हरियाणा की विधानसभा आज भंग हो जाएगी। 6 महीने की अवधि में विधानसभा सत्र बुलाने के नियम के कारण सरकार ने 14वीं विधानसभा समय से पहले भंग करने का फैसला किया है। दरअसल, सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक था। यानी यह 52 दिन बचा था। नियमों के चलते 12 सितंबर तक सत्र बुलाना अनिवार्य था। इससे एक दिन पहले बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। इसमें विधानसभा भंग करने की सिफारिश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आज राज्यपाल के पास जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी होगी। नई सरकार के गठन तक नायब रहेंगे सीएम अब, जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता , तब तक नायब सिंह सैनी कार्यवाहक सीएम के तौर पर कार्य करते रहेंगे । बता दें कि 15वीं विधानसभा के लिए 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा हुई थी। सरकार ने 17 अगस्त को कैबिनेट बुलाई हुई थी। इसमें विधानसभा सत्र की तारीख तय हो सकती थी, पर चुनाव की घोषणा से समय की कमी को देखते हुए सरकार ने सत्र टाल दिया । अब विधानसभा भंग करने का ही निर्णय लिया है। सरकार को बहुमत न होने का डर तो नहीं था ? 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 81 विधायक हैं। 41 के बहुमत का आंकड़ा अकेले खुद भाजपा के पास था, लेकिन 14 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। ऐसे में सरकार कोई प्रस्ताव लाती तो वहां क्रॉस वोटिंग के चलते यह गिर सकता था। इस स्थिति से भी सरकार बची। सीएम नायब सिंह सैनी व मंत्री कार्यवाहक के तौर पर कार्य करते रहेंगे, पर नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। हालांकि, कोई महामारी, प्राकृतिक आपदा या असुरक्षा जैसा मामला आता है तो फैसला लेने में सक्षम रहेंगे। इस फैसले का विधायकों पर क्या असर होगा ? विधायकों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वे पूर्व विधायक कहलाएंगे। सभी सुविधाएं खत्म हो जाएगी। समय से पहले 3 बार विधानसभा और भंग हो चुकी है। फरवरी 1972 में कांग्रेस सरकार में बंसीलाल ने एक साल पहले विधानसभा भंग कराई थी। दिसंबर 1999 में इनेलो सरकार में ओमप्रकाश चौटाला ने 16 माह पहले विस भंग कराई। तीसरी बार अगस्त 2009 में कांग्रेस सरकार में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराए। विधानसभा भंग करना ही सिंगल ऑप्शन विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, फिर भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है। इसका पिछला विशेष सत्र 1 दिन का बुलाया गया था। वह विशेष सत्र 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था। उसमें CM ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपना बहुमत साबित किया था। इसके बाद उन्होंने कोई सत्र नहीं बुलाया। हेमंत कुमार कहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा विधानसभा का एक सत्र भले ही 1 दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितंबर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है। क्योंकि 6 माह के अंदर दूसरा सत्र बुलाना ही होता है। क्या कहता है संविधान संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि पिछले सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पिछली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। ऐसे में अब सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समयपूर्व भंग करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश करना ही एकमात्र विकल्प बचा था। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं है। 5 अक्टूबर को होगी वोटिंग राज्य में इस समय 14वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। हरियाणा की विधानसभा आज भंग हो जाएगी। 6 महीने की अवधि में विधानसभा सत्र बुलाने के नियम के कारण सरकार ने 14वीं विधानसभा समय से पहले भंग करने का फैसला किया है। दरअसल, सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक था। यानी यह 52 दिन बचा था। नियमों के चलते 12 सितंबर तक सत्र बुलाना अनिवार्य था। इससे एक दिन पहले बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। इसमें विधानसभा भंग करने की सिफारिश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आज राज्यपाल के पास जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी होगी। नई सरकार के गठन तक नायब रहेंगे सीएम अब, जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता , तब तक नायब सिंह सैनी कार्यवाहक सीएम के तौर पर कार्य करते रहेंगे । बता दें कि 15वीं विधानसभा के लिए 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा हुई थी। सरकार ने 17 अगस्त को कैबिनेट बुलाई हुई थी। इसमें विधानसभा सत्र की तारीख तय हो सकती थी, पर चुनाव की घोषणा से समय की कमी को देखते हुए सरकार ने सत्र टाल दिया । अब विधानसभा भंग करने का ही निर्णय लिया है। सरकार को बहुमत न होने का डर तो नहीं था ? 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 81 विधायक हैं। 41 के बहुमत का आंकड़ा अकेले खुद भाजपा के पास था, लेकिन 14 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। ऐसे में सरकार कोई प्रस्ताव लाती तो वहां क्रॉस वोटिंग के चलते यह गिर सकता था। इस स्थिति से भी सरकार बची। सीएम नायब सिंह सैनी व मंत्री कार्यवाहक के तौर पर कार्य करते रहेंगे, पर नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। हालांकि, कोई महामारी, प्राकृतिक आपदा या असुरक्षा जैसा मामला आता है तो फैसला लेने में सक्षम रहेंगे। इस फैसले का विधायकों पर क्या असर होगा ? विधायकों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वे पूर्व विधायक कहलाएंगे। सभी सुविधाएं खत्म हो जाएगी। समय से पहले 3 बार विधानसभा और भंग हो चुकी है। फरवरी 1972 में कांग्रेस सरकार में बंसीलाल ने एक साल पहले विधानसभा भंग कराई थी। दिसंबर 1999 में इनेलो सरकार में ओमप्रकाश चौटाला ने 16 माह पहले विस भंग कराई। तीसरी बार अगस्त 2009 में कांग्रेस सरकार में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराए। विधानसभा भंग करना ही सिंगल ऑप्शन विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, फिर भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है। इसका पिछला विशेष सत्र 1 दिन का बुलाया गया था। वह विशेष सत्र 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था। उसमें CM ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपना बहुमत साबित किया था। इसके बाद उन्होंने कोई सत्र नहीं बुलाया। हेमंत कुमार कहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा विधानसभा का एक सत्र भले ही 1 दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितंबर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है। क्योंकि 6 माह के अंदर दूसरा सत्र बुलाना ही होता है। क्या कहता है संविधान संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि पिछले सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पिछली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। ऐसे में अब सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समयपूर्व भंग करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश करना ही एकमात्र विकल्प बचा था। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं है। 5 अक्टूबर को होगी वोटिंग राज्य में इस समय 14वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा CM ने चौधरी बंसीलाल को बताया विकास पुरुष:बोले- उन्होंने विकास की नई दिशा दी; किरण ने कहा- मैं नायब की कायल
हरियाणा CM ने चौधरी बंसीलाल को बताया विकास पुरुष:बोले- उन्होंने विकास की नई दिशा दी; किरण ने कहा- मैं नायब की कायल हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी इलेक्शन मोड में आ गए हैं। इसी को लेकर चंडीगढ़ स्थित सीएम हाउस में बंपर ज्वाइनिंग प्रोग्राम रखा गया। इस प्रोग्राम में कांग्रेस सहित दूसरे दलों के 1000 नेताओं को भाजपा ज्वाइनिंग कराई गई। कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आई MLA किरण चौधरी के नेतृत्व में सरपंच, पूर्व सरपंच, ब्लॉक समिति चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, नंबरदार, गांव के मौजिज लोग बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ली। इसके अलावा हरियाणा यूथ कांग्रेस के लीडर एवं कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ चुके कई नेता भी भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम नायब सैनी ने पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल को विकास पुरुष बताया। उन्होंने कहा कि बंसीलाल प्रदेश के विकास को एक नई दिशा दी। मैं बंसीलाल से कई बार मिला: सीएम सीएम सैनी ने कहा कि हमारा हरियाणा कैसे आगे बढ़े उन्होंने इसी को लेकर लगातार काम किया। मेरा चौधरी बंसीलाल से किसी न किसी काम को मिलना हुआ करता था। चौधरी सुरेंद्र सिंह से भी कई बार मेरा मिलना हुआ। क्योंकि गठबंधन में सरकार थी, चौधरी बंसीलाल से सीखने को मिलता था। सीएम ने किरण चौधरी के समर्थकों को बीजेपी ज्वाइन कराते हुए कहा कि आज इतनी भारी संख्या में आप सब कांग्रेस को छोड़कर आए हैं, यह बहुत बड़ी बात है। किरण बोलीं- मैं मुख्यमंत्री नायब सैनी की कायल कांग्रेस छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कहा कि मैं सीएम नायब सैनी की कायल हूं। हरियाणा में अबकी बार नायब सिंह सैनी की सरकार आना तय है। ये सीएम ही हैं कि इन्होंने सरपंचों की मौज करवा दी। आने वाले समय में सूबे में एक बहुत बड़ी मीटिंग की जाएगी। कांग्रेस पर हमला करते हुए किरण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस केवल झूठ बोलती है, कांग्रेस के लोग झूठ बोलने का काम करते हैं। कांग्रेस षड्यंत्र करती है। श्रुति बोली- मैं आज बहुत खुश सीएम हाउस में ज्वाइनिंग से पहले पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है। आज हम सब इकट्ठा होकर आए हैं। हम बीजेपी को मजबूत करने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विकास कार्य किए हैं, यही कारण है कि तीसरी बार सत्ता में भाजपा आई है। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी लोगों के हितों में काम कर रहे हैं।
