मध्य प्रदेश में इन जगहों पर अब नहीं बिकेगा मांस-मदिरा, CM मोहन यादव का बड़ा आदेश

मध्य प्रदेश में इन जगहों पर अब नहीं बिकेगा मांस-मदिरा, CM मोहन यादव का बड़ा आदेश

<p style=”text-align: justify;”><strong>MP Meat-Liquor Ban:</strong> मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने शनिवार (14 सितंबर) को नर्मदा नदी के किनारे स्थित शहरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. इस हफ्ते कैबिनेट की बैठक में मोहन यादव ने कहा कि अनूपपुर जिले के अमरकंटक को पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और स्थानों में मांस और शराब का सेवन न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें नर्मदा नदी के किनारे 21 जिले, 68 तहसील, 1,138 गांव और 1,126 घाट हैं. साथ ही 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ भी हैं. मंत्रिमंडल की बैठक में मोहन यादव ने नर्मदा नदी की सांस्कृतिक और धार्मिक अखंडता को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. &nbsp;उन्होंने राज्य प्रशासन को आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि नदी के पवित्र स्थलों के पास कोई भी मांस और शराब की बिक्री न हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> नर्मदा नदी राज्य की सांस्कृतिक विरासत है- सीएम<br /></strong>मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा सिर्फ एक नदी नहीं है, बल्कि हमारे राज्य की सांस्कृतिक विरासत है. इसकी पवित्रता को बनाए रखा जाना चाहिए और हम इसे सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाएंगे. मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा नदी राज्य के लोगों के लिए भक्ति, आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. नर्मदा दुनिया की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा श्रद्धालु करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इसे एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन गतिविधि बनाने के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ विकसित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाना चाहिए. परिक्रमा पथ पर स्थानों को चिह्नित करके स्थानीय पंचायतों और समितियों के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास की गतिविधियां शुरू की जानी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि स्यंव सहायता समूहों और स्थानीय युवाओं को नदी की परिक्रमा करने वाले लोगों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था के साथ होमस्टे विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”VIP लॉन्ज, चाय- नाश्ता और भोजन की मांग, भोपाल स्टेशन पर कैसे पकड़ाया रेलवे बोर्ड का फर्जी अफसर?” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-fake-railway-board-officer-arrested-in-fraud-case-from-bhopal-kamlapati-station-ann-2783544″ target=”_self”>VIP लॉन्ज, चाय- नाश्ता और भोजन की मांग, भोपाल स्टेशन पर कैसे पकड़ाया रेलवे बोर्ड का फर्जी अफसर?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Meat-Liquor Ban:</strong> मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने शनिवार (14 सितंबर) को नर्मदा नदी के किनारे स्थित शहरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. इस हफ्ते कैबिनेट की बैठक में मोहन यादव ने कहा कि अनूपपुर जिले के अमरकंटक को पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और स्थानों में मांस और शराब का सेवन न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें नर्मदा नदी के किनारे 21 जिले, 68 तहसील, 1,138 गांव और 1,126 घाट हैं. साथ ही 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ भी हैं. मंत्रिमंडल की बैठक में मोहन यादव ने नर्मदा नदी की सांस्कृतिक और धार्मिक अखंडता को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. &nbsp;उन्होंने राज्य प्रशासन को आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि नदी के पवित्र स्थलों के पास कोई भी मांस और शराब की बिक्री न हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> नर्मदा नदी राज्य की सांस्कृतिक विरासत है- सीएम<br /></strong>मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा सिर्फ एक नदी नहीं है, बल्कि हमारे राज्य की सांस्कृतिक विरासत है. इसकी पवित्रता को बनाए रखा जाना चाहिए और हम इसे सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाएंगे. मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा नदी राज्य के लोगों के लिए भक्ति, आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. नर्मदा दुनिया की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा श्रद्धालु करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इसे एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन गतिविधि बनाने के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ विकसित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाना चाहिए. परिक्रमा पथ पर स्थानों को चिह्नित करके स्थानीय पंचायतों और समितियों के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास की गतिविधियां शुरू की जानी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि स्यंव सहायता समूहों और स्थानीय युवाओं को नदी की परिक्रमा करने वाले लोगों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था के साथ होमस्टे विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”VIP लॉन्ज, चाय- नाश्ता और भोजन की मांग, भोपाल स्टेशन पर कैसे पकड़ाया रेलवे बोर्ड का फर्जी अफसर?” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-fake-railway-board-officer-arrested-in-fraud-case-from-bhopal-kamlapati-station-ann-2783544″ target=”_self”>VIP लॉन्ज, चाय- नाश्ता और भोजन की मांग, भोपाल स्टेशन पर कैसे पकड़ाया रेलवे बोर्ड का फर्जी अफसर?</a></strong></p>  मध्य प्रदेश राजस्थान के शाहपुरा में धार्मिक जुलूस पर पथराव, मचा भारी बवाल, पुलिस फोर्स तैनात