कैंसर से जंग लड़ रही पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर अब ठीक है। इस बात का अंदाजा नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की गई उस पोस्ट से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने पत्नी के साथ 2 फोटो शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि कैसा बदलाव? 6 महीने पहले और आज… । वहीं, इस पोस्ट को उनके प्रशंसकों द्वारा सहारा जा रहा है। प्रशंसकों ने लिखा है वाहेगुरू तेरा शुक्र है। पत्नी के चुनाव न लड़ने की ऐसे दी थी जानकारी नवजोत सिंह सिद्धू पत्नी कुछ समय से कैंसर से पीड़ित है। उनका इलाज हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। ऐसे में सिद्धू का ध्यान पत्नी और क्रिकेट कमेंट्री तक सीमित होकर रह गए थे। जैसे ही लोकसभा चुनाव आए थे तो चर्चा यह भी कि सिद्धू की पत्नी पटियाला से चुनाव लड़ सकती है। लेकिन सिद्धू ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा था कि इस तरह की अटकलों पर विराम लगना चाहिए। पत्नी (डॉ. नवजोत कौर) का अभी भी कैंसर का इलाज चल रहा है, जो कुछ महीनों तक चलेगा। इन परिस्थितियों में एकमात्र ध्यान उनके स्वास्थ्य और स्वास्थ्य लाभ पर होगा। उनके बारे में किसी भी अटकलों पर विराम लगना चाहिए।” डॉ. सिद्धू के साथ ही रहे नवजोत कैंसर के खिलाफ डॉ. नवजोत कौर की जंग में नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पूरा साथ दिया। नवजोत सिंह सिद्धू ने हर कैमोथैरपी डॉ. सिद्धू का हाथ थाम पूरी करवाई। उन्हें खुद अपने हाथों से खाना खिलाया और कैमोथैरपी करने वाली टीम का खुद धन्यवाद किया। इस कठिन समय में नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति से भी दूर रहे। उन्होंने पूरा समय सिर्फ अपने परिवार को दिया। हर कैमोथैरपी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें कभी प्रकृति तो कभी आध्यात्मिक ट्रिप पर ले जाते थे। इनमें से अधिकतर ट्रिप उन्होंने अपने दोनों बच्चों के साथ भी किए। कैंसर से जंग लड़ रही पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर अब ठीक है। इस बात का अंदाजा नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की गई उस पोस्ट से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने पत्नी के साथ 2 फोटो शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि कैसा बदलाव? 6 महीने पहले और आज… । वहीं, इस पोस्ट को उनके प्रशंसकों द्वारा सहारा जा रहा है। प्रशंसकों ने लिखा है वाहेगुरू तेरा शुक्र है। पत्नी के चुनाव न लड़ने की ऐसे दी थी जानकारी नवजोत सिंह सिद्धू पत्नी कुछ समय से कैंसर से पीड़ित है। उनका इलाज हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। ऐसे में सिद्धू का ध्यान पत्नी और क्रिकेट कमेंट्री तक सीमित होकर रह गए थे। जैसे ही लोकसभा चुनाव आए थे तो चर्चा यह भी कि सिद्धू की पत्नी पटियाला से चुनाव लड़ सकती है। लेकिन सिद्धू ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा था कि इस तरह की अटकलों पर विराम लगना चाहिए। पत्नी (डॉ. नवजोत कौर) का अभी भी कैंसर का इलाज चल रहा है, जो कुछ महीनों तक चलेगा। इन परिस्थितियों में एकमात्र ध्यान उनके स्वास्थ्य और स्वास्थ्य लाभ पर होगा। उनके बारे में किसी भी अटकलों पर विराम लगना चाहिए।” डॉ. सिद्धू के साथ ही रहे नवजोत कैंसर के खिलाफ डॉ. नवजोत कौर की जंग में नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पूरा साथ दिया। नवजोत सिंह सिद्धू ने हर कैमोथैरपी डॉ. सिद्धू का हाथ थाम पूरी करवाई। उन्हें खुद अपने हाथों से खाना खिलाया और कैमोथैरपी करने वाली टीम का खुद धन्यवाद किया। इस कठिन समय में नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति से भी दूर रहे। उन्होंने पूरा समय सिर्फ अपने परिवार को दिया। हर कैमोथैरपी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें कभी प्रकृति तो कभी आध्यात्मिक ट्रिप पर ले जाते थे। इनमें से अधिकतर ट्रिप उन्होंने अपने दोनों बच्चों के साथ भी किए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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ट्रेनों की मेंटेनेंस में तैनात कर्मियों को कांट्रेक्टर के साथ सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी लगाने का मामला
