हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली के बाद अब शिमला के उप नगर कसुम्पटी में भी मस्जिद गिराने की मांग पर लोग अड़ गए हैं। इसे लेकर आज कसुम्पटी वासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिलने जा रहा है, जो मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करेंगे। MC आयुक्त कोर्ट एक साल पहले ही कसुम्पटी मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश सुना चुका है। मगर मुस्लिम समुदाय ने MC आयुक्त के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अभी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कसुम्पटी वार्ड की पार्षद रचना शर्मा ने कहा, हर शुक्रवार को मस्जिद के छोटे से ढांचे में 100 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ने आते हैं, तब यहां चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। इसलिए मस्जिद को गिराने की MC आयुक्त से मांग की जाएगी। शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी से एक किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में कसुम्पटी में मस्जिद की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, इससे बाज़ार में न्यूसेंस क्रिएट हो रही है। उन्होंने इस अवैध मस्जिद को तुंरत हटाने की मांग की है। पूर्व मेयर ने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की घरवाली मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी था। लेकिन उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। आजादी से पहले की बनी मस्जिद: कुतुबुद्दीन वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने दावा किया कि कसुम्पटी क्षेत्र में वफ्फ बोर्ड की जमीन है। उनके पास इसका राजस्व रिकॉर्ड भी है। कसुम्पटी में बनी मस्जिद आजादी से पहले की है और यहां जमीन या मस्जिद पर कोई विवाद नहीं है। सिर्फ कुछ निर्माण को नगर निगम कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए है, जिससे संबंधित मामला अब सेशन कोर्ट में लंबित है। अब सिलसिलेवार पढ़िए कैसे पैदा हुआ मस्जिद विवाद … दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद प्रदेशभर में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर और हिंदू संगठनों ने अलग अलग शहरों में रोष रैली निकाल कर अवैध मस्जिद को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन की मांग की। बीते शनिवार को मंडी नगर निगम कोर्ट ने भी जेल रोड़ पर बनी अवैध मस्जिद को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेश दिए। बीते कल सोलन में इसी मामले में प्रदर्शन कर रहे कुछ व्यापारी आपस में भिड़ गए। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा और इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की। हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली के बाद अब शिमला के उप नगर कसुम्पटी में भी मस्जिद गिराने की मांग पर लोग अड़ गए हैं। इसे लेकर आज कसुम्पटी वासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम (MC) आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिलने जा रहा है, जो मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करेंगे। MC आयुक्त कोर्ट एक साल पहले ही कसुम्पटी मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश सुना चुका है। मगर मुस्लिम समुदाय ने MC आयुक्त के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अभी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कसुम्पटी वार्ड की पार्षद रचना शर्मा ने कहा, हर शुक्रवार को मस्जिद के छोटे से ढांचे में 100 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ने आते हैं, तब यहां चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। इसलिए