देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट गोरखपुर में है। रामगढ़ ताल पर 10 करोड़ से तैयार रेस्टोरेंट में एक साथ 150 लोग बैठ सकते हैं। 19 सितंबर को इस 3 मंजिला रेस्टोरेंट का उद्घाटन CM योगी आदित्यनाथ ने किया। 5 स्टार सुविधाओं के साथ यहां फुडिंग काफी सस्ती रखी गई है। स्पेशल थाली सिर्फ 250 रुपए में परोसी जा रही है। गोरखपुर से पहले प्रयागराज में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बन चुका है। इस तरह यह यूपी का दूसरा ऐसा रेस्टोरेंट है। हफ्ते के 7 दिन खुलने वाला रेस्टोरेंट में नॉनवेज पूरी तरह से बैन है। सेकेंड फ्लोर पर बार भी बनाया गया है। झील में क्रूज पहले से चल रहा है। ऐसे में टूरिस्ट के लिए यह शानदार डेस्टिनेशन तैयार हुआ है। वीडियो में देखिए… देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट गोरखपुर में है। रामगढ़ ताल पर 10 करोड़ से तैयार रेस्टोरेंट में एक साथ 150 लोग बैठ सकते हैं। 19 सितंबर को इस 3 मंजिला रेस्टोरेंट का उद्घाटन CM योगी आदित्यनाथ ने किया। 5 स्टार सुविधाओं के साथ यहां फुडिंग काफी सस्ती रखी गई है। स्पेशल थाली सिर्फ 250 रुपए में परोसी जा रही है। गोरखपुर से पहले प्रयागराज में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बन चुका है। इस तरह यह यूपी का दूसरा ऐसा रेस्टोरेंट है। हफ्ते के 7 दिन खुलने वाला रेस्टोरेंट में नॉनवेज पूरी तरह से बैन है। सेकेंड फ्लोर पर बार भी बनाया गया है। झील में क्रूज पहले से चल रहा है। ऐसे में टूरिस्ट के लिए यह शानदार डेस्टिनेशन तैयार हुआ है। वीडियो में देखिए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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जींद में 3 दिन बाद मिला नहर में डूबा युवक:परिजन बोले- साजिश के तहत की हत्या, राहुल का फोन भी रिसेट किया जींद के नरवाना में कोचिंग सेंटर से नहर पर नहाने के लिए गए युवक का शव तीन दिन बाद 12 किलोमीटर दूर सुरबरा हेड पर बरामद हुआ है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि साजिश के तहत हत्या की गई। जांच अधिकारी इकबाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर पीजीआई भेज दिया है। जिसकी रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा। गौरतलब है कि सोमवार को दोपहर में ढाकल गांव निवासी राहुल (22) घर से कोचिंग सेंटर पर आया था। यहां से कोचिंग के बाद राहुल भाखड़ा ब्रांच नहर पर ढाकल हेड पर पहुंच गया। दोपहर बाद परिजनों को सूचना मिली कि पैर फिसलने के कारण राहुल नहर में डूब गया है। नहर में सर्च अभियान चलाया गया लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने गोताखोर की मदद ली, तो ग्रामीणों ने भी अपने स्तर पर दो दिन तक लगातार प्रयास किए। राहुल का कुछ पता नहीं चल पाया। बुधवार को सुबह करीब 12 किलोमीटर दूर सुरबरा हेड पर राहुल का शव ऊपर आया तो इसकी सूचना पुलिस को मिली। साजिश के तहत हुई राहुल की हत्या परिजनों का कहना है कि राहुल के पैर में जूते, जुराब व पर्स मिला है। उसकी साजिश के तहत हत्या की गई है। सोमवार दोपहर को राहुल और उसके साथियों ने एक होटल पर पार्टी की थी। राहुल का फोन भी रिसेट किया गया है। परिजनों ने कहा कि जब तक राहुल के मामले में कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सदर थाना पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर मेडिकल भेजा है।
UP News: पुलिस हिरासत में युवक की मौत, परिजनों का आरोप- ‘पुलिस ने उसकी पीट-पीटकर हत्या की’
UP News: पुलिस हिरासत में युवक की मौत, परिजनों का आरोप- ‘पुलिस ने उसकी पीट-पीटकर हत्या की’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> लखनऊ में जुएं की सूचना पर पुलिस की छापेमारी में एक की मौत हो गई है. यहां सूचना पर पहुंची पीआरवी 4830 की गाड़ी में बैठाने के दौरान युवक की मौत हो गई. जिसकी युवक की मौत हुई है उसका नाम अमन गौतम है. जबकि सोनू नाम का युवक पुलिस हिरासत में है. इस घटना के बाद मृतक के परिजन ने पुलिस को पीआरवी 4830 के खिलाफ शिकायत पत्र दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लखनऊ में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत के बाद परिजन बैठे धरने पर हुए हैं. सैकड़ों की संख्या में लोगों ने रास्ता जाम किया है. 24 वर्षीय अमन गौतम की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. अमन के बहन ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. वहीं, जुआ खेलने के आरोप से परिवार ने इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट गलत है, अमन की मौत का जिम्मेदार पुलिस है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिजनों का दावा</strong><br />बहन सुधा ने बताया कि जो पुलिस वाले अमन को गिरफ्तार किए थे, उन्होंने गाड़ी में पीट पीटकर उसकी हत्या कर दी. परिजनों की मांग है कि परिवार को एक करोड़ मुआवजे के साथ ही सरकारी नौकरी दी जाए. पत्नी रोशनी गौतम ने बताया कि अमन घर से टहलने निकला था, वो जागरण में गई थी जहां उसे मालूम चला की अमन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसकी तबीयत खराब हो गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रोशनी गौतम ने बताया कि अमन को किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी. हार्ट अटैक की बात सही नहीं है. पत्नी ने कहा कि परिवार ने मेरे परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है. हमारी आर्थिक स्थिति सही नहीं है. हम कैसे अपने बच्चे की देख रेख करेंगे? जबकि पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में कहा कि 11 अक्टूबर की रात में जरिये डायल 112 पीआरवी-4830 को सूचना प्राप्त हुई कि डॉ अम्बेडकर पार्क सेक्टर-8 विकासनगर में कुछ लोग जुआ खेल रहे है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ncp-leader-baba-siddique-shot-at-mumbai-shooters-connection-up-and-haryana-2802437″>बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले शूटर्स का यूपी से कनेक्शन, मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोली पुलिस</strong><br />पुलिस ने बताया कि इस सूचना पर पीआरवी 4830 मौके पर पहुंची तो जुआ खेल रहे लोग पुलिस की गाड़ी देख कर मौके से भागने लगे. दो लोगों (सोनू बंसल और अमन कुमार) को पीआरवी कर्मियों द्वारा पकड़ा गया. जिन्हें पूछताछ हेतु थाने पर गाड़ी में बैठाकर थाने लाया गया. गाड़ी पर बैठने के दौरान ही एक व्यक्ति अमन कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि तबियत बिगड़ते देख तत्काल पीआरवी 4830 के कर्मी द्वारा इलाज हेतु चिकित्सालय ले जाया गया. जहां डॉक्टरों द्वारा अमन कुमार को मृत घोषित कर दिया गया. मृतक के विषय में जाँच और विवेचना की विधिक प्रचलित थी. मृतक की पोस्ट-मार्टम