<p style=”text-align: justify;”><strong>Health Department Alert At Gaya Airport:</strong> गया जिला में मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. मंकीपॉक्स को लेकर गया एयरपोर्ट में यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात किया गया है. इस टीम में एक डॉक्टर, एक पारा मेडिकल स्टाफ तथा एक नर्स हैं. मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि एयरपोर्ट पर विशेषकर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>21 दिनों का ट्रैवल हिस्ट्री का लिया जाएगा डाटा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बताया है. इसके मद्देनजर गया एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जरूरी जांच की जाएगी. मंकीपॉक्स को लेकर सिविल सर्जन ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक को आवश्यक दिश निर्देश का अनुपालन करने के संबंध में कहा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफीसर डॉ कुणाल ने बताया कि गया एयरपोर्ट पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बीते 21 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री का विवरण लिया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रैवल हिस्ट्री में यह देखा जाना है कि यात्री ने मंकीपॉक्स के एंडेमिक जोन में यात्रा किया है अथवा नहीं. साथ ही यात्री का ट्रैवल सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भरा जायेगा। अगर कोई संदिग्ध मामला पाया जाता है तो मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा. मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्यत: मध्य पश्चिमी अफ्रीका में सामने आया है. यहां से यह कई अन्य देशों में फैला है. इस वर्ष अगस्त माह में मंकी पॉक्स के मामले दक्षिण अफ्रीका, केन्या, रवांडा, युगांडा, कांगो गणराज्य, बुरुंडी, मध्य अफ्रीका, कांगो, कैमेरून, नाइजीरिया, आइवरी कॉस्ट, लेबेरिया में आए हैं. इन देशों से मंकीपॉक्स के मामले स्वीडन तथा पाकिस्तान में भी पहुंचे हैं, भारत के केरल में मंकी पाक्स का एक मामला रिपोर्ट किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की है एडवाइजरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक त्वचा पर चकते, बुखार और सुजे हुए लिम्फ नोड और सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खराश और खांसी इसके लक्षण हैं. यह अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है. यानि इसके लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं. संक्रमण से बचने के लिए चकते या अल्सर को एंटीसेप्टिक घोल से साफ करना चाहिए. रोगी को अस्पताल के आइसोलेशन रूम में या घर में ही हवादार कमरे में रखना चाहिए.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Health Department Alert At Gaya Airport:</strong> गया जिला में मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. मंकीपॉक्स को लेकर गया एयरपोर्ट में यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात किया गया है. इस टीम में एक डॉक्टर, एक पारा मेडिकल स्टाफ तथा एक नर्स हैं. मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि एयरपोर्ट पर विशेषकर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>21 दिनों का ट्रैवल हिस्ट्री का लिया जाएगा डाटा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बताया है. इसके मद्देनजर गया एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जरूरी जांच की जाएगी. मंकीपॉक्स को लेकर सिविल सर्जन ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक को आवश्यक दिश निर्देश का अनुपालन करने के संबंध में कहा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफीसर डॉ कुणाल ने बताया कि गया एयरपोर्ट पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बीते 21 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री का विवरण लिया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रैवल हिस्ट्री में यह देखा जाना है कि यात्री ने मंकीपॉक्स के एंडेमिक जोन में यात्रा किया है अथवा नहीं. साथ ही यात्री का ट्रैवल सेल्फ डिक्लरेशन फॉर्म भरा जायेगा। अगर कोई संदिग्ध मामला पाया जाता है तो मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा. मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्यत: मध्य पश्चिमी अफ्रीका में सामने आया है. यहां से यह कई अन्य देशों में फैला है. इस वर्ष अगस्त माह में मंकी पॉक्स के मामले दक्षिण अफ्रीका, केन्या, रवांडा, युगांडा, कांगो गणराज्य, बुरुंडी, मध्य अफ्रीका, कांगो, कैमेरून, नाइजीरिया, आइवरी कॉस्ट, लेबेरिया में आए हैं. इन देशों से मंकीपॉक्स के मामले स्वीडन तथा पाकिस्तान में भी पहुंचे हैं, भारत के केरल में मंकी पाक्स का एक मामला रिपोर्ट किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की है एडवाइजरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक त्वचा पर चकते, बुखार और सुजे हुए लिम्फ नोड और सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खराश और खांसी इसके लक्षण हैं. यह अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है. यानि इसके लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं. संक्रमण से बचने के लिए चकते या अल्सर को एंटीसेप्टिक घोल से साफ करना चाहिए. रोगी को अस्पताल के आइसोलेशन रूम में या घर में ही हवादार कमरे में रखना चाहिए.</p> बिहार योगी सरकार में मुस्लिमों का सबसे अधिक एनकाउंटर? ब्राह्मण-यादवों की इतनी है संख्या!