पंजाब के जालंधर से डाक विभाग की 20 वर्षीय महिला कर्मचारी के अपहरण मामले में पुलिस ने अब केस में रेप की धारा जोड़ दी है। मेडिकल रिपोर्ट में रेप की बात सामने आई है। जिसके बाद कमिश्नरेट पुलिस ने मंगलवार को केस में धारा जोड़ दी है। मामले की जांच अब थाना डिवीजन नंबर-5 के अधिकारी नहीं करेंगे। इसकी जांच थाना डिवीजन नंबर-5 के एसएचओ अनु पलियाल द्वारा की जा रही है। उन्होंने रेप की धारा जोड़े जाने की पुष्टि की है। वहीं, लड़की की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। पहले पुलिस ने मामले में सिर्फ अपहरण की धारा जोड़ी थी और मेडिकल का इंतजार किया जा रहा था। बता दें कि इस मामले ने तब तूल पकड़ लिया था। जब एका एक कर सिविल अस्पताल में शहर के कई AAP, कांग्रेस और बीजेपी के नेता पहुंचने लगे थे। आज यानी सोमवार को दोपहर पंजाब बीजेपी के प्रधान सुनील जाखड़ भी लड़की से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। नेता उक्त घटना को कोलकाता रेप केस के साथ जोड़ कर देख रहे थे। साथी कर्मचारी हुआ गिरफ्तार जालंधर कमिश्नरेट के थाना डिवीजन नंबर-5 की पुलिस ने बीएनएस 127(6) के तहत केस दर्ज किया था। इस केस में पुलिस ने रामामंडी फौजी वाली गली में रहने वाले बलविंदर सिंह उर्फ बॉबी उर्फ बलविंदर डाकिया (29) को गिरफ्तार कर लिया था और अब वह रिमांड पर है। उससे पूछताछ की जा रही है कि उक्त केस में उसके अलावा और कौन कौन शामिल था। बता दें कि रविवार रात लड़की के परिवार से मिलने के लिए सिविल अस्पताल के गायनी वॉर्ड में जालंधर वेस्ट के एमएलए मोहिंदर भगत सहित कई पार्टियों ने नेता पहुंचे थे। न्यू दशमेश नगर के रहने वाली पीड़िता की मां के बयानों पर ये केस दर्ज किया गया था। ये था सारा मामला, पढ़ें पीड़िता की मां द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों में कहा गया है कि मेरी 20 साल की बेटी बीते मंगलवार को रोजाना की तरह काम पर गई थी। मगर वहां से लौटी नहीं। अगले दिन यानी दिन बुधवार को उन्हें पुलिस का फोन आया कि उनकी बेटी बेसुध हालत दिल्ली के पास से मिली है। परिवार ने तुरंत अपने दिल्ली में रह रहे रिश्तेदारों को उक्त जगह पर जाने के लिए कहा। जिसके बाद बच्ची को उक्त परिवार के दिल्ली रह रहे रिश्तेदारों ने रिसीव किया और दिल्ली लाकर मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में तुरंत जालंधर पुलिस को जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। परिवार किसी तरह बच्ची को अपने घर वापस लेकर आया और मामले की शिकायत कमिश्नरेट पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद उक्त आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पंजाब के जालंधर से डाक विभाग की 20 वर्षीय महिला कर्मचारी के अपहरण मामले में पुलिस ने अब केस में रेप की धारा जोड़ दी है। मेडिकल रिपोर्ट में रेप की बात सामने आई है। जिसके बाद कमिश्नरेट पुलिस ने मंगलवार को केस में धारा जोड़ दी है। मामले की जांच अब थाना डिवीजन नंबर-5 के अधिकारी नहीं करेंगे। इसकी जांच थाना डिवीजन नंबर-5 के एसएचओ अनु पलियाल द्वारा की जा रही है। उन्होंने रेप की धारा जोड़े जाने की पुष्टि की है। वहीं, लड़की की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। पहले पुलिस ने मामले में सिर्फ अपहरण की धारा जोड़ी थी और मेडिकल का इंतजार किया जा रहा था। बता दें कि इस मामले ने तब तूल पकड़ लिया था। जब एका एक कर सिविल अस्पताल में शहर के कई AAP, कांग्रेस और बीजेपी के नेता पहुंचने लगे थे। आज यानी सोमवार को दोपहर पंजाब बीजेपी के प्रधान सुनील जाखड़ भी लड़की से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। नेता उक्त घटना को कोलकाता रेप केस के साथ जोड़ कर देख रहे थे। साथी कर्मचारी हुआ गिरफ्तार जालंधर कमिश्नरेट के थाना डिवीजन नंबर-5 की पुलिस ने बीएनएस 127(6) के तहत केस दर्ज किया था। इस केस में पुलिस ने रामामंडी फौजी वाली गली में रहने वाले बलविंदर सिंह उर्फ बॉबी उर्फ बलविंदर डाकिया (29) को गिरफ्तार कर लिया था और अब वह रिमांड पर है। उससे पूछताछ की जा रही है कि उक्त केस में उसके अलावा और कौन कौन शामिल था। बता दें कि रविवार रात लड़की के परिवार से मिलने के लिए सिविल अस्पताल के गायनी वॉर्ड में जालंधर वेस्ट के एमएलए मोहिंदर भगत सहित कई पार्टियों ने नेता पहुंचे थे। न्यू दशमेश नगर के रहने वाली पीड़िता की मां के बयानों पर ये केस दर्ज किया गया था। ये था सारा मामला, पढ़ें पीड़िता की मां द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों में कहा गया है कि मेरी 20 साल की बेटी बीते मंगलवार को रोजाना की तरह काम पर गई थी। मगर वहां से लौटी नहीं। अगले दिन यानी दिन बुधवार को उन्हें पुलिस का फोन आया कि उनकी बेटी बेसुध हालत दिल्ली के पास से मिली है। परिवार ने तुरंत अपने दिल्ली में रह रहे रिश्तेदारों को उक्त जगह पर जाने के लिए कहा। जिसके बाद बच्ची को उक्त परिवार के दिल्ली रह रहे रिश्तेदारों ने रिसीव किया और दिल्ली लाकर मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में तुरंत जालंधर पुलिस को जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। परिवार किसी तरह बच्ची को अपने घर वापस लेकर आया और मामले की शिकायत कमिश्नरेट पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद उक्त आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब विश्वविद्यालय ने दी 5 करोड़ की फीस सहायता:’सीखते हुए कमाओ’ योजना में छात्रों की भागीदारी बढ़ी; खेल छात्रवृत्ति में आई कमी
पंजाब विश्वविद्यालय ने दी 5 करोड़ की फीस सहायता:’सीखते हुए कमाओ’ योजना में छात्रों की भागीदारी बढ़ी; खेल छात्रवृत्ति में आई कमी पंजाब विश्वविद्यालय ने 2023-24 सत्र के दौरान 1 हजार 601 छात्रों को लगभग 5 करोड़ रुपए की फीस रियायत और छात्रवृति प्रदान की हैं। हालांकि, पिछले सत्र 2022-23 में 1,976 छात्रों को यह सुविधा दी गई थी, जो इस वर्ष घटकर 1,561 रह गई। दूसरी ओर, ‘सीखते हुए कमाओ’ योजना में सुधार हुआ है, जिसमें इस सत्र में भागीदारी और फंडिंग में वृद्धि दर्ज की गई। ‘सीखते हुए कमाओ’ योजना से लाभान्वित होने वाले छात्रों की संख्या में लगभग 16% की वृद्धि हुई है। 2022-23 में 94 छात्रों की तुलना में इस वर्ष 109 छात्रों ने इस योजना का लाभ उठाया है। वितरित धनराशि भी 28.96 लाख से बढ़कर 41.41 लाख रुपए हो गई है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ काम के अनुभव का अवसर देना है। हालांकि, पूर्ण शुल्क रियायत के मामलों में गिरावट देखने को मिली है। 2022-23 में जहां 37 छात्रों को यह लाभ मिला था, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर सिर्फ 13 रह गई। इसके साथ ही इस श्रेणी में वितरित राशि 16.04 लाख रुपए से घटकर 7.68 लाख रुपए हो गई। खेल छात्रवृत्ति में गिरावट पंजाब विश्वविद्यालय के खेल छात्रवृत्तियों में भी इस वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। 2022-23 में जहां 175 छात्रों को खेल छात्रवृत्ति दी गई थी, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर मात्र 11 रह गई। हालांकि, वितरित राशि लगभग समान रही, जो 34.99 लाख से बढ़कर 35 लाख रुपए हो गई। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलीटों के प्रदर्शन में आई गिरावट के कारण खेल छात्रवृत्ति के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। आवश्यकता-आधारित सहायता और विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति छात्र कल्याण डीन (DSW) का कार्यालय विभिन्न श्रेणियों में छात्रों को वित्तीय सहायता और छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इनमें आवश्यकता-आधारित सहायता, आवश्यकता-सह-योग्यता छात्रवृत्ति और विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शामिल हैं। इस छात्रवृत्ति का वितरण ‘छात्र छात्रवृत्ति’ समिति के अध्यक्षों की अनुशंसा के आधार पर किया जाता है। इसे नौ महीने के लिए प्रदान किया जाता है। खेल छात्रवृत्ति का आकलन खेल विभाग द्वारा किया जाता है, जिसमें विभिन्न खेल गतिविधियों में छात्रों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता है।
नशा तस्कर की 27 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी फ्रीज
नशा तस्कर की 27 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी फ्रीज लुधियाना| नशा तस्करों द्वारा नशे की कमाई से बनाई गई प्रॉपर्टी को फ्रीज करने की प्रक्रिया के तहत मंगलवार को थाना लाडोवाल की पुलिस ने एक नशा तस्कर की 27 लाख 30 हजार की प्रॉपर्टी फ्रीज करने की कार्रवाई की गई है। एसीपी वेस्ट गुरदेव सिंह और थाना प्रभारी हरप्रीत सिंह देहल ने बताया कि थाना लाडोवाल के अधीन आते गांव भोलेवाल जदीद के नशा तस्कर सरवन सिंह गब्बर पुत्र दर्शन सिंह की प्रॉपर्टी फ्रिज की गई है। आरोपी नशा तस्कर पर थाना लाडोवाल में नशा तस्करी के 6 मामले दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपी नशा तस्कर के घर के बाहर प्रॉपर्टी फ्रीज करने का नोटिस लगाया है। जब तक नशा तस्कर के खिलाफ दर्ज किए हुए मामलों पर फाइनल डिसीजन नहीं आ जाता तब तक यह प्रॉपर्टी केस में अटैच रहेगी।
पंजाब के राज्यपाल बने गुलाब चंद कटारिया:चंडीगढ़ प्रशासक भी नियुक्त; असम के थे राज्यपाल, राजस्थान सरकार में रह चुके गृह मंत्री
पंजाब के राज्यपाल बने गुलाब चंद कटारिया:चंडीगढ़ प्रशासक भी नियुक्त; असम के थे राज्यपाल, राजस्थान सरकार में रह चुके गृह मंत्री राजस्थान सरकार के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। इसके साथ ही वह चंडीगढ़ के प्रशासक का पद भी संभालेंगे। इससे पहले उन्हें पिछले साल फरवरी 2023 में असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। राज्यपाल के तौर पर यह उनकी दूसरी नियुक्ति है। वहीं, पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। निजी स्कूल में शिक्षक बनकर अपना जीवन चलाने वाले कटारिया ने पहली बार 1977 में चुनाव लड़ा था। वह उदयपुर शहर सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बताया जाता है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कुल 11 चुनाव लड़े, जिनमें से 9 में उन्हें जीत मिली। साल 1998 में वह सादड़ी से सांसद के तौर पर चुनाव जीते। आखिरी चुनाव 2018 में जीतकर वह 15वीं राजस्थान विधानसभा में पहुंचे। उदयपुर में राजनीतिक सफर गुलाब चंद कटारिया का राजनीतिक सफर उदयपुर से शुरू हुआ और यहीं खत्म हुआ। 2003 में उदयपुर शहर सीट से विधायक रहे गुलाब चंद कटारिया राजस्थान सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 1977, 1980, 2003 से 2018 तक उदयपुर से भाजपा को जीत दिलाई। लगातार कार्यकाल के बाद उन्होंने उदयपुर को भाजपा का गढ़ बना दिया। जाते हुए भी सीएम मान पर लगा गए आरोप दो दिन पहले ही गवर्नर पुरोहित पंजाब बॉर्डर एरिया के दौरे से लौटे थे। चंडीगढ़ पहुंचते ही उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोपों की बरसात कर दी थी। ये आरोप भी लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री मान से परेशान होकर इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें (भगवंत मान) मेरा चांसलर बनना पसंद नहीं आया। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया था। मुझे किसी से वोट नहीं चाहिए, मैं निस्वार्थ भाव से यहां काम कर रहा हूं। मेरे अगर किसी से बात भी होती है तो सीधी बात प्रधानमंत्री या फिर होम मिनिस्टर से होती है। दिक्कतें लेकर AAP, BJP और कांग्रेस के लोग भी आते हैं। मैं सभी की बात सुनता हूं। पंजाब के जो काम नहीं हुए वो काम करवाना मेरी जिम्मेदारी है। मैं पंजाब की सभी यूनिवर्सिटियों का चांसलर हूं। ये सीएम साहिब को पसंद नहीं आया, क्योंकि मैं किसी की रिकमेंडेशन पर काम नहीं करता था। CM-राज्यपाल के विवाद