रिपोर्ट से मृत्यु का कारण हार्ट-अटैक से मृत्यु होना ज्ञात हुआ है. अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या हुआ खुलासा</strong><br />जबकि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में आने के बाद बताया गया कि कॉर्डियोजेनिक शॉक से युवक की मौत हुई. अब इस मामले में रविवार को सियासी गर्मा सकती है. इसमें चंद्रशेखर रावण ,बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, स्वामी प्रसाद मौर्य समेत तमाम दलित नेता परिवार से मिलने जा सकते हैं.</p>
सबसे बड़ा सवाल-काशी में मोदी का मार्जिन क्यों घटा:10 साल में 13 हजार करोड़ के डेवलपमेंट हुए; लोग बोले-लोकल नेताओं ने प्लान फेल किया
सबसे बड़ा सवाल-काशी में मोदी का मार्जिन क्यों घटा:10 साल में 13 हजार करोड़ के डेवलपमेंट हुए; लोग बोले-लोकल नेताओं ने प्लान फेल किया ‘काशी में मोदी को 10 लाख वोट से जिताने का प्लान अमित शाह ने बनाया था। लेकिन सारा प्लान विधायक, एमएलसी और मेयर ने फेल कर दिया। सब कुछ तय था कि 5 विधानसभा हैं, दो-दो लाख वोट दिलाया जाएगा। विधायक से लेकर एमएलसी और मेयर सभी घमंड में थे। ऐसा लग रहा था कि बनारस की जनता इनको वोट तो देगी ही। इन्हें लगता था कि बनारस के लोग इनके बंधुआ मजदूर हैं। लेकिन इनमें से किसी ने मेहनत ही नहीं की। जितने नेता आए वे सभी केवल सड़क पर घूमे, होटल में खाए। लेकिन जनता से मिलने पर ध्यान ही नहीं दिया। यही वजह रही कि जनता ने निकलकर वोट नहीं किया।’ यह कहते हुए गोदौलिया में विकास यादव गुस्से में दिखे। हमने पूछा- क्या काशी में इतने भी डेवलपमेंट नहीं हुए कि लोग वोट देते। विकास भोजपुरी में कहते हैं- काशी में विकास त भइल, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर देखला, नमो घाट, बाबतपुर देखला। मंडुवाडीह में बनारस स्टेशन भव्य बन गईल। अब विकास ना रुकल, सांसद त बनइए देवल गईल।’ विकास के इन शब्दों में काशी में हुए बदलाव की वजह समझ में आती है। काशी को पूरे देश में गंगा नदी और काशी विश्वनाथ धाम से लोग जानते हैं। इसके साथ सियासी पहचान PM नरेंद्र मोदी से भी है। बाबा विश्वनाथ मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद 2019 में पीएम मोदी ने बाबा काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन किया। चुनाव में लोगों ने उन्हें रिकॉर्ड 45.22% वोट मार्जिन से जिताया था। पीएम मोदी ने डेवलपमेंट में कोई कसर नहीं छोड़ी, पूरे काशी का स्वरूप बदलने के लिए 13 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट दिए। बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर बनने के बाद पूरे देश से VIP मूवमेंट काशी की तरफ होने लगा। काशी का पूरा माहौल बदला, मगर लोग अंदर ही अंदर उठा-पटक का मन बना चुके थे। पीएम मोदी भी जनमत के संकेत को भांप चुके थे, इसलिए उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था- जीत को लेकर ज्यादा विश्वास न दिखाएं, मेहनत करें। 2 हजार लोगों को पीएम मोदी ने खुद लेटर भी लिखा। भाजपा के 3 मंत्री, 8 विधायक, 3 एमएलसी, मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कैंपेन करते रहे। ‘स्पेशल 100’ भी माहौल सेट करते रहे। मगर लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया। 40.74% वोट I.N.D.I गठबंधन के अजय राय को मिले। काशी के लोगों के इस चौंकाने वाले जनमत को समझने के लिए दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। पढ़िए रिपोर्ट… लोग बोले- स्टार प्रचारक शहर घूमकर चले गए, गलियों में आए ही नहीं
मणिकर्णिका घाट के पास हमारी मुलाकात मदन कुमार यादव से हुई। वह पूजन सामग्री बेचते हैं। लोगों ने मोदी को वोट इतने कम क्यों दिए? वह कहते हैं- देखिए, पीएम मोदी के लिए जीत की कोई दिक्कत नहीं थी। जनता के बीच 2019 के चुनाव में जितना उत्साह था, उतना 2024 के चुनाव में नहीं दिखा। इसके अलावा भाजपा के स्टार प्रचारक बनारस घूमकर चले गए। गलियों में आए ही नहीं। काशी के लोकल इश्यू पर बात ही नहीं की गई। 10 साल में कोई नई फैक्ट्री नहीं लगी बस एक कॉरिडोर बना। बेरोजगारी एक अहम मुद्दा था, जिस पर लोगों ने कम वोट किया। विपक्ष संविधान और बेरोजगारी पर चुनाव लड़ा और काशी में एक मैसेज देने में सफल हो गया। अस्सी घाट पर नाविक बोले- माझी समाज में कुछ लोगों ने वोट दिए, कुछ ने नहीं दिए
अब हम अस्सी घाट पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात नाविक विनोद साहनी से हुई। वह कहते हैं- गंगाजी से हमारी रोजी-रोटी है। सरकार ने क्रूज चला दिया। हमको यह नहीं चाहिए। हम जैसे हैं, अच्छे हैं। इसलिए कुछ माझी समाज ने वोट दिया, कुछ ने नहीं दिया। 2014 में यहां बहुत सारे काम हुए। मुझे भी CNG बोट मिली थी। मगर रोजगार और क्रूज को लेकर उन्हें सोचना ही होगा। बुनकर हुसैन बोले- 1 लाख बुनकर काशी छोड़कर चले गए
बड़ी बाजार के बुनकर मोहम्मद हुसैन कहते हैं- मोदी जीते हैं, उन्हें बधाई। मोदी 10 साल से सांसद और प्रधानमंत्री हैं, आज तक बुनकरों का ख्याल नहीं रखा। 1 लाख से ज्यादा बुनकर काशी छोड़कर जा चुके हैं। मगर इसका ख्याल तक नहीं है। ऐसे में क्या उम्मीद रखी जाए। यहां बुनकर भुखमरी की कगार पर हैं। पॉलिटिकल एक्सपर्ट काशी में इतने डेवलपमेंट के बाद भी वोटर भाजपा से छिटक गया, क्या कारण हो सकते हैं?
BHU के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर तेज प्रताप सिंह कहते हैं- पीएम मोदी की जीत का मार्जिन क्यों कम हुआ? इसके 3 कारण हैं। पहला कारण है- एंटी इनकंबेंसी। सबको पता है कि जनता एक ही कैंडिडेट को बार-बार वोट देना नहीं पसंद करती है। बार-बार एक ही कैंडिडेट आने पर वोट कम होता है। दूसरा- जाति और धर्म के आधार पर पोलराइजेशन हुआ है। इस बार के चुनाव में जाति और धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण बहुत हुआ। 2014, 2019 के चुनाव में इतना ज्यादा नहीं हुआ था। तीसरा कारण- भाजपा के मतदाताओं का घर से न निकलना रहा। यही कारण रहा कि अपेक्षा थी मोदी 5 लाख वोट से जीतेंगे लेकिन सिर्फ डेढ़ लाख से जीत सके। अजय राय को इतने वोट मिलने के पीछे क्या कारण रहे?
पॉलिटिकल एक्सपर्ट असद कमाल लारी ने कहा- इस बार चुनाव में भाजपा के रणनीतिकार चूक गए। जमीनी हकीकत को नहीं पढ़ पाए। प्रधानमंत्री मोदी को ऐतिहासिक जीत दिलाने का दावा सही साबित नहीं हुआ। अजय राय जिन मुद्दों को लेकर चल रहे थे। भाजपा ठीक उसके उलट चल रही थी। बेरोजगारी और छोटे-छोटे जमीनी मुद्दों पर अजय राय ने फोकस कर पब्लिक को कनेक्ट किया। बेरोजगारी, नाविक, युवा, गंगा इन सभी छोटे-छोटे मुद्दों पर कांग्रेस और सपा ने ध्यान दिया। अजय राय का बाहरी और बनारसी का मुद्दा यूथ को हिट कर गया। अजय राय ने कहा था- गुजरात के लोग यहां आते हैं और कमाते हैं। वाराणसी के लोगों को बेरोजगार करते हैं। उन्हें मजदूर समझते हैं। असद कमाल लारी कहते हैं- 2014 उम्मीदों का साल था। जब मोदी पहली बार यहां प्रत्याशी बनकर आए तो यहां के युवाओं ने उनका साथ दिया। 2019 चुनाव में लोगों ने सोचा 5 वर्ष समझने में लग गए। एक बार फिर मौका देते हैं। उस समय जो युवा 18 साल से 21 साल का था। 10 साल में वो 28 से 31 साल का हो गया। लेकिन उसे रोजगार नहीं मिला। बनारस में व्यापार एक तरफा हो गया। विश्वनाथ धाम बनने के बाद पर्यटक से जुड़े लोगों का रोजगार बढ़ा। लेकिन बनारस जाम नगरी बन गई। बनारस क्योटो नगरी तो नहीं, टोटो नगरी जरूर बन गई। काशी के देहात क्षेत्रों में अग्निवीर और पेपर लीक के मुद्दे चले
लोगों से बात करके समझ आया कि काशी के देहात क्षेत्रों के युवाओं में अग्निवीर और पेपर लीक के मुद्दे भी हावी रहे। सपा-कांग्रेस के संविधान बदलने के बयानों का दलित और गैर यादव पिछड़ा वर्ग पर असर दिखा। एक्सपर्ट मानते हैं कि कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, निषाद, जाटव, पासी, प्रजापति, बिंद, केवट, मल्लाह और राजपूत बहुल इलाकों में लोगों ने इंडी को वोट किया। अजय राय का ये चौथा चुनाव था। उन्होंने गुजरात के ठेकेदारों को टेंडर देने के बयानों से श्रमिक वर्ग के लोगों के जख्म कुरेद दिए। भाजपा मंदिर-मस्जिद और राष्ट्रवाद पर वोट मांगती रही। लोगों के कारोबार प्रभावित होने की वजह से काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में सबसे कम वोट मिले। भाजपाइयों में जीत का जोश नहीं, सवालों पर सन्नाटा
वाराणसी लोकसभा चुनाव के चौंकाने वाले नतीजों पर काशी में सन्नाटा है। मंत्री से लेकर विधायकों ने चुप्पी साध रखी है, तो संगठन में भी खामोशी है। किसी भी सवाल पर कोई नेता प्रतिक्रिया देने से बच रहा है। पीएम को मिले वोट ने भाजपा संगठन और रणनीतिकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शाह के भरोसेमंद नेता ‘बेअसर’ साबित हुए
PM नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जीत के लिए अमित शाह ने सुनील बंसल, अश्विनी त्यागी, पूर्व मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी, एमएलसी अरुण पाठक, लोकसभा संयोजक सुरेंद्र नारायण सिंह, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, काशी क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी को जिम्मेदारी दी थी। इनके अलावा महापौर अशोक तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. अवधेश सिंह, सुनील पटेल, सुशील सिंह, रमेश जायसवाल, एमएलसी अशोक धवन, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, एमएलसी धर्मेंद्र राय, राजेश त्रिवेदी, पूर्व महापौर राम गोपाल मोहले और मृदुला जायसवाल, कौशलेंद्र सिंह पटेल, चेत नारायण सिंह, राजेश त्रिवेदी, लोकसभा सह संयोजक राहुल सिंह, संजय सिंह, नवीन कपूर, संजय सोनकर और प्रवीण सिंह गौतम पर भी वोट बढ़ाने का जिम्मा था। मगर इसका असर जमीन पर कहीं नहीं दिखा। नतीजों ने खोली विधायकों की कलई
काशी के चुनाव परिणाम ने विधायकों, मेयर समेत जनप्रतिनिधियों की कलई खोल दी। पीएम मोदी को बड़े-बड़े वादे करने वाले जनप्रतिनिधि जनता तक अपनी बात नहीं पहुंचा सके। सरकार की योजनाएं आमजन तक नहीं पहुंचीं और ना ही पीएम के सिपहसालार इसमें कामयाब हुए। वर्ष 2014 और 2019 के आम चुनाव में ऐसा नहीं था। पीएम को कम वोट मिलना साफ बताता है कि विधायक अपना काम नहीं कर सके। काशी के जनप्रतिनिधियों को भी जनता ने नकार दिया है।