CM योगी ने अयोध्या की मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित किया। अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उन्होंने कहा- सपा सरकार में माफिया की पैरलर सरकार चलती थी। बबुआ अपने घर के बाहर नहीं निकलता था। बबुआ दोपहर में 12 बजे सोकर उठता था। प्रदेश की जनता पिसती थी। माफिया समानांतर सरकार चलाकर अराजकता और गुंडागर्दी का तांडव करते थे। उन्होंने कहा- हमारी सरकार ने 2017 में सरकार बनने के बाद एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स बनाई। सपा के माफिया और गुंडों ने जो जमीन कब्जा की थी। 64000 हेक्टेयर लैंड को इनके कब्जे से मुक्त कराया। जब गुर्गों से जमीन को मुक्त कराएंगे, तो सरगना को तो परेशानी होगी ही होगी। योगी ने कहा-अयोध्या में जब-जब दीप जलते हैं तो परेशानी दो लोगों को होती है। एक सपा मुखिया को दूसरा पाकिस्तान को। क्योंकि, इन्हें पता है कि अयोध्या में जलने वाला एक-एक दीप देश को रोशन करेगा। अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता के लिए जाने जाने वाली सपा को भी परेशानी होने लगती है। ये डकैती डालते हैं, तो अंधेरा इनको चाहिए। CM योगी लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद चौथी बार अयोध्या पहुंचे हैं। मिल्कीपुर उपचुनाव से उनकी इस विधानसभा सीट पर पहली जनसभा है। सीएम ने 1000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। CM योगी ने अयोध्या की मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित किया। अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उन्होंने कहा- सपा सरकार में माफिया की पैरलर सरकार चलती थी। बबुआ अपने घर के बाहर नहीं निकलता था। बबुआ दोपहर में 12 बजे सोकर उठता था। प्रदेश की जनता पिसती थी। माफिया समानांतर सरकार चलाकर अराजकता और गुंडागर्दी का तांडव करते थे। उन्होंने कहा- हमारी सरकार ने 2017 में सरकार बनने के बाद एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स बनाई। सपा के माफिया और गुंडों ने जो जमीन कब्जा की थी। 64000 हेक्टेयर लैंड को इनके कब्जे से मुक्त कराया। जब गुर्गों से जमीन को मुक्त कराएंगे, तो सरगना को तो परेशानी होगी ही होगी। योगी ने कहा-अयोध्या में जब-जब दीप जलते हैं तो परेशानी दो लोगों को होती है। एक सपा मुखिया को दूसरा पाकिस्तान को। क्योंकि, इन्हें पता है कि अयोध्या में जलने वाला एक-एक दीप देश को रोशन करेगा। अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता के लिए जाने जाने वाली सपा को भी परेशानी होने लगती है। ये डकैती डालते हैं, तो अंधेरा इनको चाहिए। CM योगी लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद चौथी बार अयोध्या पहुंचे हैं। मिल्कीपुर उपचुनाव से उनकी इस विधानसभा सीट पर पहली जनसभा है। सीएम ने 1000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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ज्योति मौर्य मामले में निलंबित होमगार्ड कमांडेंट को राहत:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाई; राज्य सरकार से जवाब मांगा SDM ज्योति मौर्य मामले में निलंबित हुए होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मनीष दुबे के निलंबन पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की सिंगल बेंच कर रही है। वकील अनूप त्रिवेदी ने बताया- मनीष ने निलंबन के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। ACS होमगार्ड, DG होमगार्ड कोर्ट को बताएंगे कि मनीष दुबे को क्यों निलंबित किया गया। 15 दिन में कोर्ट में जानकारी दाखिल करनी है। 3 हफ्ते बाद मामले पर दोबारा सुनवाई होगी। प्रेम-प्रसंग के आरोपों से घिरे मनीष हुए थे निलंबित
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर PCS अधिकारी ज्योति मौर्य के साथ प्रेम-प्रसंग का आरोप लगा। इसके बाद शासन ने नवंबर, 2023 में उन्हें निलंबित कर दिया था। मनीष ने अपने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन पर SDM ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने आरोप लगाए थे। दरअसल, होमगार्ड मुख्यालय के आदेश पर DIG होमगार्ड प्रयागराज रेंज ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद DG होमगार्ड ने शासन से मनीष दुबे को निलंबित करने की संस्तुति की थी। 1 साल पहले शुरू हुआ विवाद
बता दें कि जुलाई, 2023 में आलोक मौर्य ने अपनी PCS पत्नी ज्योति मौर्य और गाजियाबाद के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए थे। जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। DG होमगार्ड के निर्देश पर DIG ने जांच की, जिसमें मनीष दुबे पर लगे आरोप सही पाते हुए उनको निलंबित कर विभागीय जांच और मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की गई। इसे DG होमगार्ड ने अपनी संस्तुति के साथ शासन को भेज दिया था। वहीं मनीष दुबे का तबादला गाजियाबाद से महोबा कर दिया गया। शासन में बीते चार महीने से विभागीय जांच जारी रहने और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में देरी पर होमगार्ड मंत्री ने मनीष दुबे को निलंबित करने का आदेश दिया। जिसके बाद आनन-फानन में निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया। अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने इसकी पुष्टि की है। DG होमगार्ड बीके मौर्य ने बताया- मनीष दुबे को विभाग की छवि धूमिल करने, मनमानी करने, अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया। SDM के पति ने लगाए थे आरोप
बरेली की चीनी मिल में तैनात पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने आरोप लगाया था कि पत्नी के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ करीबी रिश्ते हैं। दोनों उसकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। उसने अपनी शिकायत के साथ कई कॉल रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट भी मुहैया कराईं। साथ ही, मनीष दुबे के पूर्व में कई महिलाओं के साथ संबंध होने के प्रमाण भी दिए थे। हालांकि, बाद में आलोक मौर्य ने शिकायत वापस ले ली थी, जिसके बाद शासन ने ज्योति मौर्य के खिलाफ चल रही जांच को समाप्त कर दिया था। होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे निलंबित होने की कवरेज पढ़िए… DG होमगार्ड की संस्तुति के बाद शासन का फैसला, जांच में दोषी पाए गए थे PCS ज्योति मौर्या और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ हुई शिकायतों की जांच में प्रथम दृष्टया दोनों दोषी पाए गए हैं। होम गार्ड संगठन के DG रेंज प्रयागराज संतोष कुमार ने जांच में कमांडेंट मनीष दुबे को दोषी करार दिया है। रिपोर्ट सोमवार को डीजी होम गार्ड को सौंपी थी। पढ़िए पूरी खबर
खौफनाक…शादी से इंकार करने पर महिला पर पेट्रोल डाल लगाई आग, खुद भी जला
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मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर
मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी अगुवाई वाली तीसरी सरकार में अपने पुराने दोस्त, मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। मोदी और खट्टर पुराने दोस्त हैं, ये बात जगजाहिर है। दोनों उस समय से साथ हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले, भाजपा में संगठन का काम देखा करते थे। खुद मोदी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह मनोहर लाल के साथ उनकी बाइक पर घूमते रहे हैं। PM मोदी से दोस्ती का खट्टर को समय-समय पर फायदा भी मिला। हरियाणा की सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखने वाली भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत मिलने के बाद, अपने पहले ही फैसले से सबको चौंका दिया था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद लाइमलाइट से दूर चल रहे मनोहर लाल खट्टर को अचानक CM बनाने का ऐलान कर दिया गया। उस समय BJP के कई बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन खट्टर अचानक सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए। BJP ने 2014 में जिस तरह मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का CM बनाकर सबको चौंकाया था, ठीक उसी तरह 12 मार्च 2024 को अचानक उनका इस्तीफा दिलाकर भी सबको चौंका दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और जीतने के बाद अब वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। मनोहर लाल को पहले ही दे दिया था संकेत
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मनोहर लाल को दिल्ली में बड़ा पद देने के संकेत दे दिए थे। दरअसल मनोहर लाल के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हैं। RSS में संघ प्रचारक के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके मनोहर लाल 1994 में BJP में शिफ्ट हुए। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी थे। दोनों ने उस समय संगठन में साथ मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री मोदी खुद खट्टर से अपनी दोस्ती का जिक्र कई बार कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से 5 दिन पहले, 11 मार्च 2024 को PM मोदी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां मोदी ने मंच से कहा- मैं और मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बाइक पर एक साथ घूमते थे। हमें हरियाणा का लंबा अनुभव है। इसके अगले ही दिन, 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि खट्टर को जल्दी ही दिल्ली में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 5 भाइयों में सबसे बड़े, डॉक्टर बनना चाहते थे
70 साल के मनोहर लाल खट्टर मूलरूप से रोहतक जिले में निंदाना गांव के रहने वाले हैं। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हीं के ऊपर था।
मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब माली हालत के चलते उनके पिता हरवंश लाल खट्टर चाहते थे कि वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ गुजर-बसर चलाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खेती में उनका हाथ बटाएं। इसी वजह से स्कूलिंग के दौरान मनोहर लाल अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। हालांकि बाद में रोहतक में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की स्टडी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही खट्टर ने ठान लिया था कि वह ताउम्र शादी नहीं करेंगे। दिल्ली का दुकानदार, पहले CM बना और अब केंद्रीय मंत्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद, खट्टर ने दिल्ली में ही सदर बाजार के पास एक दुकान खोल ली। उसी दौरान 1977 में वह RSS से जुड़ गए। लगभग 17-18 साल आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम करने के बाद वर्ष 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हो गए। भाजपा संगठन में 20 साल काम करने के बाद, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार करनाल सीट से लड़ा और MLA बन गए। पहली बार का विधायक होने के बावजूद वह सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। तब प्रदेश में 18 साल बाद, किसी गैरजाट नेता को CM की कुर्सी मिली थी। पांच साल सरकार चलाने के बाद, 2019 का विधानसभा चुनाव BJP ने मनोहर लाल की अगुवाई में ही लड़ा। पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसने दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाई। भाजपा नेतृत्व ने 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 4 दिन पहले, उन्हें हटाकर नायब सैनी को राज्य का नया सीएम बना दिया। परिवार से ज्यादा संपर्क में, पैतृक प्रॉपर्टी दान कर दी
मनोहर लाल अपने घर-परिवार से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। हालांकि उनके सीएम, सांसद और अब कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पैतृक गांव, निंदाना में जश्न मनाया गया।
तकरीबन साढ़े 9 साल तक हरियाणा में CM की कुर्सी संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब उन्होंने सीएम रहते हुए, रोहतक में अपनी पैतृक प्रॉपर्टी सरकार को दान कर दी।
साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद खट्टर का नाम किसी बड़े विवाद या करप्शन केस में नहीं आया। 3 चुनाव लड़े, तीनों जीते
मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन चुनाव लड़े हैं और तीनों में वह विजयी रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से लड़ा और विजयी रहे। उसके बाद वह सीएम बन गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीते। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें करनाल सीट से मैदान में उतारा। खट्टर अपने सामने उतरे कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर सांसद बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी