चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में हैंड ग्रेनेड फेंकने वाले हमलावर जम्मू-कश्मीर भागने की तैयारी में थे। 6 दिन की रिमांड मिलने के बाद स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने गिरफ्तार हमलावर से पूछताछ शुरू कर दी है। हमलावर ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं। दूसरा हमलावर विशाल है, जो डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। एसएसओसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हमलावर रोहन मसीह ने बताया कि उसे विदेश से 5 लाख रुपये ऑफर किए गए थे। लेकिन अभी तक उसे करीब 20 हजार रुपये ही मिले हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद वह जम्मू-कश्मीर जाना चाहता था, ताकि चंडीगढ़, पंजाब और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से बच सके। रोहन ने पूछताछ में बताया कि चंडीगढ़ ब्लास्ट करने के बाद वे दोनों अमृतसर आ गए थे। लेकिन किसी काम से उसे खन्ना जाना पड़ा था। वे अमृतसर लौट आया था, क्योंकि यहां से उसे व विशाल को जम्मू-कश्मीर के लिए निकलना था। वे बस स्टैंड के पास होटल में छिपा हुआ था। जैसे ही वे होटल से निकला, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान से आए थे हथियार एसएसओसी अमृतसर ने जिस 55 नंबर एफआईआर में रोहन को अरेस्ट किया है, वे इसी महीने की 8 तारीख को दर्ज की गई थी। 55 नंबर एफआईआर के अनुसार एसएसओसी ने जिस पिस्टल को उससे बरामद किया है, वे पाकिस्तान से ड्रोन के रास्ते आई थी। एसएसओसी पहले ही इस एफआईआर में घरिंडा में रहने वाले आकाशदीप सिंह व अमरजीत सिंह को अरेस्ट कर चुकी है। आकाश व अमरजीत पहले से ही पाक तस्करों के संपर्क में हैं। पुलिस का अनुमान है कि ये हैंड-ग्रेनेड भी पाकिस्तान से ही आया था और पाकिस्तान आर्मी इसका प्रयोग करती है। विशाल को पकड़ने के लिए छापेमारी तेज रोहन ने बताया कि उसका साथी विशाल है, जो गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। वे दोनों जम्मू-कश्मीर भागने वाले थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं और लगातार विशाल को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विशाल अभी पंजाब में ही है और पुलिस के अलर्ट हो जाने के बाद उसका पंजाब से भागना काफी मुश्किल हो गया है। हैप्पी पाशियां ने उलब्ध करवाया ग्रेनेड रोहन ने बताया कि हैप्पी पाशियां उनके गांव का ही है और उसने आर्थिक मदद करने की बात कही थी। उसके साथ 5 लाख रुपए में बात तय हुई थी और अभी उसे सिर्फ तकरीबन 20 हजार रुपए ही मिले थे। रोहन ने बताया कि उस पर कुछ मामूली झगड़े के ही मुकदमें दर्ज हैं। वे एक तरखान है, जो जम्मू-कश्मीर में अपने भाई जोबन के साथ काम करता था। जम्मू-कश्मीर में उसे पंजाब से दोगुणी देहाड़ी मिलती थी। जम्मू में ही काम करते हुए उसकी दोस्ती रोहन से हो गई थी। हैप्पी पाशियां का काम करने की बात उसने विशाल से की तो वे भी तैयार हो गया था। चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में हैंड ग्रेनेड फेंकने वाले हमलावर जम्मू-कश्मीर भागने की तैयारी में थे। 6 दिन की रिमांड मिलने के बाद स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने गिरफ्तार हमलावर से पूछताछ शुरू कर दी है। हमलावर ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं। दूसरा हमलावर विशाल है, जो डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। एसएसओसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हमलावर रोहन मसीह ने बताया कि उसे विदेश से 5 लाख रुपये ऑफर किए गए थे। लेकिन अभी तक उसे करीब 20 हजार रुपये ही मिले हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद वह जम्मू-कश्मीर जाना चाहता था, ताकि चंडीगढ़, पंजाब और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से बच सके। रोहन ने पूछताछ में बताया कि चंडीगढ़ ब्लास्ट करने के बाद वे दोनों अमृतसर आ गए थे। लेकिन किसी काम से उसे खन्ना जाना पड़ा था। वे अमृतसर लौट आया था, क्योंकि यहां से उसे व विशाल को जम्मू-कश्मीर के लिए निकलना था। वे बस स्टैंड के पास होटल में छिपा हुआ था। जैसे ही वे होटल से निकला, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान से आए थे हथियार एसएसओसी अमृतसर ने जिस 55 नंबर एफआईआर में रोहन को अरेस्ट किया है, वे इसी महीने की 8 तारीख को दर्ज की गई थी। 