पहले रैकी और फिर सूना मकान देख एबुंलेंस में सवार होकर महिला और दो चोर घर के बाहर पहुंचे। कुछ सैकेंड के भीतर ही तीनों घर के अंदर दाखिल हो गए। अभी चोरों ने सामान इधर-उधर खंगालना शुरू ही किया था कि पीछे से घर की मालकिन आ धमकी। उसे देखकर चोरों के होश उड़ गए। महिला को धक्का देकर तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन शोर शुनकर एकत्रित हुई भीड़ ने तीनों को मौके पर ही दबोच लिया। तीनों के खिलाफ खोल थाना में केस दर्ज किया गया है। दरअसल, रेवाड़ी जिले के गांव निमोठ निवासी उमराव सिंह की पत्नी सुरेश बताया कि वह 21 जून को अपने किसी काम काम से घर से बाहर गई हुई थी। घर पर परिवार का कोई सदस्य नहीं था। इसी दौरान घर को सूना देखकर चोर उसके घर में दाखिल हो गए। वह दोपहर के समय जब घर पहुंची तो बाहर मारूति वैन खड़ी नजर आई, जिसके आगे-पीछे एंबुलेंस लिखा हुआ था। एंबुलेंस को घर के बाहर खड़ा देख उसके होश उड़ गए। सुरेश देवी तेजी से घर में दाखिल हुई। पड़ोसियों की मदद से पकड़े गए अंदर जाकर देखा तो एक महिला सहित तीन चोर घर में घुसे हुए थे। तीनों ने उसके कमरों में रखा सामान इधर–उधर बिखरा पड़ा था। सुरेश देवी ने तीनों को रोकने की कोशिश की तो उसे धक्का देकर भागने लेगे। तभी सुरेश देवी ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर सुरेश के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई। पडोसी कंवर सिंह, बब्लू व सतपाल की मदद से तीनों को काबू किया गया। साथ ही इसकी सूचना तुरंत डहीना चौकी पुलिस को दी गई। सूचना के फौरन बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एक बिहार तो दो गुरुग्राम के रहने वाले पुलिस ने पूछताछ की तो तीनों आरोपियों की पहचान बिहार के जिला नावदा के गांव हरला निवासी जाहेद, जिला गुरुग्राम के गांव खलीलपुर निवासी अनिल कुमार व मुस्कान के रूप में हुई है। तीनों को शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। पीड़ित महिला सुरेश देवी के अनुसार, समय पर घर पहुंचने की वजह से उसका सामान चोरी होने से बच गया। पहले रैकी और फिर सूना मकान देख एबुंलेंस में सवार होकर महिला और दो चोर घर के बाहर पहुंचे। कुछ सैकेंड के भीतर ही तीनों घर के अंदर दाखिल हो गए। अभी चोरों ने सामान इधर-उधर खंगालना शुरू ही किया था कि पीछे से घर की मालकिन आ धमकी। उसे देखकर चोरों के होश उड़ गए। महिला को धक्का देकर तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन शोर शुनकर एकत्रित हुई भीड़ ने तीनों को मौके पर ही दबोच लिया। तीनों के खिलाफ खोल थाना में केस दर्ज किया गया है। दरअसल, रेवाड़ी जिले के गांव निमोठ निवासी उमराव सिंह की पत्नी सुरेश बताया कि वह 21 जून को अपने किसी काम काम से घर से बाहर गई हुई थी। घर पर परिवार का कोई सदस्य नहीं था। इसी दौरान घर को सूना देखकर चोर उसके घर में दाखिल हो गए। वह दोपहर के समय जब घर पहुंची तो बाहर मारूति वैन खड़ी नजर आई, जिसके आगे-पीछे एंबुलेंस लिखा हुआ था। एंबुलेंस को घर के बाहर खड़ा देख उसके होश उड़ गए। सुरेश देवी तेजी से घर में दाखिल हुई। पड़ोसियों की मदद से पकड़े गए अंदर जाकर देखा तो एक महिला सहित तीन चोर घर में घुसे हुए थे। तीनों ने उसके कमरों में रखा सामान इधर–उधर बिखरा पड़ा था। सुरेश देवी ने तीनों को रोकने की कोशिश की तो उसे धक्का देकर भागने लेगे। तभी सुरेश देवी ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर सुरेश के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई। पडोसी कंवर सिंह, बब्लू व सतपाल की मदद से तीनों को काबू किया गया। साथ ही इसकी सूचना तुरंत डहीना चौकी पुलिस को दी गई। सूचना के फौरन बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एक बिहार तो दो गुरुग्राम के रहने वाले पुलिस ने पूछताछ की तो तीनों आरोपियों की पहचान बिहार के जिला नावदा के गांव हरला निवासी जाहेद, जिला गुरुग्राम के गांव खलीलपुर निवासी अनिल कुमार व मुस्कान के रूप में हुई है। तीनों को शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। पीड़ित महिला सुरेश देवी के अनुसार, समय पर घर पहुंचने की वजह से उसका सामान चोरी होने से बच गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में सरकार बचाने को BJP का सियासी खेल:2 विधायक इस्तीफा देंगे, बदले में टिकट पक्की, भाजपा के पास विपक्ष से 1 विधायक ज्यादा होगा
हरियाणा में सरकार बचाने को BJP का सियासी खेल:2 विधायक इस्तीफा देंगे, बदले में टिकट पक्की, भाजपा के पास विपक्ष से 1 विधायक ज्यादा होगा हरियाणा में सरकार बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सियासी खेल शुरू कर दिया है। जल्द ही 2 विधायक अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देंगे। इसके बदले में भाजपा उन्हें सितंबर-अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट देगी। इसको लेकर चंडीगढ़ में CM सैनी की विधायकों को दी गई डिनर पार्टी में रणनीति बन चुकी है। केंद्र में NDA की सरकार बनते ही इस सियासी खेल को अमली जामा पहनाना शुरू हो जाएगा। सरकार बचाने की इस मुहिम में भाजपा के पास विपक्ष से 1 विधायक ज्यादा हो जाएगा। हरियाणा विधानसभा में लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद नंबर गेम बदल चुका है। 90 सदस्यों की विधानसभा में 87 मेंबर ही बचे हैं। कौन इस्तीफा देगा हरियाणा विधानसभा से जजपा से बागी हो चुके 2 विधायक अपनी सदस्यता से इस्तीफा देंगे। इनमें JJP के MLA जोगीराम सिहाग (बरवाला) और राम निवास सुरजाखेड़ा (नरवाना) का नाम है। हाल ही में इन दोनों विधायकों ने चंडीगढ़ में सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मीटिंग की थी। मीटिंग में विधानसभा में सरकार की स्थिति को देखते हुए सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री ने दोनों जजपा विधायकों के साथ इसको लेकर चर्चा की गई थी। जिसके बाद तय हुआ था कि वे अपनी सदस्यता से इस्तीफा देंगे, जिसके बदले में उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट दी जाएगी। सरकार का मौजूदा गणित हरियाणा में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के साथ ही विधानसभा का गुणा-गणित बदल चुका है। CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा के सदन में 41 विधायक पूरे हो चुके हैं। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इन दोनों का साथ पाकर विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 43 हो गई है। हालांकि सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा में 87 सदस्य ही बचे हैं। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। इस्तीफे के बाद का गणित जजपा ने अभी बागी हुए जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा दोनों विधायकों के खिलाफ विधानसभा में एक याचिका डाली हुई है। इस याचिका में दोनों विधायकों के द्वारा बीजेपी के समर्थन के ऐलान पर दलबदलू कानून के तहत सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। इसके सबूत भी जजपा की ओर से दिए गए हैं। यदि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता इन दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर देते हैं तो सरकार के खिलाफ विपक्ष के विधायकों की संख्या 2 कम हो जाएगी। जिसका फायदा यदि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है उसमें भाजपा को मिलेगा।हालांकि भाजपा की रणनीति के तहत स्पीकर के फैसले से पहले दोनों विधायक इस्तीफा दे देंगे। जिसके बाद विपक्ष दलों की संख्या पर असर पड़ेगा। अभी विपक्ष के पास कुल 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29 ( वरुण चौधरी को छोड़कर) जजपा के 10, 4 निर्दलीय और 1 इनेलो के अभय चौटाला शामिल हैं। JJP के 2 विधायकों के इस्तीफे के बाद विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जो भाजपा से एक कम होगी। अल्पमत की नौबत क्यों आई? तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दियाहरियाणा में 7 मई को भाजपा को झटका देते हुए 3 निर्दलीय विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। 3 विधायकों-सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने समर्थन वापसी के साथ यह भी ऐनान किया था कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। तीनों विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की थी। जिसके बाद भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई थी। इससे पहले तीनों विधायकों के समर्थन से भाजपा ने जजपा से गठबंधन तोड़कर सरकार बनाई थी। विपक्ष की रणनीति क्या?हरियाणा सरकार के अल्पमत में होने का दावा करने वाली कांग्रेस ने अब आगे की रणनीति बना ली है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 10 जून को कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुला ली है। इस मीटिंग में प्रदेश में विधानसभा भंग करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। मीटिंग में यह भी तय किया जाएगा कि गवर्नर द्वारा जवाब नहीं दिए जाने को लेकर क्या करना चाहिए। भाजपा को सरकार बचाना जरूरी क्यों?… इसकी दो वजहें लोकसभा में क्लीन स्वीप नहीं कर पाई भाजपा के लिए हरियाणा में सरकार बचाने की पहली वजह यह है कि वह लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप नहीं कर पाई। जबकि 2019 में भाजपा ने सूबे की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में वह पांच सीटों पर हार गई। लोकसभा चुनाव में इस खराब प्रदर्शन को सुधारने को लेकर सूबा सरकार पर काफी दवाब है। तीन महीने के लिए बने मुख्यमंत्री नायब सैनी का भी भविष्य भी इसी सरकार के कार्यकाल में तय होगा। इसी साल विधानसभा चुनाव हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद अब इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं। यह चुनाव जितने कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं, उससे कही ज्यादा भाजपा के लिए भी हैं। चूंकि हरियाणा में दस साल से भाजपा सत्ता में है। केंद्रीय नेतृत्व ने भी एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए जजपा से गठबंधन तोड़कर सीएम फेस भी बदल दिया। हालांकि इसका फायदा भाजपा को अभी तक नहीं हुआ है।
रोहतक में पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा स्थापित:20 दिन पहले विवाद के चलते रुकी थी, असामाजिक तत्वों से बरती जा रही थी चौकसी
रोहतक में पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा स्थापित:20 दिन पहले विवाद के चलते रुकी थी, असामाजिक तत्वों से बरती जा रही थी चौकसी रोहतक में नए बस स्टैंड के सामने स्थित पंडित श्रीराम पार्क के गेट पर सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई। विवादों के चलते करीब 20 दिन पहले इसकी स्थापना रोक दी गई थी। तब से प्रतिमा को असामाजिक तत्वों से बचाने के लिए पहरा दिया जा रहा था। सोमवार को पूरे विधि-विधान के साथ इसकी स्थापना की गई। पंडित श्रीराम शर्मा विचार मंच के अध्यक्ष डॉ. अशोक दीक्षित ने बताया कि हुडा सिटी पार्क का नाम पिछले साल नगर निगम सदन की बैठक में महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा के नाम पर रखा गया था। नामकरण के बाद विचार मंच की मुख्य मांग पार्क में पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा स्थापित करने की थी। इस मांग को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के समक्ष रखा गया था। इसे गंभीरता से लेते हुए हरियाणा सरकार ने मंजूरी दे दी है। सीएम से करवाएंगे प्रतिमा का अनावरण सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई। पंडित श्रीराम शर्मा विचार मंच ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिमा का औपचारिक अनावरण किया जाएगा। इस अवसर पर रणधीर भारद्वाज, प्रवीण सरपंच, नवीन मसूदपुर, सतीश प्रकाश, चंद्रभान भालौत, बिजेंद्र ब्रह्मचारी, सत्यवान राजा आदि मौजूद रहे। 7 अक्टूबर के रुक गई थी प्रतिमा स्थापना
बता दें कि 7 अक्टूबर को पंडित श्रीराम शर्मा की पुण्यतिथि पर प्रतिमा को स्थापित किया जा रहा था। लेकिन उस दौरान विवाद हो गया और स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। कारण बताया कि आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए मूर्ति की स्थापना नहीं की जा सकती। इसके बाद प्रतिमा स्थापना रोक दी और प्रतिमा को एक साइड में रख दिया। वहीं इसके बाद आचार संहिता हटी और अधिकारियों के अनुमति लेकर अब प्रतिमा स्थापित की गई थी।
हरियाणा में राव इंद्रजीत की नाराजगी से BJP में हलचल:शाह ने CM सैनी को कुर्सी से उठा करीब बुलाया, दूसरी तरफ जाते लड़खड़ाए मुख्यमंत्री
हरियाणा में राव इंद्रजीत की नाराजगी से BJP में हलचल:शाह ने CM सैनी को कुर्सी से उठा करीब बुलाया, दूसरी तरफ जाते लड़खड़ाए मुख्यमंत्री हरियाणा में 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के बगावती तेवरों से BJP में हलचल मची हुई है। मंगलवार को महेंद्रगढ़ में अमित शाह पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में आए। यहां स्टेज पर ऐसा वाक्या हुआ कि जिसकी अब खूब चर्चा हो रही है। हुआ यूं कि अमित शाह स्टेज पर बैठे थे। उनके एक तरफ CM नायब सैनी और दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली बैठे थे। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत शाह के बाद चौथे नंबर पर बैठे थे। इसी दौरान शाह खड़े हुए। उन्होंने CM को दाईं और से बाईं और जाने को कहा। उसी वक्त शाह ने इशारा कर राव इंद्रजीत को अपने पास बुलाया। इतनी देर में सीएम नायब सैनी दाएं से बाईं तरफ जा रहे थे तो अचानक राव इंद्रजीत ने भी उनका हाथ पकड़कर दूसरी तरफ की ओर भेज दिया। इस पर CM नायब सैनी शाह के आगे से दूसरी तरफ जाते हुए हलके लड़खड़ाते दिखे। हालांकि बाद में वह दूसरी तरफ जाकर खड़े हो गए। इस दौरान सीएम तो खुशनुमा मूड़ में नजर आए लेकिन राव इंद्रजीत का चेहरा उतरा हुआ नजर आया। अब इस वीडियो को लेकर विरोधी सोशल मीडिया पर खूब चुटकियां ले रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव
राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है। खट्टर की वजह से ज्यादा नाराजगी
राव इंद्रजीत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा से इस बार केंद्र में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। खट्टर पहली बार ही लोकसभा में चुने गए हैं। इसके बावजूद उन्हें सीधे केंद्रीय मंत्री बना दिया गया। वहीं राव इंद्रजीत 6 बार के सांसद हैं। इसी वजह से उनका दर्द ज्यादा छलक रहा है। CM कुर्सी की दावेदारी शाह के ऐलान से खारिज हुई
राव इंद्रजीत केंद्र में राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद हरियाणा के अगले सीएम की कुर्सी पर दावेदारी जता रहे थे। उन्होंने अपने इरादे लोकसभा चुनाव में जीतकर स्पष्ट कर दिए थे। हालांकि कुछ दिन पहले पंचकूला में अमित शाह ने ऐलान कर दिया कि अगला चुनाव नायब सैनी की अगुआई में लड़ेंगे। इससे साफ हो गया कि अगर तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी तो फिर सीएम नायब सैनी ही होंगे। खुद राव इंद्रजीत ने भी सीएम कुर्सी की दावेदारी पर कहा था कि अमित शाह नायब सैनी का ऐलान कर चुके हैं। राव कह चुके, राज्य सरकार का रास्ता अहीरवाल से जाता है
इससे पहले राव इंद्रजीत हिसार में कह चुके हैं कि हरियाणा में सरकार का रास्ता अहीरवाल से जाता है। 2014 में अहीरवाल की वजह से ही भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था।