पांढुर्ना में ‘खूनी’ खेल गोटमार, पत्थरों की बौछार में 250 से ज्यादा लोग घायल, 300 साल पुरानी है परंपरा” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/pandhurna-gotmar-mela-more-than-250-people-injured-in-stone-pelting-in-madhya-pradesh-2775723″ target=”_blank” rel=”noopener”>पांढुर्ना में ‘खूनी’ खेल गोटमार, पत्थरों की बौछार में 250 से ज्यादा लोग घायल, 300 साल पुरानी है परंपरा</a></strong></p>  मध्य प्रदेश पांढुर्ना में ‘खूनी’ खेल गोटमार, पत्थरों की बौछार में 250 से ज्यादा लोग घायल, 300 साल पुरानी है परंपरा