हरियाणा के कैथल जिले में आज सुबह सड़क हादसे में पुलिस के एक होमगार्ड जवान की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक की पहचान 41 वर्षीय मोहन सिंह निवासी फरल के रूप में हुई है, जो सिविल लाइन थाने में तैनात था। बाइक से जा रहा था डयूटी परिजनों ने बताया कि सुबह बाइक से अपनी ड्यूटी पर जा रहा था, परिजनों ने बताया कि मोहन सुबह घर से अपनी ड्यूटी के लिए निकला था, जब वह गांव खनोदा के पास पहुंचा, तो किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी, जिसके बाद वह मोटरसाइकिल से सड़क पर गिर गया और उसे गंभीर चोटें आई। सिर और सीने पर आई काफी चोटे जानकारी देते हुए बताया कि मोहन सिंह जब सुबह शहर की तरफ जा रहा था, तभी गांव खनोदा की तरफ से तेज गति से आ रहे एक अज्ञात कार ने उसे टक्कर मार दी। हादसे में उसके सिर और सीने में काफी गंभीर चोटे आई, तभी लोगों ने उसके परिजनों को इसके बारे में सूचना दी। जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जहां पर उसने अपना दम तोड़ दिया। मामले के बारे में जानकारी देते हुए पुंडरी थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस फिलहाल मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही कार चालक का पता लगा आगामी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के कैथल जिले में आज सुबह सड़क हादसे में पुलिस के एक होमगार्ड जवान की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक की पहचान 41 वर्षीय मोहन सिंह निवासी फरल के रूप में हुई है, जो सिविल लाइन थाने में तैनात था। बाइक से जा रहा था डयूटी परिजनों ने बताया कि सुबह बाइक से अपनी ड्यूटी पर जा रहा था, परिजनों ने बताया कि मोहन सुबह घर से अपनी ड्यूटी के लिए निकला था, जब वह गांव खनोदा के पास पहुंचा, तो किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी, जिसके बाद वह मोटरसाइकिल से सड़क पर गिर गया और उसे गंभीर चोटें आई। सिर और सीने पर आई काफी चोटे जानकारी देते हुए बताया कि मोहन सिंह जब सुबह शहर की तरफ जा रहा था, तभी गांव खनोदा की तरफ से तेज गति से आ रहे एक अज्ञात कार ने उसे टक्कर मार दी। हादसे में उसके सिर और सीने में काफी गंभीर चोटे आई, तभी लोगों ने उसके परिजनों को इसके बारे में सूचना दी। जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जहां पर उसने अपना दम तोड़ दिया। मामले के बारे में जानकारी देते हुए पुंडरी थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस फिलहाल मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही कार चालक का पता लगा आगामी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। डेरा मुखी के बरी होने के बाद बेटे जगसीर सिंह का दर्द सामने आया है। जगसीर सिंह ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे। जल्द आगामी कदम उठाएंगे। जगसीर ने कहा कि अभी वह इस मामले में ज्यादा नहीं बोलना चाहते। वहीं रणजीत के जीजा प्रभु दयाल ने कहा कि हम अपनी लड़ाई मरते दम तक जारी रखेंगे। कोर्ट का फैसला हमारी इच्छा के अनुरूप नहीं आया है। CBI ने हमें पूरा न्याय दिलाया था, लेकिन अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, वह हमारी इच्छा के खिलाफ है। रणजीत के परिवार ने 19 साल लड़ा केस
2021 में जब सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम सहित पांच दोषियों को सजा सुनाई थी तो रणजीत सिंह का परिवार भावुक हो गया था। रणजीत सिंह के परिवार ने 19 साल तक केस लड़ा था और दीवाली तक नहीं मनाई थी। डेरामुखी को सजा मिलने के बाद रणजीत के बेटे जगसीर ने कहा था कि अब हमारा परिवार दीवाली मनाएगा। उन्होंने कहा था कि जब पिता रणजीत सिंह का कल्त किया गया तब मैं सात साल का था। दादा ने हत्यारों को सजा दिलाने के लिए घर्ष शुरू किया था। दादा का 2016 में निधन हो गया था। जगसीर ने बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर और पिता के छलनी चेहरे की याद आते ही आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जगसीर ने बताया कैसे हुआ था पिता का मर्डर
जगसीर ने बताया कि 10 जुलाई 2002 को वह ट्यूशन के बाद घर पहुंचे थे। मां ने बताया कि पिता खेत में गए हैं। इसके बाद मैं खेल में मस्त हो गया। कुछ देर बाद सूचना मिली कि गांव में किसी की गोली मारकर हत्या हुई है। मां सहित घर के अन्य सदस्य सूचना के बाद खेत की ओर भागे। मैं इस बात से काफी परेशान हो गया और खेत की ओर चल दिया। खेत के पास पहुंचा तो देखा कि भीड़ जमा है और मां रो रही है। साथ में दादा जोगिंदर सिंह परेशान से खड़े हैं और मां को ढांढस बंधा रहे हैं। काफी देर बाद भीड़ को साइड कर देखा तो वहां मंजर देखकर होश उड़ गए। पापा का गोलियों से छलनी चेहरा दिखा। पहचान भी नहीं पा रहा था कि यह मेरे पिता हैं। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। इसके बाद रणजीत की हत्या कर दी गई। ये खबर भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। (पूरी खबर पढ़ें)