7 सितंबर 2024 : हापुड़ में नगर पालिका का जेई कुंवरपाल नलकूप ठेकेदार से 30 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। कुंवरपाल भुगतान के बदले कमीशन मांग रहा था। शिकायत पर विजिलेंस ने पकड़ा। 6 सितंबर 2024 : अयोध्या में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का असिस्टेंट अकाउंटेंट अमरेंद्र प्रताप सिंह एक लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। विजिलेंस से शिकायत के बाद कार्रवाई। जीपीएफ रिलीज करने के लिए टीचर के परिजनों से पैसे मांगे। टीचर का निधन हो चुका था। 2 सितंबर 2024 : लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र के डॉक्टर खेड़ा चौकी इंचार्ज राम देव गुप्ता 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। राम देव गुप्ता एक केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत मांग रहा था। यहां सप्ताहभर के सिर्फ तीन मामलों का जिक्र है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि विभाग कोई भी हो प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि आखिर भ्रष्टाचार के मामले क्यों नहीं थम रहे हैं? विपक्ष और सहयोगियों ने मुद्दा बनाया तो एक्टिव हुई विजिलेंस भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक और नेता भी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में जब यूपी में भाजपा की सीटें घटीं तो दबी जुबान में भाजपा के लोगों ने भी इस बात पर बोलना शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ने और नेताओं की सुनवाई न होने की वजह से यूपी में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। इस आरोप के बाद विजिलेंस को जिम्मेदारी दी गई कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करे। उसके बाद से बड़े पैमाने पर विजिलेंस आरोपियों को ट्रैप कर रही है। बीते तीन महीने में विजिलेंस ने दो दर्जन से अधिक मामलों में रिश्वत लेते हुए विभिन्न विभाग के अधिकारियों काे पकड़ा है। अब एक महीने में पकड़े गए रिश्वतखोर कर्मचारियों के आंकड़े पर गौर करें तो हर विभाग में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। खासकर ऐसे विभाग जहां आम लोगों का वास्ता हर दिन पड़ता है। इसमें पुलिस, राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी विभाग शामिल हैं। पुलिस से जुड़े तीन बड़े मामले, जिनमें कार्रवाई हुई 25 जुलाई 2024: बलिया में नरही थाना क्षेत्र में बिहार बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ट्रक चालकों से वसूली कर रही थी। वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोडिया और आजमगढ़ रेंज के डीआईजी वैभव कृष्ण ने छापा मारा। दो पुलिसकर्मी व 16 दलाल गिरफ्तार किए गए। इस मामले में थाने के सभी कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। यहां पांच लाख रुपए प्रतिदिन की वसूली हो रही थी। अगस्त 2024 : कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में एक जमीन के विवाद में चौकी इंचार्ज ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर फर्जी मुकदमा लिखा। मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा। जांच में पता चला कि पुलिस ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नर ने चौकी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। अगस्त 2024 : बरेली में फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक पर स्मैक तस्करी के आरोपियों से 7 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा। शिकायत पर एसपी ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर थाने की दीवार कूदकर भाग गए। तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर के आवास में बिस्तर के नीचे से 9.84 लाख रुपए मिले। रामसेवक और कुछ पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई। योगी 1.0 के तीन चर्चित केस जब कार्रवाई नजीर बनी करप्शन को लेकर योगी सरकार भले ही विपक्ष के निशाने पर है, लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ कार्रवाइयां ऐसी हुईं जो नजीर बनीं। ऐसा ही एक मामला 2018 में सामने आया था। तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने चौराहों पर वसूली करने वाले सिपाहियों के खिलाफ अभियान छेड़ा। एक दर्जन से अधिक सिपाहियों को अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप में न सिर्फ निलंबित किया गया, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। भ्रष्टाचार में सस्पेंड किए गए एसएसपी बुलंदशहर के एसएसपी रहे 2008 बैच के आईपीएस एन कोलांची को भ्रष्टाचार के आरोप में तीन अगस्त 2019 को निलंबित कर दिया गया। उन पर थानों का चार्ज देने के बदले पैसे लेने का आरोप था। शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि दो थानों पर सात दिनों से कम की तैनाती दी गई। एक थानेदार को 33 दिन में ही बदल दिया गया। कोलांची छह माह निलंबित रहे। बाद में डीजीपी मुख्यालय पर अटैच रखा गया। बर्खास्त कर दिए गए आईपीएस अफसर महोबा में खनन व्यापारी की कथित हत्या के मामले में 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि बर्खास्तगी भी हुई। मामला सितंबर 2020 का है, जब खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किया था। इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से इंद्रकांत की मौत हो गई। मामले में शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई और इंस्पेक्टर व तत्कालीन एसपी महोबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल भेजा गया। प्रदेश में बढ़ रहे करप्शन के केस को लेकर पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि सख्त कार्रवाई ही भ्रष्टाचार रोकने का तरीका है। जहां तक पुलिस की बात है थाने स्तर पर भ्रष्टाचार के कुछ मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले पुलिस की छवि काे धूमिल करते हैं। पुलिस सरकार का चेहरा होती है। ऐसे में सरकार की भी बदनामी होती है। भ्रष्टाचार के मामलों में इतनी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जो नजीर बन सके। वह बताते हैं कि उन्हें याद है हरदोई में दो सिपाहियों ने एक दुकान पर सिगरेट पी और उसके पैसे नहीं दिए। शिकायत मिलने पर दोनों सिपाहियों को सर्विस से बर्खास्त करा दिया था। इसका बड़ा मैसेज पूरे प्रदेश में गया। करप्शन पर लगाम लगी थी। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले में जब तक बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, यह नहीं रुकेगा। पूर्व डीजीपी का कहना है कि भ्रष्टाचार न रुकने की और भी वजहें हैं। मसलन 2018 में केंद्र सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 में संशोधन किया। इससे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की राह कठिन हो गई। उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव नियुक्ति रहे राजीव कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, सुप्रीम कोर्ट तक ने आरोप सही पाया। लेकिन जेल की सजा काटकर आने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि इसी तरह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के पीएफ घोटाले में सीबीआई ने चेयरमैन रहे दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमति नहीं दी। जब सरकार ही भ्रष्टाचार नहीं रोकना चाहती तो भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा? ये भी पढ़ें… नगर पालिका के जेई को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार:2.30 लाख की ली थी रिश्वत, एफआईआर दर्ज, दबाव बनाकर मांग रहे थे पैसा हापुड़ में एंटी करप्शन मेरठ की टीम ने नगर पालिका हापुड़ के जलकल विभाग के अवर अभियंता को उनके आवास से दो लाख तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। आरोपी अवर अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसके बाद नगर पालिका कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। पढ़ें पूरी खबर… 7 सितंबर 2024 : हापुड़ में नगर पालिका का जेई कुंवरपाल नलकूप ठेकेदार से 30 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। कुंवरपाल भुगतान के बदले कमीशन मांग रहा था। शिकायत पर विजिलेंस ने पकड़ा। 6 सितंबर 2024 : अयोध्या में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का असिस्टेंट अकाउंटेंट अमरेंद्र प्रताप सिंह एक लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। विजिलेंस से शिकायत के बाद कार्रवाई। जीपीएफ रिलीज करने के लिए टीचर के परिजनों से पैसे मांगे। टीचर का निधन हो चुका था। 2 सितंबर 2024 : लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र के डॉक्टर खेड़ा चौकी इंचार्ज राम देव गुप्ता 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। राम देव गुप्ता एक केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत मांग रहा था। यहां सप्ताहभर के सिर्फ तीन मामलों का जिक्र है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि विभाग कोई भी हो प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि आखिर भ्रष्टाचार के मामले क्यों नहीं थम रहे हैं? 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बिहार बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ट्रक चालकों से वसूली कर रही थी। वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोडिया और आजमगढ़ रेंज के डीआईजी वैभव कृष्ण ने छापा मारा। दो पुलिसकर्मी व 16 दलाल गिरफ्तार किए गए। इस मामले में थाने के सभी कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। यहां पांच लाख रुपए प्रतिदिन की वसूली हो रही थी। अगस्त 2024 : कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में एक जमीन के विवाद में चौकी इंचार्ज ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर फर्जी मुकदमा लिखा। मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा। जांच में पता चला कि पुलिस ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नर ने चौकी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। अगस्त 2024 : बरेली में फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक पर स्मैक तस्करी के आरोपियों से 7 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा। शिकायत पर एसपी ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर थाने की दीवार कूदकर भाग गए। तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर के आवास में बिस्तर के नीचे से 9.84 लाख रुपए मिले। रामसेवक और कुछ पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई। योगी 1.0 के तीन चर्चित केस जब कार्रवाई नजीर बनी करप्शन को लेकर योगी सरकार भले ही विपक्ष के निशाने पर है, लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ कार्रवाइयां ऐसी हुईं जो नजीर बनीं। ऐसा ही एक मामला 2018 में सामने आया था। तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने चौराहों पर वसूली करने वाले सिपाहियों के खिलाफ अभियान छेड़ा। एक दर्जन से अधिक सिपाहियों को अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप में न सिर्फ निलंबित किया गया, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। भ्रष्टाचार में सस्पेंड किए गए एसएसपी बुलंदशहर के एसएसपी रहे 2008 बैच के आईपीएस एन कोलांची को भ्रष्टाचार के आरोप में तीन अगस्त 2019 को निलंबित कर दिया गया। उन पर थानों का चार्ज देने के बदले पैसे लेने का आरोप था। शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि दो थानों पर सात दिनों से कम की तैनाती दी गई। एक थानेदार को 33 दिन में ही बदल दिया गया। कोलांची छह माह निलंबित रहे। बाद में डीजीपी मुख्यालय पर अटैच रखा गया। बर्खास्त कर दिए गए आईपीएस अफसर महोबा में खनन व्यापारी की कथित हत्या के मामले में 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि बर्खास्तगी भी हुई। मामला सितंबर 2020 का है, जब खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किया था। इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से इंद्रकांत की मौत हो गई। मामले में शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई और इंस्पेक्टर व तत्कालीन एसपी महोबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल भेजा गया। प्रदेश में बढ़ रहे करप्शन के केस को लेकर पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि सख्त कार्रवाई ही भ्रष्टाचार रोकने का तरीका है। जहां तक पुलिस की बात है थाने स्तर पर भ्रष्टाचार के कुछ मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले पुलिस की छवि काे धूमिल करते हैं। पुलिस सरकार का चेहरा होती है। ऐसे में सरकार की भी बदनामी होती है। भ्रष्टाचार के मामलों में इतनी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जो नजीर बन सके। वह बताते हैं कि उन्हें याद है हरदोई में दो सिपाहियों ने एक दुकान पर सिगरेट पी और उसके पैसे नहीं दिए। शिकायत मिलने पर दोनों सिपाहियों को सर्विस से बर्खास्त करा दिया था। इसका बड़ा मैसेज पूरे प्रदेश में गया। करप्शन पर लगाम लगी थी। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले में जब तक बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, यह नहीं रुकेगा। पूर्व डीजीपी का कहना है कि भ्रष्टाचार न रुकने की और भी वजहें हैं। मसलन 2018 में केंद्र सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 में संशोधन किया। इससे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की राह कठिन हो गई। उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव नियुक्ति रहे राजीव कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, सुप्रीम कोर्ट तक ने आरोप सही पाया। लेकिन जेल की सजा काटकर आने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि इसी तरह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के पीएफ घोटाले में सीबीआई ने चेयरमैन रहे दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमति नहीं दी। जब सरकार ही भ्रष्टाचार नहीं रोकना चाहती तो भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा? ये भी पढ़ें… नगर पालिका के जेई को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार:2.30 लाख की ली थी रिश्वत, एफआईआर दर्ज, दबाव बनाकर मांग रहे थे पैसा हापुड़ में एंटी करप्शन मेरठ की टीम ने नगर पालिका हापुड़ के जलकल विभाग के अवर अभियंता को उनके आवास से दो लाख तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। आरोपी अवर अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसके बाद नगर पालिका कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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नोएडा की इस यूनिवर्सिटी में लगेगी ISRO की अंतरिक्ष प्रदर्शनी, हजारों छात्र ले सकेंगे जानकारी
नोएडा की इस यूनिवर्सिटी में लगेगी ISRO की अंतरिक्ष प्रदर्शनी, हजारों छात्र ले सकेंगे जानकारी <p style=”text-align: justify;”><strong>ISRO Exhibition in Galgotias University: </strong>भारतीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (ISRO) के सहयोग से गलगोटियास विश्वविद्यालय में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी” आयोजित की जाएगी. तीन दिवसीय इस प्रदर्शनी में हजारों छात्र इसरो की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर पाएंगे. एक अगस्त गुरुवार यानी आज से इसका शुभारंभ होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी “अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)” अहमदाबाद की तरफ से गलगोटियास विश्वविद्यालय में 1 से 3 अगस्त-2024 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के सहयोग से “विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी” के नाम से प्रधानमंत्री की पहल के अनुरूप “नेशनल स्पेस डे” के उपलक्ष्य में की जा रही है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हजारों</strong> <strong>छात्र</strong> <strong>इसरो</strong> <strong>की</strong> <strong>महत्वपूर्ण</strong> <strong>जानकारियों</strong> <strong>से</strong> <strong>होंगे</strong> <strong>रूबरू</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रदर्शनी के बारे में विक्रम सारा भाई स्पेस एग्जीबिशन के अध्यक्ष सीनियर साइंटिस्ट परेश सरवैया ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्देश्य स्कूल के विद्यार्थियों को और आम जन मानस को भी इसरो के बारे बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है. उन्होंने आगे कहा कि अगले तीन दिनों में हम विद्यार्थियों को इसरो के बारे में शुरुआत से लेकर और अब तक की महत्वपूर्ण और बड़ी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां पर विद्यार्थियों को नेवीगेशन, सैटेलाइट, रिमोट सेंसिंग, कम्युनिकेशन के बारे में भी विस्तार से बताया जायेगा. सैटेलाइट और रॉकेट के बारे में बताया जायेगा और मॉडल दिखाकर दोनों की कार्यप्रणाली के बारे में भी समझाया जाएगी. हमारी इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों की महान प्रतिभा को भी खोजना है. उन्हीं बच्चों के बीच में भारत के उज्जवल भविष्य के निर्माण करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थी भी होंगे जो अगले तीन में यहां आने वाले हैं.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>”</strong><strong>अपने</strong> <strong>सपनों</strong> <strong>को</strong> <strong>पूरा</strong> <strong>करने</strong> <strong>की</strong> <strong>उत्सुकता</strong> <strong>जागेगी</strong><strong>”</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीनियर साइंटिस्ट परेश सरवैया ने बताया कि आगे कहा कि साइंटिस्ट कल्पना चावला और महान वैज्ञानिक “विक्रम साराभाई” जैसे महान प्रतिभावान बच्चे जब हमारी इस प्रदर्शनी में आयेंगे तब उनको अपने जीवन में अपने सपनों को भी पूरा करने की उत्सुकता भी जागेगी और वो एक दिन अपना ये सुन्दर सपना भी अवश्य पूरा करेंगे. पूरे देश की प्रतिभाओं को निखारना और उनके सपनों को पूरा करना ही हमारी इस प्रकार की प्रदर्शनी की प्राथमिकता है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या</strong> <strong>बोले</strong> <strong>गलगोटियास</strong> <strong>यूनिवर्सिटी</strong> <strong>के</strong> <strong>सीईओ</strong><strong>?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गलगोटियास यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने इस आयोजन के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया, “यह इसरो के साथ सहयोग हमारे छात्रों और समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है. अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ें. हम न केवल ऐसा मंच उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं न केवल शिक्षित करता है, बल्कि वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित भी करता है.</p>
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रेवाड़ी पहुंचे राजस्थान के पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट:बोले डबल इंजन की सरकार हुई फेल, चंडीगढ़ का इंजन धुआं फेंक रहा
रेवाड़ी पहुंचे राजस्थान के पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट:बोले डबल इंजन की सरकार हुई फेल, चंडीगढ़ का इंजन धुआं फेंक रहा हरियाणा के रेवाड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव राव के समर्थन में आज उनके पक्ष में वोट मांगने के लिए राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलेट रेवाड़ी के गाँव भूड़ला में पहुंचे। गांव में पहुंचने पर फूल माला व पगड़ी से उनका स्वागत किया गया। सचिन पायलट ने एक जनसभा को संबोधित किया, जिसमें भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ उमड़ी। उनके साथ रेवाड़ी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव राव भी मौजूद रहे। किसान आंदोलन का भी सचिन पायलट ने किया जिक्र गांव में लोगों को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा भाजपा के नेता शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास की बात न करके केवल धर्म की राजनीति करते हैं। भारतीय जनता पार्टी हिंदुस्तान-पाकिस्तान, मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम के नारे पर अटकी हुई है। पिछले 10 सालों में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है। तीन काले कानून में किसानों को गोली-लाठियां खानी पड़ीं। किसान आंदोलन में सैकड़ों किसान शहीद होने के बाद तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। बोले- वोट खराब करने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में बीजेपी को घमंड करने की आदत हो गई है। अधिकांश लोग कांग्रेस की वोट खराब करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे उम्मीदवार थोड़े से पैसे लगाकर वोट खराब करने का काम कर रहे हैं। सभी दलों पर निशाना साधने के साथ-साथ मतदाताओं से भी कहा कि हाथी घोड़ा भैंस पर अपना वोट खराब मत करना। सचिन पायलट ने कहा इस बार हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही है। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की लड़ाई है। हरियाणा में भाजपा का माहौल खराब है और लोकसभा चुनाव में लोगों ने भाजपा के कार्यकर्ताओं व उम्मीदवारों को गांव में घुसने नहीं दिया। डबल इंजन की सरकार में एक इंजन दिल्ली में खराब हो गया और चंडीगढ़ वाला इंजन ने काम करना बंद कर दिया। चंडीगढ़ वाला इंजन अब धुआं फेंकने का काम कर रहा है।
अबोहर में पूर्व फौजी की अचानक मौत:डॉक्टर को जय हिंद बोल कुर्सी पर बैठा; हार्ट अटैक आया और गर्दन लुढ़क गई
अबोहर में पूर्व फौजी की अचानक मौत:डॉक्टर को जय हिंद बोल कुर्सी पर बैठा; हार्ट अटैक आया और गर्दन लुढ़क गई पंजाब में अबोहर की फाजिल्का रोड पर स्थित वरूण धाम मंदिर के फीजियोथेरैपी सेंटर में पूर्व फौजी की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौके पर पहुंची थाना नं. 1 की पुलिस ने मृतक के शव को अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया और आज पोस्टमॉर्टम के बाद उसका शव परिजनों के हवाले कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार भीमा पुत्र मंगला राम आयु करीब 50 साल निवासी लक्ष्मणगढ जिला सीकर राजस्थान का रहने वाला था। वह गुरुवार की शाम वरूण धाम मंदिर के फीजियोथेरैपी सेंटर में डा. भागेश्वर स्वामी के पास उपचार करवाने आया था। डा. भागेश्वर स्वामी ने उसे अपने केबिन में बुलाया और डॉक्टर के सामने पहुंचते ही भीमा ने डॉक्टर को जय हिंद बोलते हुए सैल्यूट किया और वहां रखी कुर्सी पर बैठ गया। इससे पहले कि डा. स्वामी उससे कुछ बात करके उसकी बीमारी के बारे में पूछते कि भीमा की गर्दन आगे की ओर झुकने लगी। जिसे देखते ही डाक्टर ने उसे संभाला लेकिन उसकी स्थिति से पता चला कि इसे हार्ट अटैक हुआ है। डा. स्वामी ने बताया कि उन्होंने उसके सीने पर पंपिंग की। जिससे उसमें कुछ हलचल हुई, लेकिन उसके बाद में उसकी आंखें खुली रह गई और पल्स भी चली गई। जिस पर उन्होंने तुरंत ही उसके जेब से मिले मोबाइल में दर्ज अन्य नंबरों पर फोन कर घटना की सूचना दी। जिसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे। इधर सिटी वन की पुलिस ने मृतक के बेटे के बयानों पर 174 की कार्रवाई करते हुए पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया।