पेरिस ओलिंपिक में आज 2 हरियाणवी उतरेंगे:नीरज चोपड़ा क्वालिफिकेशन गेम खेलेंगे, पहलवान विनेश फोगाट के 3 मैच

पेरिस ओलिंपिक में आज 2 हरियाणवी उतरेंगे:नीरज चोपड़ा क्वालिफिकेशन गेम खेलेंगे, पहलवान विनेश फोगाट के 3 मैच

पेरिस ओलिंपिक में आज का दिन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रतियोगिताओं में देश में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हरियाणा से चयनित हुए हैं। भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट पर भी मेडल के लिए सभी की निगाहे टिकी हुई हैं। विनेश के आज 3 मैच होंगे। वहीं गोल्ड मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीद जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से है। नीरज को मंगलवार को क्वालिफिकेशन मैच खेलना है। अगर वह क्वालीफाई करते हैं तो 8 अगस्त को फाइनल खेलेंगे। भारतीय एथलेटिक्स के लिए कई कीर्तिमान रच चुके नीरज अपने दूसरे ओलिंपिक में एक बार फिर अपने भाले से इतिहास रचना चाहेंगे। 140 करोड़ भारतीयों को उनसे एक बार फिर गोल्ड मेडल की उम्मीद है। तीसरा ओलिंपिक खेलेंगी विनेश फोगाट विनेश फोगाट लगातार अपने तीसरे ओलिंपिक में भाग लेंगी। उनकी कुश्ती प्रतियोगिता पेरिस 2024 चैंप-डे-मार्स एरिना में 6 अगस्त से शुरू हो रही है। विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप की गोल्ड मेडल विजेता, विनेश इतिहास की सबसे सफल भारतीय पहलवानों में से एक हैं, लेकिन ग्रीष्मकालीन खेलों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। प्रसिद्ध फोगाट बहनों में से एक विनेश ने रियो 2016 में महिलाओं की 48 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में ओलिंपिक में डेब्यू किया था, लेकिन घुटने में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें क्वार्टर फाइनल मुकाबले से हटना पड़ा। टोक्यो 2020 में महिलाओं के 53 किग्रा क्वार्टरफाइनल में जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही विनेश को एक बार फिर क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। अपना पसंदीदा भारवग्र छोड़ कर दूसरे में खेल रही विनेश
युवा पहलवान अंतिम पंघाल को समायोजित करने के लिए अपने पसंदीदा 53 किग्रा वर्ग को छोड़ने के लिए मजबूर होने के कारण, विनेश को पेरिस 2024 के लिए 50 किग्रा वर्ग में उतरना पड़ रहा है और वह बिना वरीयता के अपने इवेंट में प्रवेश करेंगी। उन्हें पहले राउंड के लिए डिवीजन में 8 वरीयता प्राप्त पहलवानों में से किसी के खिलाफ रैंडम तरीके से चुना जाएगा। मौजूदा चैंपियन यूई सुसाकी, जो 4 बार की विश्व चैंपियन भी हैं, पेरिस 2024 में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं। उन्होंने एक भी अंक गंवाए बिना टोक्यो 2020 का खिताब जीता और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में कभी भी कोई मुकाबला नहीं हारा है। बृजभूषण के खिलाफ धरने की की थी अगुआई
भारतीय खेलों के लिहाज से साल 2023 का शुरुआती महीना एक अलग ही बड़े विवाद के कारण चर्चा में रहा था। जब कुछ ओलिंपियनों सहित करीब 23 खिलाड़ी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप लगाने के साथ ही उन्हें हटाने की मांग के साथ सड़कों पर आ गए थे। कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला और इसकी मुख्य रूप से अगुआई तीन पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने की। इस विवाद का असर खिलाड़ियों की ओलिंपिक तैयारियों पर भी पड़ना ही था और पड़ा भी। बजरंग पूनिया महाकुंभ के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके तो उन्हें तीखी आलोचना झेलनी पड़ी। हमेशा की तरह ही मुसीबतों और राह के तमाम रोड़ों को धता बताते हुए विनेश फोगाट ने ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया। अब उन पर मेडल लाने के लिए बड़ी चुनौती भी होगी। अब जानिए दोनों खिलाड़ियों के बारे में.. नीरज चोपड़ा नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मतलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में भेजना शुरू किया। भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने पानीपत खेल प्राधिकरण में आने के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद जयवीर, नीरज के पहले कोच बने। उसके बाद नीरज का दाखिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ, जहां उन्हें नसीम अहमद ने ट्रेनिंग दी। उनसे उन्होंने लंबी दौड़ और भाला फेंकना सीखा। उन्होंने 55 मीटर की थ्रो रेंज हासिल की, लेकिन जब वे लखनऊ की 2012 की जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए, तो उन्होंने 68.40 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद का ऑफर दिया। उन्हें नायब सूबेदार का पद दिया गया, जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला पद नहीं है। उन्हें 2016 में औपचारिक रूप से जेसीओ के रूप में शामिल किया गया और ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई। विनेश फोगाट विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 में हरियाणा में भिवानी जिले के बलाली गांव में हुआ। विनेश छोटी ही थीं कि उनके पिता की मौत हो गई। इसके बाद मां ने बड़े प्यार ने विनोश को बड़ा किया। उनका परिवार शुरू से ही कुश्ती को लेकर जाना जाता रहा है। विनेश के चाचा महावीर फोगाट ने कुश्ती के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। शुरू में विनेश की कुश्ती में दिलचस्पी नहीं थी। बाद में धीरे-धीरे उनका रूझान कुश्ती की तरफ बढ़ा। इसके बाद वह भारतीय महिला पहलवानों की लिस्ट में शामिल हो गईं। 13 दिसंबर 2018 को विनेश की शादी पहलवान सोमवीर राठी से हुई। पेरिस ओलिंपिक में आज का दिन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रतियोगिताओं में देश में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हरियाणा से चयनित हुए हैं। भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट पर भी मेडल के लिए सभी की निगाहे टिकी हुई हैं। विनेश के आज 3 मैच होंगे। वहीं गोल्ड मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीद जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से है। नीरज को मंगलवार को क्वालिफिकेशन मैच खेलना है। अगर वह क्वालीफाई करते हैं तो 8 अगस्त को फाइनल खेलेंगे। भारतीय एथलेटिक्स के लिए कई कीर्तिमान रच चुके नीरज अपने दूसरे ओलिंपिक में एक बार फिर अपने भाले से इतिहास रचना चाहेंगे। 140 करोड़ भारतीयों को उनसे एक बार फिर गोल्ड मेडल की उम्मीद है। तीसरा ओलिंपिक खेलेंगी विनेश फोगाट विनेश फोगाट लगातार अपने तीसरे ओलिंपिक में भाग लेंगी। उनकी कुश्ती प्रतियोगिता पेरिस 2024 चैंप-डे-मार्स एरिना में 6 अगस्त से शुरू हो रही है। विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप की गोल्ड मेडल विजेता, विनेश इतिहास की सबसे सफल भारतीय पहलवानों में से एक हैं, लेकिन ग्रीष्मकालीन खेलों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। प्रसिद्ध फोगाट बहनों में से एक विनेश ने रियो 2016 में महिलाओं की 48 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में ओलिंपिक में डेब्यू किया था, लेकिन घुटने में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें क्वार्टर फाइनल मुकाबले से हटना पड़ा। टोक्यो 2020 में महिलाओं के 53 किग्रा क्वार्टरफाइनल में जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही विनेश को एक बार फिर क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। अपना पसंदीदा भारवग्र छोड़ कर दूसरे में खेल रही विनेश
युवा पहलवान अंतिम पंघाल को समायोजित करने के लिए अपने पसंदीदा 53 किग्रा वर्ग को छोड़ने के लिए मजबूर होने के कारण, विनेश को पेरिस 2024 के लिए 50 किग्रा वर्ग में उतरना पड़ रहा है और वह बिना वरीयता के अपने इवेंट में प्रवेश करेंगी। उन्हें पहले राउंड के लिए डिवीजन में 8 वरीयता प्राप्त पहलवानों में से किसी के खिलाफ रैंडम तरीके से चुना जाएगा। मौजूदा चैंपियन यूई सुसाकी, जो 4 बार की विश्व चैंपियन भी हैं, पेरिस 2024 में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं। उन्होंने एक भी अंक गंवाए बिना टोक्यो 2020 का खिताब जीता और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में कभी भी कोई मुकाबला नहीं हारा है। बृजभूषण के खिलाफ धरने की की थी अगुआई
भारतीय खेलों के लिहाज से साल 2023 का शुरुआती महीना एक अलग ही बड़े विवाद के कारण चर्चा में रहा था। जब कुछ ओलिंपियनों सहित करीब 23 खिलाड़ी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप लगाने के साथ ही उन्हें हटाने की मांग के साथ सड़कों पर आ गए थे। कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला और इसकी मुख्य रूप से अगुआई तीन पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने की। इस विवाद का असर खिलाड़ियों की ओलिंपिक तैयारियों पर भी पड़ना ही था और पड़ा भी। बजरंग पूनिया महाकुंभ के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके तो उन्हें तीखी आलोचना झेलनी पड़ी। हमेशा की तरह ही मुसीबतों और राह के तमाम रोड़ों को धता बताते हुए विनेश फोगाट ने ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया। अब उन पर मेडल लाने के लिए बड़ी चुनौती भी होगी। अब जानिए दोनों खिलाड़ियों के बारे में.. नीरज चोपड़ा नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मतलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में भेजना शुरू किया। भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने पानीपत खेल प्राधिकरण में आने के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद जयवीर, नीरज के पहले कोच बने। उसके बाद नीरज का दाखिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ, जहां उन्हें नसीम अहमद ने ट्रेनिंग दी। उनसे उन्होंने लंबी दौड़ और भाला फेंकना सीखा। उन्होंने 55 मीटर की थ्रो रेंज हासिल की, लेकिन जब वे लखनऊ की 2012 की जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए, तो उन्होंने 68.40 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद का ऑफर दिया। उन्हें नायब सूबेदार का पद दिया गया, जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला पद नहीं है। उन्हें 2016 में औपचारिक रूप से जेसीओ के रूप में शामिल किया गया और ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई। विनेश फोगाट विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 में हरियाणा में भिवानी जिले के बलाली गांव में हुआ। विनेश छोटी ही थीं कि उनके पिता की मौत हो गई। इसके बाद मां ने बड़े प्यार ने विनोश को बड़ा किया। उनका परिवार शुरू से ही कुश्ती को लेकर जाना जाता रहा है। विनेश के चाचा महावीर फोगाट ने कुश्ती के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। शुरू में विनेश की कुश्ती में दिलचस्पी नहीं थी। बाद में धीरे-धीरे उनका रूझान कुश्ती की तरफ बढ़ा। इसके बाद वह भारतीय महिला पहलवानों की लिस्ट में शामिल हो गईं। 13 दिसंबर 2018 को विनेश की शादी पहलवान सोमवीर राठी से हुई।   हरियाणा | दैनिक भास्कर