<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मोटर दुर्घटना में अस्थि भंग के लगभग सभी प्रकरणों में त्वरित निस्तारण के लिए गाइडलाइन जारी की है. इसके कार्यकारी अध्यक्ष एवं न्यायाधिपति पंकज भंडारी के निर्देशन में रालसा द्वारा राष्ट्रीयकृत एवं गैर-राष्ट्रीयकृत बीमा कंपनियों के उच्चाधिकारियों और अधिवक्ताओं से विस्तृत विचार-विमर्श किया गया है. उसके बाद वर्ष 2017 यथा 2021 में जारी गाइडलाइंस में परिवर्तन के साथ मोटर दुर्घटना प्रकरणों में आहत व मृतक व्यक्ति के आश्रितों के प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए विस्तृत ‘ गाइड लाइन-2024’ जारी की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नई गाइडलाइन के अनुसार मोटर दुर्घटना में अस्थि भंग के लगभग सभी प्रकरणों में, जिनमें दृष्टि लोप होना, जबड़ा व दन्त संख्या की हानि होना तथा सिर का अस्थि भंग, ऐसी सभी अस्थियों का अस्थि भंग होना जो कि मानव के चलायमान होने के लिए दृष्टिगत रूप से आवश्यक है. कलाई, कोहनी एवं घुटना आदि को सम्मिलित करते हुए विस्तृत श्रेणियों की अनुशंसा गाइडलाइन के माध्यम से की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतकों के आश्रितों को राहत</strong><br />इसी क्रम में स्थाई निशक्तता के प्रक्रम पर पूर्ववर्ती एकमुश्त राशि तथा निशक्तता के प्रतिशत पर मिलने वाली राशि में भी लगभग 10 हजार रूपये से 20 हजार रूपये तक की अभिवृद्धि की गई है. पूववर्ती गाइडलाइंस में सभी प्रकार की शारीरिक क्षति के अवयवों को सम्मिलित नहीं किया गया था. रालसा के सदस्य सचिव हरिओम अत्री के अनुसार मृतक के आश्रितों द्वारा दायर प्रकरणों में भी अभिवृद्धि करते हुए प्राईवेट सेक्टर में कार्यरत व्यक्ति अथवा घरेलू महिला की मृत्यु होने पर मुआवजा राशि का निर्धारण राजस्थान राज्य श्रम विभाग द्वारा प्रचलित वार्षिक न्यूनतम मजदूरी दर पर किए जाने की अनुशंसा गाइडलाइन के माध्यम से की गई है. नई गाइडलाइन में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उद्धरित किए गए नवीनतम मापदंडों को भी सम्मिलित किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतकों के आश्रितों को मिलेगी राहत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रालसा की ओर से लोक अदालतों के प्रभारी विशेष सचिव पुरूषोत्तम लाल सैनी ने बताया कि अनुमोदित नवीनतम गाइडलाइन के आधार पर मोटर दुर्घटना से आहत व मृतकों के आश्रितों को त्वरित लाभ-परिलाभ, पहले से अधिक मुआवजा राशि के साथ प्राप्त होने में अभूतपूर्व सफलता मिलने की संभावना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”राजस्थान में ओपन स्कूल की 10वीं -12वीं का रिजल्ट जारी, विद्यार्थियों को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दी बधाई” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-education-minister-madan-dilawar-released-rsos-10th-12th-exam-result-2024-in-jaipur-ann-2780616″ target=”_blank” rel=”noopener”>राजस्थान में ओपन स्कूल की 10वीं -12वीं का रिजल्ट जारी, विद्यार्थियों को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दी बधाई</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>नई गाइडलाइन के अनुसार मोटर दुर्घटना में अस्थि भंग के लगभग सभी प्रकरणों में, जिनमें दृष्टि लोप होना, जबड़ा व दन्त संख्या की हानि होना तथा सिर का अस्थि भंग, ऐसी सभी अस्थियों का अस्थि भंग होना जो कि मानव के चलायमान होने के लिए दृष्टिगत रूप से आवश्यक है. कलाई, कोहनी एवं घुटना आदि को सम्मिलित करते हुए विस्तृत श्रेणियों की अनुशंसा गाइडलाइन के माध्यम से की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतकों के आश्रितों को राहत</strong><br />इसी क्रम में स्थाई निशक्तता के प्रक्रम पर पूर्ववर्ती एकमुश्त राशि तथा निशक्तता के प्रतिशत पर मिलने वाली राशि में भी लगभग 10 हजार रूपये से 20 हजार रूपये तक की अभिवृद्धि की गई है. पूववर्ती गाइडलाइंस में सभी प्रकार की शारीरिक क्षति के अवयवों को सम्मिलित नहीं किया गया था. रालसा के सदस्य सचिव हरिओम अत्री के अनुसार मृतक के आश्रितों द्वारा दायर प्रकरणों में भी अभिवृद्धि करते हुए प्राईवेट सेक्टर में कार्यरत व्यक्ति अथवा घरेलू महिला की मृत्यु होने पर मुआवजा राशि का निर्धारण राजस्थान राज्य श्रम विभाग द्वारा प्रचलित वार्षिक न्यूनतम मजदूरी दर पर किए जाने की अनुशंसा गाइडलाइन के माध्यम से की गई है. नई गाइडलाइन में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उद्धरित किए गए नवीनतम मापदंडों को भी सम्मिलित किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतकों के आश्रितों को मिलेगी राहत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रालसा की ओर से लोक अदालतों के प्रभारी विशेष सचिव पुरूषोत्तम लाल सैनी ने बताया कि अनुमोदित नवीनतम गाइडलाइन के आधार पर मोटर दुर्घटना से आहत व मृतकों के आश्रितों को त्वरित लाभ-परिलाभ, पहले से अधिक मुआवजा राशि के साथ प्राप्त होने में अभूतपूर्व सफलता मिलने की संभावना है. </p>
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