अंबाला में जोधा नदी में बहा युवक:तलाश में जुटी गोताखोर की टीम, घर से ड्यूटी के लिए निकला था
अंबाला में जोधा नदी में बहा युवक:तलाश में जुटी गोताखोर की टीम, घर से ड्यूटी के लिए निकला था अंबाला जिले के दुखेड़ी व चूड़ियाली गांव के बीच बह रही जोधा नदी में 23 वर्षीय युवक हरप्रीत का पांव फिसलने से बहने की खबर सामने आई है। हादसे का पता चलने पर गांव के लोग इकट्ठे हो गए। लोगों ने पुलिस तथा गोताखोरों को मौके पर बुलाया। लगातार कई घंटे बीत जाने के बाद भी गोताखोर पानी में बह गए युवक हरप्रीत की तलाश में जुटे हुए हैं। पैर फिसलने से नदी में गिरा युवक आज सुबह गांव चुडियाली में घर से ड्यूटी पर निकले 23 वर्षीय युवक हरप्रीत अचानक पैर फिसलने से पास बह रही नदी में बह गया। उसके शोर मचाने पर गांव के लोग वहां एकत्र हो गए तथा उन्होंने पुलिस तथा गोताखोरों को इसकी सूचना दी। पुलिस तथा गोताखोर नदी में बह गए युवक हरप्रीत की तलाश में जुटे हुए हैं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे युवक के भाई ने बताया कि उसका भाई हरप्रीत ड्यूटी पर जा रहा था। ना जाने किस कारण उसका पांव फिसला तथा वह नदी में बह गया है। यहां भारी हो रही बरसात के कारण यह नदी उफान पर है। गोताखोर भी लगातार उसको ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। युवक की तलाश में जुटी गोताखोरों की टीम गांव दुखेड़ी के पास बाहरी नदी में सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को सुबह इस बात की सूचना मिली थी, कि कोई व्यक्ति जोधा नदी में बह गया है। जिस कारण वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने गोताखोरों को भी तुरंत मौके पर बुला लिया। नदी में बह गए युवक हरप्रीत को ढूंढने का प्रयास जारी है और जल्दी उसे ढूंढ निकाला जाएगा।
हरियाणा में प्रेमी संग मिलकर सास को मारा:परिजनों ने बहू पर लगाए आरोप, बोले- 8 साल पहले देवर को भी इसने मारा
हरियाणा में प्रेमी संग मिलकर सास को मारा:परिजनों ने बहू पर लगाए आरोप, बोले- 8 साल पहले देवर को भी इसने मारा हरियाणा के करनाल में दिवाली के दिन महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। घटना ऊंचा समाना गांव की है। मृतका की पहचान सीनो (50) के रूप में हुई है। महिला के मायके पक्ष का आरोप है कि महिला की बहू ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर गला दबाकर उसकी हत्या की है। इसके बाद बहू प्रेमी संग फरार हो गई। उनका यह भी आरोप है कि महिला के देवर की भी 8 साल पहले मौत हुई थी, उसका शक भी परिजनों ने बहू पर ही जताया है। महिला की मौत की सूचना के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव कब्जे में ले लिया। गुरुवार को पोस्टमॉर्टम कराने के बाद पुलिस ने शव परिजनों के हवाले कर दिया। बच्चों के साथ गायब हुई बहू सीनो के भतीजे असमत ने बताया है कि गुरुवार सुबह साढ़े 4 बजे उसकी बुआ नमाज पढ़ रही थी। बुआ की बहू अलीशा ने अपने प्रेमी को घर बुलाकर उसकी हत्या करवा दी। अलीशा का पति प्राइवेट नौकरी करता है और उसकी रात की डयूटी होती है। सुबह जब वह काम खत्म कर घर आया तो उसकी मां घर में मृत पड़ी हुई थी। जबकि अलीशा अपने दोनों बच्चों के साथ घर से गायब थी। तबीयत खराब होने की जानकारी दी असमत ने बताया कि हमें सुबह बताया गया कि बुआ की तबीयत खराब हो गई है। जब हम मौके पर पहुंचे तो मेरी बुआ का शरीर पूरी तरह से नीला पड़ गया। उनके गले पर निशान थे और चेहरे पर मारपीट के निशान थे। हमें पूरा शक है कि उसकी बहू अलीशा ने ही उसके साथ यह किया है। बहू का पड़ोस के किसी युवक के साथ अफेयर है और वह युवक भी घटना के बाद से ही गायब है। पहले भी कई बार कर चुकी मारपीट असमत ने आगे बताया कि अलीशा ने पहले भी सास के साथ मारपीट की थी। एक बार बहू ने अपनी सास के हाथ पर डंडा मारकर उसका हाथ तोड़ दिया था। जिसके बाद पुलिस को शिकायत भी दी गई थी। फिर बहू को बेदखल भी कर दिया गया था, लेकिन उसके बावजूद भी बहू की हरकतें कम नहीं हुई। 8 साल पहले अलीशा के देवर की मौत हो गई थी। तब उसका शरीर भी नीला मिला था। हमें पूरा पूरा शक है कि उसे भी अलीशा ने दूध में जहर दिया था। अब अलीशा ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी सास को मौत के घाट उतार दिया और अपने दोनों बच्चों का लेकर भी फरार हो चुकी है। पुलिस बोली- नमाज पढ़ते हुए गिरी मधुबन थाना प्रभारी गौरव पूनिया ने बताया कि सीनो की मौत की सूचना मिली थी। मृतका के पति ने बताया था कि नमाज पढ़ते पढ़ते ही सीनो बेहोश होकर गिर गई थी। मायका पक्ष ने हत्या का आरोप लगाया है। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा। शिकायत के अनुरूप ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।