हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशध्यक्ष रामबिलास शर्मा के खिलाफ एक पुजारी की पत्नी ने करोड़ों रुपए हड़ने का संगीन आरोप लगा है। इसमें उनके बेटे गौतम शर्मा सहित अन्य लोगों को शामिल किया गया। इस शिकायत के आधार पर हरियाणा के एडिशनल होम सेक्रेटरी ने आदेश जारी कर तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज करने के आदेश का एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि रामबिलास शर्मा के बेटे ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। बता दें कि महेंद्रगढ़ से टिकट मांग रहे रामबिलास की सीट को बीजेपी ने होल्ड पर किया हुआ है। दो सूची में भी नाम नहीं आने पर एक दिन पहले ही रामबिलास शर्मा ने बिना टिकट मिले ही आज नामांकन भरने का ऐलान किया है। इसके तुरंत बाद रामबिलास शर्मा के खिलाफ पुजारी कैलाश चंद शर्मा की पत्नी नीलम शर्मा के नाम से दी गई यह लेटर 4 सितंबर का बताया जा रहा है। ये शिकायत इसी साल 19 अगस्त को की गई थी। हालांकि दैनिक भास्कर इस वायरल लेटर की पुष्टि नहीं करता। वायरल लेटर में कई संगीन आरोप दरअसल, 19 अगस्त 2024 को महेंद्रगढ़ के भागोत गांव निवासी पुजारी कैलाश चंद शर्मा की पत्नी नीलम शर्मा ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, गृहमंत्री, हरियाणा पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक नारनौल और मानवाधिकार आयोग शिकायत भेजी, जिसमें बताया कि उसके पति कैलाश पुजारी पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के राजनीतिक प्रभाव में आकर उनके झांसे में आ गए। जिस कारण मंत्री ने उनको बार-बार अपने कामों व खर्चों में प्रयोग किया। उनके पति ने बहकावे में आकर अपने करोड़ों रुपए की धन दौलत रामबिलास शर्मा के प्रचार, नकदी, खाने-पीने, रैली के खर्चे, ज्वेलरी, लड़की की शादी, पिता के काज, दामाद के इलाज, सतनाली के फार्म हाउस का निर्माण तथा नई गाड़ी आदि दिलवाने में खर्च कर दी। रामबिलास शर्मा ने 15 करोड़ रुपए नकद भी ले लिए। इस प्रकार उसके पति ने रामबिलास शर्मा के ऊपर 20 वर्षों में करीब 22 करोड़ रुपए लगा दिए। उसके पति ने पाइप फैक्ट्री की पूरी कमाई उस पर लगा दी। जब उसके पति के पास कोई पैसा नहीं बचा तब रामबिलास शर्मा ने उसके पति को दुत्कार दिया। बार-बार उसके पति द्वारा दी गई नकद रकम और खर्च किए गए करोड़ों राशि जब वापस मांगी गई तो राजनीतिक प्रभाव के कारण उसके बेटे मोहित को झूठे पॉक्सो एक्ट में बंद करवा दिया। उसके पति पर एक चेक का केस डलवा दिया, जमीन पर दावा डलवा दिया। पुरानी पुश्तैनी हवेली पर कब्जा कर लिया। खेती की जमीन की ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन कटवा दिया। रामबिलास के बेटे ने आरोपों को नकारा वायरल लेटर को लेकर रामबिलास शर्मा के बेटे गौतम शर्मा ने कहा कि ये हमारे खिलाफ एक षड़यंत्र है। ये पुरानी चीजें चुनाव के वक्त में हमारे खिलाफ षड़यंत्र के तहत उछाली जा रही है। इन शिकायतों में कोई दम नहीं है। रामबिलास की टिकट होल्ड की 3 वजह 1. रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से विधायक रह चुके हैं। 2019 का चुनाव इसी सीट से मंत्री रहते हुए हार गए थे। पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे और RSS के फीडबैक में रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली। अंदर खाने उनसे कार्यकर्ता भी नाराज बताए गए। जिसकी वजह से पार्टी ने टिकट देने में जल्दबाजी नहीं की। 2. रामबिलास शर्मा जिस महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव लड़ते हैं। वह सीट अहीरवाल बेल्ट में आती है और यहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस का दबदबा है। राव इंद्रजीत सिंह को महेंद्रगढ़ सीट पर रामबिलास को टिकट देने में कोई आपत्ति नहीं थी। जबकि दूसरे बड़े नेताओं की रामबिलास की राव इंद्रजीत सिंह से नजदीकियां रास नहीं आई। जिसकी वजह यहां प्रत्याशी की घोषणा दो सूची में भी नहीं हुई। केंद्रीय मंत्री से नजदीकी के कारण ही 3 महीनें पहले रामबिलास शर्मा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बनते-बनते भी रह गए। 3. महेंद्रगढ़ सीट पर RSS से जुड़े रिटायर्ड टीचर कैलाश चंद पाली ने 5 दिन पहले खुद को बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर बताते हुए नामांकन भी दाखिल कर दिया। कैलाश चंद का दावा था कि उन्होंने आरएसएस के कहने पर ही पर्चा दाखिल किया है। जिसके बाद रामबिलास ने बगावती संकेत दिए। प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए राम बिलास ने इशारों ही इशारों में पार्टी को नसीहत भी दी। 5 बार विधायक बने, दो बार अध्यक्ष, अब टिकट पर संकट बता दें कि रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। वह दो बार 1991 और 2013 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 2014 का विधानसभा चुनाव पार्टी ने उनकी ही अगुवाई में लड़ा। लेकिन सीएम पद का दावेदार होने के बावजूद उन्हें दरकिनार कर मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि वह मनोहर लाल की अगुवाई वाली सरकार में दूसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे लेकिन 2019 के चुनाव में मिली हार ने हालात पूरी तरह बदल दिए। इस बार भी टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा था पर पार्टी ने पहले जारी की दोनों सूची में उनका नाम भी दर्ज नहीं किया। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशध्यक्ष रामबिलास शर्मा के खिलाफ एक पुजारी की पत्नी ने करोड़ों रुपए हड़ने का संगीन आरोप लगा है। इसमें उनके बेटे गौतम शर्मा सहित अन्य लोगों को शामिल किया गया। इस शिकायत के आधार पर हरियाणा के एडिशनल होम सेक्रेटरी ने आदेश जारी कर तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज करने के आदेश का एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि रामबिलास शर्मा के बेटे ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। बता दें कि महेंद्रगढ़ से टिकट मांग रहे रामबिलास की सीट को बीजेपी ने होल्ड पर किया हुआ है। दो सूची में भी नाम नहीं आने पर एक दिन पहले ही रामबिलास शर्मा ने बिना टिकट मिले ही आज नामांकन भरने का ऐलान किया है। इसके तुरंत बाद रामबिलास शर्मा के खिलाफ पुजारी कैलाश चंद शर्मा की पत्नी नीलम शर्मा के नाम से दी गई यह लेटर 4 सितंबर का बताया जा रहा है। ये शिकायत इसी साल 19 अगस्त को की गई थी। हालांकि दैनिक भास्कर इस वायरल लेटर की पुष्टि नहीं करता। वायरल लेटर में कई संगीन आरोप दरअसल, 19 अगस्त 2024 को महेंद्रगढ़ के भागोत गांव निवासी पुजारी कैलाश चंद शर्मा की पत्नी नीलम शर्मा ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, गृहमंत्री, हरियाणा पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक नारनौल और मानवाधिकार आयोग शिकायत भेजी, जिसमें बताया कि उसके पति कैलाश पुजारी पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के राजनीतिक प्रभाव में आकर उनके झांसे में आ गए। जिस कारण मंत्री ने उनको बार-बार अपने कामों व खर्चों में प्रयोग किया। उनके पति ने बहकावे में आकर अपने करोड़ों रुपए की धन दौलत रामबिलास शर्मा के प्रचार, नकदी, खाने-पीने, रैली के खर्चे, ज्वेलरी, लड़की की शादी, पिता के काज, दामाद के इलाज, सतनाली के फार्म हाउस का निर्माण तथा नई गाड़ी आदि दिलवाने में खर्च कर दी। रामबिलास शर्मा ने 15 करोड़ रुपए नकद भी ले लिए। इस प्रकार उसके पति ने रामबिलास शर्मा के ऊपर 20 वर्षों में करीब 22 करोड़ रुपए लगा दिए। उसके पति ने पाइप फैक्ट्री की पूरी कमाई उस पर लगा दी। जब उसके पति के पास कोई पैसा नहीं बचा तब रामबिलास शर्मा ने उसके पति को दुत्कार दिया। बार-बार उसके पति द्वारा दी गई नकद रकम और खर्च किए गए करोड़ों राशि जब वापस मांगी गई तो राजनीतिक प्रभाव के कारण उसके बेटे मोहित को झूठे पॉक्सो एक्ट में बंद करवा दिया। उसके पति पर एक चेक का केस डलवा दिया, जमीन पर दावा डलवा दिया। पुरानी पुश्तैनी हवेली पर कब्जा कर लिया। खेती की जमीन की ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन कटवा दिया। रामबिलास के बेटे ने आरोपों को नकारा वायरल लेटर को लेकर रामबिलास शर्मा के बेटे गौतम शर्मा ने कहा कि ये हमारे खिलाफ एक षड़यंत्र है। ये पुरानी चीजें चुनाव के वक्त में हमारे खिलाफ षड़यंत्र के तहत उछाली जा रही है। इन शिकायतों में कोई दम नहीं है। रामबिलास की टिकट होल्ड की 3 वजह 1. रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से विधायक रह चुके हैं। 2019 का चुनाव इसी सीट से मंत्री रहते हुए हार गए थे। पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे और RSS के फीडबैक में रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली। अंदर खाने उनसे कार्यकर्ता भी नाराज बताए गए। जिसकी वजह से पार्टी ने टिकट देने में जल्दबाजी नहीं की। 2. रामबिलास शर्मा जिस महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव लड़ते हैं। वह सीट अहीरवाल बेल्ट में आती है और यहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस का दबदबा है। राव इंद्रजीत सिंह को महेंद्रगढ़ सीट पर रामबिलास को टिकट देने में कोई आपत्ति नहीं थी। जबकि दूसरे बड़े नेताओं की रामबिलास की राव इंद्रजीत सिंह से नजदीकियां रास नहीं आई। जिसकी वजह यहां प्रत्याशी की घोषणा दो सूची में भी नहीं हुई। केंद्रीय मंत्री से नजदीकी के कारण ही 3 महीनें पहले रामबिलास शर्मा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बनते-बनते भी रह गए। 3. महेंद्रगढ़ सीट पर RSS से जुड़े रिटायर्ड टीचर कैलाश चंद पाली ने 5 दिन पहले खुद को बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर बताते हुए नामांकन भी दाखिल कर दिया। कैलाश चंद का दावा था कि उन्होंने आरएसएस के कहने पर ही पर्चा दाखिल किया है। जिसके बाद रामबिलास ने बगावती संकेत दिए। प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए राम बिलास ने इशारों ही इशारों में पार्टी को नसीहत भी दी। 5 बार विधायक बने, दो बार अध्यक्ष, अब टिकट पर संकट बता दें कि रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। वह दो बार 1991 और 2013 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 2014 का विधानसभा चुनाव पार्टी ने उनकी ही अगुवाई में लड़ा। लेकिन सीएम पद का दावेदार होने के बावजूद उन्हें दरकिनार कर मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि वह मनोहर लाल की अगुवाई वाली सरकार में दूसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे लेकिन 2019 के चुनाव में मिली हार ने हालात पूरी तरह बदल दिए। इस बार भी टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा था पर पार्टी ने पहले जारी की दोनों सूची में उनका नाम भी दर्ज नहीं किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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