7 सितंबर 2024 : हापुड़ में नगर पालिका का जेई कुंवरपाल नलकूप ठेकेदार से 30 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। कुंवरपाल भुगतान के बदले कमीशन मांग रहा था। शिकायत पर विजिलेंस ने पकड़ा। 6 सितंबर 2024 : अयोध्या में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का असिस्टेंट अकाउंटेंट अमरेंद्र प्रताप सिंह एक लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। विजिलेंस से शिकायत के बाद कार्रवाई। जीपीएफ रिलीज करने के लिए टीचर के परिजनों से पैसे मांगे। टीचर का निधन हो चुका था। 2 सितंबर 2024 : लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र के डॉक्टर खेड़ा चौकी इंचार्ज राम देव गुप्ता 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। राम देव गुप्ता एक केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत मांग रहा था। यहां सप्ताहभर के सिर्फ तीन मामलों का जिक्र है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि विभाग कोई भी हो प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि आखिर भ्रष्टाचार के मामले क्यों नहीं थम रहे हैं? विपक्ष और सहयोगियों ने मुद्दा बनाया तो एक्टिव हुई विजिलेंस भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक और नेता भी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में जब यूपी में भाजपा की सीटें घटीं तो दबी जुबान में भाजपा के लोगों ने भी इस बात पर बोलना शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ने और नेताओं की सुनवाई न होने की वजह से यूपी में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। इस आरोप के बाद विजिलेंस को जिम्मेदारी दी गई कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करे। उसके बाद से बड़े पैमाने पर विजिलेंस आरोपियों को ट्रैप कर रही है। बीते तीन महीने में विजिलेंस ने दो दर्जन से अधिक मामलों में रिश्वत लेते हुए विभिन्न विभाग के अधिकारियों काे पकड़ा है। अब एक महीने में पकड़े गए रिश्वतखोर कर्मचारियों के आंकड़े पर गौर करें तो हर विभाग में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। खासकर ऐसे विभाग जहां आम लोगों का वास्ता हर दिन पड़ता है। इसमें पुलिस, राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी विभाग शामिल हैं। पुलिस से जुड़े तीन बड़े मामले, जिनमें कार्रवाई हुई 25 जुलाई 2024: बलिया में नरही थाना क्षेत्र में बिहार बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ट्रक चालकों से वसूली कर रही थी। वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोडिया और आजमगढ़ रेंज के डीआईजी वैभव कृष्ण ने छापा मारा। दो पुलिसकर्मी व 16 दलाल गिरफ्तार किए गए। इस मामले में थाने के सभी कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। यहां पांच लाख रुपए प्रतिदिन की वसूली हो रही थी। अगस्त 2024 : कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में एक जमीन के विवाद में चौकी इंचार्ज ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर फर्जी मुकदमा लिखा। मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा। जांच में पता चला कि पुलिस ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नर ने चौकी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। अगस्त 2024 : बरेली में फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक पर स्मैक तस्करी के आरोपियों से 7 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा। शिकायत पर एसपी ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर थाने की दीवार कूदकर भाग गए। तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर के आवास में बिस्तर के नीचे से 9.84 लाख रुपए मिले। रामसेवक और कुछ पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई। योगी 1.0 के तीन चर्चित केस जब कार्रवाई नजीर बनी करप्शन को लेकर योगी सरकार भले ही विपक्ष के निशाने पर है, लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ कार्रवाइयां ऐसी हुईं जो नजीर बनीं। ऐसा ही एक मामला 2018 में सामने आया था। तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने चौराहों पर वसूली करने वाले सिपाहियों के खिलाफ अभियान छेड़ा। एक दर्जन से अधिक सिपाहियों को अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप में न सिर्फ निलंबित किया गया, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। भ्रष्टाचार में सस्पेंड किए गए एसएसपी बुलंदशहर के एसएसपी रहे 2008 बैच के आईपीएस एन कोलांची को भ्रष्टाचार के आरोप में तीन अगस्त 2019 को निलंबित कर दिया गया। उन पर थानों का चार्ज देने के बदले पैसे लेने का आरोप था। शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि दो थानों पर सात दिनों से कम की तैनाती दी गई। एक थानेदार को 33 दिन में ही बदल दिया गया। कोलांची छह माह निलंबित रहे। बाद में डीजीपी मुख्यालय पर अटैच रखा गया। बर्खास्त कर दिए गए आईपीएस अफसर महोबा में खनन व्यापारी की कथित हत्या के मामले में 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि बर्खास्तगी भी हुई। मामला सितंबर 2020 का है, जब खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किया था। इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से इंद्रकांत की मौत हो गई। मामले में शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई और इंस्पेक्टर व तत्कालीन एसपी महोबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल भेजा गया। प्रदेश में बढ़ रहे करप्शन के केस को लेकर पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि सख्त कार्रवाई ही भ्रष्टाचार रोकने का तरीका है। जहां तक पुलिस की बात है थाने स्तर पर भ्रष्टाचार के कुछ मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले पुलिस की छवि काे धूमिल करते हैं। पुलिस सरकार का चेहरा होती है। ऐसे में सरकार की भी बदनामी होती है। भ्रष्टाचार के मामलों में इतनी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जो नजीर बन सके। वह बताते हैं कि उन्हें याद है हरदोई में दो सिपाहियों ने एक दुकान पर सिगरेट पी और उसके पैसे नहीं दिए। शिकायत मिलने पर दोनों सिपाहियों को सर्विस से बर्खास्त करा दिया था। इसका बड़ा मैसेज पूरे प्रदेश में गया। करप्शन पर लगाम लगी थी। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले में जब तक बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, यह नहीं रुकेगा। पूर्व डीजीपी का कहना है कि भ्रष्टाचार न रुकने की और भी वजहें हैं। मसलन 2018 में केंद्र सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 में संशोधन किया। इससे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की राह कठिन हो गई। उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव नियुक्ति रहे राजीव कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, सुप्रीम कोर्ट तक ने आरोप सही पाया। लेकिन जेल की सजा काटकर आने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि इसी तरह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के पीएफ घोटाले में सीबीआई ने चेयरमैन रहे दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमति नहीं दी। जब सरकार ही भ्रष्टाचार नहीं रोकना चाहती तो भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा? ये भी पढ़ें… नगर पालिका के जेई को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार:2.30 लाख की ली थी रिश्वत, एफआईआर दर्ज, दबाव बनाकर मांग रहे थे पैसा हापुड़ में एंटी करप्शन मेरठ की टीम ने नगर पालिका हापुड़ के जलकल विभाग के अवर अभियंता को उनके आवास से दो लाख तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। आरोपी अवर अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसके बाद नगर पालिका कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। पढ़ें पूरी खबर… 7 सितंबर 2024 : हापुड़ में नगर पालिका का जेई कुंवरपाल नलकूप ठेकेदार से 30 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। कुंवरपाल भुगतान के बदले कमीशन मांग रहा था। शिकायत पर विजिलेंस ने पकड़ा। 6 सितंबर 2024 : अयोध्या में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का असिस्टेंट अकाउंटेंट अमरेंद्र प्रताप सिंह एक लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। विजिलेंस से शिकायत के बाद कार्रवाई। जीपीएफ रिलीज करने के लिए टीचर के परिजनों से पैसे मांगे। टीचर का निधन हो चुका था। 2 सितंबर 2024 : लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र के डॉक्टर खेड़ा चौकी इंचार्ज राम देव गुप्ता 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार। राम देव गुप्ता एक केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत मांग रहा था। यहां सप्ताहभर के सिर्फ तीन मामलों का जिक्र है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि विभाग कोई भी हो प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि आखिर भ्रष्टाचार के मामले क्यों नहीं थम रहे हैं? विपक्ष और सहयोगियों ने मुद्दा बनाया तो एक्टिव हुई विजिलेंस भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक और नेता भी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में जब यूपी में भाजपा की सीटें घटीं तो दबी जुबान में भाजपा के लोगों ने भी इस बात पर बोलना शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ने और नेताओं की सुनवाई न होने की वजह से यूपी में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। इस आरोप के बाद विजिलेंस को जिम्मेदारी दी गई कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करे। उसके बाद से बड़े पैमाने पर विजिलेंस आरोपियों को ट्रैप कर रही है। बीते तीन महीने में विजिलेंस ने दो दर्जन से अधिक मामलों में रिश्वत लेते हुए विभिन्न विभाग के अधिकारियों काे पकड़ा है। अब एक महीने में पकड़े गए रिश्वतखोर कर्मचारियों के आंकड़े पर गौर करें तो हर विभाग में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। खासकर ऐसे विभाग जहां आम लोगों का वास्ता हर दिन पड़ता है। इसमें पुलिस, राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी विभाग शामिल हैं। पुलिस से जुड़े तीन बड़े मामले, जिनमें कार्रवाई हुई 25 जुलाई 2024: बलिया में नरही थाना क्षेत्र में बिहार बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ट्रक चालकों से वसूली कर रही थी। वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोडिया और आजमगढ़ रेंज के डीआईजी वैभव कृष्ण ने छापा मारा। दो पुलिसकर्मी व 16 दलाल गिरफ्तार किए गए। इस मामले में थाने के सभी कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। यहां पांच लाख रुपए प्रतिदिन की वसूली हो रही थी। अगस्त 2024 : कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में एक जमीन के विवाद में चौकी इंचार्ज ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर फर्जी मुकदमा लिखा। मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा। जांच में पता चला कि पुलिस ने दोनों पक्षों से पैसे लेकर कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नर ने चौकी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। अगस्त 2024 : बरेली में फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक पर स्मैक तस्करी के आरोपियों से 7 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा। शिकायत पर एसपी ने छापा मारा तो इंस्पेक्टर थाने की दीवार कूदकर भाग गए। तलाशी के दौरान इंस्पेक्टर के आवास में बिस्तर के नीचे से 9.84 लाख रुपए मिले। रामसेवक और कुछ पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई। योगी 1.0 के तीन चर्चित केस जब कार्रवाई नजीर बनी करप्शन को लेकर योगी सरकार भले ही विपक्ष के निशाने पर है, लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ कार्रवाइयां ऐसी हुईं जो नजीर बनीं। ऐसा ही एक मामला 2018 में सामने आया था। तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह ने चौराहों पर वसूली करने वाले सिपाहियों के खिलाफ अभियान छेड़ा। एक दर्जन से अधिक सिपाहियों को अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप में न सिर्फ निलंबित किया गया, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। भ्रष्टाचार में सस्पेंड किए गए एसएसपी बुलंदशहर के एसएसपी रहे 2008 बैच के आईपीएस एन कोलांची को भ्रष्टाचार के आरोप में तीन अगस्त 2019 को निलंबित कर दिया गया। उन पर थानों का चार्ज देने के बदले पैसे लेने का आरोप था। शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि दो थानों पर सात दिनों से कम की तैनाती दी गई। एक थानेदार को 33 दिन में ही बदल दिया गया। कोलांची छह माह निलंबित रहे। बाद में डीजीपी मुख्यालय पर अटैच रखा गया। बर्खास्त कर दिए गए आईपीएस अफसर महोबा में खनन व्यापारी की कथित हत्या के मामले में 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार को न सिर्फ निलंबित किया गया बल्कि बर्खास्तगी भी हुई। मामला सितंबर 2020 का है, जब खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किया था। इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से इंद्रकांत की मौत हो गई। मामले में शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई और इंस्पेक्टर व तत्कालीन एसपी महोबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल भेजा गया। प्रदेश में बढ़ रहे करप्शन के केस को लेकर पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि सख्त कार्रवाई ही भ्रष्टाचार रोकने का तरीका है। जहां तक पुलिस की बात है थाने स्तर पर भ्रष्टाचार के कुछ मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले पुलिस की छवि काे धूमिल करते हैं। पुलिस सरकार का चेहरा होती है। ऐसे में सरकार की भी बदनामी होती है। भ्रष्टाचार के मामलों में इतनी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए जो नजीर बन सके। वह बताते हैं कि उन्हें याद है हरदोई में दो सिपाहियों ने एक दुकान पर सिगरेट पी और उसके पैसे नहीं दिए। शिकायत मिलने पर दोनों सिपाहियों को सर्विस से बर्खास्त करा दिया था। इसका बड़ा मैसेज पूरे प्रदेश में गया। करप्शन पर लगाम लगी थी। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले में जब तक बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, यह नहीं रुकेगा। पूर्व डीजीपी का कहना है कि भ्रष्टाचार न रुकने की और भी वजहें हैं। मसलन 2018 में केंद्र सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 में संशोधन किया। इससे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की राह कठिन हो गई। उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव नियुक्ति रहे राजीव कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, सुप्रीम कोर्ट तक ने आरोप सही पाया। लेकिन जेल की सजा काटकर आने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि इसी तरह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के पीएफ घोटाले में सीबीआई ने चेयरमैन रहे दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमति नहीं दी। जब सरकार ही भ्रष्टाचार नहीं रोकना चाहती तो भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा? ये भी पढ़ें… नगर पालिका के जेई को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार:2.30 लाख की ली थी रिश्वत, एफआईआर दर्ज, दबाव बनाकर मांग रहे थे पैसा हापुड़ में एंटी करप्शन मेरठ की टीम ने नगर पालिका हापुड़ के जलकल विभाग के अवर अभियंता को उनके आवास से दो लाख तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। आरोपी अवर अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसके बाद नगर पालिका कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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शिक्षक भर्ती मामले को लेकर केशव प्रसाद मौर्य के घर का घेराव, प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प
शिक्षक भर्ती मामले को लेकर केशव प्रसाद मौर्य के घर का घेराव, प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर प्रदर्शनकारियों ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई. सोमवार सुबह प्रदर्शनकारी यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें डिप्टी सीएम के आवास से पहले ही रोक दिया. पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद हंगामा किया और केशव प्रसाद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी मौके पर ही डटे रहे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़कर गाड़ी में बैठाया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि “ पिछले चार साल से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है. हमारी डिमांड है कि सरकार सभी मांगों को पूरा करें.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Uttar Pradesh: Aspirants hold a protest outside the residence of UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya demanding appointment letters in the case of recruitment of 69 thousand teachers in Lucknow. <a href=”https://t.co/tuIxik30dg”>pic.twitter.com/tuIxik30dg</a></p>
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) <a href=”https://twitter.com/ANINewsUP/status/1830533865565503581?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 2, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि प्रदर्शनकारी 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला लंबे समय से चल रहा था. बीते दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया. साथ ही कोर्ट ने 3 महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का भी आदेश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोर्ट के फैसले पर कहा था, ”69,000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई. यही हमारी मांग है कि नए सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सके और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके. हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हकमारी या नाइंसाफी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएंगे. ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है. सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएं!”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mamata-banerjee-two-top-ias-officers-manoj-pant-and-rajeev-kumar-have-connections-with-up-uttarakhand-2774564″>ममता बनर्जी के 2 ताकतवर अफसरों का यूपी-उत्तराखंड से है खास कनेक्शन, इनके लिए दे चुकी हैं धरना</a></strong></p>
Pune News: हंसते-दौड़ते आ रही थी बच्ची, अचानक गिरा घर का गेट और चली गई जान, पूरी वारदात CCTV में कैद
Pune News: हंसते-दौड़ते आ रही थी बच्ची, अचानक गिरा घर का गेट और चली गई जान, पूरी वारदात CCTV में कैद <p style=”text-align: justify;”><strong>Pune Accident Video:</strong> महाराष्ट्र के पुणे के पिंपरी-चिंचवाड़ में एक हाउसिंग सोसाइटी का मेटल गेट गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत हो गई. घटना बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे हुई, जब छोटी बच्ची अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी. मृतक बच्ची की पहचान गिरिजा शिंदे के रूप में हुई है. घटना गणेशनगर इलाके का है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरिजा अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी और दौड़ते हुए वो एक अन्य बच्चे के साथ आगे की ओर बढ़ती है. तभी एक बच्चा साइकिल को गेट के अंदर ले जाता है और दूसरा बच्चा स्लाइडिंग गेट बंद करता है. इसी दौरान गेट स्लाइडिंग चैनल से बाहर निकलकर उसके ऊपर गिर गया.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”en”>⚠️Tragic Incidence <br /><br />How safe are these heavy sliding gates? <a href=”https://twitter.com/hashtag/Pune?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Pune</a>: A minor girl lost her life when a sliding gate accidentally fell on her while she was passing by the gate with another child. While two boys are seen playing with the gate when the fatal accident happened on… <a href=”https://t.co/vo1H0GVP5G”>pic.twitter.com/vo1H0GVP5G</a></p>
— Saba Khan (@ItsKhan_Saba) <a href=”https://twitter.com/ItsKhan_Saba/status/1819222275121426762?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 2, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस घटना के बाद बच्चे निवासियों को सूचित करने के लिए एक घर की ओर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में एक व्यक्ति को घटनास्थल पर पहुंचते और घायल बच्ची को उठाते हुए देखा जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिघी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विजय धूमल ने कहा, “पड़ोसियों ने बच्ची को पास के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया, “लगभग 100 किलो वजनी गेट उस समय गिर गया जब बच्चा उसकी ओर भागा. ऐसा लगता है कि गेट स्लाइडिंग चैनल से बाहर निकलकर गिर गया. दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Kalyan Hoarding Collapsed: महाराष्ट्र में फिर गिरा होर्डिंग, ठाणे के कल्याण में 3 गाड़ियों को नुकसान” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/hoarding-collapsed-at-sahajanand-chowk-of-kalyan-in-thane-2751597″ target=”_self”>Kalyan Hoarding Collapsed: महाराष्ट्र में फिर गिरा होर्डिंग, ठाणे के कल्याण में 3 गाड़ियों को नुकसान</a></strong></p>
पानीपत में दो कैबिनेट मंत्रियों का स्वागत आज:ढांडा और पंवार लौटेंगे; पहले जीटी रोड पर, फिर निवास पर होगा दोनों का अभिनंदन
पानीपत में दो कैबिनेट मंत्रियों का स्वागत आज:ढांडा और पंवार लौटेंगे; पहले जीटी रोड पर, फिर निवास पर होगा दोनों का अभिनंदन प्रदेश की नई सरकार में पानीपत के दो विधायकों को बतौर कैबिनेट मंत्री जगह मिली है। दोनों मंत्री आज पानीपत लौटेंगे। जिनके लौटने पर यहां उनका स्वागत एवं अभिनंदन कार्यक्रम किया जाएगा। मंत्री बने कृष्णलाल पंवार और महिपाल ढांडा को सचिवालय में कार्यालय मिल गए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनको कार्यालय में कुर्सी पर बैठाकर बधाई दी। इसके साथ दोनों मंत्रियों को मिलने वाले विभागों का हर किसी को इंतजार है। पंवार और ढांडा का शनिवार को सुबह पानीपत में अभिनंदन किया जाएगा। पंवार का जीटी रोड स्थित टोल व उनके मतलौडा आवास और महिपाल ढांडा का उनके एल्डिको स्थित आवास पर अभिनंदन किया जाएगा। कृष्ण लाल पंवार पहले टोल प्लाजा फिर मतलौडा आवास पर पहुंचेंगे
कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार हर वर्ग को साथ लेकर चलती है। सरकार ने शपथ ग्रहण के साथ ग्रुप सी व डी के परिणामों में बिना खर्ची बिना पर्ची के युवाओं की सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने चयनित युवाओं को शुभकामनाएं दी और इसके साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का आभार जताया। कृष्णलाल पंवार का शनिवार को सुबह साढ़े नौ बजे जीटी रोड स्थित टोल प्लाजा पर स्वागत किया जाएगा। वे इसके बाद मतलौडा स्थित आवास पर पहुंचेंगे। महिपाल ढांडा सोसायटी गेट पर पहुंचेंगे कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा ने पदभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरी बार पूर्ण बहुमत से बनी भाजपा सरकार लोगों की आकांक्षाओं पर खरी उतरी है। ढांडा ने कहा कि किसानों को एमएसपी में बढ़ोतरी कर सरकार ने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। ढांडा का सुबह नौ बजे एल्डिको स्थित उनके आवास पर स्वागत किया जाएगा।