भिवानी जिले की बवानीखेड़ा विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले गांव रतेरा में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप नरवाल के काफिले को ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा बाहरी प्रत्याशी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर चल रही ब्राह्मणवाद से आजादी की विडियो पर भी ऐतराज जताया। ग्रामीणों ने प्रदीप नरवाल का किया विरोध रतेरा गांव निवासी संदीप शर्मा ने बताया सोशल मीडिया पर कांग्रेस प्रत्याशी की एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें प्रत्याशी ब्राह्मणवाद से आजादी की बात के नारे लगवा रहा है। चेतन चौैहान, जितेन्द्र चौैहान, प्रवीन तंवर, राकेश चौपड़ा, कालू ने बताया ग्रामीण काम करवाने के लिए सोनीपत या दिल्ली या उत्तर प्रदेश के धक्के नहीं खाएंगे। ऐसे नेता हमारे वोट लेने के बाद दिखाई भी नहीं देंगे। गरीब लोगों के पास इतना समय और पैसे नहीं है जो दिल्ली, सोनीपत, उत्तर प्रदेश में अपने प्रत्याशी को ढूंढते हुए नजर आएगेl भिवानी जिले की बवानीखेड़ा विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले गांव रतेरा में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप नरवाल के काफिले को ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा बाहरी प्रत्याशी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर चल रही ब्राह्मणवाद से आजादी की विडियो पर भी ऐतराज जताया। ग्रामीणों ने प्रदीप नरवाल का किया विरोध रतेरा गांव निवासी संदीप शर्मा ने बताया सोशल मीडिया पर कांग्रेस प्रत्याशी की एक वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें प्रत्याशी ब्राह्मणवाद से आजादी की बात के नारे लगवा रहा है। चेतन चौैहान, जितेन्द्र चौैहान, प्रवीन तंवर, राकेश चौपड़ा, कालू ने बताया ग्रामीण काम करवाने के लिए सोनीपत या दिल्ली या उत्तर प्रदेश के धक्के नहीं खाएंगे। ऐसे नेता हमारे वोट लेने के बाद दिखाई भी नहीं देंगे। गरीब लोगों के पास इतना समय और पैसे नहीं है जो दिल्ली, सोनीपत, उत्तर प्रदेश में अपने प्रत्याशी को ढूंढते हुए नजर आएगेl हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भूपेंद्र हुड्डा बोले- EVM गड़बड़ी पर कोर्ट जाएंगे:इलेक्शन कमीशन के जवाब का इंतजार कर रहे, कहीं मानव पर मशीन भारी न पड़ जाए
भूपेंद्र हुड्डा बोले- EVM गड़बड़ी पर कोर्ट जाएंगे:इलेक्शन कमीशन के जवाब का इंतजार कर रहे, कहीं मानव पर मशीन भारी न पड़ जाए हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कहीं मानव पर मशीन भारी न पड़ जाए। जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे। हुड्डा बिहार के पटना में मीडिया से बात कर रहे थे। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- “हमने इलेक्शन कमीशन से शिकायत की है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो पार्टी कोर्ट भी जाएगी। ऐसे न हो जाए कि मानव पर मशीन भरी पड़ जाए…”। प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस के माहौल के बावजूद वह 37 सीटों पर सिमटकर रह गई। वहीं भाजपा ने 48 सीटें जीतकर बहुमत पा लिया। जिसके बाद कांग्रेस EVM में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है। इसको लेकर कांग्रेस दिल्ली में चुनाव आयोग से मिल चुकी है। जिसमें 20 सीटों पर रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत की गई है। EVM की बैटरी चार्जिंग का तर्क दे रही कांग्रेस
कांग्रेस का दावा है कि मतगणना के दिन जिन EVM की बैटरी 99% चार्ज थी, उनसे भाजपा को बड़ी लीड मिली। वहीं जिन EVM की बैटरी 70-75% चार्ज थी, उनसे कांग्रेस को बढ़त मिली। कांग्रेस का कहना है कि दिन भर वोटिंग होने के बावजूद EVM 99% चार्ज कैसे रह सकती है। इसलिए वह गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने जिन सीटों पर शक जताया, उनकी लिस्ट भी चुनाव आयोग को सौंपी थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था- EVM में कोई गड़बड़ी नहीं
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि EVM की बैटरी कैलकुलेटर बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है। आयुक्त ने ये भी कहा था कि EVM में एक प्रावधान है कि मशीनों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। कमिशनिंग के बाद जब मॉक पोल होता है तो शुरू में 99% बैटरी दिखती है। इसके साथ ही जब यह 7.4% से कम वोल्टेज होता है तो यह कम बैटरी दिखाता है। सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका याचिका
इस मामले में कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट भी गई थी। कांग्रेस की तरफ से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने 20 सीटों पर वोटिंग-काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। याचिका की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। इस सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसी याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आप कागजात सौंपिए, हम देखेंगे।’ चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए पूछा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम चुनी हुई नई सरकार का शपथग्रहण रोक दें?’ कांग्रेस में हार पर अलग-अलग बातें राहुल गांधी ने नेताओं पर फोड़ा ठीकरा
हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई मीटिंग में राहुल गांधी ने हार की वजह बताते हुए कहा कि हमारे नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी के इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे। इसके बाद राहुल गांधी वहां से चले गए। अध्यक्ष खड़गे का कहना था कि कमेटी बनाई है, उसकी रिपोर्ट के बाद इसके बारे में पता चलेगा। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में गुटबाजी-भीतरघात सामने आई
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की अगुआई में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। जिसने प्रदेश के 52 हारे उम्मीदवारों से बात की। जिसमें उम्मीदवारों ने हार के लिए गुटबाजी और भीतरघात को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जिसे टिकट नहीं मिली, उसने विरोधी को वोट डलवाए। कांग्रेस नेताओं ने ही हमें वोट देने से इनकार किया। यही नहीं, इशारों में भूपेंद्र हुड्डा को ही अगुआई पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया कि जाट विरोधी वोटरों का भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण हो गया। हालांकि कुछ उम्मीदवारों ने ईवीएम पर भी शक जाहिर किया। सैलजा ने कहा- संगठन की कमी खली
सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस को संगठन की कमी खली। वह खुद भी प्रधान रहीं लेकिन संगठन नहीं बना पाईं, इसका उन्हें मलाल है। उन्होंने हार के कारण पर कहा कि पार्टी इसकी समीक्षा कर रही है। भूपेंद्र हुड्डा पर कार्रवाई के मामले में उन्होंने कहा था कि इसका फैसला हाईकमान ने करना है। कांग्रेस में विपक्षी दल नेता का पद लटका
कांग्रेस में हार के बाद मचे घमासान के बीच हरियाणा विधानसभा में विपक्षी दल नेता का पद लटका हुआ है। इसको लेकर 4 ऑब्जर्वरों ने चंडीगढ़ में विधायकों से मीटिंग की लेकिन नेता विपक्ष का चुनाव नहीं हो पाया। यहां हाईकमान को अधिकार दिए गए। हालांकि इसमें पेंच यह फंस गया कि ज्यादातर विधायकों ने भूपेंद्र हुड्डा की पैरवी की लेकिन सैलजा ग्रुप इसका विरोध कर रहा है।
पेरिस ओलंपिक से बाहर अमित पंघाल:जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से हारे, जिसे कॉमनवेल्थ गेम में हराया था, मायूस हुए समर्थक व परिवार
पेरिस ओलंपिक से बाहर अमित पंघाल:जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से हारे, जिसे कॉमनवेल्थ गेम में हराया था, मायूस हुए समर्थक व परिवार पेरिस ओलिंपिक 2024 में रोहतक के गांव मायना निवासी बॉक्सर अमित पंघाल अपना पहला मुकाबला हार गए। मंगलवार शाम को अंडर-16 मुकाबले में अमित पंघाल ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ अमित पंघाल ओलिंपिक से भी बाहर हो गए। अमित पंघाल का 51 किलोग्राम भार वर्ग में जांबिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से मुकाबला था। जिसे कॉमनवेल्थ गेम में एकतरफा मुकाबले में हराया था। वहीं, इस मुकाबले को उनके गांव व घर में परिवार वालों द्वारा टीवी पर देखा गया। परिवार वालों को अमित पंघाल से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। लेकिन इस हार के कारण उम्मीद पर पानी फिर गया। हालांकि अमित पंघाल के घर पर मैच देख रहे उनके माता-पिता व ग्रामीणों को भी मायूसी हाथ लगी। सभी में इस मुकाबले को लेकर काफी उत्साह था। ओलिंपिक के लिए अमित पंघाल पिछले काफी समय से कड़ी मेहनत कर रहा था। चूरमा खाने का शौकीन अमित पंघाल चूरमा खाने का शौकीन है। जब भी मेडल जीत कर आता है तो अमित की मां से चूरमा बनाकर अपने हाथों से खिलाती है। वहीं, खुशी के मौके पर वह अपनी मां के हाथों से बना चूरमा जरूर खाता है। ये मेडल भी जीत चुके अमित पंघाल अमित पंघाल इससे पहले भी कई मेडल अपने नाम कर चुका है। एशियाई चैंपियनशिप की बात करें तो 2017 में ब्रांज मेडल, 2021 में सिल्वर मेडल व 2019 में गोल्ड मेडल जीता। राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2018 में हुए मुकाबले में सिल्वर मेडल और 2022 में मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता। एशियाई खेलों के 2018 में हुए मुकाबले में गोल्ड मेडल और विश्व चैंपियनशिप के 2019 में हुए मुकाबले में सिल्वर मेडल जीता था। अमित पंघाल के पिता किसान अमित पंघाल के पिता गांव व मायना निवासी विजेंद्र सिंह किसान है और अमित पंघाल हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। वहीं अमित पंघाल की मां गृहणी है। उनके बड़े भाई अजय पंघाल भारतीय सेना में तैनात है। हालांकि अजय पंघाल भी मुक्केबाज रहे हैं। अमित पंघाल भी भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के पद पर तैनात है।
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए हुड्डा Vs चौटाला:दुष्यंत बोले- कांग्रेस चुनाव लड़े साथ देंगे, हुड्डा का जवाब-दिग्विजय को उतारें, हमारा समर्थन
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए हुड्डा Vs चौटाला:दुष्यंत बोले- कांग्रेस चुनाव लड़े साथ देंगे, हुड्डा का जवाब-दिग्विजय को उतारें, हमारा समर्थन हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए विपक्षी दलों के बीच घमासान मचा हुआ है। भाजपा के साथ मिलकर साढ़े 4 साल तक सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस पर BJP से सांठ-गांठ करने का आरोप लगा रही है। विपक्षी दलों में भाजपा के खिलाफ वोट पाने की होड़ मची हुई है। इसी को लेकर पार्टियां एक दूसरे पर BJP से मिलीभगत का आरोप लगा रही हैं। राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार न उतारने का ऐलान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर चुके हैं] जबकि कांग्रेस के हरियाणा में 28 विधायक हैं। जिस राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है वह भी कांग्रेस के पास ही थी और दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सांसद थे। मगर चुनाव में वह इस्तीफा देकर लोकसभा से चुनाव लड़े और जीत गए। अब इस सीट को लेकर घमासान मचा है। JJP का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही ताकि भाजपा को फायदा पहुंच सके। वहीं, हुड्डा का कहना है कि उनके पास नंबर गेम नहीं है। जजपा अपना कैंडिडेट उतारे और 10 विधायकों को ले आए, कांग्रेस समर्थन करेगी। आज हुड्डा ने कहा कि जजपा अगर दिग्विजय चौटाला को उतारती है तो भी कांग्रेस समर्थन करेगी। हुड्डा के इस बयान से सियासी हलचल पैदा हो गई है। आखिर क्या कहा भूपेंद्र हुड्डा ने
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला पर कटाक्ष करते हुए कहा “दुष्यंत चौटाला अपने 10 विधायक ला, तो सही, मैं अपने 28 विधायक दिखा दूंगा। दुष्यंत चौटाला BJP से मिला हुआ है, दुष्यंत यदि दिग्विजय को राज्य सभा चुनाव में कैंडिडेट बनाकर हमसे वोट मांगे, हम समर्थन करेंगे”। जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल किया कि दिग्विजय चौटाला पर कांग्रेस सहमत होगी ? तो उन्होंने कहा कि हो सकती है। इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा यह बयान दे चुके हैं कि हमारे पास राज्यसभा में नंबर गेम नहीं है। ऐसे में कैंडिडेट उतारने का क्या मतलब बनता है। दुष्यंत ने हुड्डा पर यह दिया था बयान
दुष्यंत चौटाला ने कहा था “‘एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा का यह कहना कि हरियाणा सरकार के पास बहुमत नहीं है, दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव यह कह कर लड़ने से इनकार करना कि विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। ये दोनों बातें सच कैसे हो सकती है? क्योंकि दोनों बातें विरोधाभासी हैं। हरियाणा की जनता राज्यसभा चुनाव में BJP को हारता हुआ देखना चाहती है, लेकिन भूपेन्द्र हुड्डा BJP के इशारे पर चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते”। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित
वहीं, हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। हरियाणा में भाजपा के खिलाफत वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बठाए इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें
हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं। इन सीटों में 3 भाजपा के पास है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा काबिज है। भाजपा ने सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा भेजा है। वहीं कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद थे। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में भाजपा राज्यसभा सीट पाना चाहती हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नंबर गेम का हवाला देकर अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में भाजपा की राज्यसभा चुनाव की राह आसान हो गई है।