55 नंबर एफआईआर के अनुसार एसएसओसी ने जिस पिस्टल को उससे बरामद किया है, वे पाकिस्तान से ड्रोन के रास्ते आई थी। एसएसओसी पहले ही इस एफआईआर में घरिंडा में रहने वाले आकाशदीप सिंह व अमरजीत सिंह को अरेस्ट कर चुकी है। आकाश व अमरजीत पहले से ही पाक तस्करों के संपर्क में हैं। पुलिस का अनुमान है कि ये हैंड-ग्रेनेड भी पाकिस्तान से ही आया था और पाकिस्तान आर्मी इसका प्रयोग करती है। विशाल को पकड़ने के लिए छापेमारी तेज रोहन ने बताया कि उसका साथी विशाल है, जो गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। वे दोनों जम्मू-कश्मीर भागने वाले थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं और लगातार विशाल को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार विशाल अभी पंजाब में ही है और पुलिस के अलर्ट हो जाने के बाद उसका पंजाब से भागना काफी मुश्किल हो गया है। हैप्पी पाशियां ने उलब्ध करवाया ग्रेनेड रोहन ने बताया कि हैप्पी पाशियां उनके गांव का ही है और उसने आर्थिक मदद करने की बात कही थी। उसके साथ 5 लाख रुपए में बात तय हुई थी और अभी उसे सिर्फ तकरीबन 20 हजार रुपए ही मिले थे। रोहन ने बताया कि उस पर कुछ मामूली झगड़े के ही मुकदमें दर्ज हैं। वे एक तरखान है, जो जम्मू-कश्मीर में अपने भाई जोबन के साथ काम करता था। जम्मू-कश्मीर में उसे पंजाब से दोगुणी देहाड़ी मिलती थी। जम्मू में ही काम करते हुए उसकी दोस्ती रोहन से हो गई थी। हैप्पी पाशियां का काम करने की बात उसने विशाल से की तो वे भी तैयार हो गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
फतेहगढ़ साहिब में साढ़े 37 लाख का सोना बरामद:बड़े उद्योगपति के घर से हुआ था चोरी, जानकार ने ही दिया वारदात को अंजाम
फतेहगढ़ साहिब में साढ़े 37 लाख का सोना बरामद:बड़े उद्योगपति के घर से हुआ था चोरी, जानकार ने ही दिया वारदात को अंजाम फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने करीब साढ़े 37 लाख रुपए कीमत के सोने के जेवर बरामद किए हैं। यह सोना कुछ महीने पहले एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ के एक बड़े उद्योगपति के घर से चोरी किया गया था। इस उद्योगपति का नाम बताने से पुलिस ने इनकार किया। इस केस में एक आरोपी को काबू किया गया है। जिसकी पहचान मंडी गोबिंदगढ़ के सुभाष नगर के रहने वाले नरिंदर कुमार उर्फ निखिल कश्यप के तौर पर हुई है। घर का भेदी निकला चोर, सीआईए स्टाफ ने पकड़ा एसपी (आई) राकेश यादव ने बताया कि थाना मंडी गोबिंदगढ़ में 14 जुलाई 2024 को चोरी का केस दर्ज किया गया था। इस केस की जांच सीआईए स्टाफ को संभाली गई थी। सीआईए इंचार्ज नरपिंदर पाल सिंह की टीम ने इस केस में नरिंदर कुमार को गिरफ्तार किया। नरिंदर की निशानदेही पर करीब 50 तोले सोने के जेवरात बरामद किए गए हैं। जांच में सामने आया कि नरिंदर कुमार उद्योगपति के घर का भेदी था। आरोपी उद्योगपति का जानकार था और अक्सर उनके घर पर आता जाता रहता था। इस कारण उसे उद्योगपति के बारे में काफी कुछ जानकारी थी। इसी जानकारी का फायद उठाकर आरोपी ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गया। आरोपी के खिलाफ पहले से चोरी का एक केस भी दर्ज है।
लुधियाना CIA ने दबोचा गैंगस्टर नानू:सागर न्यूटन का है साथी, शहीद करनैल नगर में चलाई थी गोलियां, देसी पिस्टल बरामद
लुधियाना CIA ने दबोचा गैंगस्टर नानू:सागर न्यूटन का है साथी, शहीद करनैल नगर में चलाई थी गोलियां, देसी पिस्टल बरामद लुधियाना में CIA-2 की टीम ने गैंगस्टर सुमित सभ्रवाल उर्फ नानू को गिरफ्तार कर लिया है। काबू किए गए बदमाश ने शहीद करनैल नगर में तीन दिन पहले एक घर पर फायरिंग की थी। नानू गैंगस्टर सागर न्यूटन का करीबी है। सागर न्यूटन के कहने पर उसने अपने दो अन्य साथियों की मदद से एक घर के बाहर तीन गोलियां चलाई थी। गोलियां चलने की सीसीटीवी वीडियो भी सामने आई थी। थाना दुगरी की पुलिस भी लगातार सागर न्यूटन और उसके साथियों को तलाशने के लिए सर्च अभियान चला रही है। सागर न्यूटन व उसके साथियों के घरों पर लगातार पुलिस दबिश दे रही है। 8 जुलाई को की थी फायरिंग जानकारी देते हुए डीजीपी इन्वेस्टिगेशन अमनदीप सिंह बराड़ ने बताया कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि सुमित सभ्रवाल उर्फ नानू निवासी गली नंबर 1 शाही मोहल्ला गैंगस्टर सागर न्यूटन का खास है। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 जुलाई को लाल चंद उर्फ गोपी निवासी शहीद करनैल सिंह नगर के घर फायरिंग की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया हुआ था। नानू को गांव जंडियाली चंडीगढ़ रोड नजदीक खेल मैदान से काबू किया है। बदमाश से एक पिस्टल 32 बोर देसी, 1 जिंदा 32 बोर का रोंद मिला है। मध्य प्रदेश से लाया पिस्टल आरोपी ने माना कि वह मध्य प्रदेश से पिस्टल लेकर आया है। नानू पर पहले 4 मामले आरम्स एक्ट व अन्य धाराओं के तहत दर्ज है। CIA-2 के इंचार्ज बिक्रमजीत सिंह की टीम ने बदमाश को काबू किया। आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमां लिया जाएगा ताकि सागर न्यूटन को भी जल्द दबोचा जा सके।
समझौता एक्सप्रेस के डिब्बे पाकिस्तानी कब्जे में:अफसर बोले- भारत अपना इंजन भेजकर ले जाएं; आर्टिकल 370 हटने के बाद से रूट बंद
समझौता एक्सप्रेस के डिब्बे पाकिस्तानी कब्जे में:अफसर बोले- भारत अपना इंजन भेजकर ले जाएं; आर्टिकल 370 हटने के बाद से रूट बंद भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दर्द को कम करने के लिए शुरू की गई मोहब्बत की ट्रेन समझौता एक्सप्रेस पिछले 5 सालों से बंद है। भारत की यह ट्रेन पिछले पांच सालों से पाकिस्तान के वाघा रेलवे स्टेशन पर वापसी का इंतजार कर रही है। ट्रेन को रद्द करने की वजह यह थी कि भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था, जो पाकिस्तान को पसंद नहीं था। समझौता एक्सप्रेस ट्रेन हर गुरुवार और सोमवार को अटारी (भारत) और लाहौर (पाकिस्तान) के बीच 29 किलोमीटर का सफर पूरा करती थी। अटारी और वाघा स्टेशनों के बीच सिर्फ 3.25 किलोमीटर की सबसे कम अंतरराष्ट्रीय दूरी तय करने वाली यह दुनिया की एकमात्र ट्रेन है। जिस ट्रेन को 7 अगस्त 2019 को दोपहर 12.30 बजे 110 भारतीय और पाकिस्तानी यात्रियों के साथ अटारी पहुंचना था, वह उस दिन शाम करीब 5 बजे पहुंची और खाली रेक को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया। तनाव के बीच पाकिस्तान सरकार की ओर से संदेश आया कि ट्रेन को निलंबित करने का फैसला सिर्फ एक दिन के लिए है। इसके बाद 8 अगस्त 2019 को पाकिस्तानी रेलवे अधिकारियों ने अटारी स्टेशन मास्टर से उस ट्रेन को वापस ले जाने के लिए एक भारतीय चालक दल को वाघा भेजने को कहा। क्योंकि पाकिस्तानी चालक दल, दो ड्राइवर और एक गार्ड ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था। 11 डिब्बे पाकिस्तानी सीमा में खड़े हैं समझौता एक्सप्रेस के लिए हुए समझौते के अनुसार भारत और पाकिस्तान को हर छह महीने में बारी-बारी से अपने रेक का इस्तेमाल करना होता है। पाकिस्तानी रेक जनवरी से जून और भारतीय रेक जुलाई से दिसंबर तक इस्तेमाल किए जाते हैं। आमतौर पर रेक उसी दिन या रात भर रुकने के बाद अपने देश लौट जाते हैं। लेकिन अब जब समझौता एक्सप्रेस को निलंबित हुए करीब 5 साल हो चुके हैं, तब भी इस ट्रेन की 11 बोगियां पाकिस्तान के वाघा स्टेशन पर खड़ी हैं। 4 बार पत्र भेजे गए, लेकिन पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से 4 बार पत्राचार किया है, लेकिन आज भी ये कोच अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा से 500 मीटर दूर वाघा रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं। समझौता एक्सप्रेस के कोचों की वापसी के बारे में वाघा रेलवे स्टेशन के मैनेजर मोहम्मद इजहार ने कहा कि हमने भारत से अपना इंजन भेजकर कोचों को ले जाने का अनुरोध किया है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। वहीं, भारतीय रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शिमला समझौते के अनुसार भारतीय कोच पाकिस्तानी इंजन के साथ गया था, और इसे वापस करना उनकी जिम्मेदारी है। जानें समझौता एक्सप्रेस को कब निलंबित किया गया यह पहली बार नहीं था जब दोनों देशों ने समझौता एक्सप्रेस को निलंबित करने का फैसला किया हो। समझौता एक्सप्रेस को निलंबित करना इससे पहले फरवरी 2019 में कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं में से एक था। बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, 2015 में किसान आंदोलन के दौरान और पुलवामा के बाद ट्रेन को कई बार निलंबित किया गया था।