ट्रेनों की मेंटेनेंस में तैनात कर्मियों को कांट्रेक्टर के साथ सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी लगाने का मामला भास्कर न्यूज | अमृतसर ट्रेनों की मेंटेनेंस के लिए तैनात कर्मियों को कांट्रेक्टर के साथ सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी लगाने को लेकर अफसरों की मनमानी का मामला दिल्ली तक पहुंचने के बाद अफसर हरकत में आ गए हैं। डीआरएम के बाद अब प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर दिल्ली से अमृतसर स्टेशन के वाशिंग लाइन का दौरा करने आज पहुंच रहे हैं। इस दौरान रेल कर्मियों से बातचीत कर उनकी समस्या सुनेंगे और मौके पर ही निपटारा कराएंगे। दरअसल, कैरिज एंड वैगन में ट्रेनों की मेंटेनेंस से जुड़े कर्मियों को ट्रेनों में सफाई का काम देखने के लिए मजबूर कर 3 से 4 दिनों के लिए उच्च अफसर ड्यूटी लगा दे रहे थे। वहीं जब मेंटिनेंस का काम रुकने लगा तो कर्मियों को चार्जशीट दे दिया गया। यह सिलसिला करीब एक महीने से चल रहा था, इसमें करीब 13 कर्मियों को चार्जशीट किया गया है। इसके बाद ऑल इंडिया रेलवे इंप्लाई एससी/एसटी यूनियन का गुस्सा फूट पड़ा और रेलवे अफसरों के विरोध में वाशिंग लाइन की ट्रैक पर उतर आए। ट्रेनों की मेंटेनेंस सेंसिटिव मामला होने के कारण रेलवे के उच्च अफसरों ने गंभीरता से लिया है। सवाल उठने लगे हैं कि जब अफसर ने ही कर्मियों की ड्यूटी ट्रेनों में सफाई व्यवस्था की देख-रेख के लिए लगाई थी तो चार्जशीट कैसे किया जा सकता है। वहीं मामला जब बढ़ा तो हायर लेवल तक पहुंच गया। सवाल उठाए गए कि वाशिंग लाइन में सफाई का काम प्राइवेट कंपनी को दिया गया है। ऐसे में जिस प्राइवेट कर्मी को इस काम के लिए इंचार्ज लगाया गया उसे नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया। प्राइवेट तौर पर काम कर रहे मुलाजिमों से सवाल-जवाब क्यों नहीं किया जा रहा है। वहीं यूनियन की ओर से पिछले दिनों इस मामले में की गई हड़ताल से अब सभी रेलवे के अफसर हरकत में आ गए है। वहीं मामले में दखलअंदाजी देने के लिए अमृतसर स्टेशन में पहुंच रहे है। ताकि पता चल सके कि आखिर यह काम कब से चल रहा था। बता दें कि सोमवार को भी वांशिंग लाइन अफसर पहुंचे थे, जिन्होंने यूनियन के साथ बातचीत कर उनकी सभी शर्तें मान ली थी। वहीं अब आज के दौरे को लेकर अफसर अपने बचाव में जुट गए है। एडवोकेट पीसी शर्मा ने कहा कि कैरिज एंड वैगन में तैनात रेल कर्मचारी ट्रेनों की मेंटिनेंस का काम कर रहे उनकी ड्यूटी प्राइवेट कांट्रेक्टर के सफाई का काम देखने के लिए ड्यूटी लगा दिया जाना सही नहीं है। यह कर्मचारी ट्रेनों के अलग-अलग पार्ट्स को चेक करते हैं। थोड़ी भी लापरवाही या चूक हुई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जिस भी अफसर ने कर्मियों की ड्यूटी सफाई चेक करने के लिए कांट्रेक्टर के साथ लगाया फिर उनको बाद में चार्जशीट कर दिया गया उसके खिलाफ अफसरों को जांच बिठानी चाहिए। जो कर्मचारी या एसएसई ठेकेदार के द्वारा किए काम को ठीक तरह से चेक करने के बजाय जेब का ख्याल रखते है, उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। सूत्रों की मानें तो ट्रेनों की मेंटिनेंस के लिए जिन कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, उनको सफाई का काम देखरेख में लगाया ही क्यों गया। क्या अफसरों को यह नहीं पता कि ट्रेनों के मेंटिनेंस से जुड़ा मामला सेंसिटिव होता है। बता दें कि यह कर्मचारी ट्रेनों के पहिए चेंज करने, ब्रेक व अन्य मैकेनिज्म पार्ट्स को चेक करते हैं। कहीं कोई गड़बड़ी सामने आई तो उसे तत्काल दूर कराया जाता है। इसमें किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए।