लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती पर पांचवें दिन बवाल:अभ्यर्थियों ने मंत्री संजय निषाद के आवास को घेरा, बोले- जब तक नहीं होगी बात बैठे रहेंगे

लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती पर पांचवें दिन बवाल:अभ्यर्थियों ने मंत्री संजय निषाद के आवास को घेरा, बोले- जब तक नहीं होगी बात बैठे रहेंगे

लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार 5वें दिन भी जारी है। हजारों अभ्यर्थी कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास के बाहर जमा हैं। आवास पर जमकर नारेबाजी हो रही है।प्रदर्शनकारी मंत्री से बात कर अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। लगभग 1 घंटे से अधिक समय हो गया प्रदर्शन लगातार जारी है, लेकिन अभी तक मंत्री से बात नहीं हो सकी है। संजय निषाद के घर का दरवाजा अभी भी बंद है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जब तक वह वार्ता नहीं करेंगे तब तक हम लोग यहीं पर बैठे रहेंगे। इससे पहले उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य, अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर के आवास पर भी प्रदर्शन किया था। यह लगातार पांचवा दिन जब किसी बड़े ओबीसी नेता के आवास का घेराव होने जा रहा है। ‘राजधानी में घसीटा जा रहा कपड़े फाड़े जा रहे’ इधर, महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि क्या हम इसलिए पढ़कर आए थे कि राजधानी में हमें घसीटा जाए। हमारे कपड़े फाड़े जाएं। जिस इलाके से हम लोग आते हैं वहां आज भी लड़कियों को हाई स्कूल इंटर के बाद पढ़ाई नहीं कराई जाती। ऐसे में कोई लड़की अगर पढ़कर आगे बढ़ती हैं तो उसको देखकर अन्य लड़कियां आगे आएंगी। लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार 5वें दिन भी जारी है। हजारों अभ्यर्थी कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास के बाहर जमा हैं। आवास पर जमकर नारेबाजी हो रही है।प्रदर्शनकारी मंत्री से बात कर अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। लगभग 1 घंटे से अधिक समय हो गया प्रदर्शन लगातार जारी है, लेकिन अभी तक मंत्री से बात नहीं हो सकी है। संजय निषाद के घर का दरवाजा अभी भी बंद है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जब तक वह वार्ता नहीं करेंगे तब तक हम लोग यहीं पर बैठे रहेंगे। इससे पहले उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य, अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर के आवास पर भी प्रदर्शन किया था। यह लगातार पांचवा दिन जब किसी बड़े ओबीसी नेता के आवास का घेराव होने जा रहा है। ‘राजधानी में घसीटा जा रहा कपड़े फाड़े जा रहे’ इधर, महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि क्या हम इसलिए पढ़कर आए थे कि राजधानी में हमें घसीटा जाए। हमारे कपड़े फाड़े जाएं। जिस इलाके से हम लोग आते हैं वहां आज भी लड़कियों को हाई स्कूल इंटर के बाद पढ़ाई नहीं कराई जाती। ऐसे में कोई लड़की अगर पढ़कर आगे बढ़ती हैं तो उसको देखकर अन्य लड़कियां आगे आएंगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर