अभी यूपी में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। उसके पहले ही 10 में से 7 सीटों वाले जिलों में 5 हजार करोड़ की 8 हजार 518 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो गया। यह सीएम योगी ने इन सीटों पर पहुंचकर किया। 22,500 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे ज्यादा फायदे में अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट रही, जबकि सबसे कम अयोध्या की मिल्कीपुर। उपचुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के बाद एक महीने में योगी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। सिर्फ मुजफ्फरनगर की मीरापुर में कोई घोषणा नहीं की। बाकी 7 सीटों पर जनता को बड़ी सौगातें मिली हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तोड़ना है। इसीलिए सीएम योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर ज्यादा मुखर दिख रहे हैं। अक्टूबर-नवंबर में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ये अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां सीटें हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसलिए योगी ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन से चार बार दौरा कर लिया है। खैर, मैनपुरी, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा किया। गाजियाबाद और मझवां में आने वाले दिनों में दौरा करने वाले हैं। भाजपा से जुड़े नेताओं की मानें, तो सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उपचुनाव की रणनीति तैयार की। इसमें लोकसभा चुनाव में कमजोर रहे पक्षों को उपचुनाव में मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरा उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने की रणनीति तय हुई। साथ ही महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस करना तय हुआ। कटेहरी में सबसे ज्यादा और सबसे कम मिल्कीपुर में घोषणाएं करने के पीछे वजह क्या है? इसे लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि जहां-जहां से निर्माण कार्य की डिमांड आ रही, वहां-वहां काम कराए जा रहे हैं। यह शुरुआत है। गांव-गांव से फीडबैक लिए जा रहे हैं। जैसे-जैसे डिमांड आएगी, काम कराए जाएंगे। अब इन दो बयान से समझिए PDA की चुनौती 1- नवाब ब्रांड: अयोध्या में सपा के एक मुस्लिम कार्यकर्ता को दलित महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कन्नौज में सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी नवाब सिंह यादव को भी एक युवती से रेप मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से सीएम योगी अपनी सभाओं में अयोध्या और कन्नौज के ‘नवाब ब्रांड’ के जरिए महिलाओं को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके जरिए सपा के M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर भी हमला बोला जा रहा है। 2- ‘बटेंगे तो कटेंगे’ से ध्रुवीकरण की कोशिश: सपा की ओर से PDA के नाम पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की राजनीति की जा रही है। सपा ने लोकसभा चुनाव में पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों के वोट बैंक में अच्छी-खासी सेंध भी लगाई है। सरकार और संगठन को खतरा है कि सपा का जाति कार्ड उपचुनाव में सफल हो गया, तो भाजपा को दिक्कत होगी। इसी के चलते योगी ने हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की रणनीति बनाई है। सीएम योगी ने बीते दिनों आगरा में एक सभा को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा, बांग्लादेश में क्या हो रहा है…वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। ‘बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है, सीएम योगी ने इसके जरिए हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की कोशिश की है। अगड़ी, पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों को साफ संदेश है कि अगर उनका वोट बंटा तो भविष्य में दिक्कत हो सकती है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है- सपा के PDA का मुकाबला भाजपा राष्ट्रवाद से ही कर सकती है। सीएम योगी उपचुनाव वाली सीटों पर दौरे में अयोध्या, कन्नौज और बांग्लादेश की घटना का जिक्र करते हुए हिंदुत्व को धार दे रहे हैं। साथ ही अयोध्या और कन्नौज की घटना से महिलाओं के बीच सपा को घेरने का कोई मौका भी नहीं चूक रहे। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में रोजगार बड़ा कारण रहा है, इसलिए रोजगार पर भी फोकस कर रहे हैं। रोजगार, विकास पर योगी कर रहे फोकस युवाओं पर फोकस: लोकसभा चुनाव की समीक्षा में सामने आया कि रोजगार के मुद्दे पर युवाओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया। उपचुनाव में इस समस्या के समाधान के लिए योगी ने हर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेले कराकर स्थानीय युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिलाया। 8 विधानसभा क्षेत्रों में 22,500 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया। फूलपुर में 5000, कुंदरकी में 5000, सीसामऊ में 1000, खैर में 5000, मीरापुर में 5000, कटेहरी में 2500 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके अलावा योगी ने 37,550 विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। फूलपुर में 15,448, करहल में 500, कुंदरकी में 2500, सीसामऊ में 8087, खैर में 1500, मीरापुर में 4415 और कटेहरी में 5100 स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। जानकारों का मानना है, स्मार्टफोन और टैबलेट लेने वाले अधिकतर विद्यार्थी नए मतदाता हैं। टैबलेट और स्मार्टफोन देकर सरकार संदेश देना चाहती है कि युवाओं से किया वादा पूरा किया। इसके जरिए युवाओं को उपचुनाव के लिए साधने का प्रयास भी है। छोटे कारीगरों और उद्यमियों तक भी पहुंचे: उपचुनाव में सरकार छोटे कारीगरों और लघु उद्यमियों की नाराजगी भी दूर करने की कोशिश कर रही है। सीएम योगी विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी दौरे के दौरान कारीगरों और उद्यमियों को ऋण वितरित कर रहे हैं। फूलपुर में 510 करोड़, सीसामऊ में 190 करोड़, खैर में 35 करोड़, मीरापुर में 30 करोड़ और कटेहरी में 211 करोड़ के ऋण वितरित किए गए। वहीं, करहल में 135 महिला स्वयं सहायता समूहों को 8.10 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं- भाजपा उपचुनाव में दलित, पिछड़ों और युवाओं के वास्तविक मुद्दे पर बात नहीं कर रही। भाजपा के पास हिंदुत्व के अलावा कोई कार्ड नहीं है। लेकिन, हिंदुत्व के साथ युवाओं को रोजगार चाहिए। रोजगार मेले लगाना काफी नहीं है, बल्कि ऐसी ठोस नीति बनानी चाहिए जिससे सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन हो। अब जानिए किसकी कहां तक तैयारी भाजपा: सीएम योगी ने सभी 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम-30 को तैनात किया है। वहीं, एक-एक पदाधिकारी को प्रभारी बनाया है। बूथ से लेकर मंडल तक इन सीटों पर पहले चरण की चुनावी तैयारी पूरी हो चुकी है। सीएम योगी हर सप्ताह फीडबैक ले रहे हैं। हालांकि प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा पिछड़ गई। तीन सीटों पर पहले से भाजपा का कब्जा रहा है, जबकि रालोद और संजय निषाद की पार्टी के कब्जे में 1-1 सीट रही है। सपा: 10 सीटों में से 5 पर सपा का कब्जा रहा है। सपा ने 6 सीटों पर अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। मिल्कीपुर में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे और छिबरामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी को टिकट देने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस: कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने 5 सीटों की मांग की। हालांकि फूलपुर सीट पर कांग्रेस की ज्यादा दावेदारी है। प्रयागराज जिले में यह सीट आती है। 24 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रयागराज पहुंचे थे। बसपा: बसपा 14 साल बाद उपचुनाव लड़ रही। तीन सीटों पर प्रत्याशी तय किए हैं। इसमें फूलपुर विधानसभा सीट से शिव बरन पासी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। इसी तरह मिर्जापुर की मझवां सीट से दीपू तिवारी के नाम पर मुहर लगाई है। कटेहरी से पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। ये भी पढ़ें… CM योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं; जनता दरबार में बोले- इलाज में सरकार पूरी मदद करेगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को आश्वासन दिया कि उनका इलाज सर्वोत्तम अस्पतालों में बिना किसी आर्थिक चिंता के होगा। पूरी खबर पढ़ें… अभी यूपी में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। उसके पहले ही 10 में से 7 सीटों वाले जिलों में 5 हजार करोड़ की 8 हजार 518 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो गया। यह सीएम योगी ने इन सीटों पर पहुंचकर किया। 22,500 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे ज्यादा फायदे में अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट रही, जबकि सबसे कम अयोध्या की मिल्कीपुर। उपचुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के बाद एक महीने में योगी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। सिर्फ मुजफ्फरनगर की मीरापुर में कोई घोषणा नहीं की। बाकी 7 सीटों पर जनता को बड़ी सौगातें मिली हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तोड़ना है। इसीलिए सीएम योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर ज्यादा मुखर दिख रहे हैं। अक्टूबर-नवंबर में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ये अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां सीटें हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसलिए योगी ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन से चार बार दौरा कर लिया है। खैर, मैनपुरी, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा किया। गाजियाबाद और मझवां में आने वाले दिनों में दौरा करने वाले हैं। भाजपा से जुड़े नेताओं की मानें, तो सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उपचुनाव की रणनीति तैयार की। इसमें लोकसभा चुनाव में कमजोर रहे पक्षों को उपचुनाव में मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरा उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने की रणनीति तय हुई। साथ ही महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस करना तय हुआ। कटेहरी में सबसे ज्यादा और सबसे कम मिल्कीपुर में घोषणाएं करने के पीछे वजह क्या है? इसे लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि जहां-जहां से निर्माण कार्य की डिमांड आ रही, वहां-वहां काम कराए जा रहे हैं। यह शुरुआत है। गांव-गांव से फीडबैक लिए जा रहे हैं। जैसे-जैसे डिमांड आएगी, काम कराए जाएंगे। अब इन दो बयान से समझिए PDA की चुनौती 1- नवाब ब्रांड: अयोध्या में सपा के एक मुस्लिम कार्यकर्ता को दलित महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कन्नौज में सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी नवाब सिंह यादव को भी एक युवती से रेप मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से सीएम योगी अपनी सभाओं में अयोध्या और कन्नौज के ‘नवाब ब्रांड’ के जरिए महिलाओं को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके जरिए सपा के M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर भी हमला बोला जा रहा है। 2- ‘बटेंगे तो कटेंगे’ से ध्रुवीकरण की कोशिश: सपा की ओर से PDA के नाम पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की राजनीति की जा रही है। सपा ने लोकसभा चुनाव में पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों के वोट बैंक में अच्छी-खासी सेंध भी लगाई है। सरकार और संगठन को खतरा है कि सपा का जाति कार्ड उपचुनाव में सफल हो गया, तो भाजपा को दिक्कत होगी। इसी के चलते योगी ने हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की रणनीति बनाई है। सीएम योगी ने बीते दिनों आगरा में एक सभा को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा, बांग्लादेश में क्या हो रहा है…वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। ‘बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है, सीएम योगी ने इसके जरिए हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की कोशिश की है। अगड़ी, पिछड़ी और दलित वर्ग की जातियों को साफ संदेश है कि अगर उनका वोट बंटा तो भविष्य में दिक्कत हो सकती है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है- सपा के PDA का मुकाबला भाजपा राष्ट्रवाद से ही कर सकती है। सीएम योगी उपचुनाव वाली सीटों पर दौरे में अयोध्या, कन्नौज और बांग्लादेश की घटना का जिक्र करते हुए हिंदुत्व को धार दे रहे हैं। साथ ही अयोध्या और कन्नौज की घटना से महिलाओं के बीच सपा को घेरने का कोई मौका भी नहीं चूक रहे। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में रोजगार बड़ा कारण रहा है, इसलिए रोजगार पर भी फोकस कर रहे हैं। रोजगार, विकास पर योगी कर रहे फोकस युवाओं पर फोकस: लोकसभा चुनाव की समीक्षा में सामने आया कि रोजगार के मुद्दे पर युवाओं ने भाजपा को वोट नहीं दिया। उपचुनाव में इस समस्या के समाधान के लिए योगी ने हर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेले कराकर स्थानीय युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिलाया। 8 विधानसभा क्षेत्रों में 22,500 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया। फूलपुर में 5000, कुंदरकी में 5000, सीसामऊ में 1000, खैर में 5000, मीरापुर में 5000, कटेहरी में 2500 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके अलावा योगी ने 37,550 विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। फूलपुर में 15,448, करहल में 500, कुंदरकी में 2500, सीसामऊ में 8087, खैर में 1500, मीरापुर में 4415 और कटेहरी में 5100 स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए। जानकारों का मानना है, स्मार्टफोन और टैबलेट लेने वाले अधिकतर विद्यार्थी नए मतदाता हैं। टैबलेट और स्मार्टफोन देकर सरकार संदेश देना चाहती है कि युवाओं से किया वादा पूरा किया। इसके जरिए युवाओं को उपचुनाव के लिए साधने का प्रयास भी है। छोटे कारीगरों और उद्यमियों तक भी पहुंचे: उपचुनाव में सरकार छोटे कारीगरों और लघु उद्यमियों की नाराजगी भी दूर करने की कोशिश कर रही है। सीएम योगी विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी दौरे के दौरान कारीगरों और उद्यमियों को ऋण वितरित कर रहे हैं। फूलपुर में 510 करोड़, सीसामऊ में 190 करोड़, खैर में 35 करोड़, मीरापुर में 30 करोड़ और कटेहरी में 211 करोड़ के ऋण वितरित किए गए। वहीं, करहल में 135 महिला स्वयं सहायता समूहों को 8.10 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं- भाजपा उपचुनाव में दलित, पिछड़ों और युवाओं के वास्तविक मुद्दे पर बात नहीं कर रही। भाजपा के पास हिंदुत्व के अलावा कोई कार्ड नहीं है। लेकिन, हिंदुत्व के साथ युवाओं को रोजगार चाहिए। रोजगार मेले लगाना काफी नहीं है, बल्कि ऐसी ठोस नीति बनानी चाहिए जिससे सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन हो। अब जानिए किसकी कहां तक तैयारी भाजपा: सीएम योगी ने सभी 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम-30 को तैनात किया है। वहीं, एक-एक पदाधिकारी को प्रभारी बनाया है। बूथ से लेकर मंडल तक इन सीटों पर पहले चरण की चुनावी तैयारी पूरी हो चुकी है। सीएम योगी हर सप्ताह फीडबैक ले रहे हैं। हालांकि प्रत्याशी घोषित करने में भाजपा पिछड़ गई। तीन सीटों पर पहले से भाजपा का कब्जा रहा है, जबकि रालोद और संजय निषाद की पार्टी के कब्जे में 1-1 सीट रही है। सपा: 10 सीटों में से 5 पर सपा का कब्जा रहा है। सपा ने 6 सीटों पर अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। मिल्कीपुर में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे और छिबरामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी को टिकट देने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस: कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने 5 सीटों की मांग की। हालांकि फूलपुर सीट पर कांग्रेस की ज्यादा दावेदारी है। प्रयागराज जिले में यह सीट आती है। 24 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रयागराज पहुंचे थे। बसपा: बसपा 14 साल बाद उपचुनाव लड़ रही। तीन सीटों पर प्रत्याशी तय किए हैं। इसमें फूलपुर विधानसभा सीट से शिव बरन पासी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। इसी तरह मिर्जापुर की मझवां सीट से दीपू तिवारी के नाम पर मुहर लगाई है। कटेहरी से पवन पांडेय के बेटे प्रतीक पांडेय को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। ये भी पढ़ें… CM योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं; जनता दरबार में बोले- इलाज में सरकार पूरी मदद करेगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को आश्वासन दिया कि उनका इलाज सर्वोत्तम अस्पतालों में बिना किसी आर्थिक चिंता के होगा। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में कलह? राज्यसभा सीट से लेकर मंत्री पद तक खुलकर सामने आए मतभेद
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में कलह? राज्यसभा सीट से लेकर मंत्री पद तक खुलकर सामने आए मतभेद <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Politics in Mahayuti:</strong> महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार और राज्यसभा नामांकन जैसे अनसुलझे मुद्दों को लेकर खुली चेतावनियों के बीच सत्तारूढ़ महायुत्ति गठबंधन में तनाव बढ़ रहा है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को रिक्त राज्यसभा सीट के लिए मनोनीत किए जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में असंतोष की खबरें सामने आई हैं. इस कदम से एनसीपी में असंतोष भड़क गया है. विशेष रूप से वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने नाराजगी व्यक्त की है, जो राज्यसभा सदस्य बनना चाहते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल ने पार्टी की निर्णय प्रक्रिया में दरकिनार किए जाने की भावना का संकेत देते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों चुनावों के लिए टिकट आवंटन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि “उन्हें टिकट न दिए जाने के पीछे कारण हो सकते हैं. कभी-कभी यह नियति या किसी प्रकार की मजबूरी होती है.” उन्होंने इस सवाल पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया कि क्या वंशवाद की राजनीति के चलते ऐसा हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छगन भुजबल ने जताई नाराजगी?</strong><br />यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा और राज्यसभा टिकट को लेकर उनके साथ अन्याय हुआ है, भुजबल ने स्पष्ट रूप से नाराज होते हुए कहा कि यह सवाल “उनसे पूछा जाना चाहिए. सांसद बनने की मेरी इच्छा है. इसलिए मैं नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार था. मुझे बताया गया कि दिल्ली में मेरा टिकट तय हो गया है, मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन जब नाम की घोषणा का फैसला एक महीने तक लटका रहा, तो मैंने काम बंद कर दिया, क्योंकि काफी अपमान हो चुका था.” फिलहाल नासिक से शिवसेना के हेमंत गोडसे को टिकट मिला, जो चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) के प्रतिद्वंद्वी राजाभाऊ वाजे से हार गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैबिनेट मंत्री भुजबल सुनेत्रा पवार के नामांकन के बाद नाराज हैं. मीडिया में आई इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर NCP अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सहयोगी ने खुद बताया है वह नाराज नहीं हैं. अजित पवार ने कहा कि विपक्ष समेत कुछ लोग और हमारे करीबी दोस्त ऐसी खबरें फैला रहे हैं, लेकिन इनमें कोई सच्चाई नहीं है. अजित ने बताया कि जब उनकी पत्नी ने नामांकन पत्र दाखिल किया तो प्रफुल्ल पटेल और भुजबल समेत राकांपा के प्रमुख नेता मौजूद थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुनेत्रा पवार ने किया नामांकन</strong><br />इन आंतरिक टकरावों के बीच सुनेत्रा पवार ने बारामती से लोकसभा चुनावों में अपनी हालिया हार के बाद आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए राकांपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है. महाराष्ट्र में एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव 25 जून को होना है. फरवरी में राज्यसभा सदस्य चुने गए राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है. हालांकि, सुनेत्रा पवार का निर्विरोध चुना जाना तय है, क्योंकि वह एकमात्र उम्मीदवार हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक अन्य घटनाक्रम में शिवसेना विधायक संजय शिरसत ने महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस मुद्दे को और लंबा खींचा गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को कैबिनेट विस्तार के प्रति सुस्त रवैये के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. जून 2022 में पदभार संभालने के बाद से केवल दो विस्तार हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंत्री पद के संभावित उम्मीदवार शिरसत ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आगामी मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर स्पष्टता दिखाने और गठबंधन में तनाव बढ़ने से रोकने के लिए निर्णायक घोषणा करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है. शिरसत ने कहा कि “हर कोई मंत्री बनना चाहता है, लेकिन कोई भी ऐसा नहीं कहता है. आप इसे लंबे समय तक नहीं खींच सकते. ठोस निर्णय लेने का समय आ गया है. अगर मंत्रिमंडल विस्तार में और देरी हुई तो परिणाम बुरे होंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री अब्दुल सत्तार ने की ये मांग</strong><br />इन राजनीतिक हलचलों के बीच गठबंधन सरकार में अनिश्चितता और असंतोष पनप रहा है और महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य चुनौतियों व आंतरिक सत्ता संघर्षों से गुजर रहा है. राज्य के मंत्री अब्दुल सत्तार ने जालना लोकसभा सीट से वरिष्ठ नेता रावसाहेब दानवे की हार के लिए <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> सरकार से उन्हें निष्कासित करने की मांग करने वाले बीजेपी नेताओं पर शुक्रवार को पलटवार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सत्तार की विधानसभा सीट सिल्लोड के बीजेपी नेताओं ने उनके निष्कासन की मांग करते हुए राज्य नेतृत्व को पत्र लिखा है. साल 1999 से जालना से सांसद रहे दानवे को 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a>ों में कांग्रेस के कल्याण काले ने 1 लाख से अधिक मतों से हराया है. सत्तार ने उन बीजेपी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “अगर वह (दानवे) जीतते, तो वे सारा श्रेय लेते, लेकिन जब वह हार गए हैं तो मुझे दोष दे रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार प्याज संकट के तत्‌काल समाधान की आवश्यकता के बारे में मुखरता दिखाते हुए किसानों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्याज के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित करने के महत्व पर जोर दिया है. पुणे में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार ने कहा कि अगर उन्हें केंद्र में राज्य मंत्री पद की पेशकश की जाती है तो वह इसका स्वागत करेंगी. एक पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि “बेशक, अगर मौका मिला तो मैं निश्चित रूप से इस अवसर का लाभ उठाऊंगी.”</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”BJP अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का बड़ा बयान, ‘महाराष्ट्र में विपक्ष की सरकार आ गई तो PM मोदी की…” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/chandrashekhar-bawankule-bjp-mahayuti-on-mva-lok-sabha-elections-result-maharashtra-vidhan-sabha-elections-ann-2715053″ target=”_self”>BJP अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का बड़ा बयान, ‘महाराष्ट्र में विपक्ष की सरकार आ गई तो PM मोदी की…'</a></strong></p>
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ओम बिरला ने भगवान मथुराधीश मंदिर में किए दर्शन, कहा- धार्मिक पर्यटन सर्किट से जुड़ेंगे कोटा के प्रमुख मंदिर
ओम बिरला ने भगवान मथुराधीश मंदिर में किए दर्शन, कहा- धार्मिक पर्यटन सर्किट से जुड़ेंगे कोटा के प्रमुख मंदिर <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Krishna Janmashtami 2024:</strong> लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला ने जन्माष्टमी पर्व पर पाटनपोल स्थित प्रथम पीठ भगवान मथुराधीश जी मंदिर के दर्शन राष्ट्र की उन्नति और सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की. इस दौरान उन्होंने यहां प्रस्तावित कोरिडॉर और परिक्रमा मार्ग के निर्माण को लेकर अधिकारियों से चर्चा की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ओम बिरला ने कहा कि वल्लभ सम्प्रदाय के प्रथम पीठ के रूप में मथुराधीश जी मंदिर लाखों कृष्ण भक्तों की आस्था का केंद्र हैं, देश भर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मंदिर परिक्षेत्र और परिक्रमा मार्ग के पुनर्विकास को लेकर लंबे समय से लोगों की मांग थी. संकरे रास्ते, ठहरने और अन्य सुविधाओं के अभाव से श्रद्धालुओं को दिक्कतें आती हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां भव्य कॉरिडोर का निर्माण होगा. कोटा को धार्मिक पर्यटन सर्किट से जोड़ेंगे ताकि क्षेत्र में धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रीकृष्ण गमन पथ में कोटा शामिल</strong><br />विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रीकृष्ण गमन पथ के निर्माण की घोषणा की है. मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकार मिलकर इसका निर्माण करेगी. भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा वृंदावन से लेकर उज्जैन तक बनने जा रहा यह कृष्ण गमन पथ में कोटा को भी शामिल किया गया है. इसके निर्माण के बाद कोटा में देशभर से श्रद्धालु मधुराधीश जी, चरण चौकी और भगवान केशवराय जी के दर्शन के लिए आएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि आज राजस्थान के सभी जिलों में जनमाष्टमी महोत्सव की धूम देखने को मिली. सीएम भजनलाल शर्मा ने भी मंदिर में दर्शन कर प्रदेश की उन्नति और खुशहाली की कामना की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Janmashtami Special: हिन्दू हो या मुसलमान, यहां सभी श्रीकृष्ण को बनाते हैं अपना ‘बिजनेस पाटर्नर’, ये है खास परंपरा” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/janmashtami-celebration-in-panna-hindu-muslim-diamond-miners-make-lord-krishna-their-business-partners-ann-2769145″ target=”_blank” rel=”noopener”>Janmashtami Special: हिन्दू हो या मुसलमान, यहां सभी श्रीकृष्ण को बनाते हैं अपना ‘बिजनेस पाटर्नर’, ये है खास परंपरा</a></strong></p>
राजस्थान: भरतपुर में चला नगर निगम का बुलडोजर, दो मंजिला दुकान ध्वस्त
राजस्थान: भरतपुर में चला नगर निगम का बुलडोजर, दो मंजिला दुकान ध्वस्त <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर की नगर निगम ने आज सोमवार (28 अक्टूबर) को अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. नगर निगम की टीम ने तिलक नगर के सामने सेनेटरी की दो मंजिला दुकान पर बुलडोजर चलाकर ढहा दिया. दुकान को तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन और बुलडोजर को बुलाया गया. एहतिआत के तौर पर आसपास के मकानों को खाली करवाया गया. कार्रवाई के दौरान अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस की टीम मौजूद थी.<br /><br />गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भरतपुर दौरे के दौरान शहर के सौंदर्यीकरण का प्लान अधिकारियों से चर्चा कर बनाया गया है. अब जिला प्रशासन शहर में अवैध अतिक्रमण को चिन्हित करने के लिए हरकत में आ गया है. अतिक्रमण करने वाले लोगों को निगम की तरफ से अतिक्रमण हटाने के लिये नोटिस दिए जा रहे है. शहर में अस्थाई और स्थाई अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.<br /><br /><strong>क्या कहना है नगर निगम आयुक्त का?</strong><br />नगर निगम के आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई ने बताया कि अटल बंद थाना इलाके में तिलक नगर के सामने गलबलिया ट्रेडर्स के नाम से सेनेटरी की दो मंजिला दुकान है. वह दुकान अतिक्रमण में थी. इसके लिए पहले भी नोटिस दिया हुआ था. जिसके बाद से दुकान का मालिक हाईकोर्ट में चला गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने दुकान को अवैध निर्माण में होना बताया. CFCD की ड्रेनेज बाउंड्री से 30 फुट तक बफर जोन रहता है. दुकान का कुछ हिस्सा CFCD में आ रहा था. हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार दुकान के अतिक्रमण को हटाया गया है.<br /><br /><strong>जल्द की जाएगी कार्रवाई</strong><br />दुकान के आसपास कई ऐसे निर्माण हैं जिन पर दीपावली के बाद कार्रवाई की जाएगी. CFCD के 80 फुट एरिया में जो भी अतिक्रमण हैं उन्हें हटाया जाएगा. यह कार्रवाई जल्द ही कि जाएगी. जो निर्माण अवैध निर्माण अतिक्रमण में आ रहे हैं, उन्हें भी नोटिस दे दिया गया है. जिन पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Rajasthan By Poll: राजस्थान में सभी दलों ने बदली रणनीति? कोई पत्नी तो किसी को बेटे से जीत की उम्मीद” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-by-election-2024-bjp-and-congress-bap-and-rlp-are-contesting-poll-ann-2812415″ target=”_self”>Rajasthan By Poll: राजस्थान में सभी दलों ने बदली रणनीति? कोई पत्नी तो किसी को बेटे से जीत की उम्मीद</a></strong></p>