<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar CM Nitish Kumar:</strong> बिहार में लगभग एक दर्जन विधायकों और विधान पार्षदों को राज्य मंत्री की तरह सुविधा मिलने जा रही है. मंगलवार (10 सितंबर) को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी है. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने खजाना खोला है. ऐसे में कई विधायकों और विधान पार्षदों के लिए बल्ले-बल्ले हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सरकार ने जिन विधायकों और पार्षदों के लिए यह फैसला लिया है वो मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं. अब इस फैसले से बिहार विधानसभा और विधान परिषद में सत्तारूढ़ गठबंधन के सचेतकों को राज्य मंत्री की तरह वेतन, भत्ता और बाकी सुविधा दी जाएगी. सत्तारूढ़ गठबंधन के सचेतकों को मंत्री की तरह सुख-सुविधा देने की परंपरा नीतीश कुमार ने ही शुरू की थी. पहले उन्हें उप मंत्री का दर्जा दिया जाता था. अब उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन 9 विधायकों को मिलेगी राज्य मंत्री वाली सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार विधानसभा में जेडीयू और बीजेपी ने 9 विधायकों को सत्तारूढ़ गठबंधन का सचेतक नियुक्त कर रखा है. ऐसे में जिन 9 विधायकों कैबिनेट के फैसले के बाद लाभ मिलने वाला है उनमें विजय कुमार मंडल, आलोक रंजन, कृष्ण कुमार ऋषि, हरिभूषण ठाकुर बचौल, संजय सरावगी, बीरेंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, सुधांशु शेखर और गोपाल मंडल शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार विधान परिषद में भी दो सचेतकों की नियुक्ति की गई है. नीरज कुमार और रीना यादव सत्तारूढ़ दोनों गठबंधन के सचेतक हैं. इन सारे विधायकों और विधान पार्षदों को पहले उप मंत्री का दर्जा दिया गया था. राज्य मंत्री का दर्जा मिलने के बाद वेतन भत्ता बढ़ जाएगा. यात्रा के लिए सुविधा बढ़ेगी. इतना ही नहीं बल्कि वे कई निजी लोगों को अपना कर्मचारी नियुक्त कर पाएंगे. सबसे बड़ी बात है कि उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों की तरह सरकार से वेतन मिलेगा. एक मंत्री को ऐसे पांच निजी कर्मचारी रखने का अधिकार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुछ नेताओं को पहले से मिल रही सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि विधानसभा में बीजेपी के जनक सिंह उप मुख्य सचेतक हैं, उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है. विधान परिषद में जेडीयू के संजय कुमार सिंह मुख्य सचेतक हैं, बीजेपी के राजेंद्र गुप्ता और ललन सर्राफ उप नेता हैं, इन तीनों को कैबिनेट मंत्री की सुविधा हासिल है. वहीं विधान परिषद में ही बीजेपी के संजय मयूख उप मुख्य सचेतक हैं और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-cabinet-meeting-46-agendas-approved-by-chief-minister-nitish-kumar-ann-2780509″>Bihar News: पटना में मॉल की सुविधा के साथ बनेंगे तीन फाइव स्टार होटल, नीतीश कैबिनेट ने लगाई 46 एजेंडों पर मुहर</a><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar CM Nitish Kumar:</strong> बिहार में लगभग एक दर्जन विधायकों और विधान पार्षदों को राज्य मंत्री की तरह सुविधा मिलने जा रही है. मंगलवार (10 सितंबर) को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी है. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने खजाना खोला है. ऐसे में कई विधायकों और विधान पार्षदों के लिए बल्ले-बल्ले हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सरकार ने जिन विधायकों और पार्षदों के लिए यह फैसला लिया है वो मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं. अब इस फैसले से बिहार विधानसभा और विधान परिषद में सत्तारूढ़ गठबंधन के सचेतकों को राज्य मंत्री की तरह वेतन, भत्ता और बाकी सुविधा दी जाएगी. सत्तारूढ़ गठबंधन के सचेतकों को मंत्री की तरह सुख-सुविधा देने की परंपरा नीतीश कुमार ने ही शुरू की थी. पहले उन्हें उप मंत्री का दर्जा दिया जाता था. अब उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन 9 विधायकों को मिलेगी राज्य मंत्री वाली सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार विधानसभा में जेडीयू और बीजेपी ने 9 विधायकों को सत्तारूढ़ गठबंधन का सचेतक नियुक्त कर रखा है. ऐसे में जिन 9 विधायकों कैबिनेट के फैसले के बाद लाभ मिलने वाला है उनमें विजय कुमार मंडल, आलोक रंजन, कृष्ण कुमार ऋषि, हरिभूषण ठाकुर बचौल, संजय सरावगी, बीरेंद्र सिंह, राजकुमार सिंह, सुधांशु शेखर और गोपाल मंडल शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार विधान परिषद में भी दो सचेतकों की नियुक्ति की गई है. नीरज कुमार और रीना यादव सत्तारूढ़ दोनों गठबंधन के सचेतक हैं. इन सारे विधायकों और विधान पार्षदों को पहले उप मंत्री का दर्जा दिया गया था. राज्य मंत्री का दर्जा मिलने के बाद वेतन भत्ता बढ़ जाएगा. यात्रा के लिए सुविधा बढ़ेगी. इतना ही नहीं बल्कि वे कई निजी लोगों को अपना कर्मचारी नियुक्त कर पाएंगे. सबसे बड़ी बात है कि उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों की तरह सरकार से वेतन मिलेगा. एक मंत्री को ऐसे पांच निजी कर्मचारी रखने का अधिकार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुछ नेताओं को पहले से मिल रही सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि विधानसभा में बीजेपी के जनक सिंह उप मुख्य सचेतक हैं, उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है. विधान परिषद में जेडीयू के संजय कुमार सिंह मुख्य सचेतक हैं, बीजेपी के राजेंद्र गुप्ता और ललन सर्राफ उप नेता हैं, इन तीनों को कैबिनेट मंत्री की सुविधा हासिल है. वहीं विधान परिषद में ही बीजेपी के संजय मयूख उप मुख्य सचेतक हैं और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है.</p>
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