मेरठ में तीन मंजिला मकान गिर गया। मलबे में एक ही परिवार के 10 लोग दब गए। सूचना पर पहुंची पुलिस,दमकल, SDRF और NDRF की टीम ने 5 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। डेढ़ साल की बच्ची समेत 5 लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू के लिए SDRF- NDRF की टीम के साथ स्निफर डॉग्स भी लगाए गए। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। हादसा लोहिया नगर थाना क्षेत्र के जाकिर कालोनी में शनिवार शाम करीब 5:15 बजे हुआ। मकान 35 साल पुराना बताया जा रहा है। मरम्मत नहीं होने के चलते मकान जर्जर हो गया था। मौके पर एडीजी डीके ठाकुर, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, आईजी नचिकेता झा, एसएसपी विपिन ताडा सहित अन्य अफसर भी पहुंचे। डीएम दीपक मीडा ने बताया कि हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है। साजिद (40), साजिद की बेटी सानिया (15) और डेढ़ साल की बच्ची सिमरा, शाकिब (11) और रिजा (7) की मौत हो गई। सबसे पहले देखिए हादसे की तस्वीरें एडीजी बोले- पूरा परिवार मलबे में दब गया घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी डीके ठाकुर ने बताया- करीब सवा पांच बजे हादसा हुआ। 5 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मलबे में दबने से डेढ़ साल की बच्ची समेत 5 लोगों की मौत हो गई। मकान एक विधवा महिला का था, जो अपने बेटों के परिवार के साथ यहां रहती है। तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर डेयरी चलती थी, इसलिए कई भैंसे भी मलबे में दब गईं। गली सकरी होने से नहीं जा सकी जेसीबी मौके पर मौजूद लोगों ने बताया- जैसे ही मकान भरभराकर गिरा, तुरंत हम लोग मलबे में दबे परिवार को बचाने के लिए दौड़े। तत्काल पुलिस को सूचना दी। गली सकरी होने के कारण जेसीबी नहीं आ पाई। इसलिए फायर ब्रिगेड की टीम ने मैनुअली रेस्क्यू शुरू किया। दो घंटे बाद दूसरी मशीनें आईं, इसके बाद तेजी से बचाव कार्य शुरू किया गया। 5 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। 90 साल की बुजुर्ग महिला नफो का है मकान स्थानीय लोगों ने बताया- 90 साल की बुजुर्ग नफो का मकान था। यहां नफो के दो बेटे साजिद और गोविंदा अपनी पत्नी, बच्चों के साथ रहते हैं। शाम को भर- भराकर मकान गिर गया। नफो समेत पूरा ही परिवार मलबे में दब गया। तुरंत आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए। लोगों ने मलबे में दबे 10 लोगों में से 5 को निकाल लिया। सीएम ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश सीएम योगी ने हादसे का संज्ञान लिया और अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। साथ ही बचाव कार्यों में तेजी लाने को कहा। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे स्थानीय निवासी मोहम्मद अनस ने बताया, शाम को हमें पता चला कि जाकिर कालोनी में मकान गिरा है। जिसके बाद मैं दस से 12 लोगों को लेकर मौके पर पहुंचा। मैं और मेरी टीम रेस्क्यू के काम में मदद करने में जुट गए। पड़ोसी बोले- जैसे लगा सिलेंडर फटा हो मेरठ के जाकिर कॉलोनी गली नंबर 7 में एक 3 मंजिला मकान इतने तेज धमाके से गिरा कि मोहल्ले में भगदड़ मच गई। लोगों ने समझा कि कोई सिलेंडर फटा है। वही पड़ोसियों का कहना है कि मकान के मलबे में बच्चों सहित करीब 20 लोग दबे थे। पुलिस में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुट गए ये भी पढ़ें : जूस दुकानदार बोला- बोतल में यूरिन था: गाजियाबाद में लोगों ने आधार कार्ड देख जूस की दुकानें बंद कराईं; विधायक बोले- NSA लगे गाजियाबाद में जूस में यूरिन मिलाकर पिलाने के आरोपी का कहना है कि मार्केट में टॉयलेट नहीं बना है। इसलिए वो यूरिन को बोतल में इकट्ठा कर लेते थे और बाद में फेंक देते थे। हालांकि, बाकी दुकानदार और कस्टमर इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। हालांकि, पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग ने जूस, यूरिन के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। वहीं, घटना से गुस्साए लोगों ने शनिवार को इलाके में घूम-घूमकर जूस की कई दुकानों को जबरन बंद करा दिया। दुकानदारों के आधार कार्ड चेक किए। जिन दुकानदारों के पास आधार कार्ड नहीं थे, उन पर मुसलमान होने और जूस में मिलावट करने का शक जताया। यहां पढ़ें पूरी खबर मेरठ में तीन मंजिला मकान गिर गया। मलबे में एक ही परिवार के 10 लोग दब गए। सूचना पर पहुंची पुलिस,दमकल, SDRF और NDRF की टीम ने 5 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। डेढ़ साल की बच्ची समेत 5 लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू के लिए SDRF- NDRF की टीम के साथ स्निफर डॉग्स भी लगाए गए। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। हादसा लोहिया नगर थाना क्षेत्र के जाकिर कालोनी में शनिवार शाम करीब 5:15 बजे हुआ। मकान 35 साल पुराना बताया जा रहा है। मरम्मत नहीं होने के चलते मकान जर्जर हो गया था। मौके पर एडीजी डीके ठाकुर, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, आईजी नचिकेता झा, एसएसपी विपिन ताडा सहित अन्य अफसर भी पहुंचे। डीएम दीपक मीडा ने बताया कि हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है। साजिद (40), साजिद की बेटी सानिया (15) और डेढ़ साल की बच्ची सिमरा, शाकिब (11) और रिजा (7) की मौत हो गई। सबसे पहले देखिए हादसे की तस्वीरें एडीजी बोले- पूरा परिवार मलबे में दब गया घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी डीके ठाकुर ने बताया- करीब सवा पांच बजे हादसा हुआ। 5 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मलबे में दबने से डेढ़ साल की बच्ची समेत 5 लोगों की मौत हो गई। मकान एक विधवा महिला का था, जो अपने बेटों के परिवार के साथ यहां रहती है। तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर डेयरी चलती थी, इसलिए कई भैंसे भी मलबे में दब गईं। गली सकरी होने से नहीं जा सकी जेसीबी मौके पर मौजूद लोगों ने बताया- जैसे ही मकान भरभराकर गिरा, तुरंत हम लोग मलबे में दबे परिवार को बचाने के लिए दौड़े। तत्काल पुलिस को सूचना दी। गली सकरी होने के कारण जेसीबी नहीं आ पाई। इसलिए फायर ब्रिगेड की टीम ने मैनुअली रेस्क्यू शुरू किया। दो घंटे बाद दूसरी मशीनें आईं, इसके बाद तेजी से बचाव कार्य शुरू किया गया। 5 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। 90 साल की बुजुर्ग महिला नफो का है मकान स्थानीय लोगों ने बताया- 90 साल की बुजुर्ग नफो का मकान था। यहां नफो के दो बेटे साजिद और गोविंदा अपनी पत्नी, बच्चों के साथ रहते हैं। शाम को भर- भराकर मकान गिर गया। नफो समेत पूरा ही परिवार मलबे में दब गया। तुरंत आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए। लोगों ने मलबे में दबे 10 लोगों में से 5 को निकाल लिया। सीएम ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश सीएम योगी ने हादसे का संज्ञान लिया और अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। साथ ही बचाव कार्यों में तेजी लाने को कहा। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे स्थानीय निवासी मोहम्मद अनस ने बताया, शाम को हमें पता चला कि जाकिर कालोनी में मकान गिरा है। जिसके बाद मैं दस से 12 लोगों को लेकर मौके पर पहुंचा। मैं और मेरी टीम रेस्क्यू के काम में मदद करने में जुट गए। पड़ोसी बोले- जैसे लगा सिलेंडर फटा हो मेरठ के जाकिर कॉलोनी गली नंबर 7 में एक 3 मंजिला मकान इतने तेज धमाके से गिरा कि मोहल्ले में भगदड़ मच गई। लोगों ने समझा कि कोई सिलेंडर फटा है। वही पड़ोसियों का कहना है कि मकान के मलबे में बच्चों सहित करीब 20 लोग दबे थे। पुलिस में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुट गए ये भी पढ़ें : जूस दुकानदार बोला- बोतल में यूरिन था: गाजियाबाद में लोगों ने आधार कार्ड देख जूस की दुकानें बंद कराईं; विधायक बोले- NSA लगे गाजियाबाद में जूस में यूरिन मिलाकर पिलाने के आरोपी का कहना है कि मार्केट में टॉयलेट नहीं बना है। इसलिए वो यूरिन को बोतल में इकट्ठा कर लेते थे और बाद में फेंक देते थे। हालांकि, बाकी दुकानदार और कस्टमर इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। हालांकि, पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग ने जूस, यूरिन के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। वहीं, घटना से गुस्साए लोगों ने शनिवार को इलाके में घूम-घूमकर जूस की कई दुकानों को जबरन बंद करा दिया। दुकानदारों के आधार कार्ड चेक किए। जिन दुकानदारों के पास आधार कार्ड नहीं थे, उन पर मुसलमान होने और जूस में मिलावट करने का शक जताया। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कुछ घंटे बाद ही निरस्त करवाए 40 प्रिंसिपल के ट्रांसफर, जानें क्यों हो रही चर्चा?
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कुछ घंटे बाद ही निरस्त करवाए 40 प्रिंसिपल के ट्रांसफर, जानें क्यों हो रही चर्चा? <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> राजस्थान के दो मंत्री चर्चा में बने हुए हैं. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा दोनों पिछले कई दोनों से सुर्खियों में हैं. दरअसल, मंगलवार (15 अक्टूबर) को लगभग 11 बजे प्रदेश के चालीस प्रिंसिपल के ट्रांसफर किए गए. जिसके कुछ देर बाद ही कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शिक्षा मंत्री को ट्रांसफर निरस्त करने के लिए पत्र लिखा. पत्र पर उन्होंने ‘अर्जेंट आउट टूडे’ लिखा था. उसका असर भी दिखा कि कुछ देर में ट्रांसफर निरस्त कर दिया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>किरोड़ी लाल मीणा ने निरस्त करने को जनहित में बताया है. अब इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. किरोड़ी लाल मीणा ने इस पत्र में खुद मंत्री लिखा है. जबकि, पिछले कई दिनों से उनके पत्र में कभी भी मंत्री नहीं लिखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने क्या लिखा?</strong><br />40 प्रिंसिपल्स के ट्रांसफर के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के राजकाज रेफरेंस नंबर का हवाला दिया. उसके साथ ही मंत्री ने इस ट्रांसफर को तुरंत जनहित में निरस्त करने को कहा. दिलचस्प बात यह है कि कुछ घंटे में ये आदेश निरस्त कर दिया गया. इस घटना को बड़े मायनों में देखा जा रहा है. उपचुनाव से पहले किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर चर्चाओं में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन आठ शिक्षकों को भी राहत</strong><br />बीकानेर प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने प्राथमिक और द्वितीय लेवल के शिक्षकों समेत कुल आठ का ट्रांसफर किया था. लेकिन, इसके बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पत्र लिखा और सभी को निरस्त करवा दिया है. किरोड़ी लाल मीणा जबसे मंत्री बने हैं, पहली बार उनके पत्र पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है. इसे राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
बरनाला में AAP उम्मीदवार का विरोध:पार्टी को 24 घंटे का अल्टीमेटम, जिलाध्यक्ष बोले- टिकट न बदला तो लेंगे सख्त फैसला
बरनाला में AAP उम्मीदवार का विरोध:पार्टी को 24 घंटे का अल्टीमेटम, जिलाध्यक्ष बोले- टिकट न बदला तो लेंगे सख्त फैसला बरनाला विधानसभा सीट पर उप चुनाव टिकट को लेकर आम आदमी पार्टी में घमासान बढ़ता जा रहा है। जिला अध्यक्ष गुरदीप सिंह बाठ और टकसाली नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद पार्टी वर्करों को लेकर बड़े फैसले की घोषणा करेंगे। जिला प्रधान गुरदीप सिंह बाठ ने सांसद मीत हेयर और पार्टी प्रत्याशी को लेकर तीखे प्रहार किए। प्रेस वार्ता के दौरान गुरदीप सिंह बाठ ने कहा कि आज आम आदमी पार्टी ने बरनाला से बहुत गलत तरीके से टिकट दिया है। अन्य पार्टियों की तरह आम आदमी पार्टी में भी परिवारवाद शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार बनाए गए हरिंदर सिंह धालीवाल की कोई पहचान नहीं है, उनकी पहचान सिर्फ सांसद मीत हेयर से दोस्ती है। उन्होंने कहा कि मैं 2014 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की नौकरी छोड़कर पार्टी में शामिल हुआ था। लगातार पांच साल तक पार्टी के लिए काम किया और बाद में 2018 में पार्टी अध्यक्ष बनाए गए। मैं लगातार 7 वर्षों से जिला अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहा हूं। पूरे पंजाब के जिला अध्यक्ष बदल दिए गए, लेकिन मैं अभी भी काम कर रहा हूं। हरिंदर ने एक भी दिन काम नहीं किया : बाठ उन्होंने कहा कि पार्टी ने मीत हेयर को 2017 और 2022 में टिकट दिया, हम सभी ने उनका समर्थन किया। 2022 के लोकसभा चुनाव के लिए संगरूर के जिला अध्यक्ष को टिकट दिया गया। लेकिन अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। जिसके बाद बरनाला विधानसभा चुनाव आया, जिसके लिए पार्टी कार्यकर्ता और सभी सर्वे मुझे टिकट देने के पक्ष में थे। पार्टी ने भी टिकट देने में पूरी मदद की और हमने अपना काम जारी रखा। लेकिन आज टिकट वितरण के दौरान हरिंदर धालीवाल को उम्मीदवार बना दिया गया। उन्होंने कहा कि इन 7 वर्षों के दौरान पार्टी ने गुजरात, हरियाणा, जालंधर और दिल्ली में कार्यभार संभाला। हम हर 3 महीने में पार्टी के लिए घर से निकलते थे। जिस हरिंदर धालीवाल को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है, उन्होंने एक दिन भी पार्टी के लिए कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वे पिछले पौने दो साल से जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी इस तरह भाई-भतीजावाद शुरू करना चाहती है तो वे इसकी इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने पार्टी हाईकमान से बरनाला की टिकट बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर यह टिकट नहीं बदली गई तो वह अपने समर्थकों और वर्करों के साथ मिलकर अगला फैसला लेंगे। सांसद का दोस्त या बुआ का लड़का होना उम्मीदवारी की योग्यता नहीं गुरदीप सिंह बाठ ने कहा कि सांसद बनने के बाद मीत हेयर ने जिला अध्यक्ष रहते हुए एक दिन भी उनसे संपर्क नहीं किया। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के दौरान हरिंदर धालीवाल उन्हें मौसी का लड़का कहकर लोगों से मिलाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांसद का दोस्त या बुआ का लड़का होना उम्मीदवारी की योग्यता नहीं है। इस मौके पर पार्टी के टकसाली नेता मास्टर प्रेम कुमार, हरिओम, परमिंदर सिंह झलूर, संदीप शर्मा, रजत बांसल और सूबेदार महिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी ने बहुत गलत टिकट दिया है। पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता गुरदीप सिंह बाठ को टिकट देने के पक्ष में हैं। अगर पार्टी ने 24 घंटे में टिकट का फैसला नहीं बदला तो वे बैठक कर कड़ा फैसला लेंगे और जरूरत पड़ी तो गुरदीप सिंह बाठ को निर्दलीय चुनाव लड़ाया जा सकता है।
32 साल के इंस्पेक्टर की चलती बस में मौत:सोते-सोते गई जान; खबर सुनकर पत्नी बेहोश; लखनऊ से प्रयागराज आ रहे थे
32 साल के इंस्पेक्टर की चलती बस में मौत:सोते-सोते गई जान; खबर सुनकर पत्नी बेहोश; लखनऊ से प्रयागराज आ रहे थे प्रयागराज में 32 साल के इंस्पेक्टर की चलती बस में मौत हो गई। वह लखनऊ से प्रयागराज जा रहे थे। घटना का पता उस वक्त चला, जब बस प्रयागराज पहुंची। मगर वह बस से नहीं उतरे। कंडक्टर जगाने आया तो उनका शरीर बेजान था। कंडक्टर ने हिलाया तो वह गिर गए। तुरंत सीनियर अफसरों और पुलिस को सूचना दी। आनन-फानन में उनको SRN हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिवार में पत्नी, 10 और 8 साल के दो बेटे हैं। पत्नी मौत की खबर सुनते ही बेहोश हो गई। वह मूलरूप से सहारनपुर के रहने वाले थे। लखनऊ में कोर्ट की सुरक्षा में तैनात थे
2013 बैच के अनुराग शर्मा अभी लखनऊ कोर्ट की सुरक्षा में तैनात थे। अनुराग प्रयागराज क्राइम ब्रांच के साथ-साथ करेली और खुल्दाबाद थानों के प्रभारी भी रहे थे। हाल ही में उनका ट्रांसफर लखनऊ हुआ था। ऐसे में परिवार अभी प्रयागराज के खुल्दाबाद में रहता है। रविवार को छुट्टी थी। इस वजह से प्रयागराज आ रहे थे। बस में बैठे थे, सो गए…और मौत
अनुराग शनिवार देर शाम को लखनऊ से मिर्जापुर जाने वाली बस में बैठे थे। प्रयागराज का टिकट लिया। थोड़ी देर बाद सो गए। रात ढाई बजे बस प्रयागराज पहुंची। उन्हें जीरो रोड बस स्टैंड पर उतरना था, लेकिन नहीं उतरे। इसके बाद कंडक्टर उनके पास आया तो घटना का पता चला। पुलिस ने बताया कि चूंकि वह सादे कपड़ों में थे, इसलिए उनकी तुरंत पहचान नहीं हो पाई। उनकी जेब से मोबाइल और आईडी मिली। इसके बाद उनकी शिनाख्त हुई। मौत की वजह स्पष्ट नहीं, सभी एंगल पर जांच
इंस्पेक्टर की मौत पर अभी पुलिस अफसरों ने कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पुलिस सभी एंगल से मौत की जांच शुरू कर दी है। कंडक्टर से भी पूछताछ की गई है। इसके अलावा, लखनऊ और प्रयागराज के बस स्टेशन में लगे हुए सीसीटीवी की जांच की जा रही है। लखनऊ से प्रयागराज आते समय अनुराग की मौत हुई। शव को SRN अस्पताल में रखवा दिया है। मोबाइल से उनकी पहचान हुई। घरवालों को बताया गया है। प्रथम दृष्ट्या हार्ट अटैक से मौत लगती है। -मनोज सिंह, ACP अनुराग के साथियों ने बताया- उनकी तबीयत इन दिनों कुछ ठीक नहीं थी। लिवर से रिलेटेड कोई समस्या थी। हालांकि, वह किस स्तर पर थी इसकी जानकारी नहीं है। पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी की तबीयत बिगड़ गई। इसलिए पुलिस उन्हें अस्पताल नहीं ले गई। प्रयागराज का अटाला कांड
प्रयागराज में जून 2022 में अटाला कांड हुआ था। पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन में बवाल हो गया था। इसमें मास्टरमाइंड जावेद पंप के मकान पर बुलडोजर चला था। इसमें 113 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 10 आरोपियों पर गैंगस्टर लगा था। पथराव करने वालों की तस्वीरें खुल्दाबाद पुलिस ने जारी की थीं। इस दौरान खुल्दाबाद के थाना प्रभारी अनुराग ही थे। इससे बाद वह चर्चा में आ गए थे। 2022 में मतदान केंद्र के बाहर बम फेंकने का खुलासा
यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान प्रयागराज के करेली में लेखपाल कॉलेज के पास बम फेंका गया। जो कि साइकिल से जाते समय एक युवक के सीने पर लगा और उसकी मौत हो गई। मतदान के दिन बम चलने की सूचना पर चुनाव आयोग के अफसर भी पहुंचे। इस पूरे मामले की जांच इंस्पेक्टर अनुराग शर्मा ने की। जांच पड़ताल के बाद करेली के 3 युवकों को जेल भेजा गया था। तब पता चला कि अफरातफरी मचाने के लिए युवकों ने बमबाजी की थी। यह खबर भी पढ़ें…
मेरठ में 3 मंजिला मकान गिरा, परिवार के 10 की मौत यूपी के मेरठ में शनिवार शाम हुए हादसे में अब तक 10 की मौत हो गई। मृतकों को मां, बेटा, बहुएं और पोता-पोती शामिल हैं। 5 लोगों का रेस्क्यू कर हॉस्पिटल भेजा गया। 15 लोग दबे थे। 16 घंटे के रेस्क्यू में सभी को बाहर निकाला गया। हालांकि SDRF और NDRF की टीम अभी भी मलबे को हटाकर देख रही है। पढ़ें पूरी खबर