मां बोली- छोड़ने के 1.80 लाख लिए, फिर एनकाउंटर किया:मैनपुरी में लूट के समय बेटा दिल्ली में था, सिपाही ने 10 वॉट्सऐप कॉल किए

मां बोली- छोड़ने के 1.80 लाख लिए, फिर एनकाउंटर किया:मैनपुरी में लूट के समय बेटा दिल्ली में था, सिपाही ने 10 वॉट्सऐप कॉल किए

‘मेरा बेटा दिल्ली में काम करता है। रक्षाबंधन पर घर आया था। अगले दिन दोस्त के घर गया। 21 अगस्त की रात पुलिस ने उठा लिया। 8 दिन तक हम लोग इस थाने से उस थाने तक तलाशते रहे। कुछ पता नहीं चला। सिपाही-दरोगा ने छोड़ने के लिए 1.80 लाख रुपए लिए। 29 अगस्त को खबर मिली कि मेरे बेटे और उसके दोस्त को पुलिस ने पैर में गोली मार दी है। मैं बेटे से मिलने पहुंची तो उसने बताया, 8 दिन तक मुझे उल्टा लटकाकर पीटते रहे। फिर आंख में पट्टी बांधकर पैर में गोली मार दी।’ ये शब्द मैनपुरी जिले की मिथिलेश यादव के हैं। मिथिलेश के बेटे गौरव और उसके दोस्त शरीफ को पुलिस ने 4 अगस्त को फिरोजाबाद के सिरसागंज में हुई लूट के आरोप में एनकाउंटर के बाद पकड़ा। दोनों को पैर में गोली लगी है। शरीफ की मां और बहन दावा करती हैं कि जिस दिन की घटना है, उस दिन मेरा बेटा यहां नहीं था। इस बात को पुख्ता करने के लिए वह भाई का CCTV फुटेज दिखाती है। दावा करती है, फुटेज दिल्ली का है। इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे परिवार वालों से दैनिक भास्कर ने मुलाकात की। उस सिपाही से भी बात की, जिसने आरोपी गौरव के भाई को 10 बार वॉट्सऐप कॉल किए। आरोप है कि उससे 1.80 लाख रुपए भी लिए। सबसे पहले लूट और पुलिस एनकाउंटर की कहानी… तीन बदमाश आए और व्यापारी से 7 लाख लूटकर भाग गए
फिरोजाबाद के सिरसागंज कस्बे में राकेश कुमार जैन की दुकान है। वह रोज सुबह 8 बजे घर से दुकान के लिए निकलते हैं। 4 अगस्त, 2024 को भी वह पैसों से भरा बैग लेकर स्कूटी से निकले थे। दुकान पहुंचने वाले ही थे कि रास्ते में पल्सर बाइक सवार तीन बदमाश आए और बैग छीनकर भाग गए। जहां ये घटना हुई, वहां से थाने की दूरी 500 मीटर है। जब तक पुलिस एक्टिव हुई, बदमाश फरार हो गए। राकेश जैन ने बताया कि उनके बैग में कुल 7 लाख रुपए थे। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए टीम बनाई। एसओजी और एसटीएफ भी लगी। CCTV फुटेज निकलवाए गए। उसे सर्कुलेट करवाया गया। 29 अगस्त की शाम करीब साढ़े 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि लूट में शामिल दो आरोपी नगला खंजर की तरफ से उखरंड की तरफ आने वाले हैं। मुखबिर की इस सूचना के बाद सिरसागंज के थाना इंचार्ज वैभव कुमार सिंह, चौकी प्रभारी कठफोरी अजय अवाना, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सिपाही राहुल कुमार पुलिस फोर्स लेकर भदान रोड पर नगला गडरिया मोड़ पर पहुंचे। यहां दोनों आरोपी पल्सर पर आते दिखे। पुलिस को देखकर दोनों भागने लगे। उनकी बाइक गिर गई। फिर दोनों ने पुलिस पर फायरिंग झोंक दी। बचाव में पुलिस ने गोली चलाई। दोनों के पैर में गोली लगी और पकड़े गए। उनके पास से एक 315 बोर तमंचा, 2 कारतूस और 21,520 रुपए कैश मिले। एनकाउंटर के बाद पुलिस ने यह दावा किया। दोनों आरोपियों गौरव और शरीफ को गिरफ्तार करने के बाद FIR में भी यही बात लिखी, लेकिन पुलिस की थ्योरी पर परिवार सवाल खड़े कर रहा है। अब परिवार क्या आरोप लगा रहा…
दैनिक भास्कर पकड़े गए दोनों आरोपियों के घर पहुंचा। पहले हम मैनपुरी के सलूकनगर में गौरव यादव के घर गए। यहां उसकी मां मिथिलेश यादव मिलीं। वह कहती हैं- मेरे तीन बेटे हैं। पति की 2007 में ही मौत हो गई थी। इसके बाद बच्चों को किसी तरह पढ़ाया। 4 अगस्त को सिरसागंज में हुई लूट में बेटे के शामिल होने के सवाल पर वह कहती हैं- मेरा बेटा दिल्ली में था। वहां नौकरी करता है। रक्षाबंधन पर घर आया था। मेरी बहन की बेटी ने उसे राखी बांधी थी। 22 अगस्त को उसे दिल्ली लौटना था, लेकिन 21 अगस्त की रात ही उसे पकड़ लिया गया। हमने सवाल किया, कहां से पकड़ा गया? मिथिलेश कहती हैं- 21 अगस्त को वह अपने दोस्त शरीफ के पास चला गया। रात में वहीं रहा। रात डेढ़ बजे सादे कपड़ों में पुलिस आई और दोनों को वहां से उठा लिया। 23 अगस्त को गौरव के भाई शैलेंद्र ने एसपी फिरोजाबाद को अपने भाई को लेकर पत्र लिखा। उसमें उन्होंने लिखा- 21 अगस्त की रात क्राइम ब्रांच फिरोजाबाद मेरे भाई को उठाकर ले गई। लेकिन भाई को कहां रखा गया, इसके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा। पुलिस ने अब तक भाई का चालान भी नहीं किया। पुलिस मेरे भाई को किसी झूठे केस में फंसा सकती है या फिर उसका एनकाउंटर कर सकती है। यह पत्र उन्होंने पुलिस के ई-पोर्टल पर भी भेजा। परिवार का आरोप- पुलिसवालों ने 1.80 लाख रुपए लिए
गौरव के परिवार ने इस मामले में एक सिपाही राहुल कुमार और SI सुनील कुमार नाम लिया। सिपाही राहुल की गौरव के परिवार से पुरानी पहचान थी। गौरव की मां कहती हैं- राहुल से अपने बेटे के बारे में पूछा तो वह कहने लगे, उसे कोई दिक्कत नहीं। पनीर खिला रहे, RO का पानी पिला रहे हैं। जल्द ही उसे छोड़ दिया जाएगा। मिथिलेश यादव का बड़ा बेटा धीरेंद्र बिहार पुलिस में हैं। वह कहते हैं- मेरे बीच वाले भाई शैलेंद्र के पास सिपाही राहुल ने लगातार फोन करना शुरू कर दिया। कहा, पैसे लगेंगे और छोड़ दिया जाएगा। छोड़ने की बात पर हम सभी ने पैसे का इंतजाम किया। गांव के ही एक सरकारी हॉस्पिटल में 26 अगस्त को राहुल और SI सुनील कुमार आए। राहुल ने खुद 80 हजार रुपए लिए और सुनील को 1 लाख रुपए दिलवाए। यह भी कहा कि कल-परसों में गौरव को छोड़ दिया जाएगा। मिथिलेश कहती हैं- पैसा लेने के बाद भी दोनों ने मेरे बेटे को नहीं छोड़ा और 28 अगस्त को गोली मार दी। मैं फिरोजाबाद के सरकारी अस्पताल में पहुंची, तो गौरव बेड पर पड़ा था। उसने बताया, पुलिस ने 8 दिन तक उल्टा लटकाकर पीटा। फिर सब लोग मुझे लेकर गए, आंख पर पट्टी बांधी और पैर में गोली मार दी। इतना कहने के बाद वह रोने लगा। मैं भी रोने लगी तो मुझे पुलिसवालों ने वहां से भगा दिया। मेरा बेटा बीमार है, उसका इलाज भी चल रहा है। दूसरे आरोपी की बहन का दावा- भाई दिल्ली में था
