हरियाणा के असंध विधानसभा में भाजपा ने जिलेराम शर्मा का टिकट काट दिया और जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा को टिकट दे दिया है। जिलेराम शर्मा ने अपने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए है और अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई। सूत्रों की माने तो मीटिंग में पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं जिलेराम शर्मा ने अपने कार्यालय के बाहर लगे भाजपा के पोस्टर तक हटा दिए। अब चर्चा है कि जिलेराम शर्मा जेजेपी से या फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। राजनीतिक सफर जिलेराम शर्मा का राजनीतिक सफर सरपंच से शुरू हुआ। उसकी पत्नी भी सरपंच रह चुकी हैं। इसके अलावा जिलेराम ब्लॉक अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में वो सीपीएस के पद पर भी रहे हैं। जिलेराम को हुड्डा ग्रुप का नेता माना जाता था। उनके ऊपर कोर्ट में मामला चल रहा था। जिसमें कोर्ट ने उनको कुछ समय पहले ही क्लीन चिट दी है। ये मामला उनके ऊपर कांग्रेस की सरकार में ही दर्ज हुआ था। 2009 में शर्मा ने असंध विधानसभा से हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी पर टिकट लड़े थे और जीते भी थे। उसके बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था, जहां पर दूसरे नंबर पर वोट हासिल की थी। 6 माह पहले की थी भाजपा ज्वाइन बता दें कि, जिलेराम शर्मा 6 माह पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उन्हें पार्टी को जॉइन कराई थी। इसके अलावा कार्यक्रम में उस समय के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी भी मौजूद थे। जिलेराम शर्मा ने जिस दिन भाजपा जॉइन की थी, उसी रात को मनोहर लाल खट्टर ने CM पद से इस्तीफा दिया था और अगले दिन नायब सैनी को पार्टी ने सीएम बनाया था। भाजपा को नुकसान जिलेराम शर्मा इस उम्मीद में भाजपा में शामिल हुए थे कि उन्हें असंध सीट से भाजपा विधानसभा का टिकट देगी। बीजेपी ने साफ छवि वाले योगेंद्र राणा को मौका दिया। जिलेराम शर्मा पूर्व सरपंच कर्म सिंह कंबोपुरा के हत्याकांड मामले में ट्रायल पर रहे थे, हालांकि सीबीआई की विशेष अदालत ने उनको बरी कर दिया था, लेकिन मृतक कर्म सिंह के बेटे राजेंद्र सिंह ने सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। जिसके बाद से ही जिलेराम शर्मा की टिकट पर काली घटाएं छाई हुई थी। ऐसे में आज उन्होंने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वे जेजेपी या फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर जीत की राह आसान नहीं होगी। हरियाणा के असंध विधानसभा में भाजपा ने जिलेराम शर्मा का टिकट काट दिया और जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा को टिकट दे दिया है। जिलेराम शर्मा ने अपने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए है और अपने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई। सूत्रों की माने तो मीटिंग में पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं जिलेराम शर्मा ने अपने कार्यालय के बाहर लगे भाजपा के पोस्टर तक हटा दिए। अब चर्चा है कि जिलेराम शर्मा जेजेपी से या फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। राजनीतिक सफर जिलेराम शर्मा का राजनीतिक सफर सरपंच से शुरू हुआ। उसकी पत्नी भी सरपंच रह चुकी हैं। इसके अलावा जिलेराम ब्लॉक अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में वो सीपीएस के पद पर भी रहे हैं। जिलेराम को हुड्डा ग्रुप का नेता माना जाता था। उनके ऊपर कोर्ट में मामला चल रहा था। जिसमें कोर्ट ने उनको कुछ समय पहले ही क्लीन चिट दी है। ये मामला उनके ऊपर कांग्रेस की सरकार में ही दर्ज हुआ था। 2009 में शर्मा ने असंध विधानसभा से हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी पर टिकट लड़े थे और जीते भी थे। उसके बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था, जहां पर दूसरे नंबर पर वोट हासिल की थी। 6 माह पहले की थी भाजपा ज्वाइन बता दें कि, जिलेराम शर्मा 6 माह पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उन्हें पार्टी को जॉइन कराई थी। इसके अलावा कार्यक्रम में उस समय के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी भी मौजूद थे। जिलेराम शर्मा ने जिस दिन भाजपा जॉइन की थी, उसी रात को मनोहर लाल खट्टर ने CM पद से इस्तीफा दिया था और अगले दिन नायब सैनी को पार्टी ने सीएम बनाया था। भाजपा को नुकसान जिलेराम शर्मा इस उम्मीद में भाजपा में शामिल हुए थे कि उन्हें असंध सीट से भाजपा विधानसभा का टिकट देगी। बीजेपी ने साफ छवि वाले योगेंद्र राणा को मौका दिया। जिलेराम शर्मा पूर्व सरपंच कर्म सिंह कंबोपुरा के हत्याकांड मामले में ट्रायल पर रहे थे, हालांकि सीबीआई की विशेष अदालत ने उनको बरी कर दिया था, लेकिन मृतक कर्म सिंह के बेटे राजेंद्र सिंह ने सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। जिसके बाद से ही जिलेराम शर्मा की टिकट पर काली घटाएं छाई हुई थी। ऐसे में आज उन्होंने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वे जेजेपी या फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर जीत की राह आसान नहीं होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दिल्ली पुलिस ने 6 बालिग पहलवानों के केस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A और D के तहत चार्जशीट दाखिल की है। विनोद तोमर के खिलाफ धारा 109, 354, 354 (A), 506 के तहत चार्जशीट दायर की गई है। बालिग पहलवानों के केस की चार्जशीट की 5 अहम बातें
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किसान नेता रतन मान ने कहा कि गेहूं की बुआई शुरू हो गई है, लेकिन सरकार ने DAP खाद के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। सरकार को सीजन से पहले ही सारी व्यवस्थाएं कर लेनी चाहिए थीं। DAP खाद लेने के लिए लोग दो-दो दिन से लाइन में खड़े हैं। इसके बावजूद कई किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण किसानों को गेहूं की बुआई में देरी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार पराली जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज कर जुर्माना भी लगा रही है। यह सरकार की नाकामी है। सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए। प्रबंधन के अभाव में लोग पराली जला रहे हैं। दर्शनपाल सिंह बोले- दोबारा आंदोलन खड़ा होगा
किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि दिल्ली आंदोलन के बाद किसानों को ताकत मिली है। संयुक्त किसान मोर्चा मिलकर लड़ रहा है। पराली, MSP, कर्जा मुक्ति, जमीन समेत हमारी कई मांगें हैं। उसके लिए हमारी लड़ाई जारी है। पूरे देश के किसान हरियाणा और पंजाब के किसानों की तरफ देख रहे हैं। उन्हें यह पता है कि ये लोग आगे आएंगे और किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ेंगे। हम लगातार सरकार को अपनी मांगें बता रहे हैं। दोबारा आंदोलन खड़ा होगा।