मस्जिद को गिराने की MC आयुक्त से मांग की जाएगी। शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि कसुम्पटी से एक किलोमीटर आगे दूसरी मस्जिद है। ऐसे में कसुम्पटी में मस्जिद की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, इससे बाज़ार में न्यूसेंस क्रिएट हो रही है। उन्होंने इस अवैध मस्जिद को तुंरत हटाने की मांग की है। पूर्व मेयर ने कहा कि यह जमीन वक्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की घरवाली मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दी था। लेकिन उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया। आजादी से पहले की बनी मस्जिद: कुतुबुद्दीन वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने दावा किया कि कसुम्पटी क्षेत्र में वफ्फ बोर्ड की जमीन है। उनके पास इसका राजस्व रिकॉर्ड भी है। कसुम्पटी में बनी मस्जिद आजादी से पहले की है और यहां जमीन या मस्जिद पर कोई विवाद नहीं है। सिर्फ कुछ निर्माण को नगर निगम कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए है, जिससे संबंधित मामला अब सेशन कोर्ट में लंबित है। अब सिलसिलेवार पढ़िए कैसे पैदा हुआ मस्जिद विवाद … दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिद गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद प्रदेशभर में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर और हिंदू संगठनों ने अलग अलग शहरों में रोष रैली निकाल कर अवैध मस्जिद को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन की मांग की। बीते शनिवार को मंडी नगर निगम कोर्ट ने भी जेल रोड़ पर बनी अवैध मस्जिद को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेश दिए। बीते कल सोलन में इसी मामले में प्रदर्शन कर रहे कुछ व्यापारी आपस में भिड़ गए। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा और इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में सतलुज नदी में गिरा ट्रक:ड्राइवर की मौत; शव बाहर निकालने को बुलाए गोताखोर, चाबा प्रोजेक्ट के पास हादसा हिमाचल के शिमला जिला के सुन्नी में चाबा प्रोजेक्ट के समीप एक ट्रक सतलुज नदी में जा गिरा। इस हादसे में ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई। मगर नदी के बीचो बीच फंसे ट्रक से ड्राइवर के शव को नदी से बाहर नहीं निकाला जा सका। पुलिस ने शव को नदी से बाहर निकालने के लिए सुंदरनगर से गोताखोर बुलाए हैं। इनकी मदद से आज शव को बाहर निकालने का प्रयास किया जाएगा। मौके पर क्रेन भी बुला ली गई है। इससे ट्रक को बाहर निकाला जाएगा।अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस को अंदेशा है कि यह ट्रक ठियोग का है और इसमें ड्राइवर भी ठियोग निवासी लीलाधर है। मगर अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई, क्योंकि ट्रक की नंबर प्लेट पूरी तरह पानी में डूबी हुई है। पुलिस के अनुसार ठियोग के एक व्यक्ति ने दावा किया है कि यह उसका ट्रक है, क्योंकि ट्रक में लगी जीपीएस लोकेशन का संपर्क इसी लोकेशन पर टूटा दिखा रहा है। हादसे के बाद से ट्रक ड्राइवर का फोन भी स्विच ऑफ है। सीमेंट लेकर निथर गया था, वापस लौटते वक्त हादसा पुलिस के अनुसार, ट्रक ड्राइवर 16 जून को कंडाघाट से निथर के लिए सीमेंट छोड़ने गया था। आधी रात में वापस लौटते वक्त दुर्घटना का शिकार हो गया। पुलिस को इसकी सूचना 18 जून की सुबह सात बजे के करीब मिली। एक ट्रक ड्राइवर ने ही दरिया में ट्रक के फट्टें तैरते हुए देखे और मौके पर सड़क टूटी होने पर हादसे का अंदेशा जताया। इसलिए बुलाने पड़े गोताखोर इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकालने का प्रयास किया। मगर सफलता नहीं मिली। लिहाजा आज गोताखोर बुलाकर शव को बाहर निकाला जाएगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
देहरा पहुंची विप्लव ठाकुर:पूर्व राजयसभा सांसद बोली- इस्तीफा देने के लिए हुई होशियार से सांठगांठ, निर्दलीय उम्मीदवार से मीटिंग
देहरा पहुंची विप्लव ठाकुर:पूर्व राजयसभा सांसद बोली- इस्तीफा देने के लिए हुई होशियार से सांठगांठ, निर्दलीय उम्मीदवार से मीटिंग कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर हिमाचल के देहरा पहुंची। यहां वह काफी आक्रामक भी दिखी। उन्होंने जसवां परागपुर से निर्दलीय प्रत्याशी रहे संजय पराशर के साथ मीटिंग भी की। जाहिर तौर पर इसका फायदा देहरा में कांग्रेस भुनाना चाहती है। इसके अलावा विप्लव ठाकुर ने होशियार सिंह को घेरते हुए कहा कि इन्होंने किसी लालच व दवाब में इस्तीफा दिया है। वहीं होशियार सिंह को मुंबई से से आया हुआ बताया और कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर को देहरा की बेटी बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस मुद्दे को उठाती है उसे पूरा करते हैं। चाहे मुद्दा देहरा को जिला बनाने का क्यों न हो। सेंट्रल यूनिवर्सिटी देहरा भी कांग्रेस की ही देन है। यह मुद्दा भी कांग्रेस ने उठाया था। वहीं, बीजेपी जिला देहरा प्रवक्ता एडवोकेट नितिन ठाकुर ने पोस्ट को बचकाना हरकत बताते हुए कहा कि, बेटियां ही मायके का ख्याल रखती हैं। पांच साल के लिए लोगों ने विधायक को चुनकर भेजा होता है। देहरा में लोगों ने विश्वास करके होशियार सिंह को निर्दलीय विधायक बनाया। निर्दलीय विधायक के ऊपर कोई भी डिसक्वालिफिकेशन नहीं लगती। फिर क्यों उन्होंने इस्तीफा दिया। होशियार सिंह का इस्तीफा लालच और दबाव में विप्लव ठाकुर ने कहा कि इन्होंने राज्यसभा में जिसको भी वोट दिया इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फिर तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा क्यों दिया। साथ में बीजेपी के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी साथ गए। इससे यह दर्शाता है कि सांठगांठ हुई है। होशियार सिंह का इस्तीफा किसी लालच और दवाब में हुआ है। इससे देहरा के साथ साथ हिमाचल प्रदेश का नुकसान हुआ है। पूर्व राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर ने कहा कि कमलेश ठाकुर कोई बाहर कि प्रत्याशी नहीं है। उनकी जमीन यहां है वो देहरा की रहने वाली है और ससुराल नादौन में हैं। विप्लव ठाकुर ने बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि, वो भी मुंबई से हैं और चुनाव लड़ने अपने पैतृक गांव आए हैं। होशियार सिंह कि पढ़ाई और बिजनेश मुंबई का है। यह सारी जिंदगी मुंबई रहे। कमलेश ठाकुर अगर शादी करके नादौन चली गई तो उसका देहरा से संबंध खत्म नहीं हो जाता। बेटी मायके का खयाल रखती है विप्लव ठाकुर ने कहा कि मैं जसवां कि बेटी हूं। 25 साल काम करने के बाद इन्होंने मुझे भी बाहर का बता दिया। कमलेश ठाकुर देहरा कि बेटी है उसके मायके भी देहरा में हैं।बीजेपी जिला देहरा प्रवक्ता एडवोकेट नितिन ठाकुर के फेसबुक पोस्ट जिसमें उन्होंने लिखा था कि अगर बेटी अपने मायके के गांव में बस जाए तो उस गांव का बेड़ा पार हो जाता है। इस पर टिप्पणी करते हुए विप्लव ठाकुर ने कहा कि जो बेटियां होती है वो ही मां बाप का ख्याल रखती हैं। मायके का ख्याल भी बेटियां रखती हैं। यह तो सपूत से कपूत निकले। होशियार सिंह ने देहरा कि जनता से विश्वास घात किया इनको किसने कहा था कि छोड़ कर जाओ। यह कपूत हैं कोई बेटी नहीं। विप्लव ठाकुर ने कहा कि, मैं भी जसवां कि बेटी हूं और विकास मेरे समय में हुआ। जब से डी- लिमिटेशन हुआ देहरा का विकास नहीं हुआ। लेकिन अब विकास देहरा में खूब होगा। लोग भी विकास के साथ चलने को तैयार हैं। देहरा के लिए इस बार कांग्रेस पार्टी ने सबसे अच्छा कैंडिडेट कमलेश ठाकुर के रूप में दिया है। मेरा देहरा की 25 पंचायतों से इमोशन कनेक्शन हैं। मेरे परिवार से कई लोगों ने यहां का प्रतिनिधित्व किया है। जिले का मुद्दा कांग्रेस ने उठाया है। कांग्रेस जो कहती है वो करती है। जसवां परागपुर से निर्दलीय प्रत्याशी रहे संजय पराशर भी पूर्व राज्यसभा सांसद से मिलने आए थे। इस पर विप्लव ठाकुर ने कहा कि मेरा इनसे भी रिश्ता है। मेरे से मिलने आए कोई बड़ी बात नहीं है। इनका अपना विचार भी डवलपमेंट है। इसी लिए संजय पराशर को जाना जाता है। संजय पराशर ने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का साथ दिया था। जसवां परागपुर को भी होगा फायदा : संजय पराशर उधर, संजय पराशर ने कहा कि देहरा और जसवां परागपुर का संबंध नाखून और मांस का है। मुझे लगता है कि देहरा को ऐसा कैंडिडेट मिल जाए जिससे देहरा का भाग्य उदय होता है। जिसका फायदा जसवां परागपुर को भी होगा। संजय पराशर ने कहा कि जीत मैडम कमलेश ठाकुर की पक्की है, सिर्फ ऐलान होना बाकि है। जहां तक विपल्व ठाकुर से मिलने का सवाल है। उनसे अक्सर मिलता रहता हूं, पुराने संबंध भी हैं। जसवां परागपुर की राजनीति में आगे बढ़ना है तो विप्लव ठाकुर से मिलना होगा। जिससे कई बातों और तजुर्बे का फायदा होता है। संजय पराशर ने कहा कि एक बार चुनाव लड़ा हो तो इच्छा होती है। कांग्रेस पार्टी से भी चुनाव लड़ा जा सकता है। संजय पराशर ने कहा कि अभी तक कोई कांग्रेस पार्टी की सपोर्ट खुल कर नहीं की है। लेकिन जैसा माहौल हिमाचल प्रदेश कि राजनीति में चल रहा है, तो कमलेश ठाकुर का चुनाव जीतना जरूरी है। मुख्यमंत्री अपना परिवार, अपनी ताकत, पार्टी की ताकत और पार्टी भी पूरी ताकत झोंक रही है, यह अच्छी बात है। संजय पराशर ने कहा कि मेरे भी संबंध अच्छे है और कोई बुलाए तो आते भी हैं न बुलाए तो जय राम जी की।
सोलन में पिकअप से लटक रहा युवक नीचे गिरा, मौत:पीछे के टायर से कुचलता गया चालक; CCTV से आरोपी तक पहुंची पुलिस
सोलन में पिकअप से लटक रहा युवक नीचे गिरा, मौत:पीछे के टायर से कुचलता गया चालक; CCTV से आरोपी तक पहुंची पुलिस सोलन जिले में तेज रफ्तार पिकअप की खिड़की से लटक रहा युवक नीचे गिर गया। जिसके बाद उसी पिकअप का पिछला टायर कुचलता हुआ निकल गया। जिससे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पिकअप चालक को गिरफ्तार करते हुए उसके वाहन को भी जब्त कर लिया है। मृतक की पहचान हैप्पी निवासी पुरला गांव के रूप में हुई है। एसपी गौरव सिंह के मुताबिक 11 अगस्त को परवाणू के एक उद्योग के सुरक्षाकर्मी अमर सिंह ने पुलिस थाना परवाणू में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि सायं साढ़े पांच बजे वह अपनी ड्यूटी पर मौजूद था। उसी समय एक सफेद रंग की पिकअप सेब मण्डी की तरफ से बहुत तेज रफ्तार में आई व मुख्य मार्ग सेक्टर-6 की तरफ चली गई । सुरक्षाकर्मी ने पहुंचाया अस्पताल इसी दौरान उसने देखा कि पिकअप की खिड़की से एक व्यक्ति लटका हुआ था। जो देखते ही देखते सड़क पर गिर गया व पिकअप के पिछले टायर के नीचे आ गया। उसका कहना था कि इसके बावजूद पिकअप चालक रुका नहीं उसने वाहन को उसी रफ्तार में चलाना जारी रखा और कुछ ही देरी में आखों से ओझल हो गया। इसके बाद उसने घायल व्यक्ति को लोगों की सहायता से ESI अस्पताल परवाणु पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। CCTV फुटेज की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस जांच के के दौरान पुलिस थाना परवाणू की टीम ने 14 अगस्त को CCTV फुटेज के आधार पर इस वारदात में संलिप्त आरोपी कांगड़़ा जिले के ज्वाली तहसील के डेहरी गांव निवासी राकेश कुमार(29) को शिमला के फागू से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त पिकअप नंबर TO724HP-2695G को भी जब्त कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि हैप्पी उसके वाहन की खिड़की से क्यों लटका था।