दूसरे आरोपी शरीफ का घर फिरोजाबाद जिले के नगला खुशहाली में था। हमें शरीफ की मां आशिया बेगम, बहन शबाना और बहनोई इदरीश खान मिले। आशिया कहती हैं- मेरे बेटे को हर बार गलत केस में फंसा देते हैं, जबकि उसका कोई रोल ही नहीं होता। मैं विधवा महिला कहां से पैसा लाकर उसकी जमानत करवाऊं? मैं तो खुद ही अपनी बेटी के घर रह रही हूं। शबाना अपने भाई की बेगुनाही का सबूत CCTV फुटेज के जरिए देती हैं। इस फुटेज के जरिए शबाना दावा करती हैं कि 4 अगस्त को जब यहां लूट हुई, तब मेरा भाई दिल्ली में अपना काम कर रहा था। सिपाही ने कहा- आरोप फर्जी हैं, मैंने पैसे नहीं लिए
गौरव ने परिवार ने जिन दो पुलिसकर्मियों को पैसा देने का दावा किया था। हम उनसे मिलने सिरसागंज थाने गए। वहां हमें राहुल कुमार नहीं मिले, लेकिन SI सुनील कुमार मिले। सुनील कहते हैं- कहने को तो परिवार कुछ भी कह सकता है। हमने कोई पैसा नहीं लिया। हम तो गौरव के परिवार से मिले भी नहीं। हालांकि बाद में सुनील कहते हैं कि मैं गौरव के गांव गया था। अगर कहीं उनका भाई मेरे पास खड़ा हो, तो अलग बात है। दूसरे सिपाही राहुल से हमने फोन पर बात की। वह कहते हैं- ये लोग मेरे पुराने जानकार हैं, रिश्तेदारी में आते हैं। अब इनका बेटा क्रिमिनल है, तो कैसे बचा सकते हैं। उसे तो कानून के हिसाब से सजा मिलेगी। बाकी पैसे का आरोप सही नहीं है। हमने कोई पैसा नहीं लिया। चूंकि राहुल ने गौरव के भाई को करीब 10 बार वॉट्सऐप पर कॉल किया था। इसलिए हमने इसका कारण पूछा। वह इसके बारे में साफ-साफ कुछ भी नहीं बता पाए। गौरव के भाई धीरेंद्र कहते हैं- जिस सरकारी अस्पताल में हमने पुलिसवालों को पैसा दिया था, वहां CCTV भी लगा है। हमने CCTV फुटेज निकलवाने के लिए संपर्क किया। लेकिन, वहां के डॉक्टर का कहना है कि कुछ खराबी के चलते अभी बंद हो गया है। जैसे ही चलेगा, हम उस दिन का फुटेज दे देंगे। कितने बड़े अपराधी हैं दोनों… दोनों हिस्ट्रीशीटर, 18 से ज्यादा मामले दर्ज हैं
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, आरोपी शरीफ फिरोजाबाद के सिरसागंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट में शामिल है। आसपास के जिलों में 17 केस दर्ज हैं। इनमें लूट, छिनैती जैसे मामले शामिल हैं। वहीं, गौरव यादव मैनपुरी जिले के बरनाहल थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर भी 16 केस दर्ज हैं। हमने इस पूरे मामले पर फिरोजाबाद के एसपी सौरभ दीक्षित से बात की। वह कहते हैं- अगर परिवार के पास CCTV फुटेज और वॉट्सऐप कॉल की डिटेल है, तो उन्हें हमारे पास आना चाहिए। हम पूरे मामले की जांच करवाएंगे। पुलिस किसी के साथ गलत नहीं करेगी। अगर कोई गलत करेगा, तो हम और हमारे बड़े अफसर कार्रवाई करने के लिए हैं। ये खबर भी पढ़ें… यूपी में यादव से ज्यादा ब्राह्मण-ठाकुरों का एनकाउंटर:साढ़े सात साल में 207 आरोपी ढेर, इनमें 67 मुस्लिम; मुठभेड़ का हिसाब-किताब दैनिक भास्कर ने योगी सरकार के साढ़े 7 साल के कार्यकाल के दौरान पुलिस मुठभेड़ की लिस्ट चेक की। देखा- किन बदमाशों पर कितना इनाम था, कितने केस दर्ज थे और उनकी जाति क्या थी? कितने पुलिस वालों ने जान गंवाई, किस जोन में सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए? पढ़िए सिलसिलेवार… ‘मेरा बेटा दिल्ली में काम करता है। रक्षाबंधन पर घर आया था। अगले दिन दोस्त के घर गया। 21 अगस्त की रात पुलिस ने उठा लिया। 8 दिन तक हम लोग इस थाने से उस थाने तक तलाशते रहे। कुछ पता नहीं चला। सिपाही-दरोगा ने छोड़ने के लिए 1.80 लाख रुपए लिए। 29 अगस्त को खबर मिली कि मेरे बेटे और उसके दोस्त को पुलिस ने पैर में गोली मार दी है। मैं बेटे से मिलने पहुंची तो उसने बताया, 8 दिन तक मुझे उल्टा लटकाकर पीटते रहे। फिर आंख में पट्टी बांधकर पैर में गोली मार दी।’ ये शब्द मैनपुरी जिले की मिथिलेश यादव के हैं। मिथिलेश के बेटे गौरव और उसके दोस्त शरीफ को पुलिस ने 4 अगस्त को फिरोजाबाद के सिरसागंज में हुई लूट के आरोप में एनकाउंटर के बाद पकड़ा। दोनों को पैर में गोली लगी है। शरीफ की मां और बहन दावा करती हैं कि जिस दिन की घटना है, उस दिन मेरा बेटा यहां नहीं था। इस बात को पुख्ता करने के लिए वह भाई का CCTV फुटेज दिखाती है। दावा करती है, फुटेज दिल्ली का है। इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे परिवार वालों से दैनिक भास्कर ने मुलाकात की। उस सिपाही से भी बात की, जिसने आरोपी गौरव के भाई को 10 बार वॉट्सऐप कॉल किए। आरोप है कि उससे 1.80 लाख रुपए भी लिए। सबसे पहले लूट और पुलिस एनकाउंटर की कहानी… तीन बदमाश आए और व्यापारी से 7 लाख लूटकर भाग गए
फिरोजाबाद के सिरसागंज कस्बे में राकेश कुमार जैन की दुकान है। वह रोज सुबह 8 बजे घर से दुकान के लिए निकलते हैं। 4 अगस्त, 2024 को भी वह पैसों से भरा बैग लेकर स्कूटी से निकले थे। दुकान पहुंचने वाले ही थे कि रास्ते में पल्सर बाइक सवार तीन बदमाश आए और बैग छीनकर भाग गए। जहां ये घटना हुई, वहां से थाने की दूरी 500 मीटर है। जब तक पुलिस एक्टिव हुई, बदमाश फरार हो गए। राकेश जैन ने बताया कि उनके बैग में कुल 7 लाख रुपए थे। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए टीम बनाई। एसओजी और एसटीएफ भी लगी। CCTV फुटेज निकलवाए गए। उसे सर्कुलेट करवाया गया। 29 अगस्त की शाम करीब साढ़े 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि लूट में शामिल दो आरोपी नगला खंजर की तरफ से उखरंड की तरफ आने वाले हैं। मुखबिर की इस सूचना के बाद सिरसागंज के थाना इंचार्ज वैभव कुमार सिंह, चौकी प्रभारी कठफोरी अजय अवाना, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सिपाही राहुल कुमार पुलिस फोर्स लेकर भदान रोड पर नगला गडरिया मोड़ पर पहुंचे। यहां दोनों आरोपी पल्सर पर आते दिखे। पुलिस को देखकर दोनों भागने लगे। उनकी बाइक गिर गई। फिर दोनों ने पुलिस पर फायरिंग झोंक दी। बचाव में पुलिस ने गोली चलाई। दोनों के पैर में गोली लगी और पकड़े गए। उनके पास से एक 315 बोर तमंचा, 2 कारतूस और 21,520 रुपए कैश मिले। एनकाउंटर के बाद पुलिस ने यह दावा किया। दोनों आरोपियों गौरव और शरीफ को गिरफ्तार करने के बाद FIR में भी यही बात लिखी, लेकिन पुलिस की थ्योरी पर परिवार सवाल खड़े कर रहा है। अब परिवार क्या आरोप लगा रहा…
दैनिक भास्कर पकड़े गए दोनों आरोपियों के घर पहुंचा। पहले हम मैनपुरी के सलूकनगर में गौरव यादव के घर गए। यहां उसकी मां मिथिलेश यादव मिलीं। वह कहती हैं- मेरे तीन बेटे हैं। पति की 2007 में ही मौत हो गई थी। इसके बाद बच्चों को किसी तरह पढ़ाया। 4 अगस्त को सिरसागंज में हुई लूट में बेटे के शामिल होने के सवाल पर वह कहती हैं- मेरा बेटा दिल्ली में था। वहां नौकरी करता है। रक्षाबंधन पर घर आया था। मेरी बहन की बेटी ने उसे राखी बांधी थी। 22 अगस्त को उसे दिल्ली लौटना था, लेकिन 21 अगस्त की रात ही उसे पकड़ लिया गया। हमने सवाल किया, कहां से पकड़ा गया? मिथिलेश कहती हैं- 21 अगस्त को वह अपने दोस्त शरीफ के पास चला गया। रात में वहीं रहा। रात डेढ़ बजे सादे कपड़ों में पुलिस आई और दोनों को वहां से उठा लिया। 23 अगस्त को गौरव के भाई शैलेंद्र ने एसपी फिरोजाबाद को अपने भाई को लेकर पत्र लिखा। उसमें उन्होंने लिखा- 21 अगस्त की रात क्राइम ब्रांच फिरोजाबाद मेरे भाई को उठाकर ले गई। लेकिन भाई को कहां रखा गया, इसके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा। पुलिस ने अब तक भाई का चालान भी नहीं किया। पुलिस मेरे भाई को किसी झूठे केस में फंसा सकती है या फिर उसका एनकाउंटर कर सकती है। यह पत्र उन्होंने पुलिस के ई-पोर्टल पर भी भेजा। परिवार का आरोप- पुलिसवालों ने 1.80 लाख रुपए लिए
गौरव के परिवार ने इस मामले में एक सिपाही राहुल कुमार और SI सुनील कुमार नाम लिया। सिपाही राहुल की गौरव के परिवार से पुरानी पहचान थी। गौरव की मां कहती हैं- राहुल से अपने बेटे के बारे में पूछा तो वह कहने लगे, उसे कोई दिक्कत नहीं। पनीर खिला रहे, RO का पानी पिला रहे हैं। जल्द ही उसे छोड़ दिया जाएगा। मिथिलेश यादव का बड़ा बेटा धीरेंद्र बिहार पुलिस में हैं। वह कहते हैं- मेरे बीच वाले भाई शैलेंद्र के पास सिपाही राहुल ने लगातार फोन करना शुरू कर दिया। कहा, पैसे लगेंगे और छोड़ दिया जाएगा। छोड़ने की बात पर हम सभी ने पैसे का इंतजाम किया। गांव के ही एक सरकारी हॉस्पिटल में 26 अगस्त को राहुल और SI सुनील कुमार आए। राहुल ने खुद 80 हजार रुपए लिए और सुनील को 1 लाख रुपए दिलवाए। यह भी कहा कि कल-परसों में गौरव को छोड़ दिया जाएगा। मिथिलेश कहती हैं- पैसा लेने के बाद भी दोनों ने मेरे बेटे को नहीं छोड़ा और 28 अगस्त को गोली मार दी। मैं फिरोजाबाद के सरकारी अस्पताल में पहुंची, तो गौरव बेड पर पड़ा था। उसने बताया, पुलिस ने 8 दिन तक उल्टा लटकाकर पीटा। फिर सब लोग मुझे लेकर गए, आंख पर पट्टी बांधी और पैर में गोली मार दी। इतना कहने के बाद वह रोने लगा। मैं भी रोने लगी तो मुझे पुलिसवालों ने वहां से भगा दिया। मेरा बेटा बीमार है, उसका इलाज भी चल रहा है। दूसरे आरोपी की बहन का दावा- भाई दिल्ली में था
दूसरे आरोपी शरीफ का घर फिरोजाबाद जिले के नगला खुशहाली में था। हमें शरीफ की मां आशिया बेगम, बहन शबाना और बहनोई इदरीश खान मिले। आशिया कहती हैं- मेरे बेटे को हर बार गलत केस में फंसा देते हैं, जबकि उसका कोई रोल ही नहीं होता। मैं विधवा महिला कहां से पैसा लाकर उसकी जमानत करवाऊं? मैं तो खुद ही अपनी बेटी के घर रह रही हूं। शबाना अपने भाई की बेगुनाही का सबूत CCTV फुटेज के जरिए देती हैं। इस फुटेज के जरिए शबाना दावा करती हैं कि 4 अगस्त को जब यहां लूट हुई, तब मेरा भाई दिल्ली में अपना काम कर रहा था। सिपाही ने कहा- आरोप फर्जी हैं, मैंने पैसे नहीं लिए
गौरव ने परिवार ने जिन दो पुलिसकर्मियों को पैसा देने का दावा किया था। हम उनसे मिलने सिरसागंज थाने गए। वहां हमें राहुल कुमार नहीं मिले, लेकिन SI सुनील कुमार मिले। सुनील कहते हैं- कहने को तो परिवार कुछ भी कह सकता है। हमने कोई पैसा नहीं लिया। हम तो गौरव के परिवार से मिले भी नहीं। हालांकि बाद में सुनील कहते हैं कि मैं गौरव के गांव गया था। अगर कहीं उनका भाई मेरे पास खड़ा हो, तो अलग बात है। दूसरे सिपाही राहुल से हमने फोन पर बात की। वह कहते हैं- ये लोग मेरे पुराने जानकार हैं, रिश्तेदारी में आते हैं। अब इनका बेटा क्रिमिनल है, तो कैसे बचा सकते हैं। उसे तो कानून के हिसाब से सजा मिलेगी। बाकी पैसे का आरोप सही नहीं है। हमने कोई पैसा नहीं लिया। चूंकि राहुल ने गौरव के भाई को करीब 10 बार वॉट्सऐप पर कॉल किया था। इसलिए हमने इसका कारण पूछा। वह इसके बारे में साफ-साफ कुछ भी नहीं बता पाए। गौरव के भाई धीरेंद्र कहते हैं- जिस सरकारी अस्पताल में हमने पुलिसवालों को पैसा दिया था, वहां CCTV भी लगा है। हमने CCTV फुटेज निकलवाने के लिए संपर्क किया। लेकिन, वहां के डॉक्टर का कहना है कि कुछ खराबी के चलते अभी बंद हो गया है। जैसे ही चलेगा, हम उस दिन का फुटेज दे देंगे। कितने बड़े अपराधी हैं दोनों… दोनों हिस्ट्रीशीटर, 18 से ज्यादा मामले दर्ज हैं
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, आरोपी शरीफ फिरोजाबाद के सिरसागंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट में शामिल है। आसपास के जिलों में 17 केस दर्ज हैं। इनमें लूट, छिनैती जैसे मामले शामिल हैं। वहीं, गौरव यादव मैनपुरी जिले के बरनाहल थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर भी 16 केस दर्ज हैं। हमने इस पूरे मामले पर फिरोजाबाद के एसपी सौरभ दीक्षित से बात की। वह कहते हैं- अगर परिवार के पास CCTV फुटेज और वॉट्सऐप कॉल की डिटेल है, तो उन्हें हमारे पास आना चाहिए। हम पूरे मामले की जांच करवाएंगे। पुलिस किसी के साथ गलत नहीं करेगी। अगर कोई गलत करेगा, तो हम और हमारे बड़े अफसर कार्रवाई करने के लिए हैं। ये खबर भी पढ़ें… यूपी में यादव से ज्यादा ब्राह्मण-ठाकुरों का एनकाउंटर:साढ़े सात साल में 207 आरोपी ढेर, इनमें 67 मुस्लिम; मुठभेड़ का हिसाब-किताब दैनिक भास्कर ने योगी सरकार के साढ़े 7 साल के कार्यकाल के दौरान पुलिस मुठभेड़ की लिस्ट चेक की। देखा- किन बदमाशों पर कितना इनाम था, कितने केस दर्ज थे और उनकी जाति क्या थी? कितने पुलिस वालों ने जान गंवाई, किस जोन में सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए? पढ़िए सिलसिलेवार…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर