जिन सीटों पर उपचुनाव, वहां योगी मेहरबान:वोटिंग से पहले 8 सीटें कवर कीं; 5 हजार करोड़ के पैकेज, 22500 को नौकरी

जिन सीटों पर उपचुनाव, वहां योगी मेहरबान:वोटिंग से पहले 8 सीटें कवर कीं; 5 हजार करोड़ के पैकेज, 22500 को नौकरी

अभी यूपी में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। उसके पहले ही 10 में से 7 सीटों वाले जिलों में 5 हजार करोड़ की 8 हजार 518 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो गया। यह सीएम योगी ने इन सीटों पर पहुंचकर किया। 22,500 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे ज्यादा फायदे में अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट रही, जबकि सबसे कम अयोध्या की मिल्कीपुर। उपचुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के बाद एक महीने में योगी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। सिर्फ मुजफ्फरनगर की मीरापुर में कोई घोषणा नहीं की। बाकी 7 सीटों पर जनता को बड़ी सौगातें मिली हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तोड़ना है। इसीलिए सीएम योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर ज्यादा मुखर दिख रहे हैं। अक्टूबर-नवंबर में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ये अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां सीटें हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसलिए योगी ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन से चार बार दौरा कर लिया है। खैर, मैनपुरी, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा किया। गाजियाबाद और मझवां में आने वाले दिनों में दौरा करने वाले हैं। भाजपा से जुड़े नेताओं की मानें, तो सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उपचुनाव की रणनीति तैयार की। इसमें लोकसभा चुनाव में कमजोर रहे पक्षों को उपचुनाव में मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरा उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने की रणनीति तय हुई। साथ ही महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस करना तय हुआ। कटेहरी में सबसे ज्यादा और सबसे कम मिल्कीपुर में घोषणाएं करने के पीछे वजह क्या है? इसे लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि जहां-जहां से निर्माण कार्य की डिमांड आ रही, वहां-वहां काम कराए जा रहे हैं। यह शुरुआत है। गांव-गांव से फीडबैक लिए जा रहे हैं। जैसे-जैसे डिमांड आएगी, काम कराए जाएंगे। अब इन दो बयान से समझिए PDA की चुनौती 1- नवाब ब्रांड: अयोध्या में सपा के एक मुस्लिम कार्यकर्ता को दलित महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कन्नौज में सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी नवाब सिंह यादव को भी एक युवती से रेप मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से सीएम योगी अपनी सभाओं में अयोध्या और कन्नौज के ‘नवाब ब्रांड’ के जरिए महिलाओं को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके जरिए सपा के M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर भी हमला बोला जा रहा है। 2- ‘बटेंगे तो कटेंगे’ से ध्रुवीकरण की कोशिश: सपा की ओर से PDA के नाम पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की राजनीति की जा रही है। सपा ने लोकसभा चुनाव में पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों के वोट बैंक में अच्छी-खासी सेंध भी लगाई है। सरकार और संगठन को खतरा है कि सपा का जाति कार्ड उपचुनाव में सफल हो गया, तो भाजपा को दिक्कत होगी। इसी के चलते योगी ने हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की रणनीति बनाई है। सीएम योगी ने बीते दिनों आगरा में एक सभा को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा, बांग्लादेश में क्या हो रहा है…वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। ‘बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है, सीएम योगी ने इसके जरिए हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की कोशिश की है। अगड़ी, पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों को साफ संदेश है कि अगर उनका वोट बंटा तो भविष्य में दिक्कत हो सकती है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है- सपा के PDA का मुकाबला भाजपा राष्ट्रवाद से ही कर सकती है। सीएम योगी उपचुनाव वाली सीटों पर दौरे में अयोध्या, कन्नौज और बांग्लादेश की घटना का जिक्र करते हुए हिंदुत्व को धार दे रहे हैं। साथ ही अयोध्या और कन्नौज की घटना से महिलाओं के बीच सपा को घेरने का कोई मौका भी नहीं चूक रहे। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में रोजगार बड़ा कारण रहा है, इसलिए रोजगार पर भी फोकस कर रहे हैं। रोजगार, विकास पर योगी कर रहे फोकस युवाओं पर फोकस: लोकसभा चुनाव की समीक्षा में सामने आया कि रोजगार के मुद्दे पर युवाओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया। उपचुनाव में इस समस्या के समाधान के लिए योगी ने हर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेले कराकर स्थानीय युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिलाया। 8 विधानसभा क्षेत्रों में 22,500 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया। फूलपुर में 5000, कुंदरकी में 5000, सीसामऊ में 1000, खैर में 5000, मीरापुर में 5000, कटेहरी में 2500 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके अलावा योगी ने 37,550 विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। फूलपुर में 15,448, करहल में 500, कुंदरकी में 2500, सीसामऊ में 8087, खैर में 1500, मीरापुर में 4415 और कटेहरी में 5100 स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। जानकारों का मानना है, स्मार्टफोन और टैबलेट लेने वाले अधिकतर विद्यार्थी नए मतदाता हैं। टैबलेट और स्मार्टफोन देकर सरकार संदेश देना चाहती है कि युवाओं से किया वादा पूरा किया। इसके जरिए युवाओं को उपचुनाव के लिए साधने का प्रयास भी है। छोटे कारीगरों और उद्यमियों तक भी पहुंचे: उपचुनाव में सरकार छोटे कारीगरों और लघु उद्यमियों की नाराजगी भी दूर करने की कोशिश कर रही है। सीएम योगी विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी दौरे के दौरान कारीगरों और उद्यमियों को ऋण वितरित कर रहे हैं। फूलपुर में 510 करोड़, सीसामऊ में 190 करोड़, खैर में 35 करोड़, मीरापुर में 30 करोड़ और कटेहरी में 211 करोड़ के ऋण वितरित किए गए। वहीं, करहल में 135 महिला स्वयं सहायता समूहों को 8.10 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं- भाजपा उपचुनाव में दलित, पिछड़ों और युवाओं के वास्तविक मुद्दे पर बात नहीं कर रही। भाजपा के पास हिंदुत्व के अलावा कोई कार्ड नहीं है। लेकिन, हिंदुत्व के साथ युवाओं को रोजगार चाहिए। रोजगार मेले लगाना काफी नहीं है, बल्कि ऐसी ठोस नीति बनानी चाहिए जिससे सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन हो। अब जानिए किसकी कहां तक तैयारी भाजपा: सीएम योगी ने सभी 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम-30 को तैनात किया है। वहीं, एक-एक पदाधिकारी को प्रभारी बनाया है। बूथ से लेकर मंडल तक इन सीटों पर पहले चरण की चुनावी तैयारी पूरी हो चुकी है। सीएम योगी हर सप्ताह फीडबैक ले रहे हैं। हालांकि प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा पिछड़ गई। तीन सीटों पर पहले से भाजपा का कब्जा रहा है, जबकि रालोद और संजय निषाद की पार्टी के कब्जे में 1-1 सीट रही है। सपा: 10 सीटों में से 5 पर सपा का कब्जा रहा है। सपा ने 6 सीटों पर अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। मिल्कीपुर में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे और छिबरामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी को टिकट देने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस: कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने 5 सीटों की मांग की। हालांकि फूलपुर सीट पर कांग्रेस की ज्यादा दावेदारी है। प्रयागराज जिले में यह सीट आती है। 24 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रयागराज पहुंचे थे। बसपा: बसपा 14 साल बाद उपचुनाव लड़ रही। तीन सीटों पर प्रत्याशी तय किए हैं। इसमें फूलपुर विधानसभा सीट से शिव बरन पासी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। इसी तरह मिर्जापुर की मझवां सीट से दीपू तिवारी के नाम पर मुहर लगाई है। कटेहरी से पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। ये भी पढ़ें… CM योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं; जनता दरबार में बोले- इलाज में सरकार पूरी मदद करेगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को आश्वासन दिया कि उनका इलाज सर्वोत्तम अस्पतालों में बिना किसी आर्थिक चिंता के होगा। पूरी खबर पढ़ें… अभी यूपी में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। उसके पहले ही 10 में से 7 सीटों वाले जिलों में 5 हजार करोड़ की 8 हजार 518 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो गया। यह सीएम योगी ने इन सीटों पर पहुंचकर किया। 22,500 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे ज्यादा फायदे में अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट रही, जबकि सबसे कम अयोध्या की मिल्कीपुर। उपचुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के बाद एक महीने में योगी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। सिर्फ मुजफ्फरनगर की मीरापुर में कोई घोषणा नहीं की। बाकी 7 सीटों पर जनता को बड़ी सौगातें मिली हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तोड़ना है। इसीलिए सीएम योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर ज्यादा मुखर दिख रहे हैं। अक्टूबर-नवंबर में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ये अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां सीटें हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसलिए योगी ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन से चार बार दौरा कर लिया है। खैर, मैनपुरी, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा किया। गाजियाबाद और मझवां में आने वाले दिनों में दौरा करने वाले हैं। भाजपा से जुड़े नेताओं की मानें, तो सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उपचुनाव की रणनीति तैयार की। इसमें लोकसभा चुनाव में कमजोर रहे पक्षों को उपचुनाव में मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरा उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने की रणनीति तय हुई। साथ ही महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस करना तय हुआ। कटेहरी में सबसे ज्यादा और सबसे कम मिल्कीपुर में घोषणाएं करने के पीछे वजह क्या है? इसे लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि जहां-जहां से निर्माण कार्य की डिमांड आ रही, वहां-वहां काम कराए जा रहे हैं। यह शुरुआत है। गांव-गांव से फीडबैक लिए जा रहे हैं। जैसे-जैसे डिमांड आएगी, काम कराए जाएंगे। अब इन दो बयान से समझिए PDA की चुनौती 1- नवाब ब्रांड: अयोध्या में सपा के एक मुस्लिम कार्यकर्ता को दलित महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कन्नौज में सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी नवाब सिंह यादव को भी एक युवती से रेप मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से सीएम योगी अपनी सभाओं में अयोध्या और कन्नौज के ‘नवाब ब्रांड’ के जरिए महिलाओं को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके जरिए सपा के M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर भी हमला बोला जा रहा है। 2- ‘बटेंगे तो कटेंगे’ से ध्रुवीकरण की कोशिश: सपा की ओर से PDA के नाम पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की राजनीति की जा रही है। सपा ने लोकसभा चुनाव में पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों के वोट बैंक में अच्छी-खासी सेंध भी लगाई है। सरकार और संगठन को खतरा है कि सपा का जाति कार्ड उपचुनाव में सफल हो गया, तो भाजपा को दिक्कत होगी। इसी के चलते योगी ने हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की रणनीति बनाई है। सीएम योगी ने बीते दिनों आगरा में एक सभा को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा, बांग्लादेश में क्या हो रहा है…वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। ‘बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है, सीएम योगी ने इसके जरिए हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की कोशिश की है। अगड़ी, पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों को साफ संदेश है कि अगर उनका वोट बंटा तो भविष्य में दिक्कत हो सकती है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है- सपा के PDA का मुकाबला भाजपा राष्ट्रवाद से ही कर सकती है। सीएम योगी उपचुनाव वाली सीटों पर दौरे में अयोध्या, कन्नौज और बांग्लादेश की घटना का जिक्र करते हुए हिंदुत्व को धार दे रहे हैं। साथ ही अयोध्या और कन्नौज की घटना से महिलाओं के बीच सपा को घेरने का कोई मौका भी नहीं चूक रहे। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में रोजगार बड़ा कारण रहा है, इसलिए रोजगार पर भी फोकस कर रहे हैं। रोजगार, विकास पर योगी कर रहे फोकस युवाओं पर फोकस: लोकसभा चुनाव की समीक्षा में सामने आया कि रोजगार के मुद्दे पर युवाओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया। उपचुनाव में इस समस्या के समाधान के लिए योगी ने हर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेले कराकर स्थानीय युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिलाया। 8 विधानसभा क्षेत्रों में 22,500 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया। फूलपुर में 5000, कुंदरकी में 5000, सीसामऊ में 1000, खैर में 5000, मीरापुर में 5000, कटेहरी में 2500 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके अलावा योगी ने 37,550 विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। फूलपुर में 15,448, करहल में 500, कुंदरकी में 2500, सीसामऊ में 8087, खैर में 1500, मीरापुर में 4415 और कटेहरी में 5100 स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। जानकारों का मानना है, स्मार्टफोन और टैबलेट लेने वाले अधिकतर विद्यार्थी नए मतदाता हैं। टैबलेट और स्मार्टफोन देकर सरकार संदेश देना चाहती है कि युवाओं से किया वादा पूरा किया। इसके जरिए युवाओं को उपचुनाव के लिए साधने का प्रयास भी है। छोटे कारीगरों और उद्यमियों तक भी पहुंचे: उपचुनाव में सरकार छोटे कारीगरों और लघु उद्यमियों की नाराजगी भी दूर करने की कोशिश कर रही है। सीएम योगी विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी दौरे के दौरान कारीगरों और उद्यमियों को ऋण वितरित कर रहे हैं। फूलपुर में 510 करोड़, सीसामऊ में 190 करोड़, खैर में 35 करोड़, मीरापुर में 30 करोड़ और कटेहरी में 211 करोड़ के ऋण वितरित किए गए। वहीं, करहल में 135 महिला स्वयं सहायता समूहों को 8.10 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं- भाजपा उपचुनाव में दलित, पिछड़ों और युवाओं के वास्तविक मुद्दे पर बात नहीं कर रही। भाजपा के पास हिंदुत्व के अलावा कोई कार्ड नहीं है। लेकिन, हिंदुत्व के साथ युवाओं को रोजगार चाहिए। रोजगार मेले लगाना काफी नहीं है, बल्कि ऐसी ठोस नीति बनानी चाहिए जिससे सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन हो। अब जानिए किसकी कहां तक तैयारी भाजपा: सीएम योगी ने सभी 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम-30 को तैनात किया है। वहीं, एक-एक पदाधिकारी को प्रभारी बनाया है। बूथ से लेकर मंडल तक इन सीटों पर पहले चरण की चुनावी तैयारी पूरी हो चुकी है। सीएम योगी हर सप्ताह फीडबैक ले रहे हैं। हालांकि प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा पिछड़ गई। तीन सीटों पर पहले से भाजपा का कब्जा रहा है, जबकि रालोद और संजय निषाद की पार्टी के कब्जे में 1-1 सीट रही है। सपा: 10 सीटों में से 5 पर सपा का कब्जा रहा है। सपा ने 6 सीटों पर अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। मिल्कीपुर में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे और छिबरामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी को टिकट देने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस: कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने 5 सीटों की मांग की। हालांकि फूलपुर सीट पर कांग्रेस की ज्यादा दावेदारी है। प्रयागराज जिले में यह सीट आती है। 24 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रयागराज पहुंचे थे। बसपा: बसपा 14 साल बाद उपचुनाव लड़ रही। तीन सीटों पर प्रत्याशी तय किए हैं। इसमें फूलपुर विधानसभा सीट से शिव बरन पासी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। इसी तरह मिर्जापुर की मझवां सीट से दीपू तिवारी के नाम पर मुहर लगाई है। कटेहरी से पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। ये भी पढ़ें… CM योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं; जनता दरबार में बोले- इलाज में सरकार पूरी मदद करेगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को आश्वासन दिया कि उनका इलाज सर्वोत्तम अस्पतालों में बिना किसी आर्थिक चिंता के होगा। पूरी खबर पढ